पांडेसरा के गोवालक रोड पर रहने वाले और गणेश कृपा इंडस्ट्रियल सोसायटी में उमंग फोटो स्टूडियो के मालिक हसमुख रतीलाल रामाणी की साली सोनल की शादी कुछ वर्ष पहले  अमरोली के छापराभाठा में शिव सागर सोसायटी में रहने वाले भाविन के साथ हुई थी।

भाविन और उसके पिता जयसुख चोटलिया श्रमिक है।। शादी के बाद भाविन और सोनल के बीच कुछ दिन ठीक रहा इसके बाद आए दिन और झगड़ा होता था। सोनल ने अपने बहनोई हसमुखभाई रामाणी से इसकी शिकायत की थी। ससुराल में साली के साथ हो रहे बुरे व्यवहार के कारण हसमुख भाई उसे मायके भेज दिया। इससे उसका पति नाराज हो गया।


 कुछ महीने के बाद भाविन चोटालिया ने सोनल को ससुराल में भेजने के लिए कहा लेकिन ससुराल वालों ने उसे भेजने से इनकार कर दिया। जिससे कि भाविक और उसके पिता जयसुख चोटलिया नाराज हो गए और उन्होंने हंसमुख रामाणी को सबक सिखाने का फैसला किया।

12 जुलाई 2015 को 11:30 बजे के करीब हसमुख रामाणी के पांडेसरा स्थित अमन फोटो स्टूडियो चले गए और वहां पर रस्सी से गला दबाकर हसमुख रामाणी की हत्या कर दी। इतना ही नहीं इसके पहले उनके सिर पर हथौड़े से मार कर गंभीर ढंग से घायल कर दिया था। यह समग्र केस कोर्ट में चल रहा था।

सरकार की ओर से एडवोकेट अरविंद वसोया ने कोर्ट में दलील पेश की थी। जिसके आधार पर कोर्ट ने पिता-पुत्र और भाविन चोटालिया को कसूरवार ठहराते हुए आजीवन कैद की सजा दी। साथ ही तीन 3000 रूपए का दंड भी दिया। यदि यह रकम नहीं चुकाए तो उन्हें 3 महीने कैद की सजा सुनाई है।

गुजरात किसान संघर्ष समिति ने 12 मार्च के बाद दिल्ली मार्च में शामिल होने की घोषणा की थी । इसके बाद सूरत शहर और जिले की पुलिस किसान समाज के अग्रणियों पर नजर रख रही थी।

कुछ अग्रणी किसानो के आवासों के पास पुलिस की गश्त भी लगाई । लेकिन कल रात, किसान संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक जयेश पटेल (पाल), दक्षिण गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष, रमेश पटेल, एमएसएच शेख, प्रवीण पटेल और हेमंत पटेल, पुलिस से बचकर निजी वाहनों में दिल्ली रवाना हुए। इसके बाद, पुलिस आज पूरे दिन दौड़ रही थी।

सोमवार को दिल्ली में कुल 10 अग्रणी किसान पहुंच रहे हैं। इसके पहले संघर्ष समिति के संयोजक और गुजरात उच्च न्यायालय के कानूनविद आनंदवर्धन याग्निक ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, रेंज, आईजी और पुलिस आयुक्त सहित 10 पक्षकारों को  किसान अग्रणियो को गलत ढंग से गिरफ्तार करने तथा आधी रात या सबेरे उनके घर जाकर परेशान करने के लिए नोटिस दिया है।


 एलआईबी, एसओजी सहित एजेंसियों को भी पार्टी बनाया गया है। कानूनी नोटिस में कुल 10 किसान यूनियन नेताओं को पुलिस द्वारा कथित रूप से परेशान किया गया है। इसके बाद जिन जिलों में मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई है उसे हाइकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

पांडेसरा क्षेत्र की महिला ने अपने पति से त्रास कर आखिरकार देवर के साथ मिलकर पति को मार डाला। यह जानकारी उन्होंने छुपाने का प्रयास किया लेकिन पोस्टमार्टम में भांडा फूट गया। 


पुलिस सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पांडेसरा के गोवालक रोड पर क्षेत्रपाल सोसायटी में रहने वाले गोरख भानु प्रसाद चौहान शुक्रवार को पत्नी पुष्पा देवी और मौसेरे भाई राजेश हालत में 108 में सिविल लेकर गए थे। पत्नी और मृतक के भाई से पूछने पर पत्नी ने  बताया कि चक्कर आने के कारण गोरख नीचे गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।


पुलिस को उसकी बात पर शक होने के कारण उन्होंने फोरेन्सिक पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के दौरान गोरख के सिर सहित शरीर में कई स्थानों पर चोट नजर आई। इसके बाद डॉक्टर्स ने हत्या का अभिप्राय दिया। जिसके चलते पुलिस ने जब पूछताछ की तो पुष्पा देवी और अरे भाई राजेश में अलग-अलग बयान दर्ज कराए। जिससे पुलिस को शक हो गया। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो मौत का खुलासा हुआ।


पत्नी ने  पुलिस से बताया कि गोरखनाथ के कई दिनों से काम धंधा नहीं करता था। वह खर्च के लिए पुष्पा देवी से मारपीट करता था। 3 तारीख की रात को भी गोरखनाथ ने झगड़ा करके उसकी पिटाई की थी। इस दौरान मौसेरे भाई राजेश ने भाभी को छुड़ाकर गोरखनाथ की पिटाई की। दोनों ने गोरखनाथ को सुला दिया। सवेरे उठकर देवी को फिर पीटना चालू कर दिया। लेकिन पुष्पा ने लकड़ी का फटका छीन कर गोरखनाथ की पिटाई चालू कर दी।

इस दौरान राजेश वहां दौड़ा आया और उसने पिटाई कर गोरखनाथ को मौत के घाट उतार दिया। पांडेसरा पुलिस ने गोरखनाथ की हत्या के अपराध में पुष्पा देवी और मौसेरे भाई राजेश शत्रुघ्न प्रसाद को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया है।

दो दिन पहले काम पर जाने का कहने के बाद घर निकलने वाले पालनपुर पाटिया के अधेड़ व्यापारी की लाश जहांगीरपुरा से उनकी कार में ज़हर पीने की हालत में मिलने के कारण तरह-तरह के तर्क उठने लगे हैं। कुछ लोग इसे आर्थिक तंगी के कारण और परिवार में विवाद के कारण आत्महत्या बता रहे हैं।

सिविल हॉस्पिटल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रांदेर के पालनपुर क्षेत्र में अविष्कार रो हाउस में रहने वाले 48 साल के जयेश भाई भूपेंद्र भाई सरैया 2 दिन पहले काम पर जा रहे हैं। ऐसा कहकर अपनी कार लेकर निकले थे।

शाम तक वह वापस नहीं आए तो परिवार जनों ने उनसे फोन पर बात की करने की कोशिश की लेकिन फोन भी बंद था। तब घरवालों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया लेकिन उनका पता नहीं चला इस बारे में घर वालों ने रांदेर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।


इस दौरान कल शाम को जहांगीरपुरा के मधुबन पार्टी प्लॉट के पास एक अजनबी व्यक्ति बेहोश हालत में होने की जानकारी पुलिस को मिली थी। पुलिस वहां पर पहुंची तब उस व्यक्ति की पहचान गुम हुए कपड़ा व्यापारी जयेश तरैया के तौर पर हुई लेकिन तब तक जहरीली दवाई पीने से उनकी मौत हो चुकी थी। इस बारे में परिवार के लोगों को जानकारी दी गई।


जहांगीर पुलिस का कहना है कि वह मुंबई मार्केट में दुकान चलाते हैं। लॉकडाउन में व्यापार नहीं होने के कारण दुकान का किराया चढ़ गया था। उन्होंने परिवार के सदस्यों से भी किराया चुकाने के पैसे मांगे थे लेकिन नहीं मिले इसके अलावा संपत्ति का विवाद चल रहा था जयेश के पास एक चिट्ठी मिली है।

जिसमें लिखा है कि मैं जा रहा हूं। हिस्सा नहीं मिल रहा। इस जमाने में नहीं मिलूंगा अगले जमाने में आऊंगा। पुलिस ने तमाम संभावना को ध्यान में रखकर जांच शुरू की है।