सूरत के ईएसआई हॉस्पिटल में अपर्याप्त सुविधाओं के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। इसमें सुधार करने के लिए मांग की गई है। चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की लेबर लॉ कमेटी के चेयरमैन सोहेल सवाणी ने शुक्रवार को सवेरे दिल्ली में भारत के श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार को से मुलाकात कर ईएसआई हॉस्पिटल में मरीजों को हो रही अव्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी थी।

उन्होंने कहा कि सूरत में ईएसआई की 100 बेड वाली हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरू किया गया है लेकिन इसमें बीते तीन साल से कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। यहां पर ईएसआई अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ कम होने के कारण मरीज ठीक होने की बजाय और बीमार हो रहे हैं। ईएसआई के अस्पतालों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को सिविल हॉस्पिटल भेज दिया जाता है। जहां की कर्मचारी जाना पसंद नहीं करते हैं और प्राइवेट अस्पताल चले जाते हैं।

सूरत के अडाजण,वराछा,अमरोली,पाल,उधना,पलसाना आदि क्षेत्रों में डिस्पेंसरी की मांग की। फिलहाल सिर्फ तीन निजी अस्पतालों में ईएसआई का टाइब है जिसके चलते कर्मचारी अपने खर्च से सुपर स्पेशलिटी उपचार लेते हैं। इसलिए अधिक से अधिक प्राइवेट अस्पतालों से यह टाइब करने की मांग की है। प्राइवेट हॉस्पिटल में गरीब मरीजों को भी मल्टी स्पेशालिटी की सुविधा सरलता से मिले। इसलिए भी गुहार लगाई गई है।