राजकोट के जाने-माने व्यवसायी और सौराष्ट्र के प्रसिद्ध कडवा पाटीदार समाज के संगठन यूवा क्लब के अध्यक्ष महेंद्र फलदू ने 150 फीट रिंग रोड स्थित अपने कार्यालय में जहरीली दवा पी कर आत्महत्या कर ली। महेंद्र फलदू की आत्महत्या को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पूरा सुसाइड नोट कंप्यूटर से लिखा हुआ है लेकिन तीसरा पेज हस्तलिखित है। ये किसके अक्षर हैं? इसकी जांच की जा रही है। चार पेज के सुसाइड नोट से एक पेज गायब होने की भी बात कही गई है।
घटना की जानकारी मिलते ही एफएसएल की टीम महेंद्र फलदू के कार्यालय पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस प्रभारी पीआई जे.डी. जाला और एफएसएल की टीम ने जांच शुरू कर दी है। महेंद्र फल्दू की आत्महत्या के बाद मिले सुसाइड नोट जैसे प्रेस नोट को लेकर कई सवाल उठे हैं। क्योंकि पुलिस के अनुसार महेंद्रभाई ने 10 बजे से पहले आत्महत्या कर ली थी, जबकि 11 बजे के बाद मीडिया वालों को महेंद्रभाई के निजी मोबाइल से प्रेस नोट मिला। हालाकि यह जांच का विषय है।महेंद्रभाई के फोन को जांच के लिए एफएसएल भेज दिया गया है।
पिछले सोमवार को महेंद्र फल्दू ने अपने कार्यालय की सफाई की थी। चर्चा है कि मंगलवार को उन्होने कुछ लोगों से पैसे देने का लेन-देन किया था। उन्होंने अपने स्टाफ को कल शाम 10 बजे आने को कहा था। इसलिए महेंद्र फल्दू आज सुबह 8.30 बजे ऑफिस जाने के लिए कह कर घर से निकल गए। वह आज सुबह कार्यालय पहुंचे और जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली।
सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचे कर्मचारियों ने महेंद्र फालदू को आत्महत्या की स्थिति में देखा। बाद में उसने अपने बेटे प्रियांक को सूचित किया। महेंद्र फल्दू राजकोट के जाने-माने बिल्डर थे। वह पिछले 6-7 सालों से Zebra Woods नाम के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में 175 से 200 बंगले बनाए जा रहे हैं। एक बंगले की बुकिंग कीमत फिलहाल 60 से 62 लाख रुपये है। शुरुआती बुकिंग कीमत 45 लाख रुपये थी।