इंदौर में रामनवमी के दिन ही एक बड़ा हादसा हो गया है।श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी की छत गिरने से महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित 25 से अधिक लोग बावडी में गिर गए।13 लोगों की मौत हो गई है।बावडी से 17 लोगों को निकाल लिया गया है।पुलिस और दमकल की एक टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। वाव में चार से पांच फीट पानी है और बाकी पत्थर व गाद है।


घटनास्थल पर मौजूद भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य ने मीडीया को बताया कि प्रशासन ने उन्हें सूचना दी थी कि पांच लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से दो की पहचान हो गई है।

जानकारी के अनुसार स्नेहनगर के पास पटेलनगर स्थित मंदिर में हवन हो रहा था. यहां सीढ़ियों की छत पर श्रद्धालु बैठे थे। इसी दौरान छत गिर गई थी। कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित सभी एमआईसी सदस्य बैठक से निकलकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं. यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है। कन्या पूजन का कार्यक्रम था तो मंदिर में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ थी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर में हुई घटना से बेहद दुखी हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है.

सूरत
हिंदुओं के सभी त्याहौरौं मे से महत्वपूर्ण रामनवमी के त्यौहार पर इस बार लॉकडाउन ने बाधा डाल दी है।लॉकडाउन के कारण लोग मंदिर नही जा सकते और ना ही पूजा पाठ के लिए पंडित को बुला सकते हैं। ऐसे मे आप को खुद ही पूजा करनी पड सकती है।

ऐसे करें पूजा
आप को पूजा के लिए .इलाइची, शक्‍कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, सूखा नारियल और गोला ,चंदन की लकड़ी, अश्‍वगंधा ब्रह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्‍गल,जौआम की लकड़ी और आम का पल्‍लव। पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश गूलर की छाल, आदि का इंतज़ाम कर लिजीए

इन सब हवन सामग्रियों को इंतज़ाम करने के बाद स्नान कर लें। साफ़ सुथरा वस्त्र पहनकर हवन सामग्री बना लें।याद रखें कि हवन सामग्री बनाते समय शहद और घी मिलाना है।इसके पश्चात हवन कुंड में आम की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्ज्वलित करें।इसके बाद घी से ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र से माता के नाम से आहुति दें फिर सभी देवी-देवताओं को 3 या 5 बार आहुति दें। इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन करें। इसके पश्चात माता की आरती उतारें और खीर, हलवा आदि का प्रसाद चढाए और माता से आशीर्वाद माँग ले।
सबसे पहले जान लें मुहूर्त
गुरूवार सुबह 11-10 बजे से1:38 बजे तक
नवमी तिथि का आरंभ 2 अप्रेल के 3:39 से हो जाएगा जो कि 3 अप्रेल को 2:42 बजे तक रहेगा।
हमने अपनी जानकारी के अनुसार बेहतर जानकारी देने का प्रयास किया है। कई बार भौगोलिकता के अनुसार कुछ मान्यताएँ बदल जाती है। ऐसे में भक्तगण अपनी श्रध्दा से हवन करे