सूरत: कोरोना काल में कपड़ा व्यापार बचाए रखना है तो व्यापारी यह उपाय अपनाए!


सूरत मर्कन्टाइल एसोशिएशन की रविवार का आयोजिक समस्या समाधान मीटिंग में बड़ी संख्या में कपडा व्यापारी आ रहे हैं। परिस्थिति को समझते हुए नरेन्द्र साबू ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि अब जो समय है उससे कपडा व्यापारियों को सबक लेकर आगे भविष्य में बहुत ही संभलकर व्यापार करने की जरुरत है, नहीं तो व्यापार की बर्बादी का सामना करना पड़ सकता है।

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प्रमुख नरेन्द्र साबू ने व्यापार आगे कैसे करें इसके बारे मे अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि –
1- अनजान तथा नये व्यापारी से व्यापार करने से बचें।
2-व्यापारियों की छटनी करें, डी ग्रेड व्यापारी से व्यापार बंद करके अपना पुराना पेमन्ट क्लीयर करें।
3-व्यापारियों पर उधार की लिमिट तथा पेमन्ट की समय सीमा  निश्चित करें तथा अपने कम्प्यूटर में लॉक लगवाये।
4-एजेन्ट आढती का पुरा रेफरेंस निकालने के बाद ही व्यापार करें ओर अगर हो सकें तो लोकल तथा पुराने एजेन्ट आढती से ही व्यापार करें साथ ही अपने पेमन्ट की जबाबदेही की गारंटी भी निश्चित करें।
5-ओवर प्रोडक्शन से बचें।
6-माल लेने वाले व्यापारी की पुरी जानकारी आडर्र फार्म पर लिखें तथा  बगैर आर्डर के माल नहीं भेजें।।
7- व्यापार में सबसे ज्यादा जो तकलीफ है वह है रिटर्न गुड्स, लेट पेमेंट और दुब त आप लोगों को बढ़िया व्यापारी और बढ़िया एजेंटों को छोड़कर सब काम नगद में ही करना पड़ेगा तभी आप लोग टिक पाएंगे
8-आगे व्यापार में आपको बने रहना है तो बड़े बदलाव बहुत जरूरी है।
9-आप लोग जो पारंपरिक माल बना रहे हैं उससे बाहर निकल के टेक्सटाइल में नया बहुत कुछ करने को है उसमें एक्सप्लोर करें पूरे वर्ल्ड में टेक्सटाइल सूरत से सप्लाई होता है खाली साड़ी तक सीमित ना रहे।
10-आगे व्यापार बढ़ाने के लिए आप लोगों को ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म पकड़ना पड़ेगा।।
इसके अलावा भी ओर भी छोटी छोटी व्यापारिक रीति-नीति से अवगत कराया है।
आज की समस्या समाधान मिटिंग कोर कमेटी तथा वर्किंग कमेटी के पंच पैनल के सदस्योंकी उपस्थिति शिकायतों को सुना गया है, शिकायते काफी ज्यादा रही है, आज टोटल 65 फरियादी आए हैं 122 केस आए हैं जिसमें 17 केस का तुरंत निपटारा हो गया
जिसमें कुछ को हाथों हाथ बात करके सलटाया तथा कुछ मामलें समय लेकर हल हो जायेंगे तथा कुछ मामलें कानुनी कार्यवाही के लिए लीगल टीम को ट्रांसफर किये गये हैं

आयात-निर्यात के बहाने महिला को डुम्मस में बुलाकर रेप करने वालों की जमानत नामंजूर

ब्यूटी पार्लर के कारोबार में शामिल युवती को आयात-निर्यात कारोबार का लाइसेंस दिलाने के बहाने डुमस के बंगले में बुलाकर दुष्कर्म करने के मामले में शामिल तीन आरोपियों की अग्रिम जमानत ना मंजूर कर दी गई।


डुमस पुलिस में 23-10-20को एक महिला मे शिकायत दर्ज करवाई थी कि निर्यात-आयात व्यापार लाइसेंस के लिए  डुमस स्थित बंगले पर बुलाया गया और नशीला पदार्थ पीला कर रेप के बाद फोटो वायरल करने की धमकी दी। आरोपी संजय बाबू शेखाड़ा, अंकिता नागजी खुंट, दीनाबेन योगेशकुमार पारडीवाला और मुख्य आरोपी मनोज वसाया के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। आरोपी संजय बाबू शेखादा ( भक्ति नंदन सोसाइटी, मोटा वराछा), अंकिता नागजी खुंट (साल्विक रेजीडेंसी, सैटेलाइट अहमदाबाद) और दीनाबेन पारदीवाला ( ऋषभ रेजीडेंसी, वेसु) ने मामले में पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत मांगी थी।


इसका विरोध करते हुए एपीपी राजेश डोबरिया ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ गंभीर अपराधों की प्रारंभिक जांच चल रही है और आरोपी को अग्रिम जमानत देने से गवाहों के साक्ष्यों से छेड़छाड़ होने की संभावना है. आरोपी को अग्रिम जमानत देने से पुलिस जांच और समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। अदालत ने अग्रिम जमानत की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस हिरासत में आरोपियों से पूछताछ करना जरूरी है क्योंकि वे आरोपी के खिलाफ गंभीर अपराधों में सक्रिय भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। 

यूपी लौटे श्रमिकों को नौकरी देने की तैयारी शुरू!


सूरत
लॉकडाउन के दौरान काम धंधा और व्यापार रोजगार बंद होने के कारण ज्यादातर श्रमिक अपने गांव लौट गए है। देश के कई हिस्सों में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रमिक अब वापिस लौट चुके हैं। यूपी सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए बीते दिनों रोजगार की व्यवस्था की बात कही गई थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब यूपी सरकार ने इनके लिए अन्य घोषणाएं भी की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में लौटे श्रमिकों को रोजगार देने के लिए स्कील मैपिंग का काम के लिए निर्देश दे दिए हैं।

बताया जा रहा है कि अब से  सरकार प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा और बीमा उपलब्ध कराएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार देने के इच्छुक अन्य राज्यों को यूपी सरकार की मंजूरी लेनी होगी। 

 यूपी सरकार फिलहाल श्रमिक कल्याण आयोग के गठन का काम कर रही है। सरकार का कहना है कि अब तक 14.75 लाख लोगों की स्किल मैपिंग का काम हो चुका है । स्किल मैपिंग में सबसे बड़ी तादाद  1,51, 492 रीयल स्टेट डेवलपर व कामगारों के लिए सामने आइ है। इसके अलावा ड्राइवर, होमकेयर टेकर, बिल्डिंग डेकोरेटर, पैरामेडिकल एवं फार्माक्यूटिकल, ड्रेस मेकर व अन्य क्षेत्रों में रोजगार आदि के लिए भी बड़ी संभावना है।


 25 लाख प्रवासी श्रमिकों और कामगारों अब तक यूपी में आ चुके हैं। योगी सरकार इन सभी कामगारों व श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने घरेलू एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उत्पादकों ने तैयार किए पीपीई किट, मास्क तथा थ्री लेयर मास्क की खरीद करने को कहा उनका कहना था कि इससे घरेलू ‌उत्पादकों को प्रोत्साहन मिलेगा। 

..नहीं तो 20 प्रतिशत व्यापारियों को बंद करना पड़ेगा व्यवसाय!!


डेस्क
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने भारत के सात करोड़ व्यापारियों की ओर से सरकार के खिलाफ गहरी निराशा और आक्रोश व्यक्त किया है, जिन्होंने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय व्यापारियों की पूरी तरह से अनदेखी की है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आज देश का पूरा व्यापारिक समुदाय सरकार की गहरी उपेक्षा को लेकर नाराज़ है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर व्यापारियों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा है और यहां तक ​​कि इन बेहद परेशान परिस्थितियों में भी खुदरा विक्रेताओं ने कोरोना योद्धाओं के रूप आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है।

आर्थिक पैकिज को लेकर व्यापारियों को एकदम से नकारे जाने से हर व्यापारी को बेहद पीड़ा है और आज देश भर के व्यापारी सरकार के इस सौतेले व्यवहार पर अपना विरोध दर्ज कराते हैं। बहुप्रतीक्षित आर्थिक पैकेज तैयार करते समय सरकार द्वारा व्यापारियों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है । क्या सरकार की निगाहों में व्यापारियों का यही मूल्यांकन है ।

भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने पूरी तरह से निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कैट इस मामले में प्रधानमंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करेगा।

लॉकडाउन उठाने पर व्यापारी बड़े वित्तीय संकट में आ जाएंगे क्योंकि उन्हें वेतन, ब्याज, बैंक ऋण, कर और विभिन्न वित्तीय दायित्वों का भुगतान करना होगा और यदि सरकार द्वारा व्यापारियों के व्यापार की सुरक्षा नहीं की तो यह उम्मीद की जाती है कि लगभग 20% व्यापारियों को अपना व्यवसाय बंद करना होगा।

अन्य 10 प्रतिशत व्यापारी जो इन 20% व्यापारियों पर निर्भर हैं को भी अपना व्यवसाय बंद करना होगा। ऐसी विकट स्थिति के तहत सरकार ने व्यापारियों को सहायता देने से इनकार कर दिया है। यह अफ़सोस की बात है कि अर्थव्यवस्था के ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की बहुत अनदेखी की गई है।