गुजरात के इस गांव मे हर घर की छत पर लगेगा सोलर रूफ


पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। कुछ गांव भी सौर से सुसज्जित हैं। तब शायद यह देश का इकलौता गांव होगा जो सोलर से लैस होगा। सूरत के उद्योगपति गोविंदभाई ढोलकिया अमरेली जिले के लाठी में अपने गृहनगर दुधला को अपने खर्च पर सोलर से लैस करेंगे।

वर्तमान में दुधला गांव की आबादी 1200 और 300 घरों की है। इन सभी ने अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का फैसला किया है। इसके लिए सर्वे भी किया गया है। प्रत्येक घर में 2 केवी से 5 केवी तक की खपत होती है।अनुमान है कि इस पर दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। पिछले कुछ वर्षों से दुधला गांव का कोई भी व्यक्ति जो बीमार पड़ता है, उसका इलाज SRK Group द्वारा किया जाता है।


हीरा उद्यमी गोविंद धोलकिया ने कहा, “जब से मैं अपने यकृत प्रत्यारोपण के बाद पहली बार अपने गृहनगर आया हूं, मेरे परिवार की यह भावना है कि गांव के हर व्यक्ति को, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, कम से कम 5,000 रुपये की वित्तीय मदद की जानी चाहिए, सभी योजनाओं पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सूरत: ग्रीष्मा की अंतिमयात्रा निकली, सब की आंखो मे आंसु और हत्यारे के प्रति आक्रोश

दो दिन पहले गला रेंत कर युवक ने हत्या की हुई ग्रीष्मा वेकारिया का अंतिम संस्कार मंगलवार को सूरत में हुआ है। इतना करुण दृश्य था कि कोई भी रो देता। हत्यारे मे खुलेआम जिस तरह से युवती की हत्या की वही सब के ज़ुबान पर था।मां-बाप और पूरा समाज आंसुओं के साथ अलविदा कहा।वहीं सबकी आंखें नम थी ग्रीष्मा के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं।


आपको बता दें कि ग्रीष्मा के पिता विदेश में थे और दो दिनों तक उनका अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था। आज जब उसके पिता आए तो बेटी के साथ हुई घटना की खबर सुनकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। दो दिन से पूरे सोसायटी मे मातम में है । अंतिम यात्रा के दौरान सोसायटी की घेराबंदी कर दी गई है। बड़ी संख्या में महिलाएं आ रही हैं। पुलिस की कड़ी सुरक्षा भी कर दी गई है।


उल्लेखनीय है कि इस घटना के चलते पूरे शहर में परिस्थिति बनी हुई है कांग्रेस पार्टी सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने भी हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा मिले ऐसी माँग की है।लोगों का कहना है कि जिस तरह से युवक ने खुलेआम चाक़ू से गला काट कर युवती की हत्या कर दी उसे देख कर लगता है कि शहर में क़ानून व्यवस्था से गुंडे मवालियों को डर नहीं लग रहा लग रहा।

जीएसटी के दो रिटर्न लगातार नहीं फ़ाइल किया तो ई वे बिल नहीं होगा जनरेट

सूरत: केंद्र सरकार अब तक कोरोना के चलते व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने में नरमी बरत रही है. लेकिन अब जबकि कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है, सरकार ने टैक्स चोरी करने वालों पर फिर से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जो लोग लगातार दो जीएसटी संबंधित दो रिटर्न दाखिल नहीं करेगे, उनका ई-वे बिल जेनरेट नहीं होगा। नया कानून 15 अगस्त के बाद लागू होगा। जिन व्यापारियों ने लगातार दो जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनका ई-वे बिल जेनरेट नहीं होगा और वे माल नहीं भेज पाएंगे।


जीएसटी विभाग के सूत्रों के अनुसार, कुछ फर्जी आईटीसी घोटालेबाज बिना रिटर्न दाखिल किए ई-वे बिल जनरेट करते हैं और माल की बिक्री में घोटाला करते हैं। यह सब सरकार के संज्ञान में आने के बाद, जिन लोगों ने लगातार दो जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया, उन्हें अपना ई-वे बिल जनरेट करने की अनुमति नहीं दी गई थी।

हालांकि, कोरोना के कारण बड़ी संख्या में वास्तविक व्यापारी पिछले डेढ़ साल से रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं। यह स्थिति पूरे देश में बन गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने व्यापारियों को राहत दी है। साथ ही रिटर्न नहीं भरने वाले व्यापारियों को जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने का मौका दिया गया।

जुलाई में समय सीमा समाप्त होने के साथ ही केंद्र सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है। जिन व्यापारियों ने 15 अगस्त के बाद लगातार दो जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनका ई-वे बिल जेनरेट नहीं होगा और वे माल नहीं भेज पाएंगे। फिलहाल जीएसटी विभाग ने 1000 से ज्यादा व्यापारियों को नोटिस भेजकर समय पर रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया है।

टीआरबी कर्मी महिला की ट्रेलर की चपेट में मौत, माता और मानसिक बिमार बहन अनाथ!

सूरत में वरियाव-छपरभाठा मार्ग पर कार्यरत महिला आज सबेरे बाइक पर जा रही थी तब  टीआरबी ट्रेलर की चपेट में आ गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अकस्मात जिससे हुआ वह ट्रेलर जय मां संतोषी एजेंसी का निकला है। मृतक टीआरबी का नाम प्रीतिबेन प्रवीणभाई चौधरी था और वह सुबह की पाली में ड्यूटी पर जा रही  थीं। मृतक टीआरबी के पिता की सात साल पहले एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। तब छोटी बहन और मानसिक रूप से बीमार मां जिम्मेदारी मृतक पर  थी।


राजेशभाई चौधरी (रिश्तेदार) ने बताया कि प्रीति दो साल से नौकरी कर रही थी। प्रीति ने कक्षा-12 तक पढ़ाई की और टीआरबी में शामिल हो गई। प्रीति की  छोटी बहन और मानसिक रूप से बीमार मां ताराबेन ने एक दुर्घटना में अपनी आर्थिक मदद खो दी। उन्होंने आगे कहा कि आज सुबह पहली बार प्रीति माता के यहां वरियाव जहांगीरपुरा गई थी।

वहां से नौकरी पर जा रही थी तब यह घटना हुई। प्रीति करीब दो महीने से पालनपुर पाटिया के पास काम कर रही थी। अपने दो साल की नौकरी में प्रीति ने अपनी मां और अपनी छोटी बहन की देखभाल कर रही थी। उन्होंने आगे कहा कि प्रीति अपनी दो सहेलियों के साथ रोज बाहर जाती थी आज ही वह अकेले गई थी। प्रीति की आर्थित हालत पतली थी इसलिए उसकी आर्थिक मदद करने के लिए पुलिस के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई जाएगी।

कोरोना काल में महिलाओं को सशक्त बनाने, स्वयं का एक दिवसीय मेगा प्रदर्शनी 2 अगस्त को!


कोरोना काल में कई व्यापार उद्योग की हालत तंग है। ऐसे में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं संस्था द्वारा एक दिवसीय मेगा प्रदर्शनी का आयोजन 2 अगस्त 2021 को सिटीलाइट स्थित माहेश्वरी भवन में किया गया है। इस प्रदर्शनी में तकरीबन 80 महिलाएं पार्टिसिपेट कर अपना हुनर एक क्षेत्र के नीचे यानी अपने द्वारा तैयार किए गए वस्तुएं प्रदर्शनी में रखेंगी।

इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी स्वयं की फाउंडर मेंबर्स रितु गोयल, शशी जैन, विमल अग्रवाल, रेखा कानूनगो एवं उमा जालान ने संयुक्त रुप से दी है। रितु गोयल ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं संस्था का गठन मार्च 2019 में किया गया था, तब तकरीबन 35 महिला सदस्य थी। आज कोरोना काल के बावजूद संस्था के साथ 200 से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं।

संस्था की विमल अग्रवाल एव उमा जालान ने बताया कि इस प्रदर्शनी में शहर की अनेक विस्तार की सामान्य परिवार एवं स्लम विस्तार से महिलाएं भाग लेंगी शशि जैन ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन सोमवार को सुबह 10:30 बजे पार्षद रश्मि साबू के हाथों किया जाएगा। यह प्रदर्शनी सुबह 10:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक रहेगा।

प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य महिलाओं को प्लेटफार्म प्रदान करना है,ताकि सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके। संस्था की रेखा कानूनगो ने बताया कि हमारे साथ वन बंधु परिषद महिला समिति, अग्रवाल समाज ट्रस्ट महिला इकाई, अग्रवाल महिला मंच, लायंस क्लब आफ मिडवेस्ट एवं स्वरा संस्था हमारे कार्यों को बल प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था के साथ जुड़ीं महिलाओं का विकास हो यही हमारा मुख्य उद्देश्य है।

चीनी एप बंद होने से चीन में पढने वाले हज़ारों विद्यार्थियों पर संकट!!


भारत सरकार द्वारा कुछ चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सूरत के छात्रों में आक्रोश है। अध्ययन कैसे किया जाए यह एक सवाल बन गया है। इस बारे में चीन के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.सूरत के 1500 से 2 हजार छात्र चीन विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।

राज कोलडिया एप बंद होने से चीन में पढने वाले सूरत के विद्यार्थियों पर संकटकोलडिया (छात्र) ने कहा, “कुछ चीनी कॉलेज आपको चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद वही ऐप डाउनलोड करने के लिए कह रहे हैं और आपको उसी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा मिलेगी।” इसको लेकर भारतीय छात्र असमंजस में हैं। चीन के विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 23,000 भारतीय छात्र, जिनमें से कम से कम 20,000 मेडिकल छात्र हैं। गुजरात के करीब 5 हजार छात्र हैं और सूरत के 1500 से 2 हजार छात्र चीनी विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं।


छात्र वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के माध्यम से एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय वेचेट,डिंगलाटेक. जैसे ऐप के माध्यम से ऑनलाइन अध्ययन करते हैं। हेमल वानिया (छात्र) ने कहा कि ऑनलाइन अध्ययन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारत ने लगभग 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।

छात्रों का दावा है कि विश्वविद्यालय उन्हें अपना पाठ्यक्रम जारी रखने के लिए प्रतिबंधित मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। चीन के अधिकांश विश्वविद्यालय टेन्सेन्ट, वेचेट, डिंगटॉक, Superstar और वीडियो चैट ऐप जैसे ऐप का उपयोग कर रहे हैं। सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रधानमंत्री समेत कई जगहों पर इस मुद्दे को उठाया है।

वेसू की विवाहिता देर रात 10वी मंज़िल पर चढ़ गई, फ़ायर ब्रिगेड का दिलधडक ऑपरेशन!

सूरत शहर के वेसु क्षेत्र के नंदनवन में रहने वाली 41 वर्षीय विवाहिता कविता अशोक भाठोडे रविवार रात दस बजे के क़रीब किसी कारण से निराश हो कर 10वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के लिए ऊपर चढ़ गई। कविता ऊपर पहुंची और बालकनी बंद कर ली थी। आख़िर दमकल विभाग की टीम ने होशियारी दिखा महिला को बचा लिया!

वह कूदने की कोशिश कर थी उस समय उसके आसपास के लोगों ने उसे बालकनी की ग्रिल खोलने के लिए कहा, लेकिन कविता किसी की भी सुनने को तैयार नहीं थी। इस बीच, पड़ोसियों ने फायर ब्रिगेड टीम को सूचित किया कि टर्न टेबल लैडर (टीटीएल) सहित फायर ब्रिगेड के उपकरण आ गए हैं।

स्थिति को भांपते हुए दमकलकर्मियों ने समझदारी से महिला को आधे घंटे तक बातें में रखा और अन्य कर्मचारी पिछले दरवाजे से अपार्टमेंट के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने ग्रिल को तोड़ा और अंदर पहुँचकर कविता को पकड़ लिया। फायर ब्रिगेड की सूझबूझ से बचाई महिला की जान

मध्यप्रदेश में तेज बारिश: गुना मे अमरूद के आकार के ओले गिरे

तेज बारिश के कारण महाराष्ट्र में 16 लोगों की जान चली गई, दूसरी ओर  मध्यप्रदेश के लोग खेती के लिएबारिश का इंतजार कर रहे थे, उनकी इच्छा अनुसार बारिश तो शुरू हो गई लेकिन मध्यप्रदेश के गुना के एक गांव में एक अमरूद के आकार के ओला गिरे।

ओले गिरे तो ऐसा लगा मानो कोई आसमान से गोली चला रहा हो। ओलावृष्टि पांच मिनट तक चली। गुना से 15 किमी दूर रिचेरा चोरोल गांव में ओले गिरे हैं। रविवार की सुबह यहां तेज ओले गिरे। इससे बचने के लिए लोग दौड़ पड़े। इन दृश्यों को एक शख्स ने अपने फोन में कैद कर लिया।

मौसम विभाग के रणवीर रघुवंशी ने कहा कि बिहार और उत्तराखंड से बादल लौट आए हैं। इससे ओलावृष्टि हुई है। जब बादल उस तरफ से आते हैं तो वे हिमखंडों से टकराने के बाद अपने साथ कुछ बर्फ लेकर आते हैं। पहाड़ से दूर आते ही ओले गिरते हैं। इसी के चलते यहां ओले गिरे हैं। फिलहाल दो से तीन दिन बारिश होने का अनुमान है।

हालांकि मॉनसून 15 दिन पहले सेट हुआ था, लेकिन उतनी बारिश नहीं हुई, जितनी होनी चाहिए थी। जुलाई में भी अभी तीन दिन ही बारिश हुई है। जो सामान्य बारिश से भी कम है। इस वजह से किसानों ने सोयाबीन की बुआई नहीं की है। समय बीतने के साथ इसके बोने की संभावना भी कम होती है। इस बार बारिश सामान्य रहने की संभावना व्यक्त की गई थी, लेकिन इस तरह की बारिश ने सब को डरा दिया है।

लाखो रूपए के भूल गए हीरा उद्यमी को हीरा लौटा दिए इस शख़्स ने!

diamond

धरती पर अभी भी ईमानदारी ज़िंदा है। इसका उदाहरण देखने को मिला।सूरत के कतारगाम सेफ में एक हीरा व्यापारी डायमंड रखे बिना भूलकर चले गया था। जो कि सेफ कर्मचारियों ने दूसरे दिन लौटा दिया गया। सेफ कर्मचारियों को कल, शुक्रवार को सूरत डायमंड एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।


मिली जानकारी के अनुसार बुधवार शाम व्यापारी राहुल मोरडिया हमेशा की तरह कतारगाम बंबावाड़ी स्थित कतरगाम सेफ वॉल्ट में डायमंड का पैकेट रखने गए थे. तिजोरी खोलने के बाद उन्होंने तिजोरी के ऊपर पैकेट रख दिया। जो बाद में वहीं भूल गए और सेफ वॉल्ट को बंद कर चले गए। इसी बीच सेफ वॉल्ट के कर्मचारी धीरूभाई को पता चला कि सेफ वॉल्ट पर हीरा रखा है। तो धीरूभाई ने सेफ वॉल्ट के मैनेजर को इसकी जानकारी दी। प्रबंधक और कर्मचारी ने हीरों को सुरक्षित स्थान पर रख दिया ताकि जिनके पास हीरे थे उन्हें वापस मांगने के लिए वापस दिया जा सके।


इसी बीच दूसरे दिनसुबह जब राहुल मोरडिया पैकेट लेने के लिए लौटे तो तिजोरी में एक पैकेट गायब देखकर घबरा गए और तुरंत तिजोरी के कर्मचारी को इसकी सूचना दी। इसलिए सेफ वॉल्ट के कर्मचारी और मैनेजर ने राहुल मोरडिया की तिजोरी के पास लगे कैमरे की जांच की कि और पुष्टि करने के बाद हीरा पैकेट राहुल मोरडिया को वापस कर दिया।


राहुल मोरडिया ने कहा कि हीरा जल्दबाजी में भुला गया। पैकेट मे 3,000 कैरेट के कच्चे हीरे थे जिनकी कीमत करीब 10 लाख रुपये से 12 लाख रुपये थी। वॉल्ट के कर्मचारियों की ईमानदारी के कारण मुझे अपने हीरे वापस मिल गए हैं।ईमानदारी का सम्मान करने के लिए सूरत डायमंड एसोसिएशन ने कल कतारगाम सेफ वॉल्ट के कर्मचारियों और मालिकों के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है।

सरकार नहीं लेगी सुध तो बर्बाद हो सकता है व्यापार


कोरोना की दूसरी लहर ने कपड़ा उद्योग की कमर तोड़ दी है। व्यापार उद्योग गाड़ी पटरी पर नहीं हैं। वीवर, प्रोसेसर और व्यापारी सभी की हालत पतली हो रही है।  प्रोसेसर को नए ऑर्डर तो दूर छह महीने पुराने भुगतान भी नहीं मिल रहे है। कोरोना की प्रथम लहर के दौरान बैंको ने मोरेटोरियम घोषित किया था लेकिन इस बार सरकार ने  घोषणा नहीं की है।

उत्पादकों और उद्योगपतियों की स्थिति विकट हो गई है क्योंकि एमएसएमई के लिए केवल ऋण पुनर्गठन की योजना है। अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आने के पहले बुनकरों और प्रोसेसर  ने अपना माल व्यापारियों को भेज दिया जिसका भुगतान अप्रैल-मई के अंत  होना था, लेकिन कोरोना ने पूरे सीजन का रुख मोड़ दिया।इसके चलते भुगतान नहीं आ रहा।


दूसरी ओर, कोरोना को कोई नया ऑर्डर नहीं मिल रहा है क्योंकि अगस्त में तीसरी लहर आने की संभावना है। ऐसे में बुनकरों और प्रोसेसर की हालत दयनीय हो गई है. कारीगरों के वेतन का भुगतान करना भी मुश्किल है। फिलहाल बैंक से किश्तों में कोई छूट नहीं है, नया कर्ज लेने की मजबूरी है।


बैंकिंग विशेषज्ञ डॉ. जतिन नाइक ने कहा कि पिछले साल सरकार द्वारा तालाबंदी की घोषणा की गई थी लेकिन इस बार यह स्वैच्छिक तालाबंदी थी। इसलिए, न तो सरकार और न ही रिजर्व बैंक ने एमएसएमई उद्यमियों के लिए स्थगन की घोषणा की है। लोन रिस्ट्रक्चरिंग योजना के तहत कर्जदार कर्ज की अवधि बढ़ा सकते हैं और किस्त की रकम कम कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर उद्यमियों के पास आय नहीं है।

इसलिए किस्त की राशि कम करने से उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है। नतीजतन, ऐसे उद्यमी एक बैंक से एक और ऋण लेने और पुराने और नए ऋणों को चुकाने के लिए मजबूर होते हैं। व्यापारी और उद्योगपति अब इससे एक सौदा करने की कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि व्यापार गाड़ी ऊपर जाने पर सब कुछ सुचारू रूप से चलेगा।