सूरत आरटीओ में तत्कालीन आरटीओ पार्थ जोशी और डीके चावड़ा ने आरटीओ के ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर एक ही वाहन से टेस्ट रोक लगा दी थी और दलालो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी, लेकिन सूरत आरटीओ के ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर एक ही कार से कार टेस्ट देने की परीक्षा फिर से शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों से मिले दलाल ऑल्टो, वैगनआर, बीट जैसी छोटी कारों के लिए 600 से 1,000 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं।
ड्राइविंग टेस्ट में कुछ कारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। चर्चा है कि केवल छोटी किराये की कार चलाने वाले ही ड्राइविंग टेस्ट पास करते हैं। नतीजतन, लाइसेंस के लिए वाहन मालिक अपनी कार होने के बावजूद, वे पास गारंटी के साथ पास होने के लिए किराये की कार का उपयोग कर रहे हैं।
नतीजतन, आरटीओ कार्यालय के बाहर कारों का लंबा काफिला देखा जा सकता है। किराए के वाहनों में स्पीकर की व्यवस्था कार में की जाती है। ब्लूटूथ-के माध्यम से ड्राइवर को कार को कब मोड़ना है, कब टेकरे पर चढ़ना है, और रिवर्स पार्किंग में कब पार्क करना है, इस बारे में जानकारी मिलते रहती है।
सूरत आरटीओ को ऐसी कुछ कार के नंबर दिए गए है। इसके बाद सूरत के प्रभारी आरटीओ एचए पटेल ने तीन महीने के टेस्ट ट्रैक ड्राइव के डेटा के क्रॉस-सत्यापन की मांग की है। इस तरह से न सिर्फ कार बल्कि चार ऑटो रिक्शा का भी इस्तेमाल हो ड्राइविंग टेस्ट के लिए हो रहा है। आरटीओ नियम के अनुसार, निजी पासिंग कार का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए, वाहनों को टैक्सियों और मेक्सिकैब में परिवर्तित किया जाना है।