कुछ दिनों पहले शहर पुलिस ने रेमेडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करते छ लोगों को पकड़ा था। इसके बाद सूरत शहर क्राइम ब्रांच ने एक्सपायरी डेट के रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में दिव्येश पटेल, एक होस्पिटल के मेडिकल स्टोर के हेड ऑफ डिपार्टमेंट विशाल अवस्थी को गिरफ़्तार कर लिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले शहर के पूणागाम स्थित प्रमुख पार्क सोसायटी निवासी जिग्नेश पटेल के परिचित कोरोना के कारण होस्पिटल में उपचाराधीन थे। उसके लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जरूरत थी। इस दौरान जिग्नेश का अपने मित्रों के जरिए अडाजण के आनंद वाटिका में रहनेवाले दिव्येश संजयभाई पटेल से परिचय हुआ। दिव्येश ने जिग्नेश को इंजेक्शन लेने सूरत के अठवा गेट के निकट बुलाया और एक इंजेक्शन रु. 7000 के हिसाब से रु. 42000 मांगे ।
कोरोनाकुछ देर बाद जिग्नेश को इंजेक्शन की डेट समाप्त हो जाने की जानकारी हुई तब जिग्नेश ने पुलिस में शिकायत कर दी। यह मामला गंभीर होने से इंजेक्शन के कालाबाजारी की जांच सूरत क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई, जिसने दिव्येश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर तीन दिन मांगे ।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चला कि दिव्येश ने इंजेक्शन अमरोली के छापराभाठा क्षेत्र निवासी और शहर के केपी संघवी होस्पिटल में मेडिकल स्टोर के हेड ऑफ डिपार्टमेंट से रु. 5400 में खरीदे थे। क्राइम ब्रांच ने विशाल अवस्थी को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में विशाल ने बताया कि उसे 8 इंजेक्शन नाश करने के लिए दिए गए थे, लेकिन उसने नष्ट करने के बजाए रेमडेसिवीर इंजेक्शन दिव्येश पटेल को बेच दिए। हांलाकि दिव्येश के पकड़े जाने के बाद उसने दो इंजेक्शन नष्ट कर दिए।
पुलिस पूछताछ में दिव्येश के पास से अन्य आठ इंजेक्शन मिले थे। यह इंजेक्शन कहां से लाया था, इस संदर्भ में पूछताछ की जा रही है। साथ ही अब तक किस-किस मरीज के संबंधियों को इसने इंजेक्शन दिया है, इसकी भी जांच की जा रही है।विशाल अवस्थी ने पूछताछ में बताया कि दिव्येश पटेल को इंजेक्शन देते समय स्पष्टता की थी कि इंजेक्शन एक्सपायरी डेट की है। परंतु क्राइम ब्रांच को संदेह है कि विशाल अपने को बचने के लिए इस तरह का बयान दे रहा है।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी आर.आर. सरवैया ने कहा कि कोरोना संक्रमण दरम्यान डुप्लीकेट इंजेक्शनों मरीज के जीवन के साथ खिलवाड करता है। पुलिस कमिश्नर ने सूचना दी थी कि शहर में ब्लेक में अथवा बोगस विक्रय किये जा रहे इंजेक्शनों पर विशेष वॉच रखना है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही पुलिस ने रेमेडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करते छ लोगों को पकड़ा था। शहर में अन्य कई गैंग भी हो सकती है।