सूरत महानगर पालिका चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसी के साथ चुनावी पार्टियों का चुनाव प्रचार का अभियान और अधिक आक्रामक होता जा रहा है। सभी पार्टियों के प्रत्याशी रैली, रोड शो, डोर टो डोर केम्पेनिंग सहित हर प्रकार के प्रयास कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी तेजी से चल रहा है।

इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रवेश के साथ चुनाव थोडा और रोमांचक हो गया है। आप पार्टी ने अमरोली, कतारगाम और वराछा क्षेत्र में एडी चोटी का जोर लगा दिया है। संभवत: यहां आम आदमी पार्टी के लिए कछु अच्छी खबर भी रह सकती है। लेकिन इस बीच चुनावी प्रचार के दौरान कई स्थानो पर राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों को लोगों से कड़वे अनुभव का सामना भी करना पड़ रहा है।

कई स्थानो पर लोग प्रत्याशियों से कोरोना के दौरान कहां थे, जैसे सवाल पूछ रहे हैं। कई स्थान पर लोग चुनाव के बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं। सूरत नगर निगम के मोटा वराछा क्षेत्र में खोडियार नगर सोसाइटी के गेट पर, भाजपा को भगाने और कांग्रेस को बाहर करने के लिए बैनर लगाए गए हैं।

इस सोसायटी में में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण, लोग नाराज हैं और अब भाजपा कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी का स्वागत करने वाले बैनर लगाए हैं। मोटा वराछा, खोडियार नगर में बैन ने लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी है। देखना यह है कि अन्य पार्टियों का विरोध कितनी हद तक आम आदमी पार्टी के लिए लाभदायक हो सकता है।


 गुजरात में स्थानिय निकाय के चुनाव घोषित हो चुके हैं। सभी राजनितिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए जोर लगा रही है। भाजपा, कांग्रेस और आप ने एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है।  दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया  रविवार को सूरत दौरे पर आए थे। पत्रकार परिषद को संबोंधित करने के बाद उन्होनें रोड शो किया था।

सरथाणा से गजेरा सर्कल तक रोड शो के दौरान उनकी सभा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस रैली में मनीष सिसोदिया आप के कार्यकर्ताओ के साथ गरबा भी किया। इसके पहले सिसोदिया ने अहमदाबाद और राजकोट में रोड शो किया था। उन्हे रोड शो करते देख आप पार्टी के कार्यकर्ता बडे़ जोश में नजर आए।

इस रोड शो के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में बीते पांच साल से किसी निजी स्कूल ने फीस में बढोत्तरी नहीं की। दूसरी ओर गुजरात की स्कूलो में हर साल फीस के तौर पर बड़ी रकम बढा दी जाती है। राज्य सरकार क्यों रोक नहीं पा रही। क्या सरकार गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले यह नही चाहती?

आप को बता दें कि इस बार सूरत मनपा का चुनाव आप पार्टी के प्रवेश करने के कारण थोडा रोमांचक हो गया है। अब तक भाजपा को सूरत में बडी़ लीड मिलती थी, लेकिन इस बार आप के मनपा चुनाव में प्रवेश करने से थोडा सा रोमांच बन जाएगा।


गुजरात में मनपा और पंचायतों के चुनाव आते ही पार्टियों की ओर से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। हर चुनाव की तरह इस बार भी इवीएम पर अभी से सवालिया निशान लगने लगे हैं।अभी मनपा के चुनाव में लगभग एक सप्ताह बाकी है तब तक और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहेगा।

राजकोट में कोंग्रेस के नेता हेमंत वसावडा ने इवीएम में भाजपा के कमल का निशान बड़ा रखे गए होने का आरोप लगाया है। इसके अलावा कमल के निशान को गाढी स्याही से छापे गए होने का आरोप लगाया है। 


हेमांग वसावडा ने मीडिया को बताया कि मतदाता जब मतदान करने के लिए ईवीएम मशीन के पास पहुंचे तो उसे सबसे पहले कमल का निशान ही बडे़ तौर पर दिखेगा। इसके अलावा अन्य पार्टियों के निशान छोटे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव अधिकारी ने निशान देखने के लिए बुलाया था। इस पर हमने विरोध भी किया है।

इस आरोप के जवाब में सौराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता राज ध्रुव ने कहा कि कांग्रेस हार को जान गई है। पराजय जान जाने के बाद कांग्रेस के नेता अब फिजूल आरोप लगा रहे हैं। राज्य चुनाव पंच निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है। अभी मनपा के चुनाव में लगभग एक सप्ताह बाकी है तब तक और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहेगा।

कांग्रेस को पास के साथ मनमुटाव के कारण वराछा, कतारगाम आदि क्षेत्रों में अभी से दिक्कत नजर आने लगी है। इतना ही नहीं वहां पर उन्हें अपनी सीटें बचाए रखने में भी मुसीबत हो सकती2015 में पाटीदार आंदोलन के कारण वराछा,पुणा, कापोद्रा, सरथाना और फुलपाड़ा में कांग्रेस की पैनल जीत गई थी।

कांग्रेस के 36 में से 23 कॉरपोरेटर सौराष्ट्रवासी क्षेत्र में चुने गए थे। कतारगाम में अनेक पैनल कांग्रेस ने बहुत कम वोट से गवांई थी। इस बार कांग्रेस को कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है।

कांग्रेस ने अंतिम समय में पास के साथ सहकार करने को इन्कार कर दिया था जिसके चलते पास के नेताओं ने कांग्रेस को वराछा में सभा नहीं करने देने की धमकी भी दी थी। पास का कहना है कि आगामी दिनों में कई कांग्रेस के नेता अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2015 में आयोजित चुनाव में कोसाड, अमरोली,मोटा वराछा, तथा फुलपाड़ा और पुणा में कांग्रेस जीत गई थी।

इसके अलावा वार्ड नंबर 2 में से कांग्रेस के प्रत्याशी का फॉर्म रद्द होने से बीजेपी के प्रत्याशी चुन लिए गए थे लेकिन, इस चुनाव में पास का आंदोलन कमजोर है साथ ही कांग्रेस के साथ भी उसका विवाद चल रहा है। पास के नेता धार्मिक मालविया ने फॉर्म भरने से इनकार कर दिया है।

शनिवार की शाम को मीटिंग में कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की गई थी। जिसके चलते आगामी दिनों में कांग्रेस और पास के बीच होने की संभावना है। इसके अलावा अन्य कुछ वॉर्ड में भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते कांग्रेस के लिए डैमेज कन्ट्रोल करना जरूरी हो गया है। हालाकि मात्र कांग्रेस ही नहीं भाजपा में भी टिकिट बंटवारे को लेकर कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है।


सूरत महानगर पालिका के चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन भरने का अंतिम दिन था। कुल 120 सीटों के लिए1317 प्रत्याशियों ने फॉर्म भरे। शनिवार को अंतिम दिन कुल 1182 फॉर्म भरे गए। वॉर्ड 13 में सबसे अधिक 55 फार्म भरे गए। चुनाव के लिए इस बार टिकिट घोषित होने के पश्चात भाजपा और कोंग्रेस दोनो पार्टियो में आंतरिक कलह शुरू हो गया था।

भाजपा और कोंग्रेस दोनो ही पार्टियों में से कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की जानकारी सामने आ रही है। चुनाव के लिए सबसे पहले एनसीपी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे। कांग्रेस के प्रत्याशियों को लेकर अंतिम समय तक असमंजस बना था। भाजपा ने दो दिन नामांकन भरने के दो दिन पहले प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए थे।


जिसके लिए 1 फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है और आज शनिवार को नामांकन का अंतिन दिन था। शहर के 30 वोर्ड के लिए 15 चुनाव अधिकारी कार्यालय में नामांकन की सुविधा है। इसके पहले शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के 34 उम्मीदवारों ने विजयमुर्हूत में फॉर्म जमा किया। भाजपा के बाकी उम्मीदवार शनिवार को नामांकन किया। कांग्रेस की दुसरी सूची घोषित करने के बजाय संभावित उम्मीदवारो को कांग्रेस ने डायरेक्ट सूचना देकर चुनावी फोर्म भरकर तैयार रखने की सूचना दी थी।

शनिवार को भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार नामांकन करने के लिए एकसाथ उमड पडने से कार्यालय में काफी भीड जमा हो गई। भीड को काबु में करने के लिए पुलिस बंदोबस्त के तहत मात्र उम्मीदवार और साक्षी को ही कार्यालय परिसर में जाने दिया गया। चुनाव अधिकारी कार्यालय में पर्चा जमा करते समय कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुए उम्मीदवार के साथ साक्षी के लिए 5 लोगों को ही प्रवेश दिया गया।


कोरोना की गाइडलाइन के कारण प्रत्याशियों के फ़ॉर्म भरते समय समय बैंड बाजा और रेली का माहोल देखने को नही मिला। उम्मीदवारों ने सादगी और शांत‌िपुर्ण माहौल में नामांकन किया। शुक्रवार शाम तक भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी,निर्दलिय तथा अन्य पक्ष के सहित कुल 1317 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया। जिला चुनाव अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सूरत महानगरपालिका का चुनाव 21 फरवरी को और मतगणना 23 फरवरी 2021 को है।

सूरत मनपा के चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। एनसीपी ने तो पार्टी के प्रत्याशियों के नाम भी जारी कर दिए। भाजपा ने भी निरिक्षकों की टीम प्रत्याशियों की दावेदारी सुनने के लिए सूरत भेजी है। शनिवार को निरिक्षको की टीम ने कई लोगों को सुना।


इस बार भाजपा पार्टी की ओर से चुनाव की दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों को अपने फॉर्म में उन्होंने राममंदिर के लिए कितना रूपए दान दिया, यह भी बताना होगा। इसे लेकर फॉर्म भरने वाले प्रत्याशियों में भी कई तरह के तर्क वितर्क शुरू हो गए हैं।

भाजप के फोर्म में पूछे गए इस सवाल को लेकर सोशल मीडिया में भी बड़ी चर्चा है। उल्लेखनीय है कि हाल में ही भाजपा के प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल ने जिन लोगों की उम्र 55 साल से अधिक हो उन्हें टिकिट नहीं मांगने की अपील की थी।

इसके बाद से भाजपा के कई नेताओं के चेहरे गिर गए हैं। भाजपा इस बार चुनाव में युवा ब्रिगेड को बढावा दे ऐसी चर्चा भी चल रही है। हालाकि इस बारे में कई नेताओ ने अपनी सीट जाते देख गांधीनगर तक दौड लगाना शुरू कर दिया है।

कई प्रत्याशी जो कि एक बार फिर से चुनाव में कूदने की तैयारी कर रहे थे उनकी इच्छा पर पानी फिर गया है। लंबे समय से आराम कर रहे प्रत्याशी जो कि कुछ दिन पहले ही सक्रिय हुए थे वह फिर से निष्क्रिय हो जाए ऐसी आशंका भी लग रही है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद युवा ब्रिगेड में जोश आ गया है। दूसरी ओर सीनियर नेता अपनी शाख को बचाने में जुट गए हैं। हालांकि आप 55 साल से अधिक वाले कॉरपोरेटरो में असमंजस हो गया है कि वह टिकट मांगे भी या नहीं?

गुजरात में स्थानीय सरकार के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। भाजपा, कांग्रेस सहित हर राजनीतिक दल ने अपनी ताकत दिखाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। जल्दी ही सभी पार्टिया अपने प्रत्याशी मैदान में उतार देगी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी ने सूरत में 30 में से 20 वार्डों में अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। सूरत में गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जयंतभाई बोस्की, रेशमा पटेल और अन्य नेताओं की उपस्थिति में इन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई।


सूरत में इस बार स्थानीय निकाय चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी ने भी प्रवेश किया है। गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जयंतभाई बोस्की, महिला अध्यक्ष और प्रवक्ता रेशमा पटेल सहित एनसीपी नेताओं की उपस्थिति में सूरत में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई।

एनसीपी ने सूरत के 30 में से 20 वार्डों में अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। रेशमा पटेल ने कहा कि एनसीपी इस बार गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी और जीतेगी, यह कहते हुए कि भाजपा शासन में बहुत तानाशाही व्यवहार हो रहा है। इसके खिलाफ, एनसीपी पार्टी सकारात्मक नीति नियमों, कार्यशैली और ऊर्जा के साथ सामने आएगी।


रेशमा पटेल ने कहा कि लोगों के मुद्दों को हल करने के लिए राकांपा द्वारा एक टीम बनाई जाएगी। और यह खुद मॉनिटर करेगा। इसके अलावा, प्रस्ताव पारित करने के बाद, प्रत्येक नगरसेवक को अपने वार्ड में जनता दरबार का आयोजन करना होगा। ताकि जनता अपने सवाल सीधे नगरसेवक से पूछ सके और उन सवालों को हल किया जा सके।


बताया जा रहा है कि इस बार स्थानीय निकाय चुनाव में कई पार्टिया रहेगी। इस बार भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरे हैं। भाजपा पार्टी के निरीक्षक संभवित प्रत्याशियों को सुनने के लिए सूरत में हैं। जल्दी ही भाजपा पार्टी भी अपने प्रत्याशी घोषित करेगी।

गुजरात में कोरोना के कारण स्थगित स्थानीय निकाय के चुनावो की तारीख घोषित कर दी गई है। वर्तमान में कोरोना घटा है लेकिन परिस्थिति अभी भी सामान्य नहीं बन सकी है। इस स्थिति को देखते हुए, राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में करने का फैसला किया गया है। पहले चरण में महानगर पालिका और फिर नगर पालिका और पंचायत के चुनाव होंगे।

6 महा नगरपालिकाओं के लिए मतदान 21 फरवरी को होगा और मतों की गिनती 23 फरवरी को होगी। 31 जिला पंचायतों और 231 तालुका पंचायतों के साथ-साथ 81 नगर पालिकाओं के लिए मतदान 28 फरवरी को होगा। मतों की गिनती 2 मार्च को होगी। 6 नगर निगमों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, भावनगर और जामनगर के लिए 21 फरवरी को मतदान होगा। जूनागढ़ की दो सीटों पर भी चुनाव होंगे।


6 नगरपालिकाओं के लिए मतदान 21 फरवरी को होगा और मतगणना 23 फरवरी को होगी। चुनावी परिणाम का असर पंचायतों के चुनाव पर पड़ सकता है। भाजपा और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया जारी है।


स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वर्तमान में राजनीतिक दलों द्वारा तैयारी चल रही है। विशेष रूप से, भाजपा ने पिछले दस दिनों में कई कार्यक्रम, उद्घाटन और नीतिगत फैसले लिए हैं। वहीं, भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में जुट गए है। कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए फेसशिल्स, मास्क और सैनिटाइज़र की व्यवस्था की जाएगी।


राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ सरकार के विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस समीक्षा बैठकें कीं। सैनिटाइज़र और मास्क की आवश्यकता पर जोर देने के साथ, मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।


सूरत में नए सीमांकन के अनुसार, सूरत में निगम के 30 वार्ड बनाए गए हैं। जिसमें पार्षदों की 120 सीटें होंगी। इस प्रकार एक वार्ड और 4 पार्षदों की वृद्धि होगी। मनपा की 120 सीटों में से 3 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और दो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। चार सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से दो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। 12 सीटें पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से 6 पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जबकि कुल 120 सीटों में से 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।