वैक्सिन हेल्पर्स ग्रुप द्वारा 20 जून तक करीबन 3000 से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवाई गई। भारत सरकार द्वारा एक मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया गया परन्तु इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करवाना आवश्यक कर दिया था। सोमवार से सरकार द्वारा बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के भी वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया। परन्तु इसके पहले वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने में अनेको दिक्कत का सामना युवा वर्ग को करना पड़ रहा है।

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वैक्सीन बुकिंग के तरीके के बारे में लोगों को समझाने एवं बुकिंग में सहायता करने हेतु युवाओ के ग्रुप ने वैक्सीन बुकिंग ड्राइव अभियान चला कर लोगों की सहायता की।ग्रुप के नीरज अग्रवाल, सुमित मित्तल ने बताया की इसके लिए व्हाट्सएप्प पर दो ग्रुप बनाये गए एवं ग्रुप में लोगों को ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें वो समझाया गया जाता एवं उनकी बुकिंग भी की गई। ग्रुप द्वारा यह सेवा निशुल्क थी। ग्रुप में कुल 15 सदस्यों ने पिछले करीबन 50 दिन से लोगों की बुकिंग की एवं हजारों लोगों को बुकिंग कैसे करें आदि की जानकारी दी।

ग्रुप के सदस्यों द्वारा देर रात तक बुकिंग की जाती थी साथ ही बहुत से लोगों को स्थान या दिनांक को रिशिड्यूल करने में मदद की। साथ ही ग्रुप द्वारा अनेकों श्रमिकों, होटल्स, प्रतिष्ठानों के सदस्यों, स्टाफ आदि की बुकिंग की गई। ग्रुप के कपीश खाटूवाला ने बताया की ग्रुप द्वारा ऑनलाइन बुकिंग करने में सुमित अग्रवाल, प्रियंका गुप्ता, मनीष सोनी, भरत सिंघानिया, लवलीश अग्रवाल, शांतनु चौधरी, साक्षी अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, शुभम मित्तल, भावेश, विनीत सरावगी, आदि का विशेष सहयोग रहा। सूरत शहर की संस्थाओं द्वारा वैक्सीन हेल्पर्स ग्रुप के कार्य की सराहना की गई। ग्रुप द्वारा भविष्य में भी अनेकों सेवा कार्य चालू रहेंगे। ग्रुप के सदस्यों को ऐसा कर कोरोना योद्धा की अनुभूति हो रही है |

तोकते तूफान के कारण सोमवार-मंगलवार टीकाकरण स्थगित करने का निर्णय किया गया था।इसके बाद बुधवार को भी टीकाकरण स्थगित किया गया। अब गुरुवार से टीकाकरण करने का निर्देश दिया गया है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग छह दिनों तक बिना टीकाकरण के वंचित है।

Corona

18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों ने रविवार तक टीके का लाभ उठाया।लेकिन सोमवार से बुधवार तक वैक्सीन पर भी उनका वैक्सिन भी बंद है। एक ओर सरकार कहती हैं कि वैक्सिनेशन से तीसरी लहर में रक्षा मिलेगा और दूसरी ओर खुद ही वैक्सिनेशन की गति मंद की है।

पिछले शुक्रवार, शनिवार और रविवार को 45 वर्ष से अधिक और फ्रन्टलाइन वर्कर को वैक्सिन नहीं दिया गया था। केवल 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग में पंजीकरण कराने वालों को टीका लगाया जा रहा था। लेकिन सरकार ने तूफान के बाद सोमवार और मंगलवार को टीकाकरण पर दो दिन की मोहलत की भी घोषणा की।

इसके बाद, बुधवार को भी टीकाकरण अभियान को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। तूफान के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने गुरुवार 20 मई 2021 से टीकाकरण फिर से शुरू करने की घोषणा की है। एक ओर सरकार कहती हैं कि वैक्सिनेशन से तीसरी लहर में रक्षा मिलेगा और दूसरी ओर खुद ही वैक्सिनेशन की गति मंद की है।

वैक्सिन के लिए कई बार लोगों को रजिस्ट्रेशन में दिक़्क़त आने और जल्दी नंबर नहीं लगने की शिकायत भी कई लोग कर रहे है। हालाँकि प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे है लेकिन लोगों का कहना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में जल्दी नंबर नहीं आ रहा!

बांग्लादेश की कम उम्र की लडकियों को नौकरी और अच्छी लाइफ स्टाइल के सपने दिखाकर भारत में लाकर गुजरात,महाराष्ट्र और राजस्थान में देह व्यापार के लिए मजबूर करने वाले शख्स को सूरत पुलिस ने उसके फ्लैट पर छापा मारकर कई लडकियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इसे लंबे समय से ढूढ रही थी। अब तक इसने कई लडकियों को बांग्लादेश से लाकर इस तरह से देह व्यापार के दल-दल में ढकेल दिया है।

लिंबायात पुलिस ने मदीना मस्जिद के पास से करीमुल्ला उर्फ़ राजा यहूदअली को पूर्व जानकारी के आधार पर पकड़ लिया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह अपने नेटवर्क के माध्यम से बांग्लादेश के गरीब परिवार की लड़कियों को गैरकानूनी तरीके से भारत लाकर अलग अलग राज्यों तक भेजकर देहव्यापार करवाता था।

इस अपराध के साथ साथ मानव तस्करी के आरोप में करीमुल्ला राजस्थान के कोटा का वांटेड आरोपी हैं। चार साल पहले बांग्लादेश से मुंबई फिर नवसर और फिर राजस्थान के कोटा भेजी गई एक लड़की किसी तरह ग्राहक से पास से बचकर पुलिस के पास आ गई और सारा मामला पुलिस को बताया। इस जानकारी के आधार पर राजस्थान कोटा की पुलिस ने अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।


इस समय वड़ोदरा में रहने वाला ये वांटेड अपराधी वहां से भागकर पहले नवसारी आ गया और उसके बाद वहां से सूरत आकर यहाँ बिरयानी बेचने का काम शुरू कर दिया। नवसारी पहुंचकर भी करीमुल्ला वहां देहव्यापार की गतिविधियों में लीन था।।इस समय अपराधी छः महीने सजा भोगकर जैसे ही जमानत पर जेल से निकलकर भाग गया। कोटा पुलिस इसे लगातार खोज रही थी और अब इसे सूरत से पकड़ लिया गया।

कोरोना के बढते मामलों के कारण मात्र सूरत शहर ही नहीं बल्कि, सूरत जिले के गांव के भी हालत लचर है। वांसदा तहसील में दूरी के सुखा बारी नाम के गांव में एक डॉक्टर ने आम के बगीचे में ही मरीजों को उपचार देना शुरू कर दिया है। यहां पर बेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण डॉक्टर ने पेड़ों के नीचे ही मरीजों को लिटा कर जरूरी ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है।

महामारी के कारण सरकारी हॉस्पिटल और निजी हॉस्पिटल में बेड फूल हो गए हैं। मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है ऐसे में दूर-दराज के सुखा बारी नाम के गांव में डॉक्टर ने जिन मरीजों को उपचार की जरूरत है। उन्हें आम के बगीचे के नीचे ही बिस्तर बिछा कर उपचार देना शुरू कर दिया है। हालांकि यह उपचार देने पद्धति सही तो नहीं लेकिन गांव में इतना भी मिल जाए तो भी मरीज की जान बच सकती है। फिलहाल डॉक्टर ने अपना धर्म निभा रहे हैं। एक ओर यह परिस्थिति है वहीं दूसरी ओर वलसाड सिविल निजी होस्पिटल को वेन्टिलेटर देगा।


वलसाड सिविल हॉस्पिटल की ओर से मिलने वाले वेंटीलेटर पर का जिस मरीज के लिए उपयोग होगा निजी अस्पताल उस मरीज वेंटीलेटर का चार्ज नहीं वसूल करेगी इसके बदले निजी अस्पताल को सिविल अस्पताल को मरीज और वेंटीलेटर के उपयोग से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अस्पतालों को वेंटीलेटर लेने के लिए सिविल अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के एच ओ डी से संपर्क करना होगा इसके बाद अधिकारी अस्पतालों को वेंटिलेटर उपलब्ध कराएगी। साथ ही आकस्मिक संजोग में सिविल की ओर एक टीम निजी अस्पतालों में जाकर परिस्थिति का मुआयना करेगी।


गौरतलब हैं कि वेंटीलेटर के अभाव में निजी अस्पतालों में हो रहे मरीजों की मौत को देखते हुए कलेक्टर आरआर रावल ने इस प्रकार का निर्णय लिया है जो वलसाड के लोगों के लिए एक आशीर्वाद सिद्ध हो सकता है। हाल ही में जिला कलेक्टर ने जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्थिति की समीक्षा करने के बाद अधिकारियों को कम से कम 25 ऑक्सीजन वाले बेड की सुविधा तत्काल रुप से तैयार रखने की बात कही थी जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में किसी मरीज की ऑक्सीजन या ने संसाधन की कमी के चलते मौत ना हो।


गुजरात में कोरोना के केस बड़ी तेजी से बढ रहे है। राज्य सरकार की ओर से होस्पिटलों में बेड की व्यवस्था के साथ कई सामाजिक संस्थाओं की ओर से आइसोलेशन वॉर्ड और मेडिकल सुविधांए शुरू की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों को बेड और दवाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सूरत में भी कोरोना की दूसरी लहर तेजी से चल रही है।

ऐसे में बड़ी संख्या में मरीजों को अस्पताल में जगह नहीं मिलने की शिकायत थी।इसके चलते आप पार्टी की ओर से आइसोलेशन वॉर्ड शुरू किया गया है। यहां बड़ी संख्या में दान दाताओं ने दान देकर आइसोलेशन वॉर्ड चलाने के लिए आर्थिक मदद की है। इस बीच आप पार्टी ने कोविड केर सेन्टर के बाहर एक बोर्ड लिखा है जिसमें दानदाता और उन्होंने दी रकम लिखी गई है। साथ ही नीचे लिखा है कि हम अपने सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हैं लेकिन, अब हमें दान की जरूरत नहीं है। हमारी आवश्यकता के अनुसार दान मिल गया है।

इस बोर्ड का फोटो खींचकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया ने अपने फेसबुक पर अपलोड किया था उन्होंने कहा कि ऐसा कोविड केर सेन्टर कहीं नहीं देखा होगा। सूरत में आम आदमी पार्टी के कोविड केर सेन्टर को अलग-अलग लोगों ने सहयोग किया है। लोगों में चर्चा है कि यह आम आदमी पार्टी और उनके नेताओ की इमानदारी है जिसने की अब दान की रकरम इकट्ठा हो जाने के बाद यह बता दिया है कि उन्हें दान की जरूरत नहीं है यह एक ईमानदारी पार्टी के इमानदार जनप्रतिनिधि ही कर सकते हैं।

सूरत में कोरोना ने कहर बरसाया है। जहां देखों वहीं कोरोना की चर्चा चल रही है। अस्पतालों में बेड और दवाओं की कमी के कारण मरीज परेशान है। रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी समाप्त होने का नाम नहीं ले रही।सूरत शहर और ग्रामीण क्षेत्र में अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के साथ एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा रिकोर्डब्रेक 2400 से अधिक पहुंच गया है।

रविवार को सूरत शहर में 1929 कोरोना के माले सहित कुल 2425 कोरोना संक्रमित मरीजों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया और 834 मरीज डिस्चार्ज हुए। अभी तक शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र से कुल 87,876 मरीज कोरोना संक्रमित हुए । रविवार को शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र सहित 28 कोरोना मरीजों की मौत हुई। अब तक शहर जिले में कुल 1458 की मौत हुई और 73,690 मरीज अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। शहर जिले में 12,728 कोरोना उपचाराधिन है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सूरत शहर में नए 1929 मरीजों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 68,312 पर पहुंच गई।


सूरत में सबसे अधिक मरीज अठवा जोन में 13,712  कोरोना संक्रमित मरीज है, रांदेर जोन में 11,169 कतारगाम जोन में 9,879, लिंबायत जोन में 7022, वराछा-ए जोन में 7116, सेन्ट्रल जोन में 6766, वराछा बी जोन में 6340 और सबसे कम उधना जोन में 6308 कोरोना संक्रमित मरीज है। इसी के साथ अब तक शहर में 1152 लोगों की और ग्रामीण क्षेत्र से 306 लोगों की मौत हुई है।

शहर जिले में सरकारी निजि अस्पताल तथा होम कोरोन्टीन में 12,728 लोग कोरोना की चिकित्सा ले रहे है। शहर में कोरोना इतनी तेजी से बढने के बाद भी लोग अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे। रविवार को 260 लोगो से मास्क नहीं पहनने के कारण दंड वसूला गया।

सूरत मे कोरोना का कहर यथावत है। गुरूवार को सूरत शहर और जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 615 रही और कुल 4 लोगों की मौत हो गई। दूसरी ओर 715 लोगों को डिस्चार्ज भी किया गया। अभी तक सूरत शहर और ग्राम्य क्षेत्र मिलाकर कुल 65810 मरीज दर्ज हुए है।


गुरूवार को नए 464 कोरोना संक्रमित मरीजों में से शहर में सबसे अधिक मरीज अठवा जोन से 88, रांदेर जोन से 75, लिंबायत जोन से 63, वराछा-ए जोन से 53, कतारगाम जोन से 50, सेन्ट्रल जोन से 50, वराछा-बी जोन से 44 और उधना जोन से 41 नए मरीजों का समावेश होता है।

गुरूवार को रांदेर जोन से दो, कतारगाम जोन से एक और सेन्ट्रल जोन में एक की मिलाकर कुल चार लोगों की मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि शहर में लगातार बढ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कोरोना टेस्ट की संख्या भी बढ़ा दी है। साथ ही कई स्थानो पर वैक्सिनेशन सेन्टर भी शुरू किए जा रहे हैं।

कपड़ा मार्केट तथा जीआइडीसी में भी कोरोना की जांच और वेक्सिनेशन सेन्टर शुरू किया गया है। आगामी दिनों में अन्य स्थानो पर भी वैक्सिनेशन सेन्टर शुरू किए जाएगें। मनपा की गाडियां निवासी क्षेत्रों में भी जाकर वैक्सिन दे रहे हैं।

बच्चों में तेजी से बढ रहा है कोरोना
सूरत महानगर पालिका के कमिश्नर ने लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि इन दिनों 10 वर्ष से कम के बच्चों में कोरोना संक्रमण बढा है। बच्चों को संक्रमण लगने का भय अधिक रहता है। इसलिए बच्चों को भी मास्क पहनाना चाहिए। विशेष तौर पर कन्टेनमेन्ट क्षेत्रों मं बच्चें नहीं खेलें इसका विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि एक व्यक्ति जो कि सोश्यल डिस्टन्स का पालन नहीं करता वह दिन भर में 65 से 70 तथा 30 दिनों में 400 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

सूरत शहर के सेन्ट्रल जोन मे गोपीपुरा,चोकबाजार,नानपुरा,सगरामपुरा, वराछा ए में अश्विनी कुमार, लंबे हनुमान रोड, वराछा बी में मोटा वराछा, रांदेर में अडाजण, अडाजण पाटिया, कतारगाम में अखंड आनंद कोलेज क्षेत्र,धनवर्षा सोसायटी, उधना में मीरानगर, संजय नगर,भेस्तान,वडोद पाटिया अठवा में अलथाण, सिटीलाइट, करीमाबाद और वेसू तथा लिंबायत में गोडादरा,डिंडोली,उमरवाडा और मगोब क्षेत्र में कोरोना के केस तेजी से बढ रहे हैं।

कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए स्मीमेर हॉस्पिटल में अब नए ढंग से उपचार शुरू किया गया है। कोरोना संक्रमितों में मरीजों को ऑक्सीजन की मात्रा घटने के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है इसलिए स्मीमेर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कोरोना ग्रस्त मरीजों के लिए मास प्रोनिंग का नया प्रयोग शुरू किया है।

मास मतलब की सामूहिक और प्रोनिंग मतलब की जागृत अवस्था में। स्मीमेर हॉस्पिटल के डॉक्टर निमेष शाह ने बताया कि कोरोना का इन्फेक्शन होने से शरीर में निमोनिया हो जाता है। इसके कारण शरीर में पानी भरने लगता है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है। इसके कारण मरीज बेचैन हो जाते हैं। डॉक्टरों की भाषा में इसे हाइपोक्सियाा कहते हैं।

हाइपोक्सिया होने से मरीज के शरीर और दिमाग पर विपरीत असर होने लगता है।इसके उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। कोरोना के संक्रमण के कारण शरीर में सबसे पहले फेफड़े के लिए प्रोनिंग संजीवनी के समान है। इससे मरीज के फेफड़े में ऑक्सीजन की सप्लाई पहुंचते रहती है और मरीजों का एक्टिव होते हैं। मास प्रोनिंग का मतलब किसी तपस्या के बराबर ही है।

गंभीर बीमारी में भी इस प्रयोग से कई अच्छे परिणाम मिले हैं। वेंटिलेटर के बिना ही मरीजों को ठीक करने के लिए यह पद्धति जरूरी है। स्मीमेर में हम नियमित तौर पर मास प्रोनिंग कर रहे हैं। लाउडस्पीकर के द्वारा इस क्रिया के लिए सूचना दी जाती है। प्रत्येक मरीज को अपने बेड पर ही उल्टा कर पेट के बल सो जाने को कहते हैं। आधे घंटे से 1 घंटे तक इस पोजीशन में सोने से रक्त में ऑक्सीजन का प्रमाण 5 से 10% बढ़ जाता है।

इस विषय पर विदेशों में कई सर्वे भी हो चुका है मरीजों को अपने बेड पर ही उल्टा सो जाने को कह दिया जाता है। इससे मरीजों को बाय पेप और वेंटिलेटर की आवश्यकता टाली जा सकती है या तो उसे डिलीट किया जा सकता है।

मास प्रोनिंग से अब तक 500 से अधिक मरीजों को ठीक किया जा चुका है।यदि कोई भी मरीज अपने घर पर 6 से 8 घंटे तक मास प्रोनिंग करे तो ऑक्सीजन की समस्या हल हो सकती है और जल्दी रिकवरी होगी इसके प्रयोग से मरीज मानसिक तौर से भी मजबूत होते हैं।