सूरत के इच्छापोर में एक 32 वर्षीय महिला ने अपने पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले महिला ने एक वीडियो बनाया और खुलासा किया कि उसका पति उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. फिलहाल इच्छापोर पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर कार्रवाई की है.

सूरत के इचापोर जयराज सोसायटी में रहने वाली 32 वर्षीय नीतूबेन दीपक चौधरी ने आखिरी तारीख पर कहा। 19 तारीख को उन्होंने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक नीतूबेन के परिवार वालों ने उनके पति दीपकब्रिजमोहन चौधरी और अर्जुन बृजमोहन चौधरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. दहेज के पैसों को लेकर अक्सर नीतूबेन को परेशान किया जाता था।

आत्महत्या के बाद, पियरे पक्ष ने आरोप लगाया कि उसे उसके ससुराल वालों द्वारा मानसिक-शारीरिक यातना दी गई थी। पुलिस ने मामले की जांच की और पति समेत चार के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज किया।

गौरतलब है कि सुसाइड से पहले का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें पत्नी ने अपनी आत्महत्या के लिए अपने पति को बताया. आत्महत्या करने से पहले महिला ने वीडियो में अपने पति पर आरोप लगाया है कि मेरा पति दीपक चौधरी मुझे आए दिन मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है. इस वजह से वह मुझे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहा है, वह वीडियो रखना चाहता है ताकि पकड़ा न जाए, लेकिन यह आदमी मेरे आत्महत्या करने के पीछे है।

फिलहाल पुलिस ने इस मामले में परिवार के आरोपों के आधार पर बड़ी कार्रवाई की है. आत्महत्या करने वाली पत्नी के पति, ससुर, सास चार के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है. फिलहाल पत्नी के पति दीपक चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.

पता नहीं आज कल लोग छोटी छोटी बातों पर जान देने की क्यों ठान लेते हैं। पिछले कुछ वर्षो से जान देना तो मानो फैशन बनते जा रहा है। लोग अपने जीवन का मोल ही नहीं समझते। बस किसी बात का बुरा लग जाए तो जान देने जैसे कदम उठा लेते हैं। रोज सामू्हिक आत्महत्या जैसी घटनाए सामने आ रही है।

छत्तीसगढ़ में सामूहिक आत्महत्या का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पति से झगड़े के बाद पत्नी ने अपनी पांच बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक महिला और उसकी पांच बेटियों के शव रेलवे ट्रैक पर मिले।

पुलिस के मुताबिक सबसे बड़ी बेटी की उम्र 17 साल और सबसे छोटी बेटी की उम्र 10 साल थी। आत्महत्या करने वाली महिला की पहचान उमा साहू के रूप में हुई और उसकी उम्र 45 साल थी। उनकी पांच बेटियां अन्नपूर्णा, यशोदा, भूमिका, तुलसी और कुमकुम हैं।

घटना की सूचना पुलिस को सुबह तड़के मिली.पुलिस के मुताबिक महिला का रात में पति से झगड़ा हुआ था और फिर बेटियों को लेकर चली गई. सभी शव रेलवे ट्रैक पर मिले थे। हालांकि घटना की जांच की जा रही है, लेकिन आशंका है कि महिला ने अपनी बेटियों के साथ आत्महत्या की है।

पुलिस का यह भी कहना है कि महिला का पति शराब का आदी था। बुधवार की शाम शराब पीने को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। इसके बाद उमा अपनी बेटियों के साथ घर से निकल गई। बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े नौ बजे उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले की जांच पडताल शुरू की है।


डेढ़ साल पहले मिले फ़ेसबुक पर प्रेम होने के बाद प्रेमी ने युवती को बड़े बड़े वादे किए लेकिन युवती सब कुछ छोड़कर उससे शादी करने पहुँची तो युवक ने मिलने से भी इन्कार कर दिया। अंत में दुखी युवती ने आत्महत्या की कोशिश की। उसे उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया है।


वडोदरा में रहने वाली 24 साल की युवती प्रतिभा( नाम बदला)को वापी में रहने वाले युवक रमेश( नाम बदला)से फेसबुक पर मिली थी। डेढ़ साल से उनके बीच दोस्ती थी। इस के बाद दोनों की एक दूसरे से व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी। दोनों ने एक दूसरे को साथी बनाने का मन बना लिया।

दोनों ने अपने परिवार वालों को भी यह बात कही लेकिन युवती के पिता ने वापी के युवक के साथ शादी करने से साफ इंकार कर दिया। इस बात को लेकर युवती और उसके परिवार के बीच झगड़ा चल रहा था। युवती के परिवारवालों ने उसे घर से निकाल दिया। घर से निकाले जाने के बाद युवती एसटी बस से वलसाड तक पहुंची और अपने प्रेमी को बताया। लेकिन प्रेमी ने उसे मिलने वलसाड आने का इंकार कर दिया।


प्रेमी द्वारा इंकार करने पर युवती वलसाड रूरल पुलिस स्टेशन पहुंची और पुलिस कर्मचारियों को युवक से शादी कराने के लिए गुहार लगाई। पुलिस इस बारे में कुछ समझे इससे पहले ही प्रेमिका ने हाथ की नस काट कर जान देने की कोशिश की। जिसके चलते खुद पुलिस भी सख्ते में आ गई।

पुलिस ने तुरंत ही 108 एम्ब्युलेंस को बुलाकर युवती को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में दाखिल कर दिया गया है। पुलिस ने युवती के परिवारजनों को जानकारी दे दी है।

पंजाब के लुधियाना में बहुत ही दर्दनाक घटना सामने आ रही है। लुधियाना के जमालपुर क्षेत्र में एक पागल कहे जा सके ऐसे सरफिरे प्रेमी ने विवाहिता के 2 बच्चों को मार डालने के बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार शैलेंद्र नाम का शख्स उसके पड़ोस में रहने वाली मीनू नाम की विवाहिता को प्रेम करता था।वह मीनू को परेशान करता था। मीनू ने इस बारे में अपने पति शैलेंद्र को भी शिकायत की थी।

शैलेंद्र के मकान मालिक को भी शिकायत की थी। इससे शैलेंद्र को मकान मालिक ने रूम खाली करने की भी धमकी दी थी। जिसके चलते हैं उसके मन में मीनू के बदला लेने की भावना जागी। उसने शनिवार को मीनू के दोनों बच्चों की हत्या कर दी और खुद भी फांसी पर लटक गया। यह घटना गत रोज की है।

जब वह बच्चों की हत्या कर रहा था तब यह देख कर मीनू के दूसरे बेटे ने आवाज लगाई और वह वहां पहुंच गई। उसने घटना को देखते ही वह बेहोश हो गई।घटना के बारे में पड़ोसियों ने पुलिस को जानकारी दी मृतक बच्चों के पिता शंकर तिवारी की शिकायत के आधार पर शिकायत दर्ज किया है।


गुजरात के वडोदरा में सामूहिक आत्महत्या की घटना सामने आ रही है। घटना के कारण पूरे वडोदरा शहर में दुख का माहौल फैल गया है। मिली जानकारी के अनुसार वडोदरा शहर के समा क्षेत्र में स्वाति सोसायटी में एक सोनी परिवार ने जहरीली दवा निगलकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। जिसमें परिवार के 3 सदस्यों की मौत हो गई है। जबकि 3 को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

स्वाति सोसाइटी में रहने वाले सोनी परिवार के नरेंद्र सोनी, भाविन सोनी, दीप्ति सोनी, रिया सोनी, उर्वशी सोनी और 6 अन्य लोगों ने कीटनाशक पी ली थी। जिसमें एक लडकी और उसके पिता की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि समा क्षेत्र में स्वाति सोसाइटी की सी -13 बिल्डिंग में रहने वाले पूरे परिवार ने कीटनाशक निगलकर आत्महत्य की कोशिश की।

चर्चा हैं कि परिवार के सदस्यों ने आर्थिक तंगी के कारण आत्मघाती कदम उठाया। हालाकि अभी तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आ सकी है। जांच के बाद ही पूरी घटना सामने आ सकेगी।

घटना की जानकारी मिलते हीं पुलिस के उच्च अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और जांच शुरू की है। पुलिस ने आसपास के लोगों से भी पूछताछ शुरू की है। घटना के कारण पूरे वडोदरा शहर में दुख का माहौल फैल गया है।


मोटा वराछा के निवासी और मूल भावनगर के हीरा व्यापारी के बेटे ने गुरुवार की शाम को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसको भय था कि यदि वह दूसरे राउंड में नापास होगा तो लोगों को क्या मुंह दिखाएगा? घटना के सिलसिले में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है।


मिली जानकारी के अनुसार भावनगर के निवासी वराछा में पनवेल पॉइंट के पास व्हाइट हाउस में मयूर कल्याण डाखरा परिवार के साथ रहते थे। गुरुवार के उन्होंने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मयूर ने शाम को 5:30 से 7:15 के बीच घर के अंदर लैपटॉप का चार्जर पंखे में लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि मयूर के पिता कल्याण भाई हीरा के व्यापारी हैं। उनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री थे। जिसमें कि मयूर ने आत्महत्या कर ली।

मृतक के भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुरेश ने बताया कि मयूर बी-टेक तक पढ़ाई की थी। मयूर सिविल सर्विस की परीक्षा कर रहा था। मयूर ने दिल्ली में एक महीने रूक कर इसकी तैयारी की थी और प्रथम परीक्षा पास भी कर लिया था। जबकि कोरोना के कारण दूसरे राउंड में विलंब हो रहा था।

कोरोना के कारण पहले से 1 साल बिगड़ चुका था।14 फरवरी को फिर से दूसरे राउन्ड की परीक्षा होने वाली थी लेकिन यह रद्द होकर फिर से 7 मार्च की नई तारीख आई थी। जिसके चलते मयूर मानसिक तौर से डिस्टर्ब हो गया था। उसे परीक्षा में नापास होने का भय सता रहा था।

केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के लाखों प्रयास के बाद भी बलात्कार की घटनांए कम नहीं हो रही। कुछ दिनों पहले ही हाथरस की घटना के कारण यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई लोगों ने सवालिया निशान लगाया था कि इसके बाद बुलंदशहर में सामूहिक बलात्कार की शिकार एलएलबी छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की घटना ने पूरा माहौल गर्मा दिया है । छात्र ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें बलात्कार से लेकर पुलिस की जांच का वर्णन है। इसमें आरोप भी लगाए गए है।

आरोप है कि छात्र ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हरियाणा के फरीदाबाद से पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। घटना के बारे में पीडिता के आरोपो की जांच पुलिस कर रही है।


मिली जानकारी के अनुसार अनूपशहर में रहने वाली एलएलबी छात्र ने आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को कमरुद्दीन नामक एक युवक ने अपने दोस्तों के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की कोशिश की। इस बारे में अनूपशहर कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। लेकिन कमरूद्दीन ने उससे शादी करने का वादा किया, इसलिए उसने उसे माफ कर दिया।

लडकी ने उसे माफ कर दिया लेकिन उसके बदइरादो को नहीं समझ सकी थी। कमरूददीन ने इसका लाभ उठाया। 16 अक्टूबर को कमरुद्दीन ने उसे शादी का लालच दिया और और परीचित के घर ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। कमरूद्ददीन के इरादों को अब अच्छे से समझ चुकी लडकी ने 24 अक्टूबर को अनूपशहर कोतवाली में पुलिस शिकायत दर्ज कराई लेकिन बतााया जा रहा है आरोप को झूठला दिया गया और मामले में एक अंतिम रिपोर्ट दे दी गई। इस बात से निराश था कि आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।

इसलिए उसने घर पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पीडिता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ बुरा हुआ और पुलिस ने उसे न्याय नहीं दिया, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। एसएसपी संतोष कुमार ने मीडिया से कहा कि पीड़ित ने पहले छेड़छाड़ की प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन उस मामले में पीड़िता का बयान बदल दिया गया था। घटना के बारे में पीडिता के आरोपी की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि एसएसपी ने मामले में लापरवाही बरतने के लिए एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है।


कोरोना महामारी के कारण व्यापार उद्योग की हालत खराब है। लोगो को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। राज्य सरकार के निर्णय क कारण कोरोना के कारण स्कूले भी बंद हैं बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा में मोबाइल और लैपटॉप आदि जरूरी है। ऐसे में खराब वित्तीय स्थिति के कारण छात्रों को अध्ययन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

सूरत में एक ऐसी ही घटना सामने आई है। शहर के पांडेसरा इलाके में रहने वाली एक मानक 10 छात्रा ने एक अच्छी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त नहीं करने के कारण घुट-घुट कर अपनी जान दे दी। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी और पांडेसरा क्षेत्र के कृष्णा नगर के निवासी शिवशंकर रामकरन परिवार के साथ रहते हैं। रामकरन टेंपो चलाकर परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। तीन बेटियों में से एक आकांशा, 10 वीं कक्षा में पढ़ रही थी। आकांशा ने आज सुबह घर पर पंखे से दुपट्टा बांधकर आत्महत्या कर ली। परिवार के सदस्यों ने बताया कि आकांक्षा पांडेसरा की स्कूल में 10 वीं कक्षा में पढ़ रही थी।

गत रोज आकांशा को स्कूल बुलाया गया और शिक्षक ने ऑनलाइन अध्ययन के बारे में पूछा। आकांशा ने कहा कि परिवार में केवल एक ही मोबाइल है पापा जब काम पर जाते है तब उसे लेकर जाते हैं। इसलिए मैं अच्छी तरह से अध्ययन नहीं कर पा रही। आकांशा के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने के कारण वह दूसरा मोबाईल नहीं ले पा रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में वह लगातार तनाव में थी। इसी कारण से उसने आत्महत्या की होने की आशंका बताई जा रही है। पांडेसरा पुलिस मामले की जांच कर रही है।


सूरत में उधना क्षेत्र के संजयनगर में रहने वाले शांताराम बीरपात्रे की 17 वर्षीय बेटी शुभांगी कक्षा बारह कॉमर्स की छात्रा थी। शुक्रवार दोपहर उसके पिता नोटबुक लेने के लिए बाहर गए।घर लौटने पर शुभांगी फांसी पर लटकी हुई दिखी। यह देखकर पिता शांतारामभाई जमीन पर गिर पड़े। शुभांगी आत्महत्या के पीछे के कारण का पता नहीं चल सका।


घटना स्थल पर पहुँचे पुलिस ने माँगे के मृत प्रत्येक को मृत देह को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में भेज दिया बताया जा रहा है कि शुभांगी पढ़ाई लिखाई करने में भी अच्छे थी। इसके बावजूद उसने यह क़दम क्यों उठाया यह परिवार जनों को और आसपास के लोगों में भी चर्चा का विषय बना है। पुलिस ने परिवार जनों से शुभांगी को लेकर पूछताछ शुरू की है।

हालाँकि अभी तक तो शुभांगी की आत्महत्या के पीछे कोई कारण नज़र नहीं आ रहा है। फिर भी पुलिस ने अपनी ओर से सभी दिशाओं में जाँच शुरू कर दी है।पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर फ़िलहाल रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने शुभांगी के नजदीकियों आर परिवार जनों से भी इस बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास शुरू कर दिया है।

एक दो दिन में शुभांगी की आत्महत्या के कारण सामने आ जाने की संभावना बतायी जा रही है।उल्लेखनीय है कि शहर में इन दिनों किशोर किशोरियों में आत्महत्या की घटना की घटनाएँबढ़ गई है। वह परिवार जनों की छोटी मोटी बात पर भी नाराज़ हो जाते हैं और पता नहीं किस बात पर कौन सा क़दम उठा लेते हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार भारत में गुजरात राज्य तेज गति से विकास कर रहा है लेकिन गुजरात राज्य कई मामले में शायद अभी भी पीछे रह गया है। गुजरात में प्रतिदिन 22 लोग आत्महत्या कर लेते हैं। बीते 1 साल में लगभग 7655 लोगों ने आत्महत्या कर ली होने की जानकारी सामने आ रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में 7655 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

जिसमें 5168 पुरुष और 2486 महिलाएं थी। 2018 अपेक्षा यह लगभग 2% कम है। 2018 में 7793 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। राज्य में सबसे अधिक आत्महत्या 2139 पारिवारिक समस्या के कारण हुई थी जबकि, 1733 लोगों ने क्यों आत्महत्या की इसका पता नहीं चल सका। बीमारी के कारण 1634 लोगों ने आत्महत्या की। जबकि गरीबी के कारण 106, बेरोजगारी के कारण 219 और प्रेम संबंध के कारण 495 लोगों ने आत्महत्या कर ली।


प्रगतिशील और वाइब्रेंट गुजरात में इतनी बड़ी संख्या में आत्महत्या यह चिंता का विषय है। चार महानगरों की बात करें तो 2019 में सूरत में 795, अहमदाबाद में 763 घटनाएं हुई हैं जबकि राजकोट में 416 और बड़ौदा 218 मामले दर्ज हुए हैं। बीते साल की अपेक्षा सूरत और राजकोट में आत्महत्या की संख्या घटी है जबकि अहमदाबाद और बड़ौदा में आत्महत्या बढी है।

सूरत में 2018 में 816 की तुलना में 2019 में 795 लोगों ने आत्महत्या कर जान दे दी जबकि अहमदाबाद में 706 की अपेक्षा इस साल 763 लोगों ने आत्महत्या कर ली। राजकोट में बीते साल 449 आत्महत्या के सामने 416 बड़ौदा में 183 के मुकाबले 218 लोगों ने जान दे दी। बताया जा रहा है कि कोरोना के दौरान भी आत्महत्या की संख्या बढ़ी थी। लोग डिप्रेशन और बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहे थे।

बेरोजगारी और बेकारी के कारण आत्महत्या करनेवालों की संख्या भी चिंताजनक है।2019 में 219 लोगों ने बेरोजगारी के कारण जान दी थी और 106 लोगों ने तो सिर्फ बेकारी के कारण जान दे दी थी। अहमदाबाद में कुल 763 लोगों ने आत्महत्या की थी। इनमें से 539 पुरुष और 224 महिलाएं हैं। बेरोजगारी के कारण भी 2019 में 219 लोगों ने जान दी थी।

एनसीआरबी के इस रिपोर्ट को का हवाला देते हुए कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि नौकरी नहीं मिलने के कारण लोग जान दे रहे हैं। भाजपा सरकार की जन विरोधी, किसान विरोधी नीतियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। देश में 45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी का रेट पहुंचा है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया कि गुजरात में वर्तमान में 22 लोग प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं 1 साल में राज्य में 7655 लोगों ने आत्महत्या की है।