सूरत में रॉयल व्यू एके ग्रुप ने दोगुने रुपये की पेशकश कर लोगों के साथ लाखों रुपये का घोटाला किया है। उसने घोटाला बड़े ही आयोजन के साथ किया। इसके लिए उसने एक बड़े रिसॉर्ट में एक मीटिंग आयोजित करके और  महिलाओं से प्रेजेन्टेशन दिला निवेशकों को थाईलैंड-बैंकॉक यात्रा के लिए लुभाया।

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 रॉयल व्यू एके ग्रुप के प्रबंध निदेशक अल्पेश किडेचा पर आरोप है कि उसने अपने कर्मचारियों से लेकर लेस बनाने वालों को भी सुनहरे सपने दिखाकर करोड़ो रुपए का निवेश करवा फरार हो गया। लगभग 15 निवेशकों को सरथाना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है। मिली जानकारी के अनुसार रॉयल ग्रुप का डायरेक्टर अल्पेश किडेचा  कंपनी का प्रेजेन्टेशन सुंदर महिलाओ से करवाता था।

वह इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर गिनती करके एक को दोगुना करना दिखाता था। वह कहता था कि दूसरे निवेशकों को लाकर चेन बनाने से क्या फायदा, सिर्फ निवेशकों को गणित समझाने से आपका रुपया दोगुना हो गया है. अब दूसरी योजना पर जाने का समय आ गया है। इस फॉर्म पर हस्ताक्षर करें।

कई लोगों ने , ऐसे लालच में रिश्तेदारों की बचत भी लालच में लगा दी गई है, कुछ तो दोस्तों में निवेश कर आज भी ब्याज दे रहे हैं। कुछ ने तो परिवार को अंधेरे में रखकर घर पर कर्ज लेकर आत्महत्या तक कर ली है। पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। लोगो का कहना है कि वह बड़ा ही जालसाज है। उसके कारण कई लोगों की वर्षो की पूंजी चली गई  है। 

गुजरात में कोरोना के मामले घटने के कारण लोगों को 18 तारीख से मिनी लॉकडाउन से आजादी की उम्मीद थी, लेकिन तूफान के कारण प्रशासन उसमें व्यस्त होने से तीन दिन तक बंद और बढा दिया गया।
कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार ने सोमवार को गुजरात के 36 शहरों में रात्रि कर्फ्यू सहित अतिरिक्त  नियंत्रणों का तीन दिन तक बढाने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के सभी नागरिकों को तूफान और कोरोना से सुरक्षित रखने के साथ-साथ संकट को कम करने के लिए तीन और दिनों के लिए रात का कर्फ्यू और प्रतिबंध बनाए रखने का निर्णय लिया है। मिनी लॉकडाउन 21 मई को शाम 6 बजे तक प्रभावी होगा। राज्य के 8 महानगरों सहित राज्य के 36 शहरों में 18 मई 2021 से 20 मई 2021 तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू रहेगा। इन 36 शहरों में वर्तमान में लागू प्रतिबंध भी यथावत हैं। इन 36 शहरों के अलावा, राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी 18 मईसबेरे 6 बजे से 21 मई को सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को तीन दिनों के लिए रात्रि कर्फ्यू और अतिरिक्त प्रतिबंध लागू रहेंगे। तूफान की स्थिति में प्रशासन राहत कार्य मे व्यस्त है। प्रतिबंधों के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। इनमें किराना स्टोर, सब्जी, फल और फल स्टोर, मेडिकल स्टोर, मिल्क पार्लर, बेकरी, किराना स्टोर शामिल हैं। 36 शहरों में सभी उद्योग, निर्माण इकाइयाँ, कारखाने और निर्माण गतिविधियाँ जारी रहेंगी।

राज्य सरकार ने डेयरी, दूध-सब्जी, फल-फल उत्पादन, वितरण और बिक्री और इसकी होम डिलीवरी सेवाओं को जारी रखने के आदेश दिए हैं।सब्जी मंडी व फल मंडी चालू रहेगी। किराना, बेकरी, सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों की बिक्री और वितरण, अनाज और मसाला पीसने की घंटी, घरेलू टिफिन सेवाएं और होटल / रेस्तरां ले जाने की सुविधा जारी रहेगी।


इन 36 शहरों में पशु चारा, चारा और पशु चिकित्सा और उपचार संबंधी सेवाएं, कृषि संचालन, कीट नियंत्रण और अन्य आवश्यक सेवाएं, उत्पादन, परिवहन और आपूर्ति प्रणाली, परिवहन, भंडारण और सभी आवश्यक वस्तुओं का वितरण समान रहेगा। सभी प्रकार की निर्माण/औद्योगिक इकाइयों एवं कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली इकाइ तथा श्रमिकों को किसी प्रकार की असुविधा न होने देने एवं उनके कर्मचारियों के लिए परिवहन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस बीच, COVID-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। निर्माण गतिविधियां जारी रहेंगी जिसके दौरान कोविड-19 संबंधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।

इस अवधि के दौरान अधिकतम 50 (पचास) व्यक्तियों को विवाह के लिए खुले या बंद स्थानों में अनुमति दी जाएगी। डिजिटल गुजरात पोर्टल पर विवाह के लिए पंजीकरण का प्रावधान अपरिवर्तित है। अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 (बीस) व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी। सभी प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, कार्यक्रम/सभा पूरी तरह बंद रहेंगे।

 इस दौरान राज्य भर में शैक्षणिक संस्थानों और कोचिंग सेंटरों (ऑनलाइन शिक्षा को छोड़कर), सिनेमा थिएटर, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल, वाटर पार्क, सार्वजनिक उद्यान, मनोरंजन पार्क, सैलून, स्पा, ब्यूटी पार्लर, जिम, स्विमिंग पूल के अलावा सभी प्रकार के मॉल और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बंद रहेंगे।

सूरत में एक ओर कोरोना तेज़ी से बढ़ रहा है वहाँ मनपा की ओर से पुराने कोन्ट्राक्ट पर लिए डाक्टर गुरूवार से हड़ताल पर जाने से व्यवस्था बिगड़ सकती है। बताया जा रहा है कि पुराने कोन्ट्राक्ट पर लिए डॉक्टरों को 60,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। जबकि नए कॉन्ट्रैक्ट पर लिये गये डॉक्टरों को 1,25,000 रुपये दिए जा रहे हैं। इससे पुराने डॉक्टर नाराज़ हैं।

इस बारे में डॉक्टरों ने नगर आयुक्त और मुख्यमंत्री को लिखित में अपनी भावनाओं से अवगत कराया, लेकिन उनके सवाल का समाधान नहीं होने पर वे गुरुवार से अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर चले गए। सूरत में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज़ आ रहे है। सरकारी होस्पिटलो में तो मरीज भरे पड़े हैं। ऐसे में सभी डॉक्टर अपनी जी जान से सेवा कर रहे है। कई डॉक्टर संक्रमित भी हुए। ऐसे में उनके हड़ताल से मेडिकल व्यवस्था चरमरा जाएगी।


सूरत कॉरपोरेशन के पुराने अनुबंध पर ड्यूटी करने वाला डॉक्टर गुरुवार से हडताल पर है।कोरोना पीड़ितों के लिए तैयार समरस कोविड सेन्टर में ड्यूटी पर कार्यरत एक साथ डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कैसे किया जाएगा यह चिंता हो रही है। इसके अलावा स्मीमर डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 30 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर हैं। जिसमें से कुछ संजीवनी रथ और स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी पर थे।

डॉक्टरों के हड़ताल से सभी कार्यों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। एक तरफ, समरस कोविड केयर सेन्टर के साथ-साथ स्मीमेर डेडिकेटेड कोविड केंद्र में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उसी समय, डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर जाने से चिकित्सा सेवाओं पर प्रभाव पड़ रहा है।


पुराने अनुबंध के चिकित्सा अधिकारियों ने बुधवार को पालिका के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा की थी, लेकिन कोई उचित समाधान नहीं आने पर गुरुवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर उतर गये हैं। मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि चिकित्सा अधिकारियों को 1,25,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यदि नए काम करने वाले डॉक्टरों को इतना भुगतान किया जा रहा है तो पुराने चिकित्सकों को क्यों नहीं किया जा रहा है।


डॉ. पुर्वेश ने कहा कि पुराने अनुबंध चिकित्सा अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार भुगतान नहीं किया गया था। कोविड के लिए पुराने चिकित्सा अधिकारी दिन-रात ड्यूटी पर हैं। तो हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। मनपा आयुक्त और उप स्वास्थ्य आयुक्त को बार-बार बताने बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम इस्तीफ़ा दे सकते हैं।


हजीरा में पांच साल की मासूम बच्ची से बलात्कार के मामले में पुलिस ने आरोपी सुजीत मुन्नालाल साकेत को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है। इसके पहले पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने आरोपी से अपराध संबंधित कई मामलों की जानकारी पूछने के लिए कोर्ट से पांच दिन का रिमान्ड मांगा।

पुलिस की ओर से कोर्ट में एपीपी किशोर रेवलिया ने दलील की और तीन दिन के रिमान्ड लिए। आरोपी सुजित ने पूछताछ में बताया  कि डेढ साल पहले बच्ची के पिता के साथ उसका पानी के मामले में झगड़ा हुआ था।

इसकी नाराजगी को लेकर उसने पांच वर्षीय बच्ची को चॉकलेट के बहाने बुलाया था और उसके साथ सृष्टि विरूध्ध का कृत्य किया। बाद में डर के मारे माथे में पत्थर मारकर बच्ची की हत्या कर दी। इसक पहले सुजित ने अन्य एक लडकी को भी छेडा था। तब भी लोगों ने उसे घेर लिया, लेकिन कुछ लोगों ने छु़डवाया।

इस तरह की घटना के कारण आसपास के क्षेत्र में भी भय का माहौल फैल गया है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के बाद कई दिशाओं में जाँच शुरू की है। पुलिस को आशंका है कि सुजीत शायद पहले भी किसी इस तरह की घटना में शामिल हो सकता है। पुलिस ने इस बारे में भी पूछताछ शुरू की है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति पर सरकार के प्रतिबंधों ने चैम्बर सहित औद्योगिक संगठनों द्वारा सेवा उद्देश्यों के साथ चलाए जाने वाले ऑक्सीजन बैंक के संचालन को बाधित कर दिया है। अग्रिम भुगतान किए जाने के बावजूद ऑक्सीजन के सिलिण्डर नहीं मिल रहे हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की सिलिण्डर की कमी को दूर करने के उपायों की मांग की है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, सचिन के साथ-साथ चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित विभिन्न औद्योगिक संस्थाओ ने घर में क्वारंटाइन में उपचार कर रहे रोगियों को मुफ्त ऑक्सीजन की सिलिण्डर देने के लिए एक ऑक्सीजन बैंक की स्थापना की है, लेकिन सरकार
तीन-चार दिन से ऑक्सीजन की आपूर्ति को नियंत्रित कर रही है। इसके कारण यह संस्थाएँ ऑक्सीजन नहीं खरीद सकती।

देश में जंपो ऑक्सीजन सिलेंडर (46.7 लीटर) निर्माता केवल 3 से 4 है। यह सब निर्यात करते है। वर्तमान में, भले ही पहले से भुगतान करके ऑक्सीजन की सिलिण्डर खरीदना हो तब भी सिलिण्डर उपलब्ध नहीं हैऑक्सीजन की आपूर्ति सरकार द्वारा नियंत्रित की जा रही है।


चैम्बर ने हाल ही में 100 बोतलों का एक ऑक्सीजन बैंक लॉन्च किया था, जिसे 500 बोतलों तक विस्तारित करने की योजना है, लेकिन प्रतिबंधों के कारण, ऑक्सीजन बैंक प्रणाली ध्वस्त होने की कगार पर है, इसलिए चैम्बर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख सिलिण्डर की खरीद सरल बनाए।


एक ओर पूरा शहर कोरोना के मारे तनाव ग्रस्त है। व्यापार उद्योग बंद है और सब कुछ अनिश्चित है। ऐसे में मनपा के अधिकारी मार्केट क्षेत्र में कपड़ा व्यापारियों से आरटीपीसीआर और वैक्सिन का सर्टिफिकेट मांगकर दंड वसूल रहे है। इसके खिलाफ व्यापारियों में नाराजगी है।

इस सिलसिले में सूरत मर्कनटाइल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र साबू  के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मण्डल राजीव उमर,सचिन जैन,महेश पाटोदिया एवं हेमन्त गोयल ने सूरत शहर की मेयर हेमाली बोघावाला से मुलाकात कर व्यापारियों की समस्याओं प चर्चा कर ज्ञापन दिया और मनपा की कार्रवाई बंद करने की मांग की।


ज्ञापन में बताया है कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा अनुसार 1 मई से 18+ वर्ष का वैक्सीनेशन का फैसला बड़ा सराहनीय है।


1-वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सफलता पूर्वक अन्जाम देने के लिए सूरत मर्केंटाइल ऐसोसिएशन की कोर कमेटी तथा वर्किंग कमेटी की पुरी टीम के साथ रिंग रोड के कपडा मार्केट विस्तार में पूर्ण रूप से सहयोग देगी। मार्केट क्षेत्र में मार्केटो की संख्या अनुसार वैक्सीनेशन सेन्टर बनाने चाहिए ताकि शीघ्र से शीघ्र ओर ज्यादा संख्या में  वैक्सीनेशन हो सकें। अगर प्रशासन हमें वैक्सीन, डाक्टर ओर नर्स की व्यवस्था करके देवे तो सूरत मर्केंटाइल ऐसोसिएशन अपने वालंटियर के माध्यम से मार्केट विस्तार में वैक्सिनेशन की पुरी व्यवस्था करने में सक्षम है तथा तैयार है।

2-सूरत लोकल प्रशासन द्वारा कपडा मार्केटो में कोविड महामारी की आड लेकर तथा चैकिंग के नाम पर अनाधिकृत वसूली करतें है तथा व्यापारियों को डराया धमकाया जा रहा है।


3- सूरत प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के नाम पर केवल ओर केवल कपडा मार्केट को प्रति सप्ताह विकेन्ड लॉकडाउन करने के लिए मजबूर किया जाता है जबकि पुरे सूरत का प्रत्येक व्यापार  चालु रहता है।


सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन ने यह भी पूछा कि क्या कपडा मार्केट कपडे की बजाय कोरोना बेचता है? या केवल उसी के कारण कोरोना फैलता है? कपडा बाजार सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है ओर वो भी बिना किसी योग्यता प्रमाण पत्र के, इस सबके बावजूद ऐसा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार क्यों? मेयर  ने सभी मुद्दों पर समाधान का आश्वासन दिया है।

शनिवार को सूरत शहर में 2361 और जिले में 365 मरीज मिलाकर कुल 2726 मरीज दर्ज हुए। सूरत में अब तक 102526 कोरोना केस दर्ज हो चुके है। जिसमें कि शहर के 80088 और ग्राम्य के 22438 है। मौत की बात करें तो सूरत सिटी में आज 25 और ग्राम्य में 3 मिलाकर कुल 28 केस दर्ज हुए।

अब तक सूरत शहर में 1295 और ग्राम्य में 323 मिलाकर 1618 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को सूरत शहर में 950 और जिले में 296 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। कुल डिस्चार्ज में 79572 लोग शामिल है। इसमें शहर के 61876 और जिले के 17696 शामिल हैं।
शनिवार को सूरत शहर के सेन्ट्रल जोन में 253,वराछा ए में 260, वराछा बी में 224,रांदेर में 450,कतारगाम में 296,लिंबायत में 228,उधना में 236 और अठवा मं सबसे अधिक 414 मरीज दर्ज हुए।

सूरत में कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 77.26 प्रतिशत माना जा रहा है। उल्लेखनीय है सूरत सहित गुजरात में कोरोना के केस तेजी से बढते जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से कोरोना के बढते मामलों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई असर नहीं दिख रहा।

सूरत शहर के साथ ग्राम्य क्षेत्रों मे भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढती जा रही है। प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही है। शनिवार को सूरत में एक्टिव केसों की संख्या 21336 पर पहुंची है। पूरे गुजरात की बात करें तो शनिवार को कुल 14097 नए केस दर्ज हुए और 152 लोगों की मौत हो गई। जबकि 6479 लोगों को डिस्चार्ज किया गया।

कोरोना के कारण प्रतिदिन कई लोगों को जान गँवानी पड़ रही है। किसी को अपना पिता को किसी को अपना भाई, कोई अपना पति तो कोई बेटा गँवा रहा है। आप ही सोचिए जिस परिवार का एक मात्र सहारा चले जाए उस परिवार पर क्या बीतेगी? कामरेज में ऐसी ही घटना हुई। पूरे परिवार का आधारस्तंभ बेटा कोरोना में चले जाने के कुछ देर बाद पिता की भी मौत हो गई। अप परिवार में पत्नी, चार साल का बेटा और एक माता है।


कामरेज पर ननसाड गांव में रहने वाले एक ब्राह्मण परिवार में घर का एक ही कमाने वाला सदस्य कोरोना की भेंट चढ गया। इस परिवार पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार सिविल हॉस्पिटल में दाखिल मूल तौर से सौराष्ट्र के धानागांव के कर्मकांडी ब्राह्मण कार्तिक भाई शशिकांत भाई जोशी जो कि सिर्फ 29 साल के थे उन्हें कोरोना के कारण सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।


 यह जानकारी सुनते ही उनके 60 साल के पिता शशिकांत भाई जोशी भी चल बसे। 29 वर्षीय कार्तिक भाई इस परिवार में कमाने वाले थे। अब उनके घर में दो महिलाएं और 4 साल का एक बेटा बचा है। कार्तिक भाई की मम्मी मधुबन ह्रदय रोग की मरीज है उनके उपचार में बहुत खर्च होता है। जबकि कार्तिक भाई की पत्नी कोमल बेन ज्यादा पढ़े-लिखी नहीं है वह किराए के मकान में रहती है। कार्तिक भाई की माता मधुबन का की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया है।

कोरोना के कारण रेमेडेसिवीर इंजेक्शन की भारी मांग उठी है। प्रशासन रेमेडिसिविर इंजेक्शन मरीजों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है लेकिन इस बीच सिविल हॉस्पिटल में डेढ सौ इंजेक्शन का हिसाब किताब नहीं मिलने के कारण सिविल प्रशासन चिंता में है। इसकी जाँच के आदेश दिए है।

बात ऐसी है कि नियम के अनुसार सिविल में दाखिल हो ऐसे मरीजों को ही रेमेडिसिविर इंजेक्शन दिया जाता है लेकिन मेडिकल स्टोर से सिविल हॉस्पिटल में दाखिल नहीं है।ऐसे लोगों के नाम पर भी इंजेक्शन दिया गया है। संभावना है कि डेढ़ सौ इंजेक्शन सिविल में दाखिल नहीं हो ऐसे लोगों के नाम पर जारी किए गए हैं।

यह मामला सामने आने के बाद सुप्रिन्टेन्डेन्ट ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सोमवार को जिला कलेक्टर ने भी निजी हॉस्पिटलों को 1200 इंजेक्शन दिए थे एक मरीज के लिए एक इंजेक्शन ही दिया जा रहा है और जब तक कि स्टॉक है तब निजी हॉस्पिटल को इंजेक्शन दिया जाएगा। इसके दो दिन पहले भाजपा कार्यालय से भी लोगों को निशुल्क इंजेक्शन दिया गया था।

सूरत शहर में कोरोना ने अब डरावना रूप ले लिया है। प्रशासन की सभी तैयारियों के बाद भी कोरोना घटने का नाम नहीं ले रहा। शहर में कोरोना के बढते केसो के कारण लोगों में भय का माहौल बनता जा रहा है। सूरत में कोरोना संक्रमितों की संख्या सोमवार को 1469 पर पहुंच गई।सूरत की निजी अस्पतालों में अब कोरोना के बेड की कमी होने लगी है। मृतकों की संख्या देखते हुए पाल में 14 साल पहले बंद स्मशान घाट फिर से शुरू करना पड़ा।


सूरत शहर और ग्राम्य में मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 1469 पर पहुंच गया। साथ ही 788 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अभी तक शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र से कुल 76416 मरीज कोरोना संक्रमित हुए। सोमवार को शहरी क्षेत्र से 18 तथा ग्रामीण क्षेत्र से 1 सहित कुल 19 कोरोना मरीजों की मौत हुई।अब तक शहर जिले में कुल 1302 की मौत हुई और 68763 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं।


सूरत में कोरोना के मरीज़ों की संख्या को देखते हुए सिविल अस्पताल में आपातकालीन ओपीडी के सिवाय अन्य ओपीडी बंद करने का फ़ैसला किया गया है। कोरोना के कारण श्रमिकों में भय होने के कारण वह पलायन नहीं करें इसलिए चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने प्रशासन से गुहार लगाई है।

शहर में रक्त और प्लाजमा की माँग बढ़ रही है। लेकिन वहीं दूसरी ओर शहर में वैक्सिनेशन के कारण तथा रोग का संक्रमण बढ़ने के कारण बहुत कम लोग रक्तदान के लिए आ रहे है।इस कारण रक्तदान केन्द्रों पर लोग की कमी के कारण रक्त के साथ प्लाजमा की कमी हो सकती है।

है। सूरत के विभिन्न ब्लड बैंकों में कोरोना बढ़ने के चलते रोजाना 40 से 60 प्लाज्मा की मांग की जा रही है। जो मरीज कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं, वे प्लाज्मा दान कर सकते हैं, जो अन्य रोगियों के लिए सहायक हो सकता है। सूरत में विभिन्न ब्लड बैंकों में प्लाज्मा की भारी मांग है, लेकिन प्लाज्मा दान करने वालों की संख्या बहुत कम है, जो रक्त बैंकों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

शहर में कोरोना संक्रमण के मरीज़ों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना के कारण रक्त शिविरों का भी आयोजन नहीं हो पा रहा। ऐसी परिस्थितियों में, रक्त बैंक में भी कम रक्त इकट्ठा हो रहा है।

लोक समर्पण ब्लड बैंक के निदेशक हरिभाई ने मीडिया से कहा, "वैक्सिनेशन के लिए रक्तदाताओं को रक्तदान करना चाहिए।" वैक्सिनेशन के बाद रक्तदान में 40 से 45 दिन लगते हैं। वैक्सिन के बाद चाहकर भी 45 दिनों से तक रक्तदान नहीं कर पाएंगे। इससे ब्लड बैंक में बहुत परेशानी हो सकती है।

सोमवार को सूरत में 603 मरीज दर्ज होने के बाद मंगलवार को भी यह गति बनी रही। मंगलवार को सूरत शहर में 615 और ग्राम्य क्षेत्र में 193 मिलाकर कुल 811 मरीज दर्ज हुए। शहर और जिले में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 69464 पर पहुंची है। मंगलवार को सूरत में सात लोगों की मौत हो गई। अभी तक शहर में कोरोना से 922 और ग्राम्य में 288 मरीजों को मिलाकर कुल 1210 की मौत हो चुकी है। मंगलवार को शहर और ग्राम्य में 744 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 64355 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है।

अभी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 3899 हैं।मंगलवार को नए 615 कोरोना संक्रमित मरीजों में से शहर में सबसे अधिक मरीज अठवा जोन से 109, रांदेर जोन से 100, लिंबायत जोन से 71, कतारगाम जोन से 79, सेन्ट्रल जोन से 68, वराछा-ए जोन से 64 वराछा-बी जोन से 57 और उधना जोन से 67 नए मरीज है।मंगलवार को मृतको में वराछा जोन के 82 साल के पुरूष,लिंबायत जोन के 59 साल के पुरूष, उधना जोन के 68 साल के पुरूष, वराछा बी जोने के 53 साल के पुरूष, अठवा जोने के 45 साल के पुरूष, लिंबायत जोने के 55 साल के पुरूष,रांदेर जोन के 86 साल के पुरूष थे।

उल्लेखनीय है कि सूरत में सोमवार में कोरोना की परिस्थित का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सूरत में उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग की और 300 वेन्टिलेटर बढाने की घोषणा की।