बोलो, जिन वाहनो के नाम पर लोन लिया वह अभी तक बने ही नहीं थे,

सूरत के सहारा दरवाजा रोड़ पर स्थित एक बैंक में से वाहन लोन के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 20 चीटरो ने 8.64 करोड़ रुपए का लोन ले लिया। मामला सामने आने पर बैंक की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।


पुलिस सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार वडोदरा के वाघोडिया रोड पर झवेरनगर के पास सहर्ष पार्क सोसायटी में रहने वाले सुमितभाई रमेशचंद्र भोसले तीन साल साल से सहारा दरवाजा पर ट्वीन टावर में यस बैंक में रिस्क कन्टेन्मेन्ट मैनेजक के तौर पर नौकरी करते हैं। उन्होंने 20 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें उन्होंने बताया है कि आरोपियों ने 20 अगस्त 2016 से अक्टूबर 2019 के दौरान कोमर्शियल वाहनो के लोन के लिए अर्जी की थी।

हालाकि उन्होंने जिन वाहनो के लिए अर्जी की थी। ऐसे वाहन अभी तक बने ही नहीं थे। लोन लेने के बाद इन्होंने फरवरी 2018 से लोन चुकाना बंद कर दिया। बैंक की ओर से विजिलन्स की जांच और ओडिट में लोन लेने वालों ने जिन दस्तावेजो के आधार पर लोन लिया था। वह वाहन ही नहीं मिले। उनके फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे।

इसके अलावा वाहनों के वेल्युएशन में भी गड़बड़ी पाई गई। कई गाडियां अलग-अलग साल में बनी होने के बाद भी उनका वेल्युएशन एक ही बताया गया था। अधिक जांच के दौरान पता चला कि अशोक लेलन कंपनी के जिन 48 वाहनों के नाम पर लोन लिया गया है उसमें से सिर्फ दो बनाई गई है। इसी तरह से टाटा कंपनी ने पांच गाड़ी में से एक भी नहीं बनाई है।

अशोक लेलन कंपनी और टाटा कंपनी ने नहीं बनाई फिर भी उ‌नके नाम से लोन लिया गया। इन चीटर्स ने 8.64 करोड़ रुपए के लोन में से 5.25 करोड रुपए नहीं चुकाए। बैंक मैनेजर ने जब लोन की किस्त बंद हो गई तो जांच करने पर मामला सामने आया है। अब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।


आरोपियों के नाम
कपिल पुरूषोत्तम कोठिया
इर्शाद कालु पठान
सलमा इर्शाद पठान
राजेश एम सोजित्रा
आशिष बी काकडिया
अखिल विन घिनैया
विजय एम घो़डिया
जीवन लाल राजगोर
शैलेष जादवाणी
बुघा बाला मेघा
इमरान कालु पठान
भावेश कालु गजेरा
अश्विन एम कटारिया
जगदीश गोंडलिया
संजय सटोडिया
मुकेश धीरू सोजित्रा
जिग्नेश भीमजी विराणी
घनश्याम चलोडिया
जितेन्द्र वाघाणी
बुघा बाला मेघा