सूरत: कोरोना मरीज़ों के अस्पताल में देर रात लगी आग, दमकल घटना स्थल पर


सूरत शहर के लाल दरवाजा क्षेत्र स्थित आयुष होस्पिटल में देर रात आग लग जाने के कारण होस्पिटल में भगदड़ मच गई। यहां पर कोरोना के मरीजों का उपचार चल रहा था। जिस होस्पिटल में आग लगी उस बिल्डिंग में कई होस्पिटल है।

सदभाग्य से इस दुर्घटना में कोई जानहानि नहीं हुई। कई घंटों की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। होस्पिटल में दाखिल मरीजों को बचाकर बाहर निकाला गया और सिविल तथा स्मीमेर होस्पिटल में दा्खिल किया गया। देर रात तक आग पर काबू पाने का प्रयास जारी रहा।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालदरवाजा क्षेत्र की एक होस्पिटल में कोरोना वॉर्ड में वेन्टिलेटर मशीन मे शोट सर्किट के कारण आग लग जाने से वहां उपचार ले रहे मरीज और उनके परिवारजनों के होश उड गए। देखते भर में आग का धुआं पुरे होस्पिटल में फैल गया। इससे चिंतित मरीज और उनके परिवारजन जिस हालत में थे उसी हालत में सीढियों से नीचे दौड़े। अस्पताल के स्टाफ भी समझ नहीं पा रहे थे कि क्या किया जाए।

फायर ब्रिगेड को जानकारी मिलने पर 10 से अधिक दमकल की गाडियां घटना स्थल पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। सभी मरीजों को नीचे उतारने का काम शुरू किया। आठ मरीजों को नीचे उतारकर सिविल और स्मीमेर होस्पिटल में ले जाया गया। जिस होस्पिटल में आग लगी उस बिल्डिंग में अन्य कई होस्पिटल है। देर रात तक फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाने के लिए प्रयास जारी रखा था।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र की एक होस्पिटल में इसी तरह से ऑक्सीजन लीक हो जाने के कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह की घटनाओं ने लोगों की चिंता और बढा दी है।

वराछा में निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेजमेन्ट में मिट्टी ढहने से चार की मौत,कई दबे

शहर के एक वराछा इलाके में एक दर्दनाक की घटना सामने आई है।नव निर्मित इमारत की बेजमेन्ट में दीवार और मिट्टी ढह जाने से सात से आठ श्रमिक कुचल गए। जिसमें चार मजदूर की मौत हो गई है।

घटना की जानकारी मिलने पर फायर टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।आज दोपहर शहर के वराछा इलाके में सिल्वर पैराडाइज नामक नाम की नव निर्मित इमारत में बेजमेन्ट में लगभग 20 फूट की नीचे पार्किंग की दिवार बनाने का काम चल रहा था। उस दौरान दिवाल ढह पड़ने के सात से आठ मजदूरों दब गए।

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग दौड़ आए। लोगों ने दबे हुए मज़दूरों को निकालने का प्रयास किया। सभी क्षेत्रों की फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुँची और प्रयास शुरू किया।हालाँकि चार लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है।अन्य मजदूरों की निकासी अभी भी जारी है।

स्थानीय लोग इस बचाव अभियान में वर्तमान में अग्निशमन विभाग की टीम की सहायता कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी भी शहर के वराछा, कापोद्रा, कतारगाम, सहित अन्य कई फ़ायर ब्रिगेड के जवान रेस्क्यू में लगे है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस सहित अन्य विभाग के बड़े अधिकारी पहुँच गए। घटना की जाँच के निर्देश दे दिए है।

सूरत में अब पतली गली में भी सरलता से पहुँचेंगे फायरब्रिगेड के जवान

सूरत शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां की आग लगने के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियों को पहुंचने में बड़ी दिक्कत होती है और बड़ा नुकसान हो जाता है। ऐसे में सूरत फायर ब्रिगेड ने ऐसे मुश्किल स्थानों पहुंचने के लिए फायर बुलेट की तैयार की है। जो पतली गलियों में भी गुजर मंजिल तक पहुंच सकती है।

इस बारे में जानकारी देते हुए फायर ऑफिसर ने बताया कि फ़ायर बुलेट की मदद से पतली गलियों में पहुंचा जा सकता है। इसमें लोग सवार होकर अंदर जा सकते हैं। इस पर फायर ब्रिगेड का एक जवान वाटर टैंक लटका कर और दूसरा सरलता से जा सकेगा।

350 सीसी की बुलेट पर जल्दी मुश्किल स्थानों पर पहुंच सकेंगे। लकड़ी,पैट्रोल,ऑयल और केरोसिन से लगने वाली आग पर इसकी मदद से जल्दी से नियंत्रण पाया जा सकेगा। गुजरात में फायर बुलेट उपयोग में लाने वाला सूरत शहर पहला फायर ब्रिगेड है। फायर विभाग ने खरीदे फायर बुलेट नवसारी बाजार, मोरा भागल,भेस्तान और डुभाल फायर स्टेशन को दिए गए हैं।


उल्लेखनीय है कि सूरत में आए दिनों कहीं न छोटी बड़ी आग लगी ही रहती है। कई बार तो ऐसी जगह पर आग लग जाती है जहां की फायर ब्रिगेड के लिए पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में फायर ब्रिगेड के जवान बड़ी मुश्किल से वहां पर जाना पड़ता है। फायर बुलेट के कारण फायर ब्रिगेड की मुसीबत में कमी आएगी।

सूरत:कपड़ा मार्केट के 1000 से अधिक दुकानें फायर विभाग ने सील की

सूरत शहर  में तक्षशिला कांड के बाद दुबारा से कोई अपने अग्निकांड नहीं हो  इसलिए मनपा प्रशासन ने सख़्त रवैया अपना लिया है। मनपा प्रशासन ने जिन मार्केट में या जिन दुकानों में फ़ायर सेफ़्टी की व्यवस्था नहीं वह उन्हें नोटिस देकर बंद करा दिया है।

बीते दिनों मनपा ने कई मार्केट में व्यापारियों को फ़ायर सेफ़्टी की सुविधा के लिए नोटिस दिया था। जिसके बाद व्यापारियों ने एफिडेविट देकर फ़ायर सेफ़्टी की सुविधा जल्दी ही लगाने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद कई मार्केट एसोसिएशन ओने अभिप्राय फ़ायर सेफ़्टी की सुविधा नहीं लगवाई एसी मार्केट को कल सील कर दिया गया।


सूरत के तक्षशिला, सूरत के रघुवीर बाजार और अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट में आग की घटनाओं के बाद अग्निशमन विभाग द्वारा सूरत शहर में हजारों अग्नि सुरक्षा नोटिस जारी किए गए थे।  बाद में नोटिस के खिलाफ अग्नि सुरक्षा बढ़ाने के लिए शपथ पत्र दायर किए गए। इसके बाद अग्निशमन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है।

सूरत नगर निगम के अग्निशमन विभाग की एक टीम ने अग्नि सुरक्षा सुविधाओं की कमी के कारण शहर के 8 बाजारों के साथ पांच कॉम्प्लेक्स की  दुकानों और एक ड्रीम होंडा सिटी शो रूम को सील कर दिया था।  जिसके बाद, सुबह दुकानों में सीलन को देखते हुए, व्यापारियों ने नगर पालिका के मुख्य कार्यालय में गुहार लगाना शुरू कर दिया।


 सूरत नगर निगम की एक टीम ने कुल 1506 दुकानों को सील कर दिया।  मुख्य अग्निशमन अधिकारी बसंत पारिख ने कहा कि अग्नि सुरक्षा प्रणाली के लिए सभी व्यापारियों को दो बार पहले नोटिस जारी किए गए थे।  इतना ही नहीं, हलफनामे के बावजूद व्यापारियों को अग्नि सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है और आज दमकल विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है।  

व्यापारियों ने अग्नि सुरक्षा प्रणाली के लिए सात दिन का समय मांगा है।  हालांकि समय नहीं दिया गया है और सभी दुकानों से सील नहीं खोली गई हैं।  इस मामले को अब बिल्कुल भी शिथिल नहीं किया जाएगा।

वखारिया टेक्सटाइल मार्केट 40
गौतम टेक्सटाइल मार्केट 80
तीर्थ कॉम्प्लेक्स वराछा ६
अमोरा आर्केड कटारगाम 91
राधिका प्वाइंट कटारगाम 95

अंबाजी मार्केट 650
न्यू अंबाजी मार्केट 80
मधुसूदन हाउस 100
शंकर मार्केट 110
मनीष मार्केट 200
पेरिस प्लाजा भैसान 54
ड्रीम होंडा सिटी शो रूम

केमिकल और ट्रान्सपोर्ट गोडाउन पर मनपा की जांच, कई सील


अहमदाबाद में केमिकल फैक्ट्री में लगी आग का असर सूरत में देखा जा रहा है। सूरत महानगर पालिका के फायर विभाग ने केमिकल फैक्टरी और ट्रान्सपोर्ट पर जांच और कार्रवाई करने के बाद नोटिस जारी की है। बीते दिनों अहमदाबाद में केमिकल फैक्टरी में आग लगने के कारण कई बहुत नुकसान हुआ था। इसके बाद सूरत सहित राज्यभर में इस तरह से कार्रवाई शुरू की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद केमिकल फैक्ट्री में आग लगने की घटना के बाद सूरत में अंधेरा देखा जा रहा है। सूरत का सिस्टम गतिरोध में आ गया है। सूरत के सभी क्षेत्रों में, नगर पालिका के अग्निशमन विभाग ने रासायनिक कारखानों सहित परिवहन गोदामों पर निरीक्षण और सर्वेक्षण कार्य किया है जिसमें ऊन क्षेत्र में परिवहन गोदामों में संग्रहीत रसायनों की मात्रा की जांच की जा रही है।


मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले अहमदाबाद के पिराना-पीपलाज रोड पर एक केमिकल के गोडाउन में आग लगने के बाद 12 लोगों की मौत हो गई और 9 लोग झुलस गए थे। इस घटना के बाद राज्य सरकारी की नींद खुल गई है।

राज्य सरकार ने सभी जिलों में केमिकल के गोडाउन की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सूरत में भी जांच शुरू की गई है। इसमें शहर के सचिन, उन और पांडेसरा क्षेत्र में केमिकल के गोडाउन पर जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि 
 
100 टन केमिकल स्टोर  के बावजूद, अग्निशमन विभाग से कोई परमीशन नहीं ली गई है। 20 से अधिक ट्रान्सपोर्ट गोदाम मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं। अग्निशमन विभाग रासायनिक कारखानों में सुविधाओं के प्रकार, एनओसी, वेंटिलेशन सहित जांच कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि यदि पहले से ही इन सब चींजो पर ध्यान दी जाए तो घटनाएँ बनने से रोकी जा सकती है और लोगों की जान जाने से बचाया जा सकता है।