यूपी, बिहार और उड़ीसा के श्रमिकों को वापस लाने की चेंबर ऑफ कॉमर्स सरकार को गुहार लगाएगा। लॉकडाउन के दिनों में सूरत से बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के श्रमिक गांव लौट जाने के कारण सूरत के उद्योगों की हालत डामाडोल हो गई है।

खासकर लूम्स कारखानों में श्रमिकों की कमी के कारण उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस परिस्थिति को देखते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से यूपी बिहार और उड़ीसा के श्रमिकों को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई जाएगी।


चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यवाहक प्रमुख दिनेश नावडिया ने बताया कि कोरोना के कारण दुनिया भर में तमाम उद्योगों को बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है। हीरा उद्योग के लिए इंटरनेशनल मार्केट है, जबकि कपड़ा उद्योग के लिए डॉमेस्टिक मार्केट बहुत बड़ा है। यह दोनों ही अभी मुसीबत के दौर से गुजर रहे हैं।

दोनों को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस सिलसिले में उद्यमियों के सुझाव जानन के लिए गुरुवार को चेंबर में मीटिंग हुई। जिसके आधार पर चेंबर की ओर से सूरत महानगर पालिका और रेलवे श्रमिकों के लिए गुहार लगाई जाएगी। नावडिया ने बताया कि सूरत महानगर पालिका की गाइड लाइन में कुछ परिवर्तन करने के लिए मांग करेंगे।

साथ ही अन्य राज्यों का श्रमिक जहां पर नौकरी में लगेगा वहां के मालिक की जिम्मेदारी रहेगी। गुजरात की नई इंडस्ट्री पॉलिसी में भी कारीगरों के निवास के लिए 5 करोड़ की तब्दीली का उल्लेख किया गया है। जिसका लाभ लेने के लिए चेंबर की ओर से उद्यमियों को कहा गया।

कारीगरों के ग्रुप इंश्योरेंस के लिए भी सरकार मेडिक्लेम पॉलिसी शुरू करें इसके लिए भी गुहार लगाई जाएगी। श्रमिकों की कोरोना जाँच के लिए पालिका हर जोर में धन्वंतरि रथ जिस तरह चला रही है उसी तरह औद्योगिक क्षेत्र में भी चलाए ऐसी मांग की जाएगी।


मीटिंग में फिआस्वी के चेयरमैन भरत गांधी फोगवा के प्रमुख अशोक जीरावाला पांडेसरा विवर सोसायटी के आशीष गुजराती बृजेश गोंडलिया तथा के अग्रणी कपड़ा उद्यमी उपस्थित रहे