सूरत: कोरोना नाम की कंपनी ने साढ़े तीन करोड़ की जीएसटी ड़कार ली



यह खबर पढ कर आपको आश्चर्य भी होगा और दुख भी होगा कि किस तरह से चीटर सरकारी व्यवस्था का मजाक उड़ा रहा है। ऑनलाइन कम्प्यूटर के जमाने में किसी भी नाम से कंपनी रजिस्टर कर के फर्जीवाडा किया जा सकता है।

इसी तरह की एक घटना इन दिनों सूरत में सामने आ रही है। कोरोना के समय में जब सब कुछ बंद था उस समय मार्च महीने में सूरत के रिंगरोड के पते पर किसी ने कोरोना नाम की कंपनी रजिस्टरर्ड करवाई और इसके नाम पर बोगस खरीग-बिक्री के माध्यमों से महाराष्ट्र की कंपनियों को साढे तीन करोड रूपए की बोगस आइटसी पास-ऑन कर दी।

सेन्ट्रल जीएसटी डिपार्टमेन्ट को जब इसकी भनक लगी तो अधिकारियों ने बताए गए पत पर जांच की। जांच में कंपनी अपने बताए गए पते नहीं मिली। बल्कि इसके संचालक ने ओडिशा में भी कोरोना के नाम से कंपनी खोले होने का खुलासा हुआ। कंपनी किसी जय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है। फिलहाल जीएसटी डिपार्टमेन्ट ने जांच कार्रवाई आगे बढा दी है।


उल्लेखनीय है कि जीएसटी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होने के कारण चीटर लोगो धडल्ले से कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं और बोगस आईटीसी का खेल कर पलायन कर जाते हैं। एक जानकारी के अनुसार सूरत में बड़े पैमाने पर बोगस आईटीसी का खेल चल रहा है।

दो दिन पहले ही सीजीएसटी ने भीमराड के मारवेला बिल्डर ग्रुप पर छापा मारकर ढाई करो़ड़ रूपए की जीएसटी चोरी पक़ड़ी थी। उल्लेखनीय है कि लोग किसी भी तरह से दूसरे लोगों से पहचान पत्र हासिल कर उनके नाम से फर्जी कंपनी खोलकर भी फर्जीवाडा कर रहे है।