सूरत: टूटी सड़कें मरम्मत नहीं होने पर ‘आप’ पार्टी के नेताओं ने रोड पर मेयर का नाम लगा दिया

हाल मे ही वराछा की खाडी के सफाइ के दौरान भाजपा के पदाधिकारियों के फोटो खाड़ी के किनारे लगाने के बाद अब आप पार्टी के कार्यकर्ताओ ने खराब सड़क के किनारे मेयर हेमाली बोघावाला का नाम लिख दिया है। वार्ड नंबर चार के कापोद्रा क्षेत्र के निवासियों को लंबे समय से जर्जर सड़क के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी रही।

आम आदमी पार्टी के वार्ड नंबर चार के पार्षद आज ने आज लोगों  बीच जाकर अनोखा विरोध किया। उन्होंने कापोद्रा क्षेत्र में श्रीजी सोसाइटी रोड का नाम मेयर हेमाली बोघावाला सड़क का नाम रख दिया। कार्यक्रम में कई स्थानीय लोग शामिल हुए।लोगो का कहना था कि वह लंबे समय से मांग कर रहे थे लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। 


आप पार्टी के मुताबिक कपोदरा क्षेत्र के विभिन्न सोसायटियों के निवासियों ने बार-बार खराब रोड का मुद्दा उठाया है लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. नीलकंठ सोसाइटी, चंचल नगर, कमल पार्क, श्रीजी सोसाइटी, पोल्ट्री सेंटर क्षेत्र के निवासी बुरी तरह प्रभावित है। इसलिए आम आदमी पार्टी के नगरसेवक ने अपने क्षेत्र में काम आसानी से करवाने के लिए इसका नाम मेयर के नाम से रख दिया।

आपके नेताओं ने भाजपा शासकों पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी के वार्ड नंबर 4 के नगरसेवक धर्मेंद्र भाई ने कहा कि भाजपा नेता सिर्फ श्रेय के भूखे हैं, भाजपा कम करके ज्यादा दिखाने में सबसे आगे है। हमने इस सड़क को मेयर के नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया है ताकि खराब रोड जल्दी बन सके और मेयर को श्रेय मिले।

कपड़ा व्यापारियों ने कोरोना टेस्ट से बचने के लिए बंद कर दी दुकानें

हर में बढ रहे कोरोना के केस के कारण मनपा ने अपनी तैयारियां और तेजी से शुरू कर दी है। इस बीच सोमवार को मनपा की टीम कपड़ा मार्केट स्थति मिलेनियम टेक्सटाइल मार्केट में व्यापारियों की कोरोना टेस्ट करवाए हैं या नहीं इसकी जाँच के लिए पहुची। मनपा की टीम आने की जानकारी मिलते ही व्यापारियों ने दुकाने बंद कर दी और मुख्य द्वार के आगे इकट्ठा होने लगे।


पिछले एक महीने से मनपा की ओर से कपड़ा व्यापारियों और श्रमिकों को मार्केट में आने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट और कोरोना वेकिसन का सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बिना आनेवालों को मार्केट में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। सोमवार को सबेरे से ही मनपा की टीम कपड़ा बाजार में आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया है या नहीं इसकी चेकिंग के लिए गई थी।

इसके बाद से व्यापारियों ने खुद ही दुकाने बंद करना शुरू कर दी थी। उल्लेखनीय है कि कपड़ा बाजार में बड़ी संख्या में लोगोने अभी वेक्सिन नहीं लिया है। जिन्हें कि आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य है लेकिन बारबार टेस्ट करवाने के कारण वह परेशान हो गए है।

उल्लेखनीय है कि सूरत में जिस तेजी से कोरोना के मरीज बढ रहे है। इसके कारण निजि अस्पतालों में अब ऑक्सीजन की कमी भी आने लगी है। इस बारे में सोमवार को डॉक्टर्स ने कलक्टर को ज्ञापन देकर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की मांग की है।

कोरोना मृतको की अस्थियां लेने भी 90 प्रतिशत परिवारजन नहीं आते!


कहते हैं कि सुख के सब साथी दुख में ना कोय, कोरोना काल में यह बात 100 प्रतिशत सत्य साबित हो रही है। जिंदगी भर साथ में रहने वाले कई लोग मौत के बाद पराए से भी बदतर व्यवहार करते होने की घटनाए सामने आ रही है। कुछ दिनों पहले कोरोना मृतक के परिजन लाश को स्मशान घाट पर ही छोड देने की घटना सामने आई थी। ऐसे ही स्मशान घाट पर दाहविधि करने वालों को कई अनुभव हुए है।

प्रतीकात्मक फ़ोटो

सूरत के पाल में बीते 14 साल से बंद कैलाश मोक्षधाम को 10 दिन पहले शुरू किया गया। जहां पर निशुल्क दाहविधि की जा रही है। साथ ही मृतकों की अस्थि विसर्जन का भी काम किया जा रहा है। आप को जानकर आश्चर्य होगा कि 90 प्रतिशत परिवार अस्थियां लेने भी नहीं आ रहे।


सूरत में पाल के कैलाश धाम शमशान भूमि में खुले मैदान में चिता बनाकर रात में कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार 11 अप्रैल से दाहविधि शुरू की गई है। अब तक यहां 275 मृतदेहों की अंतिम क्रिया की गई है। कई मृतकों के परिवार के अंतिम विधि के बाद उनकी अस्थिया मांगते हैं। जबकि 90 प्रतिशत लोग नहीं मांगते। यहां अस्थियां इकट्ठा करने का काम अडाजन के सुरेश पटेल ने शुरू किया है।

अस्थियां इकट्ठे करने के बाद वह मृतक के परिवारजनों को फोन करके बुलाते हैं। कई मृतकों के परिचित अस्थियां ले जाते हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग लेने भी नहीं आते। कोई आता भी है तो सिर्फ दूध का अभिषेक कर के चले जाता है। इन अस्थियों को इकट्ठा करके वह हरिद्वार भेज रहे हैं। जिसे की विधिवत तौर से गंगा नदी में विसर्जित किया जाता है।

इसके बाद मृतक के परिचित को फोन कर देते हैं। सुरेश भाई ने कहा कि मृत्यु के बाद अस्थि विसर्जन को लेकर लोगों में आस्था जुड़ी हुई है। इस आस्था का भंग नहीं हो इसलिए गांव के लोगों के साथ मिलकर उन्होंने यह सेवा कार्य शुरू किया है। अब तक 200 से अधिक अखियां विसर्जन के लिए भेजी जा चुकी है।

सूरत: एक हज़ार रूपए की फिरौती के लिए डबल मर्डर करनेवाले को अंतिम श्वास तक जेल!


गोडादरा में पांच साल पहले पान के दुकानदार से हफ्ता लेने के मामले में अजय सिंह नाम के शख्स ने दो निर्दोष लोगों की हत्या करके एक जन को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस मामले में कोर्ट ने अजय सिंह को अंतिम सांस तक सख्त कैद और 200000 रूपए की दंड की सजा सुनाई है।


मिली जानकारी के अनुसार गोड़ादरा में पटेल नगर में पान की दुकान चलाने वाले सुनील तेज बहादुर राजपूत के पान के गले पर 15 अप्रैल 2016 के दिन बैठा था। इस दौरान अजय सिंह पारसनाथ सिंह राजपूत ने 1000 रूपए हफ्ता मांगा था लेकिन सुनील ने इंकार कर दिया जिससे कि अजय सिंह ने चाकू से उसकी छाती,हाथ और पांव पर हमला कर दिया। इससे घबराकर सुनील दुकान से निकल कर भागा।

अजय सिंह ने चक्कू लेकर उसे दौड़ाया और भारद्वाज नगर सोसाइटी में घुसा। दौड़ते दौड़ते सब को मार डालूंगा कहकर सुनील का पीछा करने लगा। इस दौरान घर के सामने बैठे लाल बहादुर रामरति राजपूत, धर्मराज राम निहोर राजभर तथा शिकायतकर्ता डबलू छेदी लाल राजभर पर हमला करके घायल कर दिया। घटना में छेदीलाल घायल हो गया और अलावा बाकी दो की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में अजय सिंह राजपूत को पकड लिया।

5 साल से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने सभी बातों को ध्यान में रखते हुए तथा शिकायतकर्ता के वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को तमाम आरोपों में कसूरवार पाया। आरोपी को जिंदगी के अंतिम सांस तक सख्त कैद और 200000 रूपए दंड की सजा दी है। दंड भरने पर मृतक लाल बहादुर तथा धर्मराज की पत्नी को एक-एक लाख चुकाने को कहा है।


 कोर्ट ने कहा कि यह आरोपी अपनी धाक जमाने के लिए कुछ भी कर सकता है। इसे समाज में खुला रखना न्याय के लिए उचित नहीं है। इन पर नियंत्रण रखना जरूरी है। आरोपी अजय सिंह राजपूत के परिचितों ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों को लालच भी दिया था और उन्हें कोर्ट में सबूत देने से भी रोका था। 23 जुलाई 2018 के रोज जब शिकायतकर्ता कोर्ट में गवाही देने आया था।

आरोपी के परिचितों में से सुशील कुमार गौतम ने अपनी मूछें चढ़ाई थी जिससे कि कोर्ट ने सुशील कुमार तथा विजय को विनय कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश दिए। सुनील राजपूत ने आरोपी के भाई के डर से कोर्ट में गवाही देने से इनकार किया।  कई लोगो ने डर के मारे गवाही नहीं दी थी। दौरान आरोपी के भाइयों ने मृतक की विधवा को कुछ नहीं देंगे ऐसा कहा तब साक्षी ने आरोपी के खिलाफ तमाम सबूत दिए।जिसके तहत सजा सुनाई गई।

रियल एस्टेट से जुड़े श्रमिकों ने पकड़ी गांव की राह, बंद हो रहे प्रोजेक्ट


सूरत शहर के हालात दिन प्रतिदिन और बिगडते जा रहे है। सूरत से श्रमिक पलायन कर रहे है। कपडा, हीरा उद्योग के बाद अब रियल एस्टेट से जुड़े श्रमिक भी पलायन कर लगे है। इस कारण कई प्रोजेक्ट रोक देने पड़े है और कई प्रोजेक्ट की गति धीमी हो गई है। आगामी दिनों में भी यदि श्रमिकों का पलायन नहीं रूका तो पिछले साल की तरह रियल एस्टेट बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। सूरत में कोरोना के कारण होस्पिटलों में बेड, ऑक्सीजन और दवा की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इन सबके चलते भय के मारे श्रमिक पलायन करने लगे है।

कपड़ा उद्योग से जुडे यूपी, बिहार,छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश के कई श्रमिक गाव चले गए है। कोरोन की दूसरी लहर शुरू होने के कुछ महीने पहले फ्लैट, रॉ-हाउस आदि में इन्क्वायरी शुरू हुई थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण फिर से परिस्थिति खराब हो गई है। लोग जो खरीदी के लिए आगे आ रहे थे वह फिर से एक बार शांत हो गए हैं। दिवाली के बाद जो माहौल बना था वह एक बार ठंडा हो गया है कोरोना के कारण श्रमिकों ने पलायन शुरू कर दिया है।

रियल एस्टेट सेक्टर में ज्यादातर श्रमिक गोधरा,पंचमहाल आदि के हैं जो कि अपने गांव की ओर रुख कर चुके हैं। श्रमिकों की कमी के कारण कहीं प्रोजेक्ट के काम धीमे में हो गए हैं तो कई प्रोजेक्ट बंद कर देने पड़े है। पिछली बार कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था तब श्रमिक गांव चले गए थे और उन्हें बुलाने के लिए भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। इस बार भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति बनी है।

क्रेडाइ से मिली जानकारी के अनुसार शहर में इन दिनों ढाईसौ साइट चल रही है जिसमें कि ज्यादातर रेजिडेंशियल साइट है। कोरोना के बाद भी लोहे और सीमेंट की कीमत 40% बढ़ी है। अब इस बीच श्रमिकों की भी कमी चल रही है। जिससे कि प्रोजेक्ट को पूर्ण होने में समय लगेगा हालांकि अभी काम रुका नहीं है लेकिन श्रमिकों की कमी से धीमा पड़ गया है।

कोरोना से सूरत का हाल बुरा, 15 की मौत नए 1104 केस


शहर-जिले में शुकुवार को नए 1104 कोरोना संक्रमित मरीजों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया और 746 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अभी तक शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र से कुल 72347 मरीज कोरोना संक्रमित हुए । शुकुवार को शहरी क्षेत्र से 14 तथा ग्रामीण क्षेत्र से एक सहित कुल 15 कोरोना मरीजों की मौत हुई।


शुक्रवार को सूरत शहर में नए 891 मरीजों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 55728 पर पहुंच गई है। अब तक शहर जिले में कुल 1249 की मौत हुई और 66442 मरीज अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। शहर जिले में 4656 कोरोना मरीज अस्पताल तथा होम कोरन्टाइन फेसीलीटी में चिकित्सा ले रहे है।


शुक्रवार को नए 891 कोरोना संक्रमित मरीजों में से शहर में सबसे अधिक मरीज अठवा जोन से 147, रांदेर जोन से 144, लिंबायत जोन से 94, कतारगाम जोन से 97, सेन्ट्रल जोन से 115, वराछा-ए जोन से 105, वराछा-बी जोन से 94 और उधना जोन से 95 नए मरीजों का समावेश है। कोरोना के केस लगातार बढने के कारण सिविल अस्पताल में सिर्फ कोरोना के मरीज तथा आवश्यक मरीजो के लिए ओपीडी चालू रहेगी।

अन्य ओपीडी बंद करने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस बीच कोरोना के लिए आवश्यक रेमिडिसिविर इंजेक्शन की मांग बढते देख प्रशासन ने जो मरीज घर रहकर उपचार करवा रहे हैं यदि उन्हे चाहिए तो भी डॉक्टर के सलाह के बाद इंजेक्शन ले सकेंगे। प्रशासन अपनी ओर से हर प्रकार की संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोरोना की गति तेज होने से सबकुछ कम साबित हो रहा है।

(फाइल फोटो)

सूरत: डुम्मस में अधेड के हाथ पांव बांध कर हत्या और लूट


सूरत शहर के डुम्मस क्षेत्र में कांदीफलिया में पांच अजनबियों ने एक घर में डाका डाला और मकान मालिक अधेड़ को मौत के घाट उतार दिया। यह अधेड घर में अकेले रहते थे। लूट करने के बाद लुटेरे भाग गए। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने डॉग की मदद से जांच शुरू कर दी है।


मिली जानकारी के अनुसार डुम्मस के कांदी फलिया में रहने वाले भूपिन पटेल रात के समय घर में अकेले थे। उस दौरान गुरूवार की देर रात 5 लोग उनके घर में घुसे और उनके हाथ पांव बाधकर हत्या कर दी और लूट की। हर रोज की तरह गोविंद की माता सवेरे जब उनके घर पर गई तो वहां देखा कि भूपिन का हाथ पांव बांधा था और जमीन पर गिरे थे।

उनकी मां ने चिल्लाना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करके जांच शुरू की है। सीसीटीवी कैमरे में भी पुलिस को सबूत मिले हैं। जिसमें की कुछ लोग कांदी फलिया में जल्दी-जल्दी दौडते नजर आ रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि 6 महीना पहले भी यहां पर से एक मोबाइल चोरी हुई थी। जिसमें की पुलिस ने 3 लोगों को पकड़ा था। इसके बाद यह घटना हुई है। लोगों में भय का माहौल है। पुलिस  का मानना है कि यह चोर बाहर का नहीं बल्कि आसपास पाई हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

कोरोना के कारण 16 दिनों में 200 से अधिक मौत, अब तक कुल 401

बीते तीन सप्ताह में कोरोना किस तरह से भयानक हुआ है। उसका अंदाजा आपको यह जानकर पता चल जाएगा कि सूरत में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 401 पर पहुंची है। जिसमें कि 207 मौतें तो बीते 16 दिनों में ही हुई है। इस तरह से पिछले 3 सप्ताह सूरत के लिए बहुत ही निराशाजनक रहे हैं।

आगामी दो सप्ताह भी बेहद चिंताजनक होने की जानकारी प्रशासन की ओर से दी जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार सूरत में प्रशासन पहले ही लोगों से कुछ दिनों तक मतलब कि आगामी दो सप्ताह तक सावधानी बरतने को बार-बार कह रहा है। प्रशासन ने बड़े-बुजुर्गों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।


साथ ही युवाओं को भी यदि जरूरत ना हो तो बाहर नहीं निकलना चाहिए ऐसी सलाह दी है। प्रशासन की ओर से बार-बार सोशल डिस्टेंस का पालन करने और मास्क पहनने की अपील की जा रही है। इसके बावजूद मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको बता दें कि बीते तीन सप्ताह में सूरत की हालत ज्यादा खराब हुई है।


लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अनलॉक में सरकार ने लोगों से आर्थिक गतिविधि बनी रहे इसलिए कई शर्तों के साथ व्यापार उद्योग खोलने की छूट दी थी लेकिन, जैसे ही व्यापार उद्योग खुले वैसे ही कोरोना भी तेज हो गया।

हीरा उद्योग में काम करने वाले सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हो गए ।कतारगाम और वराछा जोन में अभी तक बड़ी संख्या में केस दर्ज हो रहे हैं। बीते तीन सप्ताह की बात करें तो कोरोना के कारण बीते दो सप्ताह में ही 207 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। सूरत में 22 मार्च को सबसे पहले मरीज की कोरोना से मौत हुई थी। जिसमें की सेंट्रल जेल में रहने वाले 67 वर्षीय हीरा उद्यमी की मौत हुई थी।

इसके बाद से मौत का सिलसिला शुरू हो गया 116 दिन में अब तक 401 लोगों की मौत हो चुकी है। सूरत में कोरोना की परिस्थिति को समझते हुए दिल्ली के एम्स के 4 डॉक्टर दौरे पर हैं। 30 जून तक सूरत में 178 लोगों की कोरोना से जान गई थी। यदि इसमें सूरत जिले के लोगों को भी जोड़ लिया जाए तो कुल 194 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। अब यह गति तेज हो गई है।

जुलाई के 16 दिनों में ही शहर और जिले में लाकर 207 लोगों की जान गई है। मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोग हैं। 40 से कम उम्र वाले 8 लोग हैं। सूरत में फिलहाल कोरोना पॉजिटिव की संख्या नौ हजार के करीब है जिसमें की 4000 से अधिक के तो बीते 16 दिन में ही दर्ज हुए हैं सूरत की स्थिति ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

कोरोना: सूरत में सोमवार को 16 की मौत, बिगडते हालांत

सूरत में कोरोना का संक्रमण गंभीर चिंताजनक ढंग से आगे बढ रहा है। सोमवार को कुल 287 कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हुए। इसमें सूरत सिटी के 207  हैं और जिले के 80 हैं। अब तक कोरोना के कारण शहर में कुल शहर में 7319 और जिले में 1340 केस दर्ज हुए हैं। कुल मिलाकर शहर और जिले में कोरोना संक्रमितो की संख्या 8659 पर पहुंच गई है। आज कुल 16 लोगों की मौत के साथ कुल 345 लोगों की जान जा चुकी है।

इसके अलावा शहर में 159 और जिले में 44 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 5521 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इसमें 646 जिलें से हैं।
सूरत में सोमवार को 14 मौतें हुई है, जो कि अब तक एक दिन में सबसे अधिक है। इस बीच शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढते हुए देख प्रशासन ने भी सारी तैयारियां  की है।

सूरत मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने बीते दिनों शहरीजनों को संदेश दिया था इसमें बताया था कि कारोबार के मतलब से दिल्ली और मुंबई जा रहे हैं उनसे कोरोना फैलेने का भय है ऐसे लोगों ने कमिश्नर ने 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहने की अपील की। कमिश्नर ने जिन लोगों की उम्र पचास साल से अधिक है उन लोगों को बेवजह बाहर नहीं निकलने को कहा।

कमिश्नर ने शहरीजनों से यह भी अपील की है कि जहां पर एसी हो और इन्डोर हो मतलब कि खिडकी और दरवाजे बंद हो वहा ज्यादा देर तक नहीं रूके। इसके बाद सोमवार को भी मैसेज दिया इसमें बताया कि लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने लूम्स कारखाना संचालक, डायमंड यूनिट के 

मालिक तथा सोसायटी के प्रमुखो से पल्स ऑक्सिमीटर रखने का आग्रह किया ताकि यदि किसी को आवश्यकता पड़े तो तुरंत ही उसकी ऑक्सीजन लेवल 

जाना जा सके और उसका उपचार किया जा सके। मनपा कमिश्नर ने बताया कि जिन लोगों को ऑक्सीजन लेवल 95 के उपर है उनके लिए कोइ 

समस्या नहीं है लेकिन जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 या उससे कम है उनको तुरंत ही सिविल होस्पिटल, स्मीमेर या निजी अस्पताल में दाखिल हो जाना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि बीते दिनो में कई लोगों को स्वास्थ्य केन्द्रो से होस्पिटल में भेजा गया लेकिन वह नहीं आए लेकिन उनकी मौत हो गई। जिन लोगो के पास पल्स ऑक्सीमीटर नहीं है वह धन्वंतरी रथ, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या सिविल और स्मीमेर जाकर नाप सकते हैं। 


कमिश्नर ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करने से पहले उसे सेनेटाइज कर लेना चाहिए। इसके अलावा कमिश्नर ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर के अलावा ऑक्सीजन कन्सेट्रेटर नामका मशीन भी अंदाजन 55 हजार रुपए का आता है, जो कि वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को निर्धारित कर हमें देता है।

आवश्यकता हो तो लोग वह भी ले सकते हैं।इस क्षेत्र के लोगों से की बाहर नहीं निकलने की अपील मनपा कमिश्नर ने गोडादरा, पूणा, पूणा सीमाडा, पूणागाम, सरथाणासे पाल, अडाजण, पालनपुर पाटिया, पीपलोद, उमरा ओनजीसी नगर के लोगों से कोरोना इस परिस्थिति में आवश्यक नही हो तो घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।

सूरत: आउट ऑफ कंट्रोल कोरोना गुरूवार को 300 के पार,

सूरत में गुरूवार को कोरोना( surat corona) के मरीजों की संख्या तीन सौ के पार पहुंच गई। गुरूवार को कुल 308 कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हुए। इसमें सूरत सिटी के 212 हैं और जिले के 96 हैं। अब तक कोरोना के कारण शहर में कुल 6526 और जिले में 1057 केस दर्ज हुए हैं।

आज कुल 13 लोगों की मौत के साथ कुल 296 लोगों की जान जा चुकी है इसके अलावा शहर में 103 और जिल में 33 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 4488 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इनमें जिले के 33 है।


सूरत में कोरोना के बढते मरीजों की संख्या को देखते हुए आरोग्य सचिव जयंति रवि सूरत में ही है उन्होंने कहा कि हम कोरोना संक्रमण बढने के अंतिम चरण से गुजर रहे हैं। आगामी दो-तीन सप्ताह खुब सावधानी रखनी होगी।

सूरत में बुधवार को भी कोरोना के कारण 13 लोगों की मौत हुई थी। कोरोना के कारण बीते दो सप्ताह से मरीजों की संख्या खुब तेजी से बढ रही है। इस बीच वराछा जोन-बी में 11802 घरों के 51985 लोगों को क्ल्स्टर घोषित किया गया है। कोरोना के कारण मनपा प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

प्रशासन ने कई क्षेत्रों में मास्क नहीं पहनने वाले और सोशियल डिस्टेंस का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी की। इस बीच सूरत टैक्सटाइल मार्केट में लगातार कोरोना के बढ़ते केसो के कारण कपड़ा बाजार में किस तरह कोरोना पर नियंत्रण पाया जाए।

इसके लिए आरोग्य अग्र सचिव, कलक्टर, मनपा कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर तथा व्यापारियों की मीटिंग हुई।

उल्लेखनीय है कि कपडा बाजार(surat textile market) और हीरा बाजार में लॉकडाउन के बाद तेजी से कोरोना के मरीज बढे हैं। इसके कारण हीरा उद्योग को कुछ दिनों पहले बंद भी करा दिया गया था। हीराबाजार शुक्रवार से फिर से खुल जाएंगे। हालाकि हीराबाजार के ऑफिस में दोपहर दो बजे से शाम के छह बजे तक ही काम की छूट दी गई है।