सूरत: यूनिवर्सिटी के इस निर्देश के बाद सिर खुजला रहे प्रोफ़ेसर

कोरोना के कारण स्कूल के साथ कॉलेजों में भी ऑनलाइन एजुकेशन चल रहा है। इसलिए विद्यार्थी पढ़ने की तैयारी कर सकें इसे ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ने तमाम कॉलेजों को प्रश्न बैंक बनाकर वेबसाइट पर अपलोड करने की सूचना दी है। यूनिवर्सिटी के इस फ़ैसले के बाद कॉलेज के प्रोफ़ेसर का काम बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि इसके चलते कुछ तो काम बढ़ने के डर से चिंतित भी है।


कोरोना के कारण विद्यार्थी कॉलेज नहीं जा पा रहे जिसके चलते उनकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पा रही। विद्यार्थियों को ऑनलाइन एजुकेशन लेना पड़ रहा है। अध्यापक भी घर पर ही से ऑनलाइन एजुकेशन दे रहे हैं। कॉलेज की ओर से जितना पढ़ाया जा रहा है विद्यार्थी उसकी तैयारी कर सकें इसलिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न बैंक बनाकर विद्यार्थियों को ऑनलाइन यह सुविधा देने की सूचना दी गई है।

गत दिनों शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी के कुलपति के साथ बैठक करके प्रश्न बैंक बनाने के लिए कह दिया है। हाल में ही एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में भी कुलपति ने कॉलेज के संबंधित विषयों का प्रश्नबैंक बनाकर ऑनलाइन अपलोड कर देने को कहा है ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई में कोई दिक्कत ना हो सके।

उल्लेखनीय है कि बच्चे कॉलेज नहीं जा पा रहे उन्हें ऑनलाइन एजुकेशन लेना पड़ रहा है। ऑनलाइन एजुकेशन की प्रथा में कई बच्चे समझ पा रहे हैं लेकिन कई बच्चे नहीं समझ पा रहे हैं य। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई सरलता से समझ आ सके इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह फैसला किया गया है

एम.कॉम का पेपर हॉथ में आते ही विद्यार्थी बोले ये तो कहीं देखा है….

दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से ली जा रही परीक्षा में एम कॉम सेमेस्टर 4 के फाइनेंशियल एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग की परीक्षा में जो प्रश्न पत्र आया वह बीते दो-तीन दिन से विद्यार्थियों के ग्रुप में वायरल हो रहे धंधुका कॉलेज के प्रश्नपत्र जैसा ही होने की चर्चा विद्यार्थियों में है।

व्हाट्सएप पर घूम रहे प्रश्नपत्र के जैसा ही पेपर आने के कारण विद्यार्थियों में आश्चर्य का माहौल है। साथ ही जिसने भी इस विषय का पेपर तैयार किया उसने पुराना पेपर कॉपी पेस्ट कर दिया ऐसी चर्चा चल रही है।


मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के माहौल के बीच दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में ली जा रही परीक्षा के दौरान एमकॉम की परीक्षा में विवाद खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि जो प्रश्न पत्र फाइनेंशियल एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग का जो प्रश्न पत्र आया था। बिल्कुल वैसा प्रश्नपत्र तीन-चार दिन से इसमें धंधुका की एक कॉलेज के दौरान यूनिट टेस्ट के समय लिया गया था। जो कि व्हॉट्स एप ग्रुप पर घूम रहा था।

साथ ही यह भी लिखा गया था कि शुक्रवार की परीक्षा के दौरान यही प्रश्न पूछा जा सकता है। कई विद्यार्थियों ने इसे सिर्फ अफवा मानते हुए नजर अंदाज कर दिया था लेकिन जब यही पेपर हाथ में है तो वह चौंक उठे। क्योंकि व्हाट्सएप ग्रुप में जो पेपर घूम रहा था वह भी यूनिवर्सिटी के प्रश्न पत्र जैसा ही था।

हालांकि कई विद्यार्थियों में इसे लेकर नाराजगी भी थी। इस बारे में कॉमर्स फेकल्टी के डीन विजय जोशी ने मीडिया को बताया कि यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं मार्च महीना में ले जाती है। इसलिए यह पेपर मार्च महीने में ही तैयार कर दिए गए थे। इससे यह प्रश्न पत्र कॉपी पेस्ट किए गए जाने की कोई संभावना ही नहीं है। हालाकि आपको बता दें कि धंधुका कॉलेज का प्रश्न पत्र भी मार्च महीने का ही था। ( प्रतिकात्मक फ़ोटो)

इन विद्यार्थियों को युनिवर्सिटी ने थमा दिए जीरो मार्क्स, जानिए क्या था कसूर

यूनिवर्सिटी की सिन्डिकेट ने परीक्षा में चोरी करने वाले यूनिवर्सिटी के एक ही विभाग के 11 विद्यार्थी सहित कॉलेजों के कुल 37 विद्यार्थियों को परीक्षा में शून्य मार्क देने का फैसला किया है।
मिली जानकारी के अनुसार हर साल कॉलेजो की परीक्षा के दौरान कई स्टुडेंट कॉपी केस तथा अन्य मामलों में पकड़े जाते हैं।

इस साल ऐसे विद्यार्थियों के लिए युनिवर्सिटी ने कड़े फैसले लिए हैं। यूनिवर्सिटी के नियम के अनुसार परीक्षा में अनियमितता और चोरी के मामलों में पकड़े गए तमाम विद्यार्थियों को फैक्ट कमेटी के समक्ष सुनने के लिए बुलाया जाता है।

इस कमेटी में विद्यार्थियों को सुनने और पूरी हियरिंग के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाता है। कमेटी के समक्ष पेश होने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाता है। हाल में 28 अगस्त को सिंडिकेट की मीटिंग थी। जिसमें की फैक्ट कमेटी की रिपोर्ट भी पेश किया गया। रिपोर्ट में अलग-अलग कॉलेज के विदयार्थियों की रिपोर्ट भी रखी गई थी।

इनमें से 33 विद्यार्थियों को शून्य मार्क देने की देने का फैसला किया था जिसे की सिन्डिकेट की मीटिंग में मान्य कर लिया गया। सभी के मार्क्स शून्य कर दिए गए। यहां तक की दो विद्यार्थियों का परिणाम भी रद्द कर दिया गया। 13 छात्रों का परिणाम घोषित करने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों के अनुसार 33 विद्यार्थियों में से 11 विद्यार्थी यूनिवर्सिटी के एक ही डिपार्टमेंट में से हैं। यह सभी एक दूसरे में से देख कर लिख रहे थे। सभी सितंबर 2020 के बाद होने वाली परीक्षा में भाग ले सकेंगे।

आईटीआई और डिप्लोमा के विद्यार्थियों को मिल सकेगा बी.ए में प्रवेश

यूनिवर्सिटी काउंसिल के शनिवार को आयोजित मीटिंग में आईटीआई और डिप्लोमा में अभ्यास करने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। आइटीईआई और डिप्लोमा में अभ्यास करने वाले विद्यार्थियों के हित को ध्यान में लेते हुए काउंसिल में यह फैसला किया गया है कि आईटीआई और डिप्लोमा में अभ्यास करने वालों को कक्षा 12 के समकक्ष मानते हुए बीए में प्रवेश दिया जाएगा।

साथ ही एग्रीकल्चर क्षेत्र में डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थी को बैचलर ऑफ रूरल स्टडीज में भी प्रवेश दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिए गए फैसले को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि अब तक बड़ी संख्या में आईटीआई या डिप्लोमा करने के बाद जो बच्चे पास होते थे उनको आगे ग्रेजुएट स्तर की पढ़ाई मैं दुविधा का सामना करना पड़ता था। जिसे देखते हुए शनिवार की मीटिंग में यह फैसला किया गया है।

इस फैसले के बाद हजारों बच्चों को राहत होगी। इसके अलावा ग्रेजुएट और पोस्ट आगामी 2 सितंबर से होने वाली परीक्षा में भी कुछ निर्णय लिए गए हैं। जिसके अनुसार बच्चे परेशान नहीं हो और परीक्षा की बिल्डिंग समय पर सैनिटाइज हो सके इसलिए परीक्षाओं के बीच 1 दिन का गैप रखा गया है।

अब एम.ए सेमेस्टर 2 और 4 की परीक्षा परीक्षा 2 से 11 सितंबर तक, बीए के अंतिम वर्ष की परीक्षा 10 से 23 सितंबर तक, बीकॉम की अंतिम वर्ष की परीक्षा 10 से 30 सितंबर तक, एमकॉम के सेमेस्टर 2 और 4 की परीक्षा 2 से 14 सितंबर तक, बीएससी की अंतिम वर्ष की परीक्षा 4 से 28, एमएससी के विविध विषयों की परीक्षा 3 से 10 सितंबर तक ली जाएगी। इसके पहले तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार के अनुसार ही परीक्षा 2 से 10 सितंबर के बीच शुरू की जाएंगी। जिसमें कि अब परीक्षा के बीच 1 दिन का अंतर रखा गया है।