कोरोना के कारण इस बार प्रशासन ने कई धार्मिक और सामाजिय आयोजनो पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा इस बार कोरोना की परिस्थिति को ध्यान मे रखते हुए एक ही स्थान पर समूह लग्न का आयोजन नहीं हो सकता। इस परिस्थिति को देखते हुए सभी लडकियों के अलग-अलग घर ही एक ही समय में सभी के विवाह का आयोजन का फैसला किया है।

सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज संगठन के अध्यक्ष कानजीभाई भलाला ने मीडिया से कहा कि संगठन 37 वर्षों से सूरत में सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहा है। 1983 से, 10,000 से अधिक जोड़े सामूहिक विवाह की गाँठ बाँध चुके हैं।
इन दिनों कोरोना के कारण लोग परेशान हैं। व्यापार उद्योग बंद होने से सभी क्षेत्रों के लोगों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में यदि सामूहिक विवाह को रोकते हैं, तो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को नुकसान होगा। इसलिए हमारे ट्रस्ट ने मध्य और गरीब परिवारों को मिलने वाले लाभों से वंचित नहीं रहे इसलिए ट्रस्ट ने फैसला किया है कि हम पटेल समाज से 20,000 रुपये की नकद सहायता और कुंवरबाई की मामेरु योजना से 10,000 रुपये तक दिलाने की कोशिश करेंगे। इसके सामूहिक विवाह होने से सरकार की सातफेरा योजना में 10 हजार रुपए रुपये की सहायता के लिए प्रयास करेंगे।
सामान्य तौर पर 200 से 250 जोड़ों की शादी हर साल सामूहिक विवाह के दौरान होती है। इस बार कोरोना के कारण सामूहिक विवाह में अधिक जोड़े शामिल होने की उम्मीद है।शादी का ऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा। सभी मंडपो को ऑनलाइन जो़ड़ा जाएगा। भालाणा ने बताया कि समूह लग्न में जु़डने के लिए समाज की ऑफिस में फॉर्म भरना होगा।
यह शादी 28-2-2021 को आयोजित की जाएगी। आर्थिक जरूरत वाले परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ सामान दिया जाएगा। 15-2-2021 तक फॉर्म स्वीकार किया जाएगा।20 फरवरी के रोज आर्थिक सहायता कन्या के अभिभावक के खाते में आएगी। उन्होंने ने बताया कि कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है। इसलिए भी ऐसे आयोजन जरूरी है।