सूरत जिले के कामरेज के जोजा गांव के सरपंच को आज सूरत एसीबी की टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत जोखा गांव के लाभार्थियों के लिए मकान बनाने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग करने के बाद एसीबी ने निगरानी स्थापित कर सरपंच हितेश जोशी को एक शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया।

एक जागरूक नागरिक ने एसीबी से की शिकायत की थी एसीबी सूत्रों ने कहा कि कामरेज के जोखागम के सरपंच रुपये की मांग कर रहे थे। इतना ही नहीं, वे पहले भी दो बार 51,000 रुपये ले चुके हैं, जिसके बाद फिर से 50 हजार रुपये की मांग की थी।


आज एसीबी की टीम कामरेज तालुका के जोखा गांव के राजपूत फलिया में रहने वाले सरपंच के घर के आसपास वॉच में बैठी थी. सरपंच से 50 हजार रुपए लेते ही टीम पहुँच गई। एसीबी ने रिश्वत में मांगी गई राशि को भी जब्त कर लिया है।


एसीबी ने आरोपी सरपंच हितेश जोशी को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की है. ट्रैपिंग अधिकारी आरके सोलंकी, पीआई, सूरत ग्रामीण एसीबी पुलिस स्टेशन, सूरत और एसीबी कर्मचारी थे। एसीबी की टीम सूरत एसीबी के सहायक निदेशक एनपी गोहिल की देखरेख में काम करती थी।


एन्टि करप्शन ब्यूरो ने शुक्रवार को धनतेरस के दिन, पटवारी और उनके गुर्गे को रिश्वत लेते पकड़ लिया। पालनपुर गांव में अडाजण पटवारी ने पेढीनामां( वंशावली) बनाने के लिए 1500 रुपए मांगे होने की शिकायत की गई थी। मामले के बारे में जाँच शुरू की गई है।


मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने एन्टि करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई थी कि पालनपुर गांव और अडाजण की पटवारी हिरलबेन नवीनचंद्र धोलकिया ने आरोपी से वंशावली तैयार करने के लिए 1500 रूपए रिश्वत के तौर पर मांगे थे, जो कि आरोपी ने मना कर दिया। इसके बाद सौदा एक हजार पर तय हुआ।

यह रकम शिकायतकर्ता को हिरलबेन के साथ के कांतिभाई गोविंदभाई पटेल को देनी था। इस दौरान शिकायतकर्ता जब रिश्वत देने गया तब दोनो को लांच लेते हुए सिटी तहसील के कार्यालय में ही  पकड़ लिया गया।

चर्चा है कि पटवारी के कार्यालय में पटवारी हिरल के बदले रिश्वत लेने वाले कांति पटेल को निर्देश दिया था। इसलिए एसीबी ने दोनो को डिटेन कर जांच की कार्रवाई शुरू की है। जांच के बाद शिकायतकर्ता ने आरोपो की सच्चाई पता चलेगी।

उल्लेखनीय है कि एसीबी विभाग की ओर से भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ लगभग हर पन्द्रह दिनों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके बावजूद कुछ सरकारी विभागों में यह दूषण कम नहीं हो रहा।

बीते दिनों भी एन्टि करप्शन ब्यूरो में ट्राफ़िक ब्रिगेड के जवान के ख़िलाफ़ भी रिश्वत का मामला दर्ज करवाया था। सूरत शहर में एसीबी विभाग सक्रिय होने से भ्रष्टाचार में कमी आई है लेकिन फिर भी और सख़्ती की ज़रूरत है।


एसीबी ने कल बलात्कार का केस कमजोर करने के मामले में एक पुलिस कर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बाद छूटक फल की बिक्री और सब्जी बेचने वाले लारी चालकों से एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए टीआरबी और एएसआई को रंगेहाथ पकड़ लिया।  

सीबी को जानकारी मिली थी कि फल का व्यापार करने वाले से कुछ पुलिस कर्मी और टीआरबी के जवान रिश्वत मांगते है। एसीबी ने इस बारे में वहाँ के एक जागृत शख्स की मदद ली। यह शख़्स हीराबाग चौराहे और कपोद्रा चौराहे के बीच सार्वजनिक सड़क पर फलों की लॉरी लगाते है। ट्राफिक एएसआई और टीआरबी जवान सडक पर लॉरी रखकर व्यापार करने के बदले में इनसे 500 से 1000 रुपये प्रति माह रिश्वत की मांग कर रहे थे।

इस बारे में जब लारी चालक आरोपी ट्रैफिक शाखा के राकेश फतेहसिंह चौधरी से मिला तो  उन्होंने आरोपी टीआरबी जवान संजय कनैयालाल कुशवाहा को रिश्वत के पैसे सौंपने को कहा। इसके बाद एसीबी को जानकारी मिलने पर एसीबी के पुलिस निरीक्षक एसएन देसाई ने जाल बिछाया। जिसमें उन्हें 1000 रुपये की रिश्वत लेने और एक-दूसरे की मदद करने के ट्रैफिक एएसआई और टीआरबी को रिश्वत केआरोप में हिरासत में लिया गया है।

इससे पहले, एक टीआरबी जवान को कॉजवे सिंगानपुर रोड पर रिश्वत लेते पकड़ा गया था।टीआरबी जवान राकेश लालबाबू यादव ने 29 जून को सब्जी मंडी में खुदरा सब्जी बेचने वाले व्यापारियों से 100 रुपये प्रति माह रिश्वत की मांग की। उसने कहा था कि अगर वह इसके साथ पैसा नहीं देते हैं, तो उन्हें गलत तरीके से परेशान करेंगे ।

उसने सभी व्यापारियों से 100 रुपये में 4,000 रुपये की मांग की। इसलिए एक व्यापारी ने सूरत ग्रामीण एसीबी से संपर्क किया और जाल बिछाया। राकेश को कॉजवे सिंगानपुर रोड पर 4,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।


जमीन माप तोल करने के लिए के लिए 18 लाख रुपए की रिश्वत की मांग जमीन माप तौल अधिकारी राजपरा और रेवेन्यू मामलतदार बोघरा ने की थी।

इसमें से आधा पेमेंट मंगलवार को देने के लिए तय किया गया था। शिकायतकर्ता के पास से आधी पेमेंट लेने के लिए दोनों अधिकारियों की ओर से तय किए गए शख्स नानपुरा में जजीस कॉलोनी के बाहर बस स्टॉप के सामने आए थे। इस दौरान मामलतदार के साथ शिकायतकर्ता ने फोन पर बात कर 900000 दिए।

इस दौरान वहां पहुंची एसीबी ने पहले से ही ट्रैप कर रिश्वत लेने आए दोनो शख्स को को पकड़ लिया। फिलहाल एसीबी ने चारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है। इस मामले में जमीन मापतौल करने वाले अधिकारी रितेश बालू भाई राजपरा जोकि नानपुरा क्षेत्र में रहते हैं और जमीन दफ्तर में इंचार्ज जिला निरीक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। उनके साथ पूणा के जन सेवा केंद्र में कार्यरत जस्मीन अरविंद बोघरा को मु्ख्य आरोपी मानते हुए जांच शुरू की है।


बताया जा रहा है कि दोनो अधिकारियों ने जमीन मालक से 18 लाख रुपए मांगे थे। इसमें से आधे अभी और आधी रकम काम होने के बाद चुकाने को कहा था। इस बारे में जमीन मालिक ने एसीबी मे शिकायतदर्ज कराई थी। एसीबी ने इस बारे में वॉच रखी थी।

मंगलवार को तय हुए सौदे के अनुसार अधिकारी की ओर से तय किए गए दो शख्स रुपए लेने गए थे तब अधिकारी जस्मिन भाई ने शिकायतकर्ता को फोन कर लांच की रकम लवजी भाई चकलासिया नाम के शख्स को आधी रकम देनो को कहा।

इसके कछ समय बाद उन्होने फोनकर राजेश भानुभाई शेलडिया को भी रकम देने को कहा। इसके बाद शिकायतकर्ता रुपए देने का इंतजार कर रहे थे। तब दोनो साथ में रूपए लेने आए थे। तब एसीबी ने दोनो को पकड़ लिया।

एक ओर जहां लोग लॉकडाउन के कारण बीते दिनों व्यापार-उद्योगों के बंद होने से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहें है। वहीं दूसरी ओर अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर लोगों से हप्ता वसूली करने वाला ट्रैफ़िक ब्रिगेड कर्मी 4 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया। टीआरबी जवान सब्जी बेचनेवालों से मासिक 100 रुपये की रिश्वत की माँग कर रहा था।


मिली जानकारी के अनुसार वेडरोड क्षेत्र में अखंड आनंद कॉलेज के पास रहने वाला राकेश लालबाबु यादव सूरत ट्राफिक विभाग में टीआरबी के तौर पर काम करता है। अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर राकेश सब्जी मार्केट में छुटक सब्जीविक्रेताओं से हर महीने 100 रुपये की रिश्वत मांगता था।

रिश्वत के 100 रुपये जो सब्जीविक्रेता नही देता था उसे राकेश यादव हैरान परेशान करके मार्केट के आसपास बैठने नहीं देता था। उसके इस रवैये के कारण कई सब्ज़ी विक्रेता परेशान हो गए थे और कइयों ने तो वहाँ सब्ज़ी बेचना छोड़ दिया।

राकेश से बचना हो तो लोगों को उसे हप्ता देना ही पड़ता था। राकेश ने सब्ज़ी विक्रेताओं में से एक सब्ज़ी विक्रेता को अपना काम सौंप दिया और तमाम सब्जी विक्रेताओं से हर महिने 100-100 रुपये जमा करके प्रति माह 4 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब उसने यह बात अन्य 40 जितने सब्ज़ी विक्रेता को कही तो सब नाराज हो गए और एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी।

सब्ज़ी विक्रेताओं की शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने सींगणपोर कोजवे रोड पर सिल्वर स्टोन आर्केड एसबीआई के सामने रास्ते पर टीआरबी जवान राकेश लालबाबु यादव को सब्जीविक्रेता से 4000 रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया।


सूरत में फंसे 323 हीरा उद्यमियों के परिवार को स्पेशल फ्लाइट से भेजा हांगकांग
चीन के नए साल की शुरुआत के कारण वहां स्थाई हो गए सूरत के उद्यमी जनवरी में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने सूरत आए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण उद्यमियों का परिवार यही फस गया था। आखिर सोमवार को सूरत और हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने मिलकर स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें हॉन्ग कोंग पहुंचा दिया।


इस बारे में हीरा उद्यमी निलेश बोडकी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग में व्यापार के लिए बड़ी संख्या में सूरत के लोग वहीं स्थायी हो गए हैं जोकि, साल भर में जनवरी में चीन के नए साल के वेकेशन के दौरान वापस आते हैं। इस दौरान वहां पर जनवरी से 15 से 25 तारीख तक चीन का नया साल का वेकेशन होने के कारण भी वह अपने परिवार के साथ सूरत आए थे। मार्च में हांगकांग का मार्केट खुल जाने से हीरा उद्यमी खुद तो वापस चले गए लेकिन उनका परिवार यहीं पर था। इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो जाने से उनका परिवार यहां फस गया।

बीते 4 महीने से हीरा उद्यमियों का परिवार यहीं पर फंसा था। बार-बार सूरत में फंसे हीरा उद्यमियों के परिवार उन्हें वापस ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन, यह संभव नहीं था। आखिरकार सूरत से ही राज्य में होने हॉन्ग कोंग की सरकार से संकलन करना शुरू किया और हीरा उद्यमी विजय, जेमिस,हरीश,किरण और संजय भाई ने मिलकर वहां से एयरलाइंस के लिए परमिशन ले ली।कई दिनों तक परमिशन की प्रक्रिया के बाद सोमवार की शाम सूरत से कुल 343 लोगों को जिसमें कि 115 बच्चे और 189 बड़े लोग थे उन्हें पहले मुंबई ले जाया गया और मुंबई से इथोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट से हांगकांग भेजा गया।