बीते 2 दिन से शहर और जिले में तेज बारिश के कारण शहर में एक बार फिर से खाडियों का जल स्तर बढ़ने लगा है। शनिवार से शुरू हुई बरसात रविवार को भी दिन बाद जारी रही। इसके चलते मीठी खाड़ी, लिंबायत, पर्वत पाटिया तथा शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव की परिस्थिति आ गई थी।

सूरत शहर और दक्षिण गुजरात में ऐसे तो लगभग 8 दिन से बारिश हो रही है लेकिन, 1 दिन के विराम के बाद शनिवार से फिर से मेघराजा ने दस्तक दी है जिसके चलते बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है।

रविवार को भी कई क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण पर्वत पाटिया, डुंभाल, लिंबायत, मीठी खाड़ी आदि कई क्षेत्रों में जो कि खाडी के किनारे हैं वहां पानी भर जाने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा। शहर के सड़क पहले से ही क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

शहर के सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं। बारिश के कारण गड्ढों में पानी भर जाने के कारण भी लोगों को परेशान होना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार अभी और 1 दिन तक बारिश की आगाही की गई है। ऐसे में लोगों की दिक्कत और बढ़ सकती है।

दूसरी ओर दक्षिण गुजरात में भी बारिश के कारण गाड़ियों में भी पानी का स्तर बना रहेगा। पलसाना में पिछले 24 घंटे में 5 इंच भारी बारिश हुई है वहीं महुआ और बारडोली की बात करें तो वहां चार इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

जबकि चौर्यासी और मांडवी,मांगरोल, उमरपाडा में भी तेज बारिश हुई है। जिसके चलते का जलस्तर बढ़ गया है। पांडेसरा की भेदवाड खाड़ी का भयजनक 6.75 मीटर है लेकिन वह 7 मीटर पर बह रही है। उधना में काकराखाडी का भयजनक स्तर 6.50 मीटर के करीब बह रही हैं। जो कि अभी 5.60मीटर पर बह रही है। लिंबायत की मीठी खाड़ी की भयानक से 7.50 मीटर है जो कि 7.70 मीटर पर बह रही है।

भठेना खाड़ी के जनक 7.70 मीटर है जो कि अभी 5. 50 मीटर पर बह रही है। जिसके चलते लोगों में भी भय का माहौल फैल गया है। यदि बारिश की स्थिति यथावत रही तो प्रशासन के लिए कुछ समस्या जरूर खड़ी हो सकती है वरना रहने की जरूरत है।

(फ़ोटो-प्रतिकात्मक है)

सूरत में शनिवार और रविवार दिन भर के बाद रात को भी लगातार बारिश के बाद शहर कई क्षेत्रों में और सडकों पर पानी भर गया। कई नीचले क्षेत्रों में लोगों में भय फैल गया था। लगातार बारिश के कारण दिन भर जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।

रविवार की रात को भी तेज बारिश के कारण कई निचले क्षेत्रों में पानी भरे जाने की जानकारी सामने आई। दूसरी ओर तापी नदी के केचमेंट क्षेत्रों में भी भारी बरसात होने के कारण उकाई डेम से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।


तापी नदी का जलस्तर भी ऊपर आ गया है। रविवार रात के 9:00 बजे रविवार को उकाई डेम में इनफ्लो 2,45,000 क्यूसेक था जबकि आउटफ्लो 129600 था। उकाई डेम में पानी की सतह 332.66 फीट रहा। काकरापार डैम का लेवल भी 167.30 फीट है जबकि भयजनक स्थिति 176 फीट है। कोजवे का जलस्तर 8.75 मीटर है जो कि ओवरफ्लो हो रहा है। सूरत शहर में रविवार को सभी जोन में जमकर बरसात हुई।

रविवार दिनभर की बात की जाए तो सेंट्रल जोन में 84 मिलीमीटर, वराछा जोन ए में 74 मिलीमीटर, वराछा बी जोन में 74 मिलीमीटर, रांदेर में 53 मिलीमीटर, कतारगाम में 68 मिलीमीटर, उधना में 59 मिलीमीटर, लिंबायत में 60 मिली मीटर बारिश हुई। शहर के खाड़ियों में भी पानी की जलस्तर बढा है। भेदवाड खाड़ी का जल स्तर 6.10 मीटर है जबकि भयजनक 6.75 मीटर है। काकरा खाड़ी का जलस्तर 5.07 मीटर है जबकि भयजनक 6.50 मीटर है। मीठी खाड़ी का जलस्तर 7.70 मीटर है जबकि 7.50 मीटर है।


भाठेना खाडी का जलस्तर 5.07 है जबकि भयजनक सत्र 7.70 मीटर है। लगातार भारी बारिश के कारण मनपा की ओर से नीचले क्षेत्रों में अलर्ट किया गया है।लोगों को सावनधान रहने और स्तानांतर की परिस्थिति में सहयोग की अपील की गइ है।


तेज बारिश के कारण शहर के उधना, गोड़ादरा, पांडेसरा, लिंबायत, कतारगाम, अमरोली, मजूरा गेट सहित कई क्षेत्रों में पानी भर गया। कई सड़कों पर घुटने से भी अधिक पानी भर गया। बताया जा रहा है कि निचले क्षेत्रों में कई स्थानों पर तो पानी भी घुस गया।

रविवार दिन भर बरसात होने के बाद रविवार की पूरी रात मतलब कि सोमवार सवेरे तक बारिश की परिस्थिति यथावत रहने से कई क्षेत्रों में पानी घरों के अंदर भी जाने की परिस्थिति बन गई। लगातार बारिश के कारण प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में एलर्ट जारी करते हुए यदि स्थानांतर की परिस्थिति बने तो मदद की अपील की है। खाडी के नजदीकी औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों को काम पर नहीं आने की भी अपील की है।

( फोटो-फाइल)

भारी बरसात के कारण सूरत में हर साल बाढ़ की समस्या बन जाती है। ज्यादातर खाडी क्षेत्रों में आने वाले लोगों को इसकी समस्या का सामना करना पड़ता है। पिछले 3 दिनों से बारिश के कारण मीठी खाड़ी सहित अन्य खाड़ियों में भी बाढ़ आ गई है।

जिसके चलते लिंबायत के कमरू नगर, फूलवाडी, बैठी कॉलोनी सहित कई जगह खूब पानी भर जाने के कारण लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की समस्या आ गई। ऐसे में लोगों में नाराजगी है लोगों का कहना है कि 40 साल से मीठी खाड़ी में बार-बार बाढ़ आ जाती है इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही।

हर सा लोगों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता अबदुलल्ला खान का कहना था कि प्रशासन को तुरंत ही सर्वे करके लोगों का नुकसान देना चाहिए। बताया जा रहा है कि मीठी खाड़ी बारडोली से निकलती है खेतों और ग्रामीण क्षेत्रों का पानी इस खाड़ी में आता है और जब ज्यादा पानी बरसे तब इसमें बाढ़ भी आ जाती है। जिसका सीधा असर लिंबायत के निचले क्षेत्रों में पड़ता है। 35 किलोमीटर दूर तक खाडी बहती है।

इतनी दूर से इसमें पानी आने के कारण कई निवासी क्षेत्रों में भी घुस जाता है। यह समस्या सालों पुरानी है इसके बावजूद प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ रहा पालिका के अधिकारी हर बार आ कर यहां पर खाड़ी का मुआयना करके जाते हैं लेकिन लोगों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा। प्रशासन की लापरवाही के कारण लाखों लोगों को परेशान होना पड़ता है।

सूरत में बीते 3 दिन से लगातार बारिश के कारण निचले क्षेत्रों में अब खाड़ी के पानी आ जाने से बाढ़ की परिस्थिति बन गई है। शहर के लिंबायत,बमरोली और परवटपाटिया सहित अन्य कुछ क्षेत्रों में खाड़ी से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

मीठी खाड़ी क्षेत्र में लोगों के घर में भी पानी घुस गया है। जबकि कमरू नगर क्षेत्र में लोगों के कमर तक पानी आ जाने के कारण उनका स्थानांतरण किया जा रहा है। कमरु नगर के बाद लिंबायत के अनेक रियायशी क्षेत्रों में खाड़ी का पानी आने लगा है। जिसके कारण लोगों में फैल गया है। वर्ष 2006 के समय लोगों ने यह परिस्थिति देखी थी। उसके बाद अब 2020 में फिर से लोगों को भय लगन लगा हैं। शहर में से गुजरने वाले चारों 4 गाड़ियां ओवरफ्लो हो चुकी है मीठी खाड़ी की सतह लगातार बढने से परिस्थिति ज्यादा बिगड़ रही है। लिंबायत में अनेक क्षेत्रों और मुख्य रास्तों पर पानी भरा जाने के कारण नदी बहने लगी है।

सूरत महानगर पालिका की ओर से नीचले क्षेत्रों में से लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है। उनमें से भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है। इसके कारण देर शाम तक लिंबायत, डुंभाल और मगोब के अनेक क्षेत्रों में परिस्थिति और बिगाड़ने का भय है। बमरोली क्षेत्र में भी खाड़ी में पानी का स्तर ज्यादा होने के कारण कई क्षेत्रों में पानी घुस गया है। कई क्षेत्रों में फायर विभाग के बोट द्वारा रेस्क्यू शुरू किया गया है। फिलहाल लिंबायत, बमरोली, सरथाना आदि क्षेत्रों में रेस्क्यू शुरू किया गया है।
बताया जा रहा है कि सूरत में सबेरे 6:00 बजे से दोपहर के 2:00 बजे 4 इंच बरसात हो चुकी थी काकराखाड़ी की सतह अभी तक 6.60 मीटर पर है जबकि इसकी भयजनक सतह 6.50 मीटर है। भेदवाड खाड़ी 7 मीटर पर बह रही है इसकी भाई जनक सतह 6.75 मीटर है।

मीठी खाड़ी 8.90 मीटर पर है इसकी भयजनक 7.50 मीटर है भाठेना खाडी की सतह अभी 7 मीटर है इसकी भय जनक 7.70 मीटर है। इसी तरह सीमाडा खाडी की सतह 5.50 मीटर है। इसकी भयजनक सतह 5.40 मीटर है। हवामान विभाग ने आगामी 24 घंटे में दक्षिण गुजरात सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में तेज बारिश की आशंका व्यक्त की है ।

सूरत में भी बारिश जोर की रह सकती है। बताया जा रहा है कि सूरत में इस गंभीर परिस्थिति के बारे में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कलक्टर और मनपा कमिश्नर से फोन पर चर्चा की और एलर्ट रहने की सूचना दी।