पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया मनपा कर्मी, एक महीने बाद होने वाला था रिटायर,

लिंबायत जोन के आकारणी विभाग के कर्मचारी ने निर्माण कार्य का टैक्स कम दिखाने के लिए 5,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उसे एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि पकड़े गए कर्मचारी का वेतन 42 हजार रूपए था और वह एक माह बाद सेवानिवृत्त होने वाला था। इस कर्मचारी पर कई लोगों से रिश्वत लिए होने का आरोप लगा है।

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एसीबी ने रिश्वतखोर कर्मचारी को पकड़ने के लिए शुक्रवार देर रात डिंडोली चार रास्ता साईं प्वाइंट के पास ट्रेप लगाई थी। जिसमें कि आकारणी विभाग का 58 वर्षीय क्लर्क अमृत वस्ता परमार को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया। एसीबी की टीम ने शाम से ही क्लार्क को घूस लेते में फंसाने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन रिश्वत लेने वाले क्लर्क बार बार समय बदल दे रहा था लेकिन गत रात कर्फ्यू के दौरान एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया।

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इस अधिकारी नेलिंबायत में रहने वाले और पान की लारी चलाने वाले दुकानदार का लिंबायत (दक्षिण क्षेत्र) में प्लॉट नापा था। उस समय रिश्वत क्लर्क अमृत परमार ने 5,000 रुपये की मांग की। जिसे उस समय दुकानदार ने 4 हजार क्लर्कों को दे दिया था। इसके बाद दुकानदार ने प्लाट पर घर बना लिया। क्लार्क ने कर कम करने के लिए 5,000 रुपये की मांग की। बार-बार रिश्वत मांगने से तंग आकर क्लार्क ने अपने एक मित्र से बात की। तो दोस्त ने एसीबी से शिकायत की थी।

सूरत के नए मेयर का नाम घोषित हुआ

सूरत में मनपा के चुनाव के बाद से मेयर के नाम को लेकर चल रही अटकलों का आज अंत आ गया। सूरत में मेयर पद के तौर पर हेमाली बोघावाला और डिप्टी मेयर के तौर पर दिनेश जोगाणी को चुना गया है। इसके अलावा स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन के तौर पर परेश पटेल चुना गया है। अमित राजपूत शासक पक्ष का नेता बनाया गया।

हेमाली बोघावाला सहित पूरी टीम को भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से शुभकामनाएं दी जा रही है। गुजरात के अन्य महानगरों में कल ही मेयर का नाम घोषित कर दिया गया था जबकि सूरत में 1 दिन बाद शुक्रवार को नाम घोषित किए गया। इस मौक़े पर हेमाली बोघावाला ने बताया कि सूरत शहर हमेशा विकास हमेशा की ओर आगे बढ़ता रहा है।

सूरत शहर को विकास की ओर ले जाना यही उनकी प्राधान्यता रहेगी। स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर परेश पटेल शासक पक्ष के नेता के तौर पर अमित सिंह राजपूत,दंडक के तौर पर विनोद पटेल को चुना गया है। इसके अलावा स्थायी समिति में बृजेश उनडकट,उर्वशी पटेल,विमल पटेल, सुधाकर चौधरी, मनीषा महात्मा पाटिल, अमिता बेन पटेल तथा धर्मेश भलाणा को चुना गया है

सूरत की जीत पर क्यां बोले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

गुजरात में मनपा के चुनाव को लेकर मंगलवार को आप पार्टी के लिए खुशी का दिन रहा। पहली बार गुजरात में मनपा का चुनाव लड़ रही आप पार्टी को सूरत में 27 सीटों की सौगात मिली। इस जीत से आप पार्टी के आलाकमान खुश हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सूरत में मंगलवार की दोपहर ट्वीट कर आप पार्टी की जीत को के बारे में नई राजनीति की शुरुआत करने के लिए गुजरात के लोगों को दिल से बधाई दी है। उन्होंने लिखा है कि ‘नई राजनीति की शुरूआत करने के लिए गुजरात के लोगो के लिए बधाई’।

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 27 सीट आप के पाले में गई। इसे आप पार्टी अपनी बड़ी जीत मान रही है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी 26 फरवरी को सूरत में रैली निकालेंगे। आपको बता दें कि आप पार्टी ने गुजरात के छह महानगरों में दावेदारी की थी जिसमें की सूरत में आप पार्टी को सफलता मिली है।

इसके पहले जब चुनाव प्रचार चल रहा था तब भी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने सूरत आकर लोगों से आपको वोट देने की अपील की थी। आपको बता दें कि मंगलवार को मनपा के चुनाव के परिणाम घोषित हुए जिसमे की भाजप को 93 सीट आप पार्टी को 27 सीट और कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। आप पार्टी सूरत में पहली बार मनपा चुनाव में विजई हुई है। जीतने के बाद आप के समक्ष लोगों के विश्वास पर खरा उतरने की चुनौती है।

सूरत मनपा चुनाव में कांग्रेस को शून्य क्यों मिला?

सूरत महानगर पालिका के आज घोषित परिणामों ने बीजेपी के खेमे में खुशी, आप के खेमे में उम्मीद की लहर और कांग्रेस के खेमे में सन्नाटा फैला दिया है। बीजेपी को मनपा के चुनाव में 93 सीट मिली हैं जबकि आम आदमी पार्टी को पहले ही चुनाव में 27 सीटों की सफलता मिली है। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी अपना खाता खोलने में भी असफल हो गई है। कांग्रेस के लिए बहुत ही शर्मजनक परिस्थिति बनी है।

पिछले चुनाव में भाजप की 80 सीटें आई थी जबकि कांग्रेस की 36 सीट थी और कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका निभाई थी लेकिन इस बार कांग्रेस को संतोष के लिए एक सीट भी नहीं मिली है। आपको बता दें कि कांग्रेस की हार के लिए तीन-चार बातें जिम्मेदार मानी जा सकती हैं। शहर का नया सीमांकन भी नुकसानदायक साबित हुआ। इससे कांग्रेस के समर्पित मतदाता कई क्षेत्रों में बंट गए। जहां कांग्रेस की जीत थी। वहां भी मुश्किल हो गई। हालांकि भाजप के लिए भी बहुत खुश होने जैसा नहीं है क्योंकि जहां कांग्रेस गई वहां दूसरी और उसके स्थान पर आप पार्टी आ गई।

1995 में भी कांग्रेस को सूरत महानगर पालिका में एक भी बैठक नहीं मिली थी। इसके 26 साल बाद फिर से भाजप का रोड रोलर चला और कांग्रेस शुन्य पर सिमट गई। इसके अलावा कांग्रेस ने टिकट बांटने में पाटीदार फैक्टर की अवगणना की यह भी उसे भारी पड़ा।

पाटीदारों ने कांग्रेस से जितनी सीटें मांगी थी उतनी नहीं मिलने के कारण भी चुनाव के अंतिम दिनों में कांग्रेस की बाजी पलट गई। पाटीदारों ने पहले से ही कांग्रेस को कह दिया था कि इस बार कांग्रेस को चुनाव जीतना मुश्किल होगा जो कि उन्होंने साबित कर बताया। हर बार की तरह आप एक बार फिर से कांग्रेस अपनी हार पर मनो मंथन करेगा और हो सकता है कि इस्तीफे की झड़ी भी लगनी शुरू हो जाए।

जानकारो का कहना है कि परप्रांतिय क्षेत्रों में भी कांग्रेस के आला कमान प्रत्याशियों के चयन में थाप खा गए। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कई स्थानों पर तो कार्यकर्ताओ की बात की अवगणना की गई। चुनाव अभियान में कोई बड़े नेता नहीं दिखे। और ना ही कई क्षेत्रों में प्रत्याशी ही मतदाताओं तक पहुंच पाए।

सूरत: ‘आप’ की जबरदस्त एन्ट्री :विधानसभा चुनाव में भी दूसरी पार्टियों के लिए एलर्ट


गुजरात में छह महानगर पालिका चुनाव के परिणामों में भाजपा ने सत्ता की चाबी ले ली है। कांग्रेस का परिणाम निराशानजनक रहा। वहीं आप ने सूरत में पहले ही चुनाव में शानदार एन्ट्री की है। आप की इस तरह की विजय को सूरत में विधानसभा के चुनाव के साथ भी अलर्ट के तौर पर देखा जा रहा है।

साथ ही अब आगामी चुनावों के लिए भी अन्य पार्टियों को दोहरी तैयारी करनी पडेगी। मनपा चुनाव के टिकिट बंटवारे में कांग्रेस ने अंतिम समय पर पास के कार्यकर्ताओं को टिकिट नहीं देने के कारण नुकसानी का सामना करना पड़ा। जिसका सीधा फायदा आप को हुआ। बीजेपी को इसका लाभ बहुत ही कम मिला। अब फैक्टर उस क्षेत्र के मतदाताओं का मन बताता है कि उन्हें सिर्फ बीजेपी के नाम से नहीं लुभाया जा सकता। अभी भी वह पाटीदार आंदोलन का समर्थन कर रहे है।

पिछली बार मनपा के चुनाव में सूरत में कांग्रेस को वराछा, कतारगाम, अमरोली आदि क्षेत्रों में ही बढत मिली थी। इस बार इन क्षेत्रों में कांग्रेस की चूक का खामियाजा आप पार्टी के लिए लाभदायक हो गया। राजनितिक पंडितो का कहना है कि यदि इन क्षेत्रों में आप अपने काम से मतदाताओं का मन लुभा लेती है तो बीजेपी, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों के लिए विधानसभा के चुनाव में नई चुनौती खड़ा कर सकते हैं।

बताया जा रहा है कि मनपा चुनाव के पहले सूरत में आप को 10 सीट में विजयी माना जा रहा था, लेकिन आप ने उससे बेहतर प्रदर्शन किया। इससे अन्य पार्टियों में मंथन चल रहा है। यदि आप पार्टी अगले साल गुजरात में विधानसभा में अपनी चुनावी बिसात सही से बिछाने में सफल रही तो यह चुनाव टक्कर का हो सकता है।

सूरत: रात के अंधेरे में ईवीएम मशीन बदल दी गई होने का आरोप, दिए सबूत


सूरत में मनपा चुनाव के लिए मतदान के अंत में रात को वार्ड नंबर 29-वडोद भेस्तान के लगभग 42-45 ईवीएम में गोलमाल किए जाने का आरोप लगाया जा बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने लगाया है। इस आरोप के साथ एक वीडियो के साथ कलेक्टर को एक आवेदन सौंपा गया है।

वीडियो में एसवीएनआईटी में ईवीएम की बदली की जा रहे होने का आरोप लगाया गया है। बसपा नेताओं ने कहा कि विपक्ष को हार की आशंका के बाद साजिश रची गई थी। इसलिए हमने कलक्टर को आवेदन सौंपकर न्याय मांगा है।


बीएसपी ने जो वीडियो वायरल किया है उसमें रात के डेढ बजे ईवीए मशीन बदले जाने की बात कही जा रही है। बसपा के आरोपो का अधिकारी जवाब नहीं दे सके। बहुजन समाज पार्टी के सूरत शहर के महासचिव रमेशभाई मकवाना ने कहा कि दोपहर 2:30 बजे वार्ड नंबर 29, 42 में ईवीएम बदलते उन्होंने अधिकारियों को देखा  है। रात के समय ये अधिकारी मशीन को बदलने क्यों गए।

अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि स्ट्रांगरूम क्यों खोला गया। इसलिए हमने आज कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देकर न्याय की मांग की है। इसके अलावा बसपा ने यह आरोप भी लगाया कि विपक्ष को हम से हार का भय था इसलिए उनकी सांठ गांठ से ईवीएम बदल दिए गए।

ज्ञापन में मांग की गई है कि पूरी घटना में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच होनी चाहिए। उन्होंने मशीन रूम क्यों खोला। उल्लेखनीय है कि रविवार को सूरत में मनपा के चुनाव के बाद मंगलवार को मतो की गिनती होनी है।

गुजरात:कम मतदान के कारण प्रत्याशियों के छूटेंगे पसीने, जीत-हार का घटेगा मार्जिन


राज्य के 6 नगर निगम अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, सूरत, भावनगर और जामनगर चुनाव में धीमी गति से मतदान के कारण राजनीतिक पार्टियों की पसीने छूट गए हैं। सभी पार्टियों ने अपने समर्थकों को घर से बाहर निकलकर मतदान केन्द्र तक जाकर मतदान करने की अपील की।

दोपहर एक बजे तक 20 प्रतिशत के करीब मतदान होने पर ही राजनीतिक पार्टियों को समझ में आ गया था कि इस बार सामान्य से भी कम मतदान रह सकता है। भाजपा, कांग्रेस, आप सहित सभी पार्टियों के समर्थको ने मतदाताओं से फोन पर और सोशियल मीडिया के माध्यम से अपील की।

दरअसल बात यह है कि कम वोटिंग होने के कारण वर्तमान शासक पक्ष को भी चिंता होने लगी है। इसके अलावा इस बार भाजपा, कांग्रेस के साथ आप पार्टी भी चुनाव में होने से जीत का मार्जिन कम होने की संभावना पार्टियों को नजर आ रही है। मतदान कम होने के पीछे कोरोना और लोगों की उदासीनता को कारण माना जा रहा है।

कम मतदान होने से बडे़ ही कम अंतराल से प्रत्याशियों के जीत-हार का फैसला होगा। इसिलए अंतिम दो घंटों में सभी पार्टियों ने मतदान बढाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। बताया जा रहा है कि सूरत में 43 प्रतिशत के करीब मतदान रह सकता है। संभावना है कि जीत हार का मार्जिन बहुत ही पतला हो।  

केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने मनपा चुनाव में सह परिवार मतदान किया। उन्होंने अपनी पत्नी और पुत्रवधु के साथ मतदान किया।


-१ बजे से ३ बजे तक का मतदान

शहर 1 बजे तक 2 बजे तक 3 बजे तक 
अहमदाबाद 12 फीसदी 18 फीसदी 22 फीसदी
वडोदरा 16 फीसदी 24 फीसदी 28 फीसदी
सूरत 15 फीसदी 24 फीसदी 27 फीसदी
राजकोट 16 फीसदी 23 फीसदी 28 फीसदी
भावनगर 18 फीसदी 24 फीसदी 31 फीसदी
जामनगर 16 प्रतिशत 28 प्रतिशत 28 प्रतिशत

सूरत: जब दुल्हन सोलह श्रृंगार कर पहुंची मतदान केन्द्र

गुजरात के छह महानगरों में मनपा के चुनाव जारी हैं। ऐसे में सूरत में पुणा गांव क्षेत्र में एक नवयुगल दुल्हा- दुल्हन ने शादी के पहले मतदान किया। इस पर्व पर दुल्हन श्रृंगार करके मतदान केन्द्र पर पहुंची। बताया जा रहा है किशादी के पहले मतदान केन्द्र पर पहुंची दुल्हन पेशे से वकील है और दूल्हा बी ई मिकेनिकल है।

दुल्हा-दुल्हन दोनों के ही पिता हीरा श्रमिक हैं। पूरे श्रृंगार में मतदान केन्द्र पर पहुंचे द्ल्हा-दुल्हन को देखकर लोग दंग रह गए। इस युगल ने बताया कि नव जीवन में प्रवेश करने से पहले शहर की देखरेख करने वाले लोगों की पसंदगी करना जरूरी है। शहर अच्छा रहेगा तो हमारा परिवार भी तंदुरुस्त रहेगा।

दुल्हन का नाम निधि धीरूभाई घेलानी है। उन्होंने बताया कि उनके पिता हीरा श्रमिक है और वह मूलत: अमरेली के निवासी हैं। उन्होंने सगाई के समय ही शादी के पहले मतदान करने का मन बना लिया था। इस बारे में दूल्हा भाविक धानाणी ने बताया कि वह अमरेली के निवासी हैं उनके पिता हीरा श्रमिक हैं।

उनके परिवार में एक बड़ी बहन और छोटा भाई है। पहले शहर तंदुरुस्त होगा तो हमारा परिवार जरूर तंदुरुस्त होगा। इस विचारधारा के साथ हमने शादी के पहले मतदान किया। हमारा आज का दिन हमेशा यादगार बन जाएगा। इसी तरह से कई वॉर्ड में दिव्यांग भी व्हील चेयर पर पहुंचे। कई स्थानो पर लोग ढोल-नगाडा के साथ पहुंचे।

सूरत सहित गुजरात में मनपा चुनाव में धीमा मतदान

गुजरात में 6 महानगर पालिकाओं के लिए रविवार को मतदान जारी है। दोपहर 1:30 बजे तक अलग अलग शहरों में औसतन 22 प्रतिशत तक मतदान दर्ज किया गया। भावनगर में 21% और सूरत में 20% मतदान तथा अन्य शहरों में भी 20 से 23% के बीच मतदान हुआ। सबेर7:00 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 6:00 बजे तक चलेगा।

पिछले वर्षो की अपेक्षा अभी तक बहुत निराशाजनक मतदान हुआ है। इसके लिए कोरोनावायरस को भी जिम्मेदार मान जा रहा है। कोरोना को देखते हुए मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था की गई है। रविवार को चुनाव के दिन महिला वृद्ध और जवानों ने अपने मतदान किए।

सूरत की बात करें तो सूरत में अलथाण के 67 वर्षीय हसमुखभाई घोड़े पर सवार होकर मतदान करने आए थे। सबेरे कम रही महिलाओं की भी संख्या दोपहर तक मध्यम रही। इसी तरह से सूरत में किन्नर समाज के अग्रणियों ने भी मतदान करके लोगों से मतदान करने की अपील की थी। कई वॉर्ड में विकलांगों ने भी मतदान किए थे।

कई स्थानों पर दोपहर तक हाथ के ग्लब्स खत्म हो जाने के कारण मतदान के लिए आने वालों को मत केंद्र में बिना मतदान केन्द्र मे जाना पड़ा। सूरत महानगर पालिका के 20 बैलेट यूनिट और 7 कंट्रोल यूनिट में टेक्निकल खामी के कारण मतदान शुरू होने के पहले ही उन्हें बदलना पड़ा था।

कई स्थानों पर युवाओं का ग्रुप ढोल नगाड़े के साथ ही मतदान करने के लिए निकल पड़ा था दोपहर के बाद महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ था। शाम तक पचास प्रतिशत से अधिक मतदान की संभावना है।

कई बड़े नेताओं ने अपने वॉर्ड में मतदान किए। सूरत की सासंद दर्शना जरदोश ने भी मतदान किया।

मतदान के दिन हीरा कारखाने वेतन के साथ बंद रखने की मांग



डायमंड वर्कर यूनियन ने कलक्टर और श्रम मंत्रालय को ज्ञापन देकर मतदान के दिन कारखाने बंद रखने की मांग की है।डायमंड वर्कर यूनियन के प्रमेश रमेश जिलरिया और उपप्रमुख भावेश टांक ने बताया कि कुछ पार्टिया नहीं चाहती कि मतदान के दिन हीरा श्रमिक मतदान करें हमें ऐसी आशंका है। इसलिए वह हीरा श्रमिकों को मतदान से वंचित रखने के लिए कारखाने चालू रखाने का प्रयास कर रही है। ऐसा नहीं हो और हीरा कारखाने वेतन के साथ बंद रखा जाए।

ज्ञापन में बताया गया है कि बीते कुछ समय से कई राजनीतिक पार्टिया हीरा श्रमिकों को अपनी रैली में आने के लिए भी दबाव ड़ाल रही होने के समाचार सामने आ रहे हैं। यूनियन ने हीरा श्रमिकों से बिना किसी डर के मतदान करने की मांग की है। यदि कोई डराए तो यूनियन को जानकारी देने को कहा है।


उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही डायमंड वर्कर यूनियन ने लॉकडाउन के दिनों में हीरा श्रमिकों को मदद नहीं करने वाली राजनीतिक पार्टियों को मत नहीं देने के लिए भी अपील की थी। यूनियन का आरोपा है कि लॉकडाउन के कारण कई हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए और कइयो ने आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए।