क्रेडिट कार्ड बंद करवाने के चक्कर में लाखो गँवाएँ!

सूरत. क्रेडिट कार्ड बंद करवाने की कोशिश कर रहे डिंडोली क्षेत्र के प्लम्बर के अकाउंट ठगों ने 2.30 लाख रुपए निकाल लिए। डिंडोली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की हैं। डिंडोली के सेतवान यादव के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड के जरिए उसके खाते से 3 हजार 500 रुपए कट गए थे। उसने 30 जून को अपना कार्ड बंद करवाने के लिए कार्ड पर नजर आ रहे कस्टमर केयर नम्बर पर कॉल किया।

दोनों अलग अलग नम्बरों पर कोशिश की लेकिन नम्बर एंगेज मिले। कुछ समय बाद उसके मोबाइल पर कॉल आया और फोन करने वाले अपनी पहचान कस्टमर केयर अधिकारी के रूप में दी। उमेश ने अपनी समस्या बताई और कार्ड बंद करने को कहा। इस पर सामने वाले ने उमेश को एप डाउनलोड करने के लिए कहा और ओटीपी ले लिया।

उसके बाद कहा कि दो हजार रुपए आपके खाते में रिटर्न हो जाएगें। अगले दिन फिर उसका कॉल आया और कार्ड बंद करवाने की प्रोसेस के बहाने विश्वास में लिया। दो दिनों में उसके बैंक खाते से २.३० लाख रुपए पार कर दिए। उमेश ने थाने में लिखित शिकायत दी

19 जुलाई को बैंक कर्मी सरकार की नीतियों के विरोध में करेंगे प्रदर्शन!

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19 जुलाई 2021 को बैंक के राष्ट्रीयकरण की 52वीं वर्षगांठ के अवसर पर बैंक कर्मचारियों द्वारा एक कार्यक्रम की घोषणा की गई है। जिसमें बैक वर्कर्स निजीकरण के विरोध में बैज लगाकर बेकिंग का काम करेंगे।गुजरात बैक वर्स यूनियन के नेताओं का कहना है कि 19 जुलाई 1969 को देश के 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

1980 में अन्य 3 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। बेकिंग क्षेत्र में निजीकरण 1990 तक मौजूद नहीं था। 1991 में उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीति आने के बाद बैंकिंग क्षेत्र में निजीकरण का शुरू हुआ। सरकार द्वारा किए गए निजीकरण के खिलाफ एसोसिएशन द्वारा नाराजगी जताई गई है।

निजी बैंकों की सेवाएं ग्राम्य क्षेत्रों मे नहीं हैं भ्रम फैलाया जाता है की बैंकों की सेवा अच्छी नहीं है और यह गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। गुजरात के बैक कर्मचारी 15 जुलाई को बैज पहन कर सरकार की निजीकरण नीति का विरोध करेंगे इसमें ट्विटर की मदद लेंगे।


यूनियन की मुख्य मांग हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मज़बूत बनाना और उनके निजीकरण को रोकना है। असलामत लोन की वसूली करना और जानबूझकर टैक्स नहीं देने वालों का नाम घोषित करना चाहिए और केस करना चाहिए। लोन पर ब्याज दर और सर्विस पर चार्ज घटाए। गुजरात बैंक वर्कर यूनियन के महामंत्री के पी अंताणी और अग्रणी वसंत बारोट ने यह जानकारी दी।

23 तारीख को एनईएफटी करने से पहले यह पढ ले, आरबीआई ने दी यह सूचना

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शहर की बैंको ने शुक्रवार को अपने सभी खातेदारों को मैसेज भेजकर 23 तारीख को एनईएफटी सर्विस रात 1 बजे से दोपहर दो बजे तक बंद रहने का मैसेज किया है। मतलब कि खातेदारो को इस दिन एनईएफटी ट्रान्सफर नहीं करने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेन को लेकर एक अलर्ट जारी किया है। सूरत सहित देशभर में बैंको ने खातेदारों को इस दौरान एनईएफटी से ट्रांसफर नहीं करने की सूचना दे दी है। इसलिए बेहतर है कि यदि आप को एनईएफटी के माध्यम से कोई ट्रांसफर करना है तो इसके पहले ही कर लें।

आरबीआई ने कहा कि 23 मई को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की सिस्टम में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि इस दौरान बैंक द्वारा दी जाने वाली एनईएफटी सेवा काम नहीं करेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी ग्राहक जो ऑनलाइन लेनदेन करते है हैं, वे 23 मई को बताई गई अवधि के दौरान कोई ऑनलाइन लेनदेन नहीं करें।


आरबीआई ने इस बारे में ट्वीटर पर पोस्ट साझा करते हुए जानकारी दी है कि 22 मई को बैंकिंग कार्य पूर्ण होने के बाद बैंकों में टेक्निकल अपग्रेडेशन का काम किया जाएगा। इस वजह से 23 मई को दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक एनईएफटी सेवा काम नहीं करेगी। इस समय के दौरान ऑनलाइन लेनदेन की सेवा मुश्किल हो सकती है। यह एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। जिससे की एक बैंक से दूसरी बैंक में ऑनलाइन भुगतान किया जाता है।

एक दिन में एनईएफटी द्वारा कितनी रकम भेजी जा सकेगी वह बैंक निश्चित करती है। हर बैंक के लिए यह अलग-अलग होती है। इसके अलावा, आरटीजीएस और आईएमपीएस का उपयोग करके भी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए जा सकते है। फिलहाल कोरोना के कारण लोग ज्यादातर डिजिटल पेमेन्ट कर रहे हैं। ऐसे में इस असुविधा के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

27 मार्च से 4 अप्रेल तक बैंकों में सिर्फ़ दो दिन काम

हाल में ही बैंकों में दिन के हड़ताल के कारण और दो दिन शनिवार और रविवार के कारण कुल चार दिन बैंक बंद रहे थे। इसके बाद फिर से मार्च अंत में ऐसी परिस्थिति बन रही है।


27 मार्च को महीने का चौथा शनिवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे। अगले दिन 28 मार्च को रविवार है और 29 मार्च को होली की छुट्टी। इसके बाद वित्तवर्ष के आखिर में 30 मार्च और 31 मार्च को बैंक खुले रहेंगे, लेकिन ग्राहक सेवा से जुड़ा कामकाज शायद नहीं हो पाएगा।

31 मार्च बैंक में वित्तीय लेनदेन का अंतिम दिन है और इस दिन ग्राहकों को बैंक की किसी भी शाखा में आने की अनुमति नहीं है। इसके बाद एक अप्रैल को बैंकों की लेखाबंदी होने के कारण उसे भी एक छुट्टी का ही दिन मान लीजिये क्योंकि उस दिन भी आपका कोई काम नहीं होने वाला।

2 अप्रैल और इस दिन गुड फ्राइडे होने से उस दिन भी अवकाश है। गनीमत है कि तीन अप्रैल को महीने का पहला शनिवार है इसलिए बैंक में कामकाज शुरू रहेंगे। वहीं चार अप्रैल को रविवार है और इस दिन तो बैंक बंद ही रहेंगे।इसलिए आप अपने बैंकिंग संबंधित कामकाज का आयोजन कर लें!


27 मार्च – आखिरी शनिवार होने की वजह से बैंक बंद रहेंगे
28 मार्च – रविवार
29 मार्च – धुलेटी की छुट्टी
30 मार्च – होली के अवसर पर वैकल्पिक अवकाश
31 मार्च – फाइनेंशियल ईयर का आखिरी दिन
1 अप्रैल – 1 अप्रैल को बैंक के सालाना अकाउंट का क्लोजिंग ईयर है।
2 अप्रैल – 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे की छुट्टी है।
3 अप्रैल – 3 अप्रैल को माह का पहला शनिवार है, इसलिए बैंक खुले रहेंगे।
4 अप्रैल – रविवार होने से बैंक बंद रहेंगे।

सूरत: प्रेमिका की सगाई के दिन बैंक ऑफिसर ने जान दी


सूरत शहर के जहांगीरपुरा में एक आईडीएफसी बैंक के सेल्स ऑफिसर ने गत रोज सिलिंग के साथ डोरी बांधकर आत्महत्या कर ली। मृतक पवन पटेल एम ए की पढाई करने के बाद बैंक में नौकरी शुरू की थी। पढाई के दौरान पवन को एक लड़की से प्यार हो गया था।

शुक्रवार को प्रेमिका की सगाई के दिन पवन ने आत्महत्या कर ली होने की आशंका लग रही है। ली। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आगे की जांच पड़तला शुरू की है।


मिली जानकारी के अनुसार जहांगीर पुरा के आशिष रो हाउस में रहनेवाले पवन पटेल ने फांसी लगाकर जान दे दी। जानकारी मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। पवन पटेल की माता पोस्ट विभाग में अधिकारी हैं। शुक्रवार की दोपहर को पवन नौकरी जल्दी घर पर आ गया था। इसके बाद देर तक उसने दरवाजा नहीं खोला।

इस पर पड़ोसियों ने जब खिडकी से देखा तो वह सिलिंग के साथ लटका दिखा। इस पर पड़ोसियों ने डो़री काटकर उसे नीचे उतार और पुलिस को बुलाया। बताया जा रहा है कि पवन को कॉलेज के दौरान एक युवती से प्रेम हो गया था। उसकी सगाई की जानकारी मिलने पर पवन ने सगाई के दिन को यादगार बनाने के लिए आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आगे की जांच पड़तला शुरू की है।

उल्लेखनीय है कि पवन की इस तरह की घटना के कारण आसपास के लोग भी दुखी है। पवन के घर सहित आसपास से क्षेत्र में में गम का माहौल बन गया है। सभी में यह घटना चर्चा का कारण बनी है।

1 मार्च से दो सरकारी बैंको के आईएफएससी कोड बदल जाएंगे

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आगामी दिनो में बैंकिंग सेक्टर मं कई परिवर्तन हो रहे हैं। बैंको के विलिनीकरण के बाद ग्राहकों को इससे जागृत रहना चाहिए। (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) का बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) में मर्जर के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा बड़ा बदलाव करने जा रहा है।

राष्ट्रीयकृत क्षेत्र की अग्रणी बैंक ऑफ बड़ौदा आगामी 1 मार्च से देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) का IFSC कोड 28 फरवरी के बाद बंद कर देंगा। तब इनका इस्तेमाल बैंकिंग कामकाज में नहीं किया जा सकेगा। यदि आपका अकाउंट इन बैंक में है तो 1 मार्च से इसके ग्राहकों को नया IFSC कोड का उपयोग करना होगा। अगर आपका भी इन दोनों बैंकों में अकाउंट है तो जल्दी से नया आईएफएससी कोड लेना चाहिए।

IFSC कोड 11 अंकों का एक कोड होता है, जिसके शुरू के चार अंक बैंक के नाम को दर्शाते हैं, जबकि बाद के 7 अंक ब्रांच का कोड बताते हैं. IFSC कोड का इस्तेमाल ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।


नया IFSC कोड आप बैंक की ब्रांच विजिट कर प्राप्त कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 18002581700 पर कॉल कर भी पता कर सकते हैं. इसके अलावा आप मैसेज करके भी नया कोड ले सकते हैं. इसके लिए मैसेज में आपको लिखना है ‘MIGR Last 4 digits of the old account number’ अब इस मैसेज को आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 8422009988 पर भेज दें। यदि आप आईएफएससी कोड नहीं लेते तो ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे और ना ही कोई आर्थिक सौदे हो सकेंगे।

बैंको के विलिनीकरण के बाद से बैंको की कई प्रक्रियाओं में फेरबदल आ गए हैं। इनसे बैंक ग्राहकों को जागृत हो जाना चाहिए। आप को बता दें कि अन्य एक अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल भी कोड बदलने की तैयारी कर रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा के अलावा पंजाब नेशनल बैंक (PNB) भी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की पुरानी चेकबुक और में परिवर्तन कर रहा है।

हालांकि पुराने कोड 31 मार्च तक काम करेंगे. इसके बाद आपको बैंक से नया कोड और चेकबुक लेना होगा. इस बात की जानकारी ने ट्वीट कर दी है।IFSC कोड बदलने के बाद ग्राहक ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे. इस बात की जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है और कहा है कि ई-विजया और ई-देना IFSC कोड 1 मार्च 2021 से बंद हो जाएंगे।

एटीएम से रूपए निकालने जाए तो यह रखें ख्याल


हजीरा रोड पर भटलाई गांव तीन रास्ता पर आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से नकदी निकालने गए युवक की मदद करने के बहाने एक अजनबी ने एटीएम कार्डों का आदान-प्रदान किया और 91,000 रुपये निकाले।


पुलिस सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार बीरेंद्र शिवनाथ यादव (34) कांतिभाई पटेल के यहां, भटलाई गाँव में रहते हैं और मूल हरिहरपुर लालगर गाँव, तहसील: तरवारा, जिला शिवन, बिहार), हजीरा स्थित एंड टी कंपनी में कोन्ट्राक्ट के तहत काम करते हैं।

6 दिसंबर को, भट्टलाई गाँव, तीन रास्ता के पास स्थित एक बैंक के एटीएम में कैश निकालने गया। चूंकि बीरेंद्र को एटीएम से नकदी निकालना नहीं आता था, इसलिए वह हमेशा अपने परिचित को अपने साथ ले जाता था। लेकिन ता।

6 तारीख को बीरेंद्र अकेले गए और नकदी निकालने की कोशिश की। लेकिन कैश निकलने पर अन्य एक अपरिचित युवक की मदल ली। मदद के बहाने एटीएम में आए युवक की सहायता से उसने पाच हजार निकाले। इस बीच, जब बीरेंद्र नकदी की गिनती कर रहे थे, तो युवाओं ने चालाकी से एटीएम कार्ड बदल दिया।

फिर दो दिन पहले जब बीरेंद्र फिर से नकदी निकालने गया, तो वह नकदी नहीं निकाल सका और एटीएम कार्ड चंदन पटेल नाम के व्यक्ति का था। यह देखकर वह चौंक गया और उसने तुरंत एसबीआई बैंक के प्रबंधक से संपर्क किया जहां उसका खाता बंद था अजनबी ने मदद करने के बहाने कार्ड बदल दिया। 8-20 दिसंबर के दौरान उसने टुकडे-टुकडे ने 91,000 रुपये निकाल लिए थे। घटना के बारे में इच्छापोर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है

बैंकों के फुलप्रुफ सुरक्षा कवच में लगीं सेंध, एटीएम से लाखों पार


एक ओर जहाँ सामान्य लोगों के बैंक एकाउंट से पैसे चोरी होने की घटनाएँ सामान्य हो गई है। वहीं अब तो बैंकों से भी रुपए चोरी हो रहे हैं। ऐसी ही एक घटना सामने आयी है जिसने कि बैंक चलाने वाले और पुलिस को भी परेशान करके रख दिया है।

केनेरा बैंक के नानपूरा,मजूरा गेट और हजीरा ब्रांच अब पुलिस टार्गेट कर चीटर्स ने 11.50 लाख रुपए निकाल लिए होने की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से जाँच शुरू की है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार1-9- 2020 से 15-10- 2020 तक किसी ने बैंक के एटीएम में से दस हज़ार रूपए और 85 हजार रूपए कर के 605500 रूपए निकाल लिए।

ट्रांजैक्शन के डाटा मुंबई और बेंगलुरु के सर्वर में जांच में पता चला कि किसी चीटर ने नकली चाभी के माध्यम से या किस इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करके एटीएम का डिस्प्ले खोलकर मदर बोर्ड का स्विच ऑफ- स्वीचऑन किया और इस तरह एटीएम में से कुल 605500 रूपए निकाल लिए।

इसी तरह से केनरा बैंक की नानपुरा शाखा में भी चोरी की गई थी। यहां के एटीएम से 14 बार के ट्रांजैक्शन से 140000 निकाले गए थे। चीटर ने हजीरा ब्रांच में भी यही उपाय आजमाया था। यहां के एटीएम में  सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था।

इसमें दिख रहा था कि 11 सितंबर को रात के 10:30 बजे एक मास्कधारी ने प्रवेश किया और एटीएम मशीन में कार्ड डालने के बाद मशीन को स्विच ऑन ऑफ करने के बाद मशीन का डोर खोल दिया था। इस तरह से एटीएम मशीन से छेड़खानी कर तथा मशीन के सिस्टम और नेटवर्क का डेटाबेस जानकर 405500 निकाल लिए थे। इस तरह से चीटर्स ने नानपुरा मजूरा गेट और हजीरा ब्रांच के एटीएम में से कुल 11:30 लाख रुपए निकाल लिए थे।

सहकारी बैंक शेयर होल्डर्स को नहीं बाँट सकेंगे डिविडन्ड:RBI का फैसला

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RBI गवर्नर शशिकांत दास ने सहकारी बैंकों और कॉमर्शियलबैंकों को आदेश दिया है कि वे संक्रमण काल ​​के दौरान बैंक की वित्तीय सध्धरता बनाए रखने के लिए शेयरधारकों को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 15 प्रतिशत तक डिविडन्ड  का भुगतान नहीं करें।

 कोरोना अवधि के दौरान, रिज़र्व बैंक ने बैंकों को एक अधिसूचना भेजी जिसमें उन्हें आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना डिविडन्ड  का भुगतान नहीं करने का निर्देश दिया गया था। आरबीआई ने कहा कि वह डिविडन्ड  पर निर्णय लेने के लिए सितंबर में एक समीक्षा बैठक आयोजित करेगा। इसके बाद बैंकों ने डिविडन्ड बाँटना रोक दिए था।  

सूरत सहित दक्षिण गुजरात में सहकारी बैंकों ने अलग से 50 करोड़ रूपए शेयरधारकों को डिविडन्ड  का भुगतान करने के लिए रिजर्व रखा था। इस प्रकार, वाणिज्यिक बैंकों में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा था। लेकिन आरबीआई ने अब कहा है कि कोरोनाकाल  में बैंकों की आर्थिक  स्थिति स्थिर रहे। यह सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया।क्योंकि ज़्यादातर MSME को मोरेटोरियम पीरयड दिए  जाने के बावजूद बैंक ऋण किस्तों को चुकाने में सक्षम नहीं हैं।

व्यापार अभी अच्छा नहीं चल रहा है जितना पहले हुआ करता था। उस स्थिति में, बैंक लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे। बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉ.जतिन नायक ने कहा मीडिया से कहा कि कोरोना अवधि के दौरान बैंकों की वित्तीय सध्धरता बनाए रखने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा यह निर्णय लिया गया था।

दक्षिण गुजरात के सहकारी बैंक 12 से 15 प्रतिशत लाभांश का भुगतान करते रहे हैं। जिसका अब वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए भुगतान नहीं किया जाएगा। बैंकों में कम ब्याज दरों के कारण, वरिष्ठ नागरिकों सहित वर्ग, विभिन्न सहकारी और वाणिज्यिक बैंकों में शेयरहोल्डिंग प्राप्त करके 15 प्रतिशत तक लाभांश प्राप्त करते थे। 

सूरत डिस्ट्रिक्ट कॉ-ऑपरेटिव बैंक को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 70 करोड़ रुपए का लाभ

सूरत
सूरत आर तापी जिला के ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कहे जाने वाले सूरत डिस्ट्रीक्ट को -आपरेटिव बैंक ने वैश्विक मंदी के इस दौर में भी अपना विकास जारी रखा है ।बीते वित्तीय वर्ष में बैंक ने 70 करोड़ रुपये से अधिक लाभ कमाया है बैंक से सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत डिस्ट्रिक्ट को.ऑप बैंक ने बीते साल 8651 करोड़ रुपये का व्यापार किया ।

बैंकिग सूत्रों का कहना है कि बैंक वित्तीय वर्ष 2019-20 में अपना व्यापार 773 करोड़ रूपए बढ़ाया और 70 रूपए से करोड़ से अधिक प्रॉफिट हासिल किया। बैंक के पास 5929 करोड़ रूपए की डिपोजीट है।
देश में इन दिनों कोरोना की बीमारी चल रही है ऐसे में ग़रीब आर ज़रूरतमंद लोगों को मदद की जा सके इस लिए भी बैंक ने अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए प्रधानमंत्री फंड में 51 लाख रुपए और मुख्यमंत्री रिलीफ़ फंड में 50 लाख रुपये का दान किया ।

बैंक ने राष्ट्र हित के लिए एक करोड़ एक लाख रुपये दान देकर अपना सामाजिक दायित्व निभाया है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जीवनदान मैने जाने वाली यह बैंक हमेशा ही सामाजिक दायित्व निभाने में अग्रणी रही है ।बैंक के चेयरमैन नरेश भाई पटेल आर वाइस चेयरमैन संदीप भाई देसाई ने बैंक से जुड़े सभी ग्राहकों को परीक्षकों कर्मचारियों आर तमाम लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इस लिए शुभकामनाएं दी हैं।