देशभर में जन्माष्टमी पर हुआ 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार!

आज देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद धूम धाम से मनाया गया और देश भर के मंदिरों में कहाँ सजावट हुई वहीं दूसरी ओर लोगों ने भी अपने घरों के मंदिरों एवं पूजा स्थलों को सुंदर तरीक़े से सजाया । कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के मुताबिक़ देश भर में जन्माष्टमी के मौक़े पर लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ ।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चाँदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार पर हुए बड़े व्यापार में ख़ास तौर पर फूल, फल, मिठाई, भगवान की पोशाक, शृंगार का सामान, व्रत की मिठाइयाँ, दूध दही, माखन तथा ड्राई फ्रूट की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई । श्री खंडेलवाल ने कहा कि जन्माष्टमी जैसे त्यौहार देश में सनातन अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने बताया कि देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद उत्साह से मनाया गया । ख़ास तौर पर उत्तर एवं पश्चिम भारत में यह त्यौहार खूब उल्लास से मना। मंदिरों में खूब आकर्षक सजावट की गई तथा लोगों में दर्शन करने की भारी भीड़ हर तरफ़ दिखाई दे। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी त्यौहार का विशेष आकर्षण डिजिटल झांकियाँ, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फ़ी पॉइंट,अन्य अनेक प्रकार की मनोरम झांकियाँ रहीं। बड़ी मात्रा में शहरों में भजन, धार्मिक नृत्य तथा संतों एवं महात्माओं के प्रवचनों का सिलसिला जारी रहा। बड़ी मात्रा में सामाजिक संगठनों ने बड़े स्तर पर जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया

शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी भाद्रपदा की अमावस्या के आठवें दिन मनाई जाती है । इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था ।

सूरतः बजेट ने हीरा उद्योग की चमक और बढ़ा दी


सूरत
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को पेश किए केंद्रीय बजट में हीरा उद्योग को कई राहत दी है। बजेट में गोल्ड पर इम्पोर्ट घटा दी गई है। वहीं रफ हीरो की ऑनलाइन खरीदी करने पर लगने वाले ड्यूटी भी हटाने का फ़ैसला किया गया है।इस बदलाव के चलते हैं सूरत के हीरा उद्यमियों में खुशी देखी जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बजट में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी साढ़े 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया गया है।इससे ज्वैलर को बड़ा लाभ मिलेगा। अब तक गोल्ड पर 15 ड्यूटी होने के कारण उद्यमियों की बड़ी पूंजी फँस जाती थी। साथ ही ज्वैलरी की लागत क़ीमत भी बढ़ जाने के कारण महँगी हो जाती थी। इसके चलते विदेशों मे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था। इस बारे में काउंसिल ने कई बार गुहार भी लगाई। जो कि बजेट अब मान ली गई।इसके अलावा इक्वेलाइजेशन ड्यूटी अर्थात के हीरा उद्यमियों को ऑनलाइन रफ हीरा ख़रीदने पर 2% ड्यूटी चुकाने पड़ रही थी।इस कारण हीरा उद्यमियों को बाहर जाकर रफ हीरा ख़रीदना पड़ता था। इसे भी नाबूद कर दिया गया है। इसके चलते हीरा उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। बजट की तीसरी बड़ी बात यह रही कि अन्य पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है।अब तक इस पॉलिसी के कारण विदेशी कम्पनियां भारत में रफ हीरे लाकर नहीं बेच पा रहे थे। इस पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है। अब से विदेशी माइनर्स एग्जिबिशन ने लाए हीरे बेच सकेंगे।जिसके चलते हीरा उद्यमियों को बड़ा लाभ मिलेगा।उल्लेखनीय है कि सोने पर गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से बड़ा लाभ होगा क्योंकि इम्पोर्ट ड्यूटी ज़्यादा होने के कारण निर्यात घट रहा था।इसके अलावा प्लेटिनम पर भी ड्यूटी घटा दी गई है।जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन विपुल शाह ने बताया कि केंद्रीय बजट में हीरा उद्यमियों के बड़े माँगो को स्वीकार कर लेने से इंडस्ट्री में सकारात्मक माहौल खड़ा हुआ है।

छोटे उद्यमों को बहुत फायदा होगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2024-2025 का बजट पेश किया। इस बजट में कृषि क्षेत्र में बड़ी राशि आवंटित की गई है और उद्यमिता में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान स्वागत योग्य है। मुद्रा लोन में 10 लाख की सीमा बढ़ाकर 20 लाख करना भी स्वागत योग्य है, इससे छोटे उद्यमों को बहुत फायदा होगा।यह बहुत स्वागत योग्य है कि उद्योगों के लिए भी अच्छा प्रावधान किया गया है जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अच्छे अवसर पैदा होंगे। इनकम टैक्स में बदलाव स्वागतयोग्य है.
व्यापारियों की पेंशन और जीएसटी कानून में संशोधन की कोई मांग नहीं मानी गयी.
प्रमोद भगत
CAIT अध्यक्ष गुजरात

અલગ અલગ દેશોમાંથી રોજનું ૧ કરોડ મીટર કાપડ ઈમ્પોર્ટ થાય છે-રોક લગાડવાની માંગ

SGCCI વતિ પૂર્વ પ્રમુખ શ્રી આશીષ ગુજરાતીએ ટેક્ષ્ટાઇલ ઇન્ડસ્ટ્રીના વિકાસ માટે તેમજ તેમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધારવા માટે વિવિધ સૂચનો રજૂ કર્યા

સુરત. ભારતની ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રી હાલ ૪.પ કરોડ લોકોને રોજગારી પુરી પાડે છે. કૃષિ પછી સૌથી વધારે રોજગારી ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રી આપે છે. ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીમાં રોજગારીનું પ્રમાણ કેવી રીતે વધારી શકાય તે એજન્ડા પર ભારતના માનનીય કેન્દ્રિય ટેક્ષ્ટાઇલ મંત્રી શ્રી ગિરીરાજ સિંઘ દ્વારા ગુરૂવાર, તા. ર૦ જૂન, ર૦ર૪ના રોજ નવી દિલ્હી ખાતે દેશના ટેક્ષ્ટાઇલ સંગઠનો સાથે મિટિંગનું આયોજન કરવામાં આવ્યું હતુ. જેમાં ધી સધર્ન ગુજરાત ચેમ્બર ઓફ કોમર્સ એન્ડ ઇન્ડસ્ટ્રી વતી પૂર્વ પ્રમુખ શ્રી આશિષ ગુજરાતીએ ભાગ લીધો હતો. તેમણે ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીના વિકાસ માટે તેમજ તેમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધારવા માટે નીચે મુજબની રજૂઆત કરી હતી.

– ટફ યોજનામાં ૧ર૯૩૭ એકમોએ લાભ લીધો છે. જેમાં ૧૦૪૪ર યુનિટો એવા છે જેમનું રોકાણ રૂપિયા પ કરોડ કરતાં પણ ઓછું છે. જ્યારે તેમાંથી પણ ૯૦ ટકા એકમો એવા છે કે તેમનું રોકાણ રૂપિયા ૧ કરોડ કરતાં પણ ઓછું છે. એનો અર્થ એ થાય કે, ટફ યોજનાનો લાભ નાના અને એમએસએમઈ ઉદ્યોગકારો દ્વારા જ લેવામાં આવ્યો છે.

– પીએલઆઈ સ્કીમનો લાભ રૂપિયા ૧૦૦ કરોડનું રોકાણ કરનાર ઉદ્યોગકાર જ લઈ શકે તેમ છે. જો કે, પ્રાપ્ત થયેલી માહિતી પ્રમાણે સરકાર દ્વારા આ યોજનામાં ફેરફાર કરીને રૂપિયા ૧પ કરોડનું રોકાણ કરનાર ઉદ્યોગકાર પણ આ યોજનાનો લાભ લઈ શકશે તેવું આયોજન કરવામાં આવી રહયું છે, પરંતુ ટફના ડેટા પ્રમાણે એમએસએમઈના નાના યુનિટોનું રોકાણ રૂપિયા પ કરોડ સુધીનું છે, એટલા માટે નાના ઉદ્યોગકારોના અપગ્રેડેશન અને વિકાસ માટે કેપિટલ સબસિડી જેવી સ્કિમ લાવવી જરૂરી છે તો જ નાના યુનિટો કવર થઈ શકશે અને અપગ્રેડ પણ થઈ શકશે.

– વર્ષ ર૦૧૪થી ર૦ર૪ સુધીમાં ટફની સ્કિમમાં ૧૧ હજાર કરોડ રૂપિયાની સબસિડી આપવામાં આવી છે, તેમાં ૯ હજાર એકમોને લાભ મળ્યો છે. જ્યારે બીજી તરફ માત્ર પીએલઆઈ સ્કિમના બજેટ પ્રમાણે ૬પ યુનિટો જ આ યોજનાનો લાભ લઈ શકશે. એટલા માટે નાના યુનિટોને પણ ફાયદો થાય તેવું આયોજન સરકાર દ્વારા કરવું જોઈએ અને તેના માટે પીએલઆઈ અને કેપીટલ સબસિડી સ્કિમ પણ રાખવી જરૂરી છે, જેથી ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધી શકે.

– આ ઉપરાંત રો–મટીરીયલ આંતરાષ્ટ્રીય કોમ્પિટીશનના ભાવ પ્રમાણે મળવું જોઈએ અને ગ્લોબલ ક્‌વોલિટી પ્રમાણે હોવું જોઈએ.

– યાર્નનું રો–મટીરીયલ પીટીએની શોર્ટેઝને કારણે વિવિંગ યુનિટોને અઠવાડિયામાં બે બે દિવસ બંધ રાખવા પડે તેવી સ્થિતિનું નિર્માણ થયું છે.

– સ્પેશિયાલિટી યાર્ન જે ભારતમાં બનતા નથી તેના માટે સ્પેશિયલ પીએલઆઈ સ્કિમ લાવવી જોઈએ.

– ટફ સ્કિમ ન લાવવી હોય તો એમએસએમઈ માટે વિવિંગ અને નિટિંગ સેકટર માટે સ્પેશિયલ સ્કિમ લાવવી જોઈએ.

– હાલ વિશ્વના અલગ અલગ દેશોમાંથી રોજનું ૧ કરોડ મીટર કાપડ ઈમ્પોર્ટ થાય છે, ભારતની ફેબ્રિકસ અને ગારમેન્ટ ઈન્ડસ્ટ્રીને સપોર્ટ કરવા માટે આયાત થતા કપડાં પર પ્રતિબંધ મૂકવો જોઈએ.

– વોટર જેટ વિવિંગ મશીનો માટે CETP (કોમન ઈન્ફલ્યુએન્ટ પ્લાન્ટ) અને ZLD (ઝીરો લિકિવડ ડિસ્ચાર્જ) માટે સ્પેશિયલ સબસિડી આપવી જોઈએ.

– અત્યારે ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીનું ટાર્ગેટ નક્કી કરવામાં આવ્યું છે, તેમાં ટેક્ષ્ટાઇલ ઇન્ડસ્ટ્રીનો એક્ષ્પોર્ટનો ટાર્ગેટ વર્ષ ર૦૩૦ સુધીનો નક્કી કરવામાં આવ્યો છે, જેમાં ભારતનો શેર સિંગલ ડીજીટમાં છે, પરંતુ તેની ક્ષમતા ૧પથી ર૦ હોઇ શકે છે, આ શેર વર્ષ ર૦૪૭ સુધીમાં રપથી ૩૦ ટકા સુધી વધારી શકાય તેમ છે.

– ટેક્ષ્ટાઇલમાં આવનારા પ વર્ષમાં જીએસટીની ઈન્કમ રૂપિયા ૩ લાખ કરોડ સુધી પહોંચશે તેની સામે આ સ્કિમ અંતર્ગત રૂપિયા ૩૦ હજાર કરોડની ફાળવણી કરવી જરૂરી છે.

चंदन के टीके लगा कपड़ा व्यापारियों ने खेली फूलों की होली-एसजीटीए कार्यालय में होली स्नेह मिलन का आयोजन

सूरत. साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) की ओर से गुरुवार को होली स्नेह मिलन का आयोजन रिंग रोड कोहिनूर हाउस स्थित एसोसिएशन के कार्यालय में किया गया। इसमें कपड़ा व्यापार के विभिन्न घटकों समेत सामाजिक संगठनों ने आपस में स्नेह भरे रंगों की बौछार की। फूलों की होली के साथ चंदन टीका लगाकर, ठंडई और स्वादिष्ट पकवानों से सभी का स्वागत किया गया।

एसजीटीए के अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि एसोसिएशन के होली स्नेह मिलन में कपड़ा बाजार के विभिन्न घटक शामिल हुए। होली के गीतों पर व्यापारी खूब थिरके भी। एसोसिएशन के महामंत्री सचिन अग्रवाल, संतोष माखरिया और सुनील मित्तल ने आगंतुक अतिथियों को चंदन टीका लगाकर स्वागत किया। इस अवसर पर साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन, फोस्टा, फोगवा, भारतीय जैन संगठना, जैन इंटरनेशनल ट्रेड आर्गेनाइजेशन (जीतो), सूरत टेक्सटाइल मार्केट, रधुकुल टेक्सटाइल मार्केट, एनटीएम, मिलेनियम टेक्सटाइल मार्केट, आदर्श टेक्सटाइल मार्केट, रिजेंट मार्केट आदि संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इसके अलावा भाजपा के किशोर बिंदल, छोटू पाटिल, हेमाली बोघावाला, सुमन गाडिया, रश्मि साबु, समेत कपड़ा कारोबर के विभिन्न घटकों से अशोक जीरावाला, कमल तुलसियान,हरिवंश राय, श्रवणजी मांगोतिया, सुरेश मोदी, सज्जन जालान, अनिल अग्रवाल, संजय सरावगी, गट्टू भाई,अनिल अग्रवाल,आरके सिंह, प्रह्लाद अग्रवाल, केदार अग्रवाल, गणपत भंसाली, राजेश सुराणा, रामरतन बोहरा, ललित शर्मा समेत बड़ी संख्या में कपड़ा व्यापारी समारोह में मौजूद रहे।

नई टैक्सटाइल पॉलिसी मे 30 प्रतिशत कैपिटल तथा 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की माँग


अन्य राज्यों से बेहतर टैक्सटाइल पॉलिसी बनाने के लिए कपड़ा उद्यमियों की गुहार

सूरत
गुजरात की टेक्सटाइल पॉलिसी 31 दिसंबर को समाप्त हो गई है।ऐसे में कपड़ा उद्यमियों को नई टेक्सटाइल पॉलिसी से कई उम्मीदें हैं।कपड़ा उद्योगों का मानना है कि अन्य राज्यों में टेक्सटाइल पॉलिसी में कपड़ा उद्यमियों के लिए कई राहत होने के चलते वहां पर कपड़ा उद्योग का विकास तेजी से हो रहा है।यदि गुजरात की टेक्सटाइल पॉलिसी में कुछ नई चीजों को नहीं शामिल किया गया तो यहां से बड़े पैमाने पर कपड़ा उद्योग का पलायन हो सकता है।इसलिए चेंबर ऑफ कॉमर्स तथा कपड़ा उद्योग के कई संगठनों ने राज्य सरकार से टेक्सटाइल पॉलिसी में कई प्रकार की सब्सिडी की मांग की है।

  • चैम्बर तथा कपड़ा संगठन के प्रतिनिधी मिले अधिकारियों से
    गत सोमवार को राज्य सरकार के उद्योग और खनिज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एस. जे हैदर वित्त मंत्रालय के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेपी गुप्ता ने नई टेक्सटाइल पॉलिसी के बारे में चर्चा करने के लिए तमाम स्टेकहोल्डर को बुलाया था। जिसमे की चेंबर ऑफ कॉमर्स से पूर्व प्रमुख आशिष गुजराती तथा किरण ठुम्मर और फिआस्वी के अध्यक्ष भरत गांधी तथा फोगवा के प्रमुख अशोक जीरावाला फोस्टा के प्रमुख कैलाश हकीम आदि उपस्थित रहे। कपड़ा उद्यमियों का कहना था कि गुजरात की पुरानी टेक्सटाइल पॉलिसी में कपड़ा उद्योग के लिए जो मदद है उसे यथावत रखना चाहिए। लेकिन गुजरात अन्य राज्यों की तुलना में पीछे ना रह जाए इसलिए कपड़ा उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए अन्य नई चीज भी इसमें शामिल करना चाहिए। जैसे की 30% कैपिटल सब्सिडी साथ 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी एवम आईटी और एचटी बिजली कनेक्शन के लिए क्रमशः तो और ₹3 प्रति यूनिट इलेक्ट्रिक सब्सिडी होनी चाहिए।
  • ब्लैकआउट पीरियड नहीं रह सके इस पर भी ज़ोर
    अलावा कपड़ा उद्यमियों ने यह भी कहा कि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही टेक्सटाइल पॉलिसी का अमल 1 जनवरी 2024 से किया जाना चाहिए ताकि कोई ब्लैकआउट पीरियड नहीं रह सके। सूरत पॉलिएस्टर कपड़ों का सबसे बड़ा उत्पादक शहर है। सूरत में बने कपड़े देश विदेश में बिकते हैं महाराष्ट्र राज्य सरकार ने भी टेक्सटाइल पॉलिसी के विकास के लिए टेक्सटाइल पॉलिसी बीते दिनों में घोषित की थी। जिसमे की कपड़ा उद्यमियों के लिए कई छूट दी गई है।इसलिए कपड़ा जमीन चाहते हैं कि गुजरात की टेक्सटाइल पॉलिसी में भी कई छूट दी जाए जिससे कि गुजरात के कपड़ा उद्यमी महाराष्ट्र की ओर में पलायन नहीं हो।

पेइड एफ़एसआई के तौर पर मनपा की आय पाँच साल में हुई दो गुना


-2019-20 मे 426 करोड के मुक़ाबले वर्तमान वित्तीय वर्ष मे 966 करोड की आय

सूरत
सूरत के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का लाभ सूरत महानगरपालिका को भी हुआ है। बीते 5 साल में सूरत महानगर पालिका ने पेइड एफ़एसआई के तौर पर 2611 करोड रुपए से अधिक की कमाई की है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही पालिका को अभी तक 966 करोड रुपए की आए पेइड एफ़एसआई के तौर पर हुई है।वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक मनपा को 1000 करोड रुपए तक की आय होने की उम्मीद है।


मनपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार औद्योगिक शहर सूरत में लगातार तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के चलते नए घर,सोसाइटी और नए फ़्लैट के पर प्रोजेक्ट भी धड़ल्ले से आ रहे हैं।सूरत के चारों ओर तेजी से विकास कार्य हो रहा है। सचिन, जहांगीरपुरा, जहांगीराबाद, मोटा वराछा, रांदेर, वेसू, पिपलोद डिंडोली,गोडादरा सहित तमाम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट बन रहे हैं। लोगों की ओर से भी नए प्रोजेक्ट में अच्छी इंक्वारी की जा रही है।जिसके चलते बिल्डर भी प्रोजेक्ट शुरू करने में नहीं हिचक रहे।इसका सीधा फायदा आय के लिए अलग-अलग स्रोत ढूंढ रही मनपा को हुआ है।पेइड एफ़एसआई के तौर पर बिल्डर ने बीते 5 साल में लगभग 2600 करोड रुपए तक मनपा को दिए हैं। मनपा के नियम के अनुसार बिल्डर को निर्माण कार्य के लिए 1.8की एफ़एसआई दी जाती है। यदि बिल्डर अधिक निर्माण कार्य करना चाहते हैं तो मनपा उन्हें नियम के अनुसार कुछ इजाजत देती है।लेकिन इसके लिए मनपा को पेइड एफ़एसआई लेती है। यह क़ीमत कीमत जंत्री की कीमत की 30% के अनुसार मानी जाती है।

  • ⁠- तेज़ी से बढ़ी पेइड एफ़एसआई की आय
    वित्तीय वर्ष 2019-20 में 326 करोड़ 2020-21 में 132 करोड़, 2021-22 में 513 करोड़ और 2022-23 में 625 तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 966 करोड रुपए की आई हुई है।
    उल्लेखनीय है कि सूरत महानगरपालिका निर्माण कार्य के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दो तरह से मंजूर करती है मनपा को ज्यादातर आय ऑफ़लाइन मंजूरी से मिलती है। कोरोना के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छा माहौल है कोरोना के दिनों में कई बिल्डर के प्रोजेक्ट बंद हो गए थे जो कि अभी तक दिक्कत का सामना कर रहे हैं लेकिन आप ज्यादातर बिल्डर के लिए अच्छे दिन हैं।

बिल लावो इनाम पावो वाली स्कीम से सरकार का निशाना दूर तक!

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सरकार द्ववारा एक स्किम चलाई गई थी और चल भी रही हैं बिल लावो इनाम पावो इस स्कीम के जरिये भी जीएसटी डिपार्टमेंट आपके बिल की किस प्रकार से जांच करता है और फिर कारण बतावो नोटिस के जरिये जबाब भी पूछता है।यानी कि ये उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो जीएसटी रूल्स के मुताबिक B2C के इनवॉइस नही बनाते हैं।

जीएसटी रूल्स के मुताबिक 50 हजार से नीचे के बिल में इतनी डिटेल्स नही देनी होगी पर अगर आप B2C का कोई भी बिल 50 हजार से ऊपर बनाते हो तो उस बिल पर खरीददार का नाम, एड्र्स,स्टेट लिखना अनिवार्य है पर लापरवाही व छोटी सी गलती टैक्सपेयर्स कर बैठते हैं जिसकी वजह से फस जाते है अब होता ये की कोई भी परचेजर आपसे बिल लिया उसने सरकार द्ववारा चलाई गई।

स्किम के तहत इनाम पाने के लिए उसे अपलोड कर दिया कारण की सरकार लॉटरी सिस्टम के आधार पर इनाम जो दे रही हैं।और उधर आपका डेटा सरकार के पास चला गया।अब जब आप अपना जीएसटी आर 1 फ़ाइल करते है तब सरकार जीएसटी नम्बर के आधार पर पोट्रल के द्ववारा ये चेक हो जाता हैं कि एक जीएसटी नम्बर पर एक महीने में जितने बिल B2C के अपलोड हुई है क्या व आपके द्ववारा भेजे गए जीएसटी आर 1 में उतने बिल आ रहे है या नही।

इन सभी के आधार पर जीएसटी डिपार्टमेंट पहले भी कई तरीकों के आधार पर फेंक इनवॉइस व गलत अपलोड बिलो की जांच करता रहा हैं ठीक उसी तरह यहा भी चोरी कहा हो रही हैं ओर आपसे जबाब भी मांग सकता है।कुलमिलाकर सरकार को भी स्किम निकालती है उसमें भी अपना ही काम निकालती है।

22 फरवरी को पीएम मोदी आ रहे हैं गुजरात, राज्य के साउथ ज़ोन के देंगे ₹44 हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात

• प्रधानमंत्री ₹22,500 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित तापी के काकरापार के दो नए न्यूक्लियर पॉवर प्लान्ट्स करेंगे देश को समर्पित
• NHAI द्वारा ₹10,070 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक भाग भी होगा शुरू
• 10 विभिन्न विभागों के ₹5400 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भी लोकार्पण-शिलान्यास होगा
• सूरत महानगर पालिका, सूरत अर्बन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी और DREAM सिटी के विकास कार्यों को मिलाकर ₹5040 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास
• रेलवे विभाग का भी ₹1100 करोड़ से अधिक के विकास परियोजनाओं का होगा लोकर्पाण-शिलान्यास

गांधीनगर, 21 फरवरी 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 फरवरी को गुजरात के दौरे पर हैं और अपनी इस यात्रा के दौरान एक बार फिर वे गुजरातवासियों के लिए हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात देने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि फरवरी महीने में दूसरी बार प्रधानमंत्री गुजरात की जनता को विकास कार्यों का उपहार देने जा रहे हैं। हाल ही में 10 फरवरी को प्रधानमंत्री ने वर्चुअली लगभग 1 लाख से अधिक आवासों का लोकर्पण और शिलान्यास किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे पर राज्य के साउथ ज़ोन के 11 जिलों में 12 विभागों के ₹44 हजार करोड़ से अधिक के विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

₹22,500 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित दो नए न्यूक्लियर पॉवर प्लान्ट्स होंगे देश को समर्पित

प्रधानमंत्री द्वारा जनता को समर्पित किए जाने वाले विकास कार्यों में तापी के काकरापार में स्थित दो नए न्यूक्लियर प्लान्ट का उद्घाटन प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। 700 मेगावाट की क्षमता वाला यह न्यूक्लियर पॉवर प्लान्ट स्वच्छ एवं सतत ऊर्जा का उपयोग कर राज्य को शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ाएगा। गुजरात में भारत के पहले स्वदेशी परमाणु ऊर्जा संयंत्र, काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP-3) में यूनिट -3 का उद्घाटन भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया यह प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर (PHWR) अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वदेशी नवाचार और अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों का उदाहरण है।

NHAI के ₹10,070 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे एक भाग का लोकार्पण-शिलान्यास

पूरे राज्य में मजबूत रोड-नेटवर्क उपलब्ध कराना गुजरात सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। इस दिशा में राज्य के वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे तीन भागों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसमें पहला भाग लगभग 31 किलोमीटर लंबा मनुबर से सांपा है जिसे ₹2400 करोड़ से अधिक की लागत से बनाया गया है। इसी प्रकार, दूसरा भाग लगभग 32 किलोमीटर लंबा सांपा से पादरा है जिसे ₹3200 से अधिक की लागत से और तीसरा भाग लगभग 23 किलोमीटर लंबा पादरा से वडोदरा है जिसे ₹4300 करोड़ से अधिक की लागत से बनाया गया है। इस तरह से ₹10 हजार करोड़ से अधिक के NHAI की विकास परियोजनाएँ प्रधानमंत्री जनता को समर्पित करेंगे।

सूरत महानगर पालिका , सूरत अर्बन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी और DREAM सिटी के विकास कार्यों को मिलाकर ₹5040 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूरत महानगर पालिका , सूरत अर्बन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी और ड्रीम सिटी के विकास कार्यों को मिलाकर ₹5000 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भी शिलान्यास-उद्घाटन करेंगे। इसमें ₹3000 करोड़ से अधिक की लागत से 41 विकास कार्यों का शिलान्यास होना है और ₹2000 करोड़ से अधिक की लागत से 18 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन होना शामिल है। लोकार्पण होने वाले कार्यों में ₹840 करोड़ की लागत से 50 इलेक्ट्रिक बसेस को शुरू करना, ₹597 करोड़ की लागत से निर्मित तापी शुद्धीकरण प्रोजेक्ट के विभिन्न कार्य ओर ₹49 करोड़ की लागत से निर्मित DREAM सिटी लिमिटेड के विभिन्न कार्य तथा शिलान्यास होने वाले कार्य में ₹924 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली जल आपूर्ति योजना, ₹825 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले कन्वेन्शनल बैराज, सूरत अर्बन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी विस्तार के विविध गाँवों में नल से जल योजना के तहत ₹480 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली जल आपूर्ति योजना आदि कई विकास कार्य शामिल हैं।

10 विभिन्न विभागों के ₹5400 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भी होगा लोकार्पण-शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने इस दौरे पर गुजरात के साउथ जोन के 11 जिलों वडोदरा, नवसारी, भरुच, तापी, वलसाड, पंचमहाल, सूरत, छोटाउदेपुर, दाहोद, महिसागर, और नर्मदा में 10 विभिन्न विभागों के ₹5400 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भी लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे। इन जिलों में ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स, मार्ग और मकान, जल संसाधन और जल वितरण, आदिजाति विकास, श्रम और रोजगार विभाग, गृह, शहरी विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, और भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के 55 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया जाना है।

आपको बताते चलें कि दक्षिण गुजरात के विकास परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास की इस लंबी श्रृंखला में रेलवे के भी ₹1100 करोड़ से अधिक के विकास कार्य भी शामिल है। रेलवे के इन परियोजनाओं से दक्षिण गुजरात के कई जिले लाभान्वित होंगे।

डिजिटल बन रहे रेडी चालकः पीएम स्वनिधी योजना के तहत लिया 1.37करोड कैशबेक

14 फरवरी तक 98 हज़ार से अधिक रेडीचालको ने लिया 126.99 करोड की लोन
सूरत
केंद्र सरकार की ओर से रेडी चलाने वाले तथा छोटा व्यापार करने वाले छोटे व्यापार को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से वर्ष 2020 से शुरू की गई पीएम स्वनिधी योजना के तहत सूरत में 14 फरवरी तक 98,311 से अधिक छोटे व्यापारियों को 10 हज़ार रुपए से ले कर पचास हज़ार रुपये तक का लोन दी गई है। यह राशि 126.99 करोड रूपए तक है।इस योजना के तहत सरकार ने डिजिटल पेमेन्ट को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है।जिसका लाभ बड़ी संख्या में रेडी चालकों ने लिया है।योजना के तहत रेडी चालकों को 1.37करोड रुपये का कैशबैक भी अभी तक दिया जा चुका है।
सूरत महानगर पालिका मध्यस्थी के तौर पर
केंद्र सरकार ने रेडी चलाने वालों के लिए सन 2000 मे योजना शुरू की थी।इस योजना के तहत उन्हें 10 हज़ार रुपये से 50, हज़ार रुपया तक का ऋण दिया जाता है।सूरत महानगर पालिका इस योजना में रेडी चालकों और बैंक के बीच की मध्यस्थी के तौर पर काम कर रही है। ज़्यादातर रेडी चालकों को बैंक से लोन लेने में दिक़्क़त न आए तथा ज़रूरी प्रक्रियाएं सरलता से हो सकें इसलिए सूरत महानगर पालिका के अधिकारी उनकी मदद करते हैं। पहली बार 10, हज़ार रुपये का लोन पूरा होने पर वह व्यापारी दोबारा 20, हज़ार और तीसरी बार 50, हज़ार रुपये का लोन ले सकता है।सूरत में बड़ी संख्या में रेडी चालक सरकार की योजना का लाभ ले रहे हैं।
ऑनलाईन ट्रान्जेक्शन पर सरकार की ओर से इन्सेन्टिव
अधिकारियों का कहना है कि रोज़ 30 से अधिक लोग लोन के लिए फ़ॉर्म भर रहे हैं। इस योजना की एक खासियत यह है कि यदि लोन लेने वाला रेडी चालक व्यापारी एक महीने में 25 रुपये से अधिक वाले100 से अधिक ट्रांजेक्शन करता है और लगातार बारह महीने तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन उसके युपीआई अकाउंट में हो रहे हैं तो सरकार से प्रति माह के 100 रुपये के हिसाब से इन्सेंटिव देती है।इस तरह से अभी तक सूरत में 14 फ़रवरी तक 1.37 करोड रुपये का इंसेंटिव सरकार की ओर से दिया जा चुका है।
52 हज़ार से अधिक रेडी चलाने वालों के युपीआई सक्रिय
पीएम स्वनिधी योजना के तहत सूरत में लोन लेने वालों मे हाल मे 52 हज़ार से अधिक लोन धारकों का युपीआई अकाऊन्ट चल रहा है।सरकार ने अभी तक इस योजना के तहत लोन धारकों को ब्याज इंसेंटिव के तौर पर 2.51 करोड रुपये से अधिक राशि दी है। हाल में भी इस योजना के तहत लोगों को लोन दिया जा रहा है।

लोनधारको की संख्या
रक़म ————लोनधारक
10000—-78518
20000—16394
50000—-2963

ચેમ્બર ઓફ કોમર્સ દ્વારા શહેરના જુદા–જુદા વિસ્તારમાં શ્રમિકોની રક્ષા કાજે તેઓની સાયકલો પર રેટ્રો રિફલેકટર લગાડવામાં આવ્યા

સુરત શહેર ટ્રાફિક પોલીસની સાથે મળીને ત્રણ દિવસ દરમ્યાન ઉધના, પાંડેસરા, સચિન અને અમરોલી વિસ્તારમાં ૪૦૦૦ જેટલા શ્રમિકોની સાયકલો પર રેટ્રો રિફલેકટર લગાવવામાં આવ્યા

સુરતઃ સુરત શહેરના ઔદ્યોગિક વિસ્તારોમાં કામ કરતા શ્રમિકો મોટા ભાગે ઘરેથી ફેટકરી અને ફેકટરીથી ઘરે જવા માટે સાયકલનો ઉપયોગ કરતા હોય છે. મોટા ભાગે રાત્રિ દરમ્યાન તેઓ અંધારામાં સાયકલ પર પસાર થતા હોય છે ત્યારે કેટલીક વખત તેઓ અકસ્માતનો ભોગ બની જતા હોય છે. આ અકસ્માતમાં કેટલીક વખત તેઓને જીવ ગુમાવવાનો વારો આવે છે ત્યારે અંધારામાં પણ તેઓની સાયકલને અન્ય વાહનચાલકો જોઇ શકે તે માટે તેઓની સાયકલ પર રેટ્રો રિફલેકટર લગાવવાનું આયોજન કરવામાં આવ્યું હતું.

તા. ૧પ જાન્યુઆરીથી ૧પ ફેબ્રુઆરી દરમ્યાન ટ્રાફિક નેશનલ મન્થ તરીકે ઉજવવામાં આવ્યો હતો. જેના ભાગ રૂપે ધી સધર્ન ગુજરાત ચેમ્બર ઓફ કોમર્સ એન્ડ ઈન્ડસ્ટ્રીની ટ્રાફિક એજ્યુકેશન એન્ડ અવેરનેસ કમિટીના નેજા હેઠળ તા. ૧૩થી ૧પ ફેબ્રુઆરી, ર૦ર૪ દરમ્યાન ઉધના રોડ નંબર ૬ ખાતે બ્રિજ પાસે, ડિંડોલીના સાઇ પોઇન્ટ પાસે, સચિન નોટિફાઇડ એરિયા ગેટ નંબર ૧ અને અમરોલીમાં અંજની ઇન્ડસ્ટ્રી પાસે શ્રમિકોની સાયકલો પર રેટ્રો રિફલેકટર લગાવવામાં આવ્યા હતા.

ચેમ્બરની ટ્રાફિક એજ્યુકેશન એન્ડ અવેરનેસ કમિટીના ચેરપર્સન કામિનીબેન ડુમસવાલા, કો–ચેરમેન કૃષ્ણરામ ખરવર અને કમિટીના અન્ય સભ્યો તથા નાયબ પોલીસ કમિશ્નર અમિતાબેન વાનાણીની મદદથી સુરત શહેર ટ્રાફિક પોલીસ સબ ઇન્સ્પેકટર એસ.જી. ભુવા તથા અન્ય પોલીસ કર્મચારીઓએ ત્રણ દિવસ દરમ્યાન ૪૦૦૦ જેટલા શ્રમિકોની સાયકલો પર રેટ્રો રિફલેકટર લગાવ્યા હતા. આ કામગીરીમાં ત્યાંથી પસાર થતા કેટલાક મીલના માલિકો તેમજ સામાજિક સેવાભાવિ સંસ્થાના કર્મચારીઓ પણ જોડાયા હતા.