आम आदमी पार्टी के नगर सेवक ने सूरत एपीएमसी मार्केट (पुणे सरदार मार्केट यार्ड) मे सब्ज़ी विक्रेताओं से ज़्यादा कमीशन लेने का आरोप लगाया है। है, AAP के पुणा क्षेत्र के सेवक धर्मेंद्र वावलिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सूरत एपीएमसी के पास माल की बिक्री के बदले व्यापारियों से छह प्रतिशत कमीशन वसूलने का एक अधिनियम है लेकिन स्टिंग में कुछ दलाल छह से आठ प्रतिशत ब्रोकरेज लेते पाए गए।
इसी तरह में बाजार में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों के लिए पास सिस्टम है। फिर भी 20 प्रतिशत वाहन पास के साथ प्रवेश करते हैं जबकि 80 प्रतिशत वाहन बिना अवैध पास के प्रवेश करते हैं। उनके पास सुरक्षा कर्मचारी अवैध वसूली करते हैं। यह संग्रह किसके लिए है? इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। चूंकि राज्य में किसी भी एमपीएमसी की तुलना में यहाँ कमीशन दो प्रतिशत प्रतिशत अधिक है, सूरत के लोगों को 20 प्रतिशत अधिक महंगी सब्जियां मिलती हैं। प्रेस कांफ्रेंस में आपके द्वारा एपीएमसी के कुछ वीडियो प्रस्तुत किए गए।
शिकायत यह भी है कि सब्जियों के बोरी का भार हर कांटे पर अलग-अलग दिखता है। इससे ऐसी स्थिति पैदा होती है जहां खरीदार को धोखा दिया जाता है। बड़ा सवाल यह है कि एक ही बोरे का वजन अलग-अलग वजन के कांटे पर अलग-अलग कैसे हो सकता है लेकिन सूरत के एपीएमसी में यह कई सालों से बेतरतीब ढंग से चल रहा है।
आम आदमी पार्टी के पार्षद धर्मेंद्र वावलिया ने कहा कि सूरत एपीएमसी मे चल रही लूट का पर्दाफाश होना चाहिए। सभी एपीएमसी बाजारों में ब्रोकरेज कानूनी रूप से 6 प्रतिशत वसूला जाता है। लेकिन सूरत एपीएमसी बाजार में करीब आठ फीसदी लिया जा रहा है। बिचौलिए सब्जियां खरीद कर वहीं सब्जियों के दाम 20 फीसदी बढ़ा देते हैं और वहां के लॉरियों के सब्जी विक्रेताओं को बेच देते हैं। इससे सब्जियां सामान्य वर्ग तक पहुंचते-पहुंचते वास्तविक कीमत से 30 फीसदी महंगी हो जाती हैं।
सूरत एपीएमसी( एग्री कल्चर प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी) पूरे देश के 2487 एमपीएसी मार्केट में से पहला मार्केट बन गया है जिसमें कि बच गई खराब सब्जी का इस्तेमाल कर बायो सीएनजी गेस उत्पन्न किया जाता है। देश के वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल ने अपने ट्वीटर अकाउन्ट पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और सूरत एपीएमसी को बधाई दी।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत की एपीएमसी मार्केट में प्रतिदन कई राज्यों में से 1700 से 2300 टन सब्जियां आती है। इनमें से अंदाजन प्रतिदिन 25 टन सब्जी बिगड़ जाती है। सड़ीं हुई सब्जियों का निकाल करना एक समस्या के समान था। एपीएमसी ने इसके लिए सूरत महानगरपालिका को ठेका दिया था। पालिका यह सड़ी हुई सब्जियां ले जाती थी। इसके अवेज में एपीएमसी प्रतिदिन पांच हजार रुपए लेती थी। कई बार तो पालिका के स्टाफ नही आने के कारण सब्जियां वहीं बास मारने लगती थी।
इस दौरान गुजरात गैस कंपनी ने यदि एपीएमसी इन सड़ी हुई सब्जियों में से सीएनजी गैस बनाए तो खरीदने के लिए उत्सुकता दिखाई। सूरत एपीएमसी के चेरमेन रमण जानी ने बताया कि प्लान्ट की क्षमता पचास टन की है लेकिन फिलहाल यहां पर पच्चीस टन की क्षमता से गैस बनाई जा रही है। यहां प्रतिदिन 1000 क्यूबिक मीटर गैस बनती है। पहले यह सब्जी मनपा ले जाती थी और डम्प कर देती थी इससे प्रदषण का खतरा था जो कि अब नहीं है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में 2487 एपीएमसी मे सूरत एपीएमसी एक मात्र मार्केट है जो कि गैस उत्पादन भी करती है।
इसके अलावा गैस के उत्पादन के दौरान 16 हजार स्लरी लिक्विड भी बनता है जो कि एपीएमसी की ओर से ग्राहकों को प्रति लीटरक दो रूपए की कीमत से बेच दिया जाता है। इस तरह एपीएमसी जो कि पहले खराब सब्जियों को हटाने के लिए प्रतिदिन पाच हजार रुपए खच्र कतरी थी वह अब प्रतिमाह गैस और लिक्विड के माध्यम से 11.61 लाख रूपए कमा रहा है।राज्य सरकार ने इसके लिए 1.25 करोड रुपए की ग्रान्ट दी है जबकि एपीएमसी को 4.75 करोड रुपए खर्च करना पड़ा है। यह प्लान् सात महीने पहले एपीएमसी ने छह करोड रुपए की लागत से पचास टन बायोगैस बनाने के लिए प्लान्ट तैयार किया।
लॉकडाउन के दौरान सूरत एपीएमसी ने 67 दिनों में एक लाख टन शाकभाजी बेचने का रेकॉर्ड दर्ज किया है। यह रेकॉर्ड सूरत में किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय हुई बिक्री से अधिक है। लॉकडाउन के दौरान सूरत एपीएमसी ने 250 करोड रूपए का व्यापार कर रेकॉर्ड बनाया है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान एपीएमसी 67 दिनों तक खुला रहा और यहां पर प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष ढंग से 35 हजार लोगों को रोजगार मिला।
सामान्य दिनों में सूरत एपीएमसी में लॉकडाउन के दौरान सूरत और तापी जिला के 15 हजार किसानो से लेकर 35 हजार छोटे-बडे व्यापारियों का आना-जाना होता था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान 40 प्रतिशत भीड रह गई थी।
सूरत एपीएमसी में दिल्ली, महाराष्ट्रस सिमला, आंध्रप्रदेश , पंजाब आदि राज्यों में से कांदा, बटाका, भिंडी, टमाटर, लौकी सहित कुल मिलाकर 150 से अधिक शाकभाजी और फल आते हैं। एपीएमसी मार्केट चालू रहने से किसानो का करोड़ो का नुकसान होने से बच गया।
मास्क बिना निकले तो घर आ जाएगा ई-मेमो
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए अब प्रशासन ने सूरत में भी कड़े नियम का पालन अनिवार्य कर दिया है। अहमदाबाद के अब सूरत में भी यदि आप मास्क के बिना घर से बाइक पर निकल गए हैं तो आप के घर पर दो सौ रुपए का ई-मेमो आ जाएगा। फिलहाल इस पर विचार चल रहा है। जल्दी ही फैसला आ जाएगा।
अनलॉक-1 के दौरान जिस तरह से तेजी से शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने सभी की नींद उडा़ रखी है। मनपा की ओर से कोरोना की रोकथाम के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। मनपा की ओर से पहले से सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने और मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब मनपा शहर में लगे सीसटीवी कैमरे फूटेज के आधार पर जो लोग मास्क नहीं पहन रहे उनके खिलाफ कार्यवाही करने को सोच रही है।
वाहनों के नंबर की मदद से मास्क नहीं पहनने वालों के घर पर दो सौ रुपए का ई-मेमो भेज दिया जाएगा। फिलहाल यह नियम अभी तक अहमदाबाद में अमल में हैं। सूरत शहर और जिला में अब तक कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 107 पर पहुंच गई है। सूरत में लिंबायत, कतारगाम, सेन्ट्रल जोन सहित कुछ क्षेत्रों में से कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में दर्ज हो रहे हैं। मनपा प्रशासन की ओर से इनके लिए नई व्यूह रचना की जा रही है।