उधना में रहनेवाली और 12 वीं कक्षा की छात्रा को भाजपा कार्यकर्ता ने प्रेम प्रपंच मे फंसाया। छात्रा को घुमाने ले गया उसके साथ बलात्कार किया और गंदे फ़ोटो खींचने के बाद बदनाम करने की धमकी दे बीस हज़ार रूपए ले लिए। इसके ख़िलाफ़ किशोरी ने बलात्कार का मामला दर्ज करवाया है। इससे पहले उसके खिलाफ अन्य एक लड़की से छेड़छाड़ समेत दो मामले दर्ज हैं।

प्रतीकात्मक फ़ोटो


मिली जानकारी के अनुसार उधना की 12 वर्षीय छात्रा की 17 वर्षीय हीना (बदला हुआ नाम) के क्षेत्र में रहने वाले आरोपी 21 वर्षीय विशाल उर्फ ​​भूषण विजय पाटिल (गांघीकुटीर, उधना) से 1 साल पहले परिचय हुआ था। घुमाने के बहाने विशाल ने हीना की अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर बार-बार रेप किया।

घबराकर नेहा ने विशाल को 20,000 रुपये दिए। हीना ने जब घर में यह बात कही तो उसके परिवार वाले विशाल को इस बात के बारे में बताने गए। उसने जातिसूचक शब्द बोलकर बदनाम करने की धमकी देकर पैसे की भी मांग की। विशाल के प्रताड़ना के बाद भी हीना ने विशाल के खिलाफ रेप, मानहानि, पॉक्सो और आईटी एक्ट और एट्रोसिटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई है.


आरोपी बड़ा आदतन आरोपी है। उसे लड़कियों से लगाव है। 8 जून को विशाल के खिलाफ उधना थाने में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें उसे गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उसी दिन लड़की के मामले में उसके खिलाफ धमकी भरा मामला दर्ज किया गया था।


नगर शिक्षा समिति के शुक्रवार को हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग से आपका एक प्रत्याशी हार गया। इसे लेकर 27 पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. मामले में शनिवार को नगर पालिका के सुरक्षा अधिकारी ने आप के कुल 27 नगरसेवक व दो अन्य को दंगा, सरकारी ड्यूटी में बाधा व मारपीट समेत 29 धाराओं के तहत शिकायत की थी। पुलिस की शिकायत में कहा गया है कि यह आपके पार्षदों की सुनियोजित साजिश थी। उम्मीदवार के हारने के बाद चुनाव रद्द करने के आप के कोर्पोरेटर्स ने दंगा किया था।

कुल 120 मतपत्रों में से 118 मतपत्रों के आधार पर परिणाम घोषित किए गए। जबकि दो मतपत्र विसंगतियों के कारण छूट गए थे। जिसमें आपके प्रत्याशी की हार की खबर मिलते ही आपके पार्षदों ने एकजुट होकर मतपत्रों को फाड़ दिया. "तुम गुलाम हो, तुम चोर हो, इन लोगों की गुलामी से तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा," उन्होंने कहा। आप सभी को सस्पेंड कर दिया जाएगा।'

चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए दस्तावेजों को भी फाड़ दिया गया और मतपत्र हथियाने से चुनाव प्रक्रिया बाधित हो गई। अभद्र टिप्पणी की गई जिससे मेयर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। दंगों के दौरान सभागार में कांच, कुर्सियों और मेजों में भी तोड़फोड़ की गई। निगम के इतिहास में यह पहली घटना होगी जिसमें विपक्ष के सभी पार्षदों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है।


शहर में चरमरा रही सफाई और सड़क व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी का माहौल है। शहर के अडाजण क्षेत्र में मेयर हेमाली बोघावाला के क्षेत्र में ही भाजपा से नाराजगी व्यक्त करते हुए बेनर लगाए गए हैं। अडाजण क्षेत्र के हिमगिरी क्षेत्र के लोगो ने सोसायटी के बाहर भाजपा को वोट देकर गलती की ऐसे बेनर लगाए हैं।

हमने 25 साल से भाजपा का साथ दिया है लेकिन भाजपा ने हमे विकास से वंचित रखा है इसलिए अब भाजपा हमारे पास वोट के लिए भीख मांगने नहीं आए। बीते 15 साल से सड़क को लेकर मनपा के अधिकारियों से शिकायत की जा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों में वराछा क्षेत्र में खाड़ी की सफाइ के बारे में भी आप पार्टी की कार्यकर्ताओ ने भाजपा के कई नेताओं के फोटो खाड़ी के किनारे लगाकर साफ सफाई की थी। शहर में साफ सफाई और सड़क की बदहाली के चलते भाजपा के नेताओं को बारबार शिकायत का सामना करना पड़ रहा है।

सूरत के सरथाणा क्षेत्र के आइसोलेशन सेंटर में भाजपा विधायक वीडी झालावाडिया आइसोलेशन सेंटर में मरीज़ों का हाल-चाल पूछने गए थे।वहाँ पहुँचने के बाद विधायक खुद ही डॉक्टर बन गए और नर्स से दवाई लेकर उसे सिरिंज में भरा और उसे मरीज को चढ़ाई जा रही बोतल में डाल दिया।

बताया जा रहा है कि पांचवी कक्षा पास विधायक की इस हरकत का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उनकी इस ग़ैर ज़िम्मेदाराना हरकत की निंदा कर रहे है कि यदि मरीज को कुछ हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? घटना के वक्त झालावाडिया के साथ डॉक्टर और नर्स भी मौजूद थे। इसके बावजूद झालावाडिया को इस प्रकार इंजेक्शन देने की आखिर क्या जरूरत थी? कुछ लोग इसे अपनी छवि चमकाने की कोशिश बतारहे हैं।


इस घटना पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सूरत महानगर पालिका में विपक्ष के नेता धर्मेश भंडेरी ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह रास्ते का काम नहीं है जो कोई भी कर ले। विधायक को भी ऐसा काम करने से पहले विचार करना चाहिए था। भंडेरी ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार भी ऐसे विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी।


घटना को लेकर विवाद होने के बाद विधायक झालावाडिया ने सफाई देते हुए कहा कि मैं पिछले 40 दिनों से सरथाणा के कम्युनिटी होल में लोगों की सेवा कर रहा हूं। मरीज को देने के लिए जो रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिक्स किया जाता है, सिर्फ वही इंजेक्शन मैंने अंदर डाला है। किसी मरीज को इंजेक्शन नहीं लगाया। उस वक्त वहां डॉक्टर और नर्स भी उपस्थित थे।

भाजपा द्वारा सूरत के वराछा और कामरेज विधानसभा क्षेत्र में संयुक्त रूप से सेवा कार्य किया जा रहा है। जिसका कांग्रेसी नेता विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने के पीछे कांग्रेस साजिश है। यह वीडियो सोश्यल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।

सूरत शहर भाजपा में विवाद चल रहा है। भाजपा कार्यकर्ता नितेश वनानी को सूरत शहर भाजपा अध्यक्ष के इशारे पर गिरफ्तार किए जाने के आरोपों से भाजपा में विवाद मच गया है। सूरत शहर के 6 वार्ड अध्यक्षों और 4 महासचिवों ने इस्तीफा देने की तैयारी में होने की चर्चा है
चर्चा है कि नितेश वानाणी ने कुछ दिनो पहले भारतीय जनता पार्टी सूरत शहर के अध्यक्ष निरंजन झाझमेरा के बारे में कुछ पोस्ट किए थे। जिसे लेकर  साइबर क्राइम ने गिरफ्तार किया है। भाजपा के विभिन्न बॉर्ड अध्यक्षों और महासचिवों का आरोप है कि नितेश वानाणी को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष निरंजन झाझमेरा के इशारे पर गिरफ्तार किया गया था।

भाजपा के विभिन्न नगर बोर्डों के अध्यक्षों और महासचिवों ने इस्तीफा देने की चर्चा चल रही है। एक कार्यकर्ता के साथ पुलिस द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया है। निरंजन झाझमेरा के लिए व्यक्तिगत रूप से लिखा था, पार्टी के विरोध में कोई बात नहीं की। पार्टी के प्रमुख के इशारे पर  भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना शर्मनाक है।


भाजपा के वार्ड नंबर 2, 3, 4 और 6 के पदाधिकारी शहर अध्यक्ष के विरोध में वराछा मिनी बाजार में जमा हो गए। नितेश वानाणी सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के लिए मेहनत करते थे।  गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर ध्यान दिया था। पाटीदार आंदोलन के दौर में सोशल मीडिया पर बीजेपी के बिल को लेकर लगातार पोस्ट होते रहे। उस समय नितेश वनानी ने अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा संभाल लिया था। जिसे अमित शाह ने सोशल मीडिया के अच्छे जानकार के रूप में माना था। ऐसे  कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा कर दिया है।


भाजपा कार्यकर्ता नवीन रामाणी ने कहा, "यह बहुत दुखद है कि एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है और एक कार्यकर्ता के रूप में मैं बहुत दुखी हूं।" अगर नितेश वनानी को रिहा नहीं किया गया तो हम राज्य भर में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने का काम करेंगे। जब हम सौराष्ट्र जाएंगे और वहां के सभी कार्यकर्ताओं से संपर्क करेंगे और उन्हें भाजपा अध्यक्ष निरंजन झाझमेरा द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे, तो निरंजन झाझमेरा को एहसास होगा कि यह किसी की पार्टी नहीं है, यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है।


भाजपा के शहर अध्यक्ष निरंजन जंजमेरा ने कहा, मेरा नितेश वानाणी से कोई मतभेद नहीं है और उन्हें गिरफ्तार कराने का कोई सवाल ही नहीं है। मुझे नहीं पता कि इस संबंध में किसने विरोध किया है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कुछ पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है या नहीं। फिलहाल इसे लेकर सूरत शहर भाजपा में हड़कंप मच गया है।


‘राजनीति में सब कुछ हो सकता है’ यह कहावत सूरत में चरितार्थ हो रही है। कुछ दिनों पहले ही सूरत की पत्रकार महिला को भाजप की ओर से टिकट दिया गया था। इन दिनों वह चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। इसी बीच उनके पति के कांग्रेस में जुड़ने की जानकारी सामने आ रही है। इतना ही नहीं उनके पति कांग्रेस के लिए प्रचार भी कर रहे हैं।

पत्नी भाजप में तो पति कांग्रेस में इस तरह से दोनों के बीच घरेलू नहीं पर पार्टी स्तर पर प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। मामला ऐसा है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से हाल में ही घोषित सूरत महानगर पालिका के चुनाव में मनीषा आहिर नाम की महिला को प्रत्याशी के तौर पर खड़ा किया गया है। वह वार्ड नंबर 15 में भाजप की प्रत्याशी हैं। मनीषा आहिर अपने वार्ड में जाकर सभी प्रत्याशियों से भाजपा को वोट देने की अपील कर रही हैं।

इसी बीच उनके पति कांग्रेस से जुड़ गए और कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं। एक ही घर में भाजपा और कांग्रेस दोनों देखे जा रहे हैं। भाजपा की प्रत्याशी मनीषा आहिर ने कहा कि लोकशाही में किसी को भी अपना राजनीतिक पक्ष पसंद करके उसके लिए कार्य करने की छूट है लेकिन मेरा मानना है कि कांग्रेस भ्रष्टाचारी पार्टी है और भारतीय जनता पार्टी विकास की ओर ले जाने वाली है। दूसरी ओर उनके पति महेश का कहना है कि वह सत्य के साथ हैं। अधर्मी के साथ नहीं है आपको बता दें कि मनीषा आहिर पत्रकार हैं और उनके पति शिक्षक हैं।

सूरत महानगरपालिका के चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस, आप सहित छोटी छोटी कई पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने दावेदारी कर दी है। अब मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी प्रत्याशी अपने अपने प्रचार प्रसार का भरचक प्रयास कर रहे है। ऐसे में जो प्रत्याशी जितना प्रभावकारी प्रचार कर सकेंगे। मतदाता को उतना रिझा सकते है।

भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती की ज़रा सी भी गलती हार का कारण बने इसलिए पार्टी ने सभी प्रत्याशियों को अपनी ज़िम्मेदारी समझा दी है और ज़िम्मेदारी का पालन नहीं करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की भी सूचना दे दी गई है। भाजपा ने सूरत महानगर पालिका के चुनाव प्रचार में सभी वॉर्ड के प्रत्याशियों को अकेले अकेल प्रचार करने के बजाय एक साथ प्रचार करने के निर्देश दिए हैं।

भाजप के स्पष्ट निर्देश के बाद भी कई प्रत्याशी अकेले ही चुनाव प्रचार करने की व्यवस्था कर रहे हैं। रांदेर क्षेत्र में एक महिला उम्मीदवार ने सोशल मीडिया में अपने प्रचार के लिए अकेले फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया है जिसे की भाजप के नेताओं ने फटकार लगाई है। चुनाव में भाजप ने 80% नए चेहरों पर दांव लगाया है।

इसलिए चुनाव प्रचार में कुछ मुसीबतें सामने आ सकती हैं।चुनाव प्रचार सरलता से हो सके और पार्टी जीत सके इसलिए भाजप के नेताओं ने प्रत्याशियों को एक साथ चुनाव प्रचार करने का स्पष्ट निर्देश किया है। यदि किसी संजोग में अलग-अलग जान जाना पड़े तो दो ग्रुप बनाकर जाने का निर्देश दिया गया है और अकेले ही प्रचार नहीं किया जाए इसकी सख्त नसीहत दी गई है।


चुनाव प्रचार के फोटो भी सोशल मीडिया पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। रांदेर क्षेत्र की एक महिला प्रत्याशी ने अपने चुनाव प्रचार के अकेले ही कई फोटो वायरल किए हैं जिसके चलते भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उसकी निंदा की है और उसे सब को साथ में लेकर चलने का निर्देश दिए हैं। साथ ही पैनल में किसी को कम वोट नहीं मिले यह भी सलाह दी है। पार्टी की इस सूचना के बाद सभी प्रत्याशी सतर्क हो गए है।

सूरत महानगर पालिका के चुनाव घोषित होते ही प्रत्याशियों ने विजय के लिए प्रयास करना शुरू कर दिए है। इसी क्रम में आज प्रत्याशियों ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नामांकन के अंतिम दिन अलग-अलग ढंग से कार्यालय पर जाकर नामांकन भरे।

कांग्रेस के प्रत्याशियों ने तो आज सबको आश्चर्यचकित कर दिया।कांग्रेस के वार्ड नंबर 17 के उम्मीदवार निलेश कुम्भानी कार्यकर्ताओं के साथ ट्रैक्टर में गए थे और कृषि आंदोलन का प्रतीकात्मक ढंग से समर्थन भी किया था। ट्रैक्टर में झंडे और ढोल नगाड़े के साथ पहुंचे कांग्रेस के उम्मीदवार ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था।

इन दिनों कृषि आंदोलन बड़ा मुद्दा है। किसानों की ओर से सरकार के कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है। ऐसे में कोंग्रेस के दोनों प्रत्याशियों ने ट्रैक्टर पर जाकर नामांकन भरा यह भी सूचक माना जा रहा है।

सूरत महानगर पालिका के चुनाव के लिए आज प्रत्याशियों को नामांकन भरने का अंतिम दिन है। चुनाव पंच की ओर से कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत दी गई थी लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा।

सूरत महानगर पालिका के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने 30 वॉर्ड के 119 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। ऐसे में कहीं पर खुशी कहीं गम का माहौल है। भाजपा ने पहले से ही बता दिया था कि इस बार नए चेहरे शामिल हो सकते हैं कई सीटींग कॉर्पोरेटर का टिकिट कट सकता है। इसके मुताबिक़ ही हुआ है।

वार्ड नंबर 3 के भाजप के प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। टिकिट की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं ने वार्ड नंबर 3 के कार्यालय पर पहुंचकर खुब हंगामा मचाया और अपनी पसंद की का प्रत्याशी खड़ा रखने की मांग की। घोषित सभी प्रत्याशी क्षेत्र के नहीं होने के कारण लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। लोगों का कहना था कि उनका प्रत्याशी बदल दिया जाए।

इस बारे में उन्होंने प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल से भी शिकायत की होने की जानकारी सामने आ रही है। मीडिया सूत्रों के अनुसार पाटिल ने नाराज लोगों से कहा कि विधायकों ने ही नाम दिए थे लेकिन लोगों में इतनी नाराजगी थी कि लोगों ने कमेटी के कागज भी जला दिए।

नाराज लोगों का कहना था कि यदि प्रत्याशी नहीं बदले गए तो पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आप को बता दे कि वॉर्ड नंबर 3 में भाजप की ओर से दक्षा वेन लवजीभाई खेनी, भावना राजेश भाई देवानी तथा धर्मेश गोवर्धन भाई सरसिया कऔर भावेश शंभू भाई को टिकट दिया गया है।जिसके चलते लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। इसी तरह वॉर्ड नंबर 28,29 में भी लोगों में नाराज़गी देखी गई।

भारतीय जनता पार्टी ने सूरत महानगर पालिका के चुनाव में अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित करने के साथ ही कई लोगों के सपने बन गए तो कई लोगों के सपने बिखर गए। भारतीय जनता पार्टी ने 30 वॉर्ड एक सौ बीस प्रत्याशियों के स्थान पर एक सो 19 नाम ही घोषित किए हैं। वार्ड नंबर 11 में नीरव शाह तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इसलिए उनके नाम को लेकर असमंजस बना है।

शाह के समर्थकों की ओर से 2 दिन पहले ही विरोध किए जाने के बाद अभी तक इस सीट पर फैसला नहीं आ पाया है। भाजपा ने पालिका के कुल 30 वर्ड में से 14 वॉर्ड में चारो नए प्रत्याशी खड़े किए हैं। बताया जा रहा है कि इस बार चुनाव में कई नए चेहरे भी शामिल हैं। कुल 10 महाराष्ट्रीयन प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है जिससे यह पता चलता है कि चुनाव में महाराष्ट्रीयन लॉबी का प्रभुत्व रहा।

भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 3 बार से चुनाव जीत रहे और 55 वर्ष से अधिक के नेताओं को टिकट नहीं मांगना चाहिए। नीरव शाह के नाम को लेकर असमंजस बना हुआ है। भाजपा ने नीरव शाह के वार्ड में खाली 3 प्रत्याशियों के नाम ही घोषित किए हैं।

भाजपा ने घोषित किए 30 वॉर्ड के 14 वॉर्ड में प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पूरी पैनल नए प्रत्याशियों की है। जिसमें कि वॉर्ड नंबर 1,7,8, 13, 14 ,15, 16, 18, 20,21, 22, 27,29 और 30 मैं चारों नए प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। अब देखना यह है कि भाजपा जिन नए चेहरों पर दांव खेल रही है वह भाजपा के सपनों में कितने प्रतिशत खरे उतरते हैं।