कांग्रेस को पास के साथ मनमुटाव के कारण वराछा, कतारगाम आदि क्षेत्रों में अभी से दिक्कत नजर आने लगी है। इतना ही नहीं वहां पर उन्हें अपनी सीटें बचाए रखने में भी मुसीबत हो सकती2015 में पाटीदार आंदोलन के कारण वराछा,पुणा, कापोद्रा, सरथाना और फुलपाड़ा में कांग्रेस की पैनल जीत गई थी।
कांग्रेस के 36 में से 23 कॉरपोरेटर सौराष्ट्रवासी क्षेत्र में चुने गए थे। कतारगाम में अनेक पैनल कांग्रेस ने बहुत कम वोट से गवांई थी। इस बार कांग्रेस को कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है।
कांग्रेस ने अंतिम समय में पास के साथ सहकार करने को इन्कार कर दिया था जिसके चलते पास के नेताओं ने कांग्रेस को वराछा में सभा नहीं करने देने की धमकी भी दी थी। पास का कहना है कि आगामी दिनों में कई कांग्रेस के नेता अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2015 में आयोजित चुनाव में कोसाड, अमरोली,मोटा वराछा, तथा फुलपाड़ा और पुणा में कांग्रेस जीत गई थी।
इसके अलावा वार्ड नंबर 2 में से कांग्रेस के प्रत्याशी का फॉर्म रद्द होने से बीजेपी के प्रत्याशी चुन लिए गए थे लेकिन, इस चुनाव में पास का आंदोलन कमजोर है साथ ही कांग्रेस के साथ भी उसका विवाद चल रहा है। पास के नेता धार्मिक मालविया ने फॉर्म भरने से इनकार कर दिया है।
शनिवार की शाम को मीटिंग में कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की गई थी। जिसके चलते आगामी दिनों में कांग्रेस और पास के बीच होने की संभावना है। इसके अलावा अन्य कुछ वॉर्ड में भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते कांग्रेस के लिए डैमेज कन्ट्रोल करना जरूरी हो गया है। हालाकि मात्र कांग्रेस ही नहीं भाजपा में भी टिकिट बंटवारे को लेकर कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है।