डायमंड वर्कर युनियन ने मंगलवार को कलक्टर को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री से बीते दिनों स्मीमेर होस्पिटल में लापरवाही का वीडियो वायरल करने के बाद जिस हीरा श्रमिक की मौत हो गई थी उस मामले की जाँच तथा उनके परिवार के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है।


डायमंड वर्कर युनियन ने कलक्टर को दिए ज्ञापन में बताया है कि हरसुख भाई नाम के हीरा श्रमिक को 17 जुलाई के रोज स्मीमेर होस्पिटल में दाखिल किया गया था। उस दौरान हरसुख भाई ने वीडियो वायरल कर उचित उपचार नहीं मिलने की शिकायत की थी।

इसके कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई। इस बार में हरीभाई ने स्वास्थ्य मंत्री से भी शिकायत की थी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके अलावा डायमंड वर्कर युनियन ने भी स्मीमेर होस्पिटल ते आर एम ओ तथा म्युनिसिपल कमिश्नर से गुहार लगाई थी। इसके कुछ दिनो बाद हरसुख भाई की मौत हो गई।


हरसुख भाई की मौत का आरोप लापरवाही से होने के आरोप लगाते हुए डायमंड वर्कर युनियन ने मृतक हीरा श्रमिक के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की मांग की है। साथ ही इस घटना की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को आवेदन पत्र दिया है। इसके अलावा यह भी बताया कि हीरा उद्योग में काम करने वाले हीरा श्रमिको को लॉकडाउन के दिनों का वेतन तथा सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग की है।

युनियन का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण जो हीरा श्रमिक आत्महत्या कर रहे हैं। उनके परिवारों के लिए आर्थिक सहायता दी जाए नहीं तो कलक्टर कार्यालय पर उपवास आंदोलन करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि बीते कई दिनों से डायमंड वर्कर यूनियन की ओर से प्रशासन से आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है। अभी तक इस बारे में कोई जवाब नहीं मिला है।

उल्लेखनीय है कि बीते चार महीने से हीरे कारखानों में बंद का माहौल होने से हीरा श्रमिकों की हालत खराब है। कई हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं और कई हीरा श्रमिक सूरत से पलायन कर गए हैं।

देर रात मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की ओर से परमीशन नहीं मिलने की जानकारी सामने आ रही है। इसलिए संभवत: उपवास आंदोलन का कार्यक्रम रदद् हो सकता है।

( तस्वीर- प्रतीकात्मक है)


डायमंड वर्कर यूनियन नें मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हीरा श्रमिकों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है। डायमंड वर्कर युनियन की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि हीरा उद्योग फिर से बंद हो जाने के कारण हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। उनकी हालत पहले से खराब थी अब उनकी हालत और लचर हो गई है जो लोग किराए के घरों में रहते हैं।

उनके पास किराया नहीं होने के कारण तथा हीरा उद्योग कब खुलेगा यह उन्हें अनिश्चित लगने से वह सूरत छोडकर गांव जा रहे है। कई संस्थाओने उन्हें लॉकडाउने के दौरान मदद करने को कहा था लेकिन अभी तक मदद नहीं की है। सरकार की ओर से जारी की गई आत्मनिर्भर योजना में भी लोन देने की बात कही गई है। इस कारण भी हीरा श्रमिकों को कोई मदद नहीं मिल सकी है।

लॉकडाउन के कारण कारखाने बंद रहने से हीरा श्रमिक पहले से ही परेशान थे ऐसे में कुछ दिनों हीरा कारखाने शुरू होने के कारण वह गांव से लौट आए लेकिन फिर से कारखाने बंद हो गए हैं। ऐसे में उनकी हालत दयनीय हो गई है। राज्य सरकार को उनके लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए।

गुरूवार को सूरत में कोरोना के 239 केस

सूरत में बुधवार को कोरोना के 220 मरीज मिलने के बाद गुरूवार को कोरोना के मरीजों की संख्या बढकर 239 पर पहुंच गई। शहर में कुल 191 और जिले में 38 नए मरीज दर्ज हुए हैं। इसके अलावा तीन लोगों की मौत हो गई। अब तक कुल 209 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से 190 शहर के हैं और 19 जिले में हैं।

हालाकि आज डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या भी अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा है। आज कुल 159 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल पॉजिटिव केस की संख्या 5719 पर पहुंची है। इनमें 3548 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। 


यदि आज जोन के अनुसार कोरोना के मरीजों की संख्या देखी जाए तो सेंट्रल जोन में 19, वराछा ए में 41, वराछा बी में 24, रांदेर में 19, कतारगाम में 47, लिंबायत में 13, उधना में 11 और अठवा में 17 नए मरीज दर्ज हुए। 


इस बीच मनपा प्रशासन ने सभी जोन में लोगों से सोशल डिस्टैंस का पालन करने की अपील की है। सूरत पुलिस ने भी रात्रि कर्फ्यू का अमल कड़क ढंग से शुरू कर दिया है। बिन जरूरी बाहर निकलने वालों को पकड़कर पैनल्टी वसूली कर रहे हैं और एपेडेमिक डीसीज एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है।