सूरतः डीआरआई ने साढ़े नौ किलो गोल्ड के साथ दो को


सूरत
त्यौहारो के दिनों में सोने की माँग बढ़ने के साथ सोना की क़ीमत आसमान छू रही है। इस परिस्थिति का लाभ उठाने के लिए सोने की तस्करी करने वाले सक्रिय हो गए है। सूरत डीआरआई यूनिट ने रविवार की दोपहर को ट्रेन में से दो लोगों को डिटेन कर लगभग साढ़े नौ किलो सोना जप्त कर लिया। यह सोना स्मगलिंग का होने की आशंका बताई जा रही है।डीआरआई ने डिटेन किए दोनों लोगों से पूछताछ शुरू की है।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई यूनिट को मिली पूर्व जानकारी के आधार पर अधिकारियों ने अहमदाबाद से सूरत की ओर जा रही ट्रेन में शंकास्पद दो लोगों को डिटेन करके जांच पड़ताल शुरू की है।जांच पड़ताल के दौरान इन लोगों के पास साढ़े नौ किलो सोना पेस्ट फॉर्म में पाया गया। विभाग को आशंका है कि यह लोग स्मगलिंग का सोना ले जा रहे थे।इसी शक के आधार पर दोनों लोगों से पूछताछ की जा रही है। विभाग को आशंका है कि यह दोनों अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वहां से रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और ट्रेन के माध्यम से गोल्ड की हेरा फेरी कर रहे थे।

डीआरआई डिपार्टमेंट ने दोनों से जांच पड़ताल शुरू कर दी है।जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट होगा। उल्लेखनीय की सूरत डीआरआई की टीम ने कुछ दिनों पहले उमरगाम में छापा मार कर ड्रग्स बनाने की कंपनी पकड़ी थी। इसके कुछ दिनों बाद ही डीआरआई ने फिर से एक बार बड़े पैमाने पर गोल्ड पड़कर अपराधिकृत करने वालों में भाई का माहौल पैदा कर दिया है।

सूरतः 150 करोड के बोगस बिलींग मामले में एक की गिरफ़्तारी!

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150 करोड़ रुपये के फर्जी बिलिंग घोटाले में शामिल वडोदरा के मूल निवासी आरोपी मतीन को आज डीजीजीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सरकार की ओर से एपीपी धर्मेश प्रजापति उपस्थित थे।मामले की जानकारी के मुताबिक वडोदरा के फतेहगंज स्थित शबनम अपार्टमेंट में रहने वाले कादरी मोहमंद मतीन अहमद को डीजीजीआई अधिकारी संदीप कुमार ने गिरफ्तार कर आज चीफ कोर्ट में पेश किया।जहां कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

आरोपियों ने दिल्ली-मुंबई की दस अलग-अलग फर्मों के जरिए माल भेजे बिना 27 करोड़ रुपये की आईटीसी हासिल कर ली। अधिकारियों ने जब इस फर्म पर छापा मारा तो कई जगह तो फर्म का पता भी फर्जी निकला। जांच में दिल्ली के रवि कुमार और रवि आर्य की संलिप्तता सामने आयी. उन्होंने मोबाइल की खरीद दिखाकर फर्जी बिलिंग की थी।


इसी बीच 7 जुलाई को ब्लू बेरी फर्म के मैनेजर मतीन का बयान लिया गया जिसमें उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो 14 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आज चीफ कोर्ट में पेश किया गया. बचाव पक्ष की ओर से आज अधिवक्ता नदीम चौधरी उपस्थित थे.

सूरतः डीआरआई ने 25 करोड के सोने की स्मगलिंग मामले में एक अधिकारी सहित चार को पकड़ा

डीआरआई के अधिकारियों ने शुक्रवार की रात को सूरत एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट से शारजाह से सूरत पहुँचे 3 यात्रियों को रोका। उनके हैंड बैगेज और चेक-इन बैगेज की जांच के दौरान 5 ब्लैक बेल्ट में छिपाए गए 20 सफेद रंग के पैकेटों में पेस्ट के रूप में 43.5 किलोग्राम सोना छिपा हुआ पाया गया। यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों की मदद से सोना भारत में तस्करी के लिए छुपाया गया था।

इसके बाद और एक खुलासा हुआ कि अधिकारियों द्वारा स्क्रीनिंग और जांच से बचने के लिए सोने का आदान-प्रदान इमीग्रेशन पोइन्ट के पास शौचालय में करने की योजना बनाई गई थी। वहाँ पर तीनों ने सोना छुपा दिया था। बाद की कार्रवाइयों में वहाँ छिपाया 4.67 किलोग्राम सोना और बरामद हुआ।शौचालय से मिला सोना सीआईएसएफ ने डीआरआई को सौंप दिया था। यात्रियों से बरामद कुल 48.20 किलोग्राम सोने केस मूल्य रु लगभग 25.26 करोड़ है।

सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए और उनकी भूमिका के आधार पर, एक अधिकारी सहित 3 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक संगठित तस्करी रैकेट संचालित हो रहा है। पूरे सिंडिकेट को खत्म करने के लिए हवाई अड्डे पर अधिकारियों सहित अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है।

डीआरआई की कार्रवाई से तस्करीसिंडिकेट के संचालन का भंडाफोड़ हुआ है।ये बरामदगी देश में उच्च मूल्य के सामानों की अवैध तस्करी से निपटने के लिए डीआरआई के निरंतर प्रयास का हिस्सा है।

सूरत: 20000 करोड के फर्जी बिल से 600 करोड की आईटीसी लेने का पर्दाफ़ाश!

सूरज डीजीजीआई ने 600 करोड़ रूपए के बोगस आईटीसी के मामले का पर्दाफ़ाश किया है। कुछ लोगों ने सूरत, मुंबई, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बोगस फ़र्म खोलकर 600 करोड़ रुपया है कि ITC हासिल कर ली थी। जाँच में पता चला कि इन लोगों ने 20, हज़ार करोड़ रुपये के फ़र्ज़ी एक्सपोर्ट के नाम पर छह सौ करोड़ रुपये का ITC हासिल किया था। इस मामले में एक को गिरफ़्तार कर लिया गया है।


मिली जानकारी के अनुसार सूरज डीजीजीआई के अधिकारियों ने बीते दिनों सूरत, मुंबई, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में 30-40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें कि सभी फ़र्म बोगार्ट निकलें या फ़र्म डायमंड ख़रीद बिक्री के फ़र्ज़ी बिल की ख़रीद बिक्री करते थें साथ हैं यह सारी फार्म श्रमिकों के नाम पर रजिस्टर्ड करवाई गई थी।

जांच के दौरान डीजीजीआई ने 1 आरोपी को गिरफ़्तार भी कर लिया। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने बीसहज़ार करोड़ रुपये के बोगस बिल बनाए थे जिसके आधार पर सरकार से 600 करोड रुपये की आईटीसी भी ले ली थी देश भर में फैले इतने बड़े घोटाला के चलते डीजीजीआई भी चौंक गया है फ़िलहाल डिपार्टमेंट ने एक आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है।

डीआरआई ने जब्त की नशीली दवा, इन दवाओं की माँग ऐसे लोग करते है जो कि…..

सूरत डीआरआई के अधिकारियों ने बुधवार को अदाणी हजीरा पोर्ट पर बड़ी कार्यवाही करते हुए 1.25 करोड़ रुपए की प्रतिबंधित दवाओं से भरे दो कन्टेनर जब्त कर लिए। इस सिलसिले में डीआरआई ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। 


मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई के अधिकारियों ने बुधवार की सुबह शक के आधार पर अदाणी हजीरा पोर्ट पर दो कन्टेनर की जांच की। जांच में दोनो कन्टेनर में एनपीडीएस एक्ट के तहत भारत में प्रतिबंधित ट्रामाडोल दवाएं निकली। यह देखकर डीआरआई के अधिकारी भी दंग रह गए। बताया जा रहा है कि दोनो कन्टेनर मिलाकर कुल 15.20 लाख दवाइयां थी। इनकी कीमत 1,25 करोड रूपए हैं। यह दवाएं दक्षिण अफ्रीका के गिनी में भेजी जा रही थी। इन दवाओं के सेवन से नशा होता है। यह लेने के बाद व्यक्ति जोश में रहता है।

डीआरआई के अधिकारियों ने अधिक जांच करने पर यह दवाएं सुरत में अडाजण के और तापी जिले में मांगरोल में बनती थी। अभी तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 
उल्लेखनीय है कि इन दवाओं का सेवन आतंकवादी और लूटेरे सहित कई उन्मादी लोग करते हैं। दुनिया के कई देशों में चोरी छुपे इसकी बहुत डिमांड है।

कोरोना: 100 घंटे में कोरोना का अस्पताल तैयार, पुट्ठों से बने बेड
कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं आगामी दिनों में सूरत में अधिक अस्पतालों की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए 80 लाख रुपए की लागत से 182 बैठकर कॉविड आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसे राज्य का सबसे हाई टेक केयर सेंटर माना जा रहा है।

अलथाण भटार कोम्यूनिटी हॉल मे तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड में हर बेड पर ऑक्सीजन पॉइंट, गर्म पानी की भाप लेने का मशीन और मनोरंजन के लिए टीवी सहित तमाम सुविधाएं दी गई है। राज्य की मुख्य स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने आइसोलेशन वार्ड की सराहना की। विधानसभा के विधायक हर्ष संघवी और उनके दोस्तों ने आइसोलेशन वार्ड को तैयार करने में काफी मेहनत की है।

बताया जा रहा है कि यह आइसोलेशन वार्ड 100 घंटे में ही तैयार कर दिया गया। विधायक हर्ष संघवी ने बताया कि शहर में बीते 8 दिनों से लगातार बड़ी संख्या में कोरोना केस मिल रहे थे। सूरत में सिविल हॉस्पिटल और स्मीमेर हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए उपचार की व्यवस्था की गई है। लेकिन कोरोना के मरीज इतनी बड़ी संख्या में आ रहे हैं कि वह व्यवस्था नाकाफी थी।

इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से अलथाण -भटार कम्युनिटी हॉल को आइसोलेशन वार्ड बनाने का फैसला किया गया। कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के लिए यहां पर हर सुविधा उपलब्ध है। मरीज अपने परिवार जनों के साथ बातचीत कर सके इसलिए वॉकी टॉकी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

इसे आगामी दिनों में महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसे बनाने का खर्च अलथाण- मथुरा क्षेत्र के मित्र मंडल में उठाया है। यह पूरी व्यवस्था 100 घंटों के दौरान तैयार की गई है। इसमें 182 पुट्ठों से बैड बनाया गया है।