सूरत में इन दिनों चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित सीटेक्ष एग्जिबिशन चल रहा है। इस एग्जिबिशन में सूरत सहित भारत के उद्यमियों ने बनाई टैक्सटाइल की मशीनरियों का प्रदर्शनी लगाई गई है। यहां पर हजारो से लेकर करोडो रुपए तक की मशीनें है।

बडी बडी ब्रान्डेड कंपनियों ने अपनी नई नई टैक्नोलॉजी वाली मशीनें यहां रखी है, लेकिन शनिवार की दोपहर 11 बजे के करीब सीटेक्ष एग्जिबिशन के उद्धाटन के दौरान वस्त्रमंत्री स्मृति ईरानी ने चंद्रकांत पाटिल के बारे में जानकार उसके कार्यो की प्रशंसा की। उन्होंने ऐसे ही पाटिल की प्रशंसा नहीं कि, बल्कि चंद्रकांत पाटिल वाकई काबिले तारीफ है।
नवागाम, डिंडोली के 10वी कक्षा पास और स्वास्तिक टाउन में रहने वाले चंद्रकांत पाटिल वेडरोड की कंपनी ने कारीगर के तौर पर नौकरी करते थे। वहां पर मशीन के स्पेर पार्ट बनाने का काम करते थे। लॉकडाउन के दिनों में कारखाने बंद होजाने से वह बेकार हो गए। इस दौरान घर पर बैठे बैठे उन्होंने पहले मशीनों के छोटे छोटे स्पेर पार्ट बनाने की शुरूआत की।
इसके बाद यू ट्युब पर वीडियों देखकर क्रोचेट डेकोर्ड स्पेशल लेस मशीन तैयार कर ड़ाला। दो महीने में तैयार इस मशीन में उनके दोस्त नरेन्द्र ने भी उनका साथ दिया। चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि यह मशीन अभी तक भारत में विदेश से आयात किया जाता है। इसकी कीमत 48 लाख रूपए है। जबकि उन्होंने 23 लाख रूपए की लागत से यह मशीन तैयार कर दिया।
इस मशीन को तैयार करने के लिए उनके पास लागत नहीं थी, लेकिन उन्होंने पत्नी की ज्वैलरी भी गिरवी रख दी। इतना ही नहीं 2 प्रतिशत ब्याज पर रूपए लेकर और उधार रुपए लेकर यह मशीन बनाई है। विदेश से आयातित मशीन एक घंटे में 140 मीटर फेब्रिक्स का उत्पादन करता है लेकिन उनकी मशीन 200 मीटर कपड़े का उत्पादन करती है।