सूरत के हजीराबेल्ट की एक स्टील कंपनी के ग्राउन्ड में गुरूवार को दिखा तेंदुआ शनिवार की रात को फिर से दिखा। वन विभाग के लाखों प्रयास के बाद भी तेंदुआ नहीं पकड़ाया। जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे वैसे स्थानीय लोगों में भय फैलते जा रहा है और वनविभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे है।
अब वन विभाग ने बड़े ही होशियारी से तेंदुए को पकड़ने के लिए नई तरकीब अजमाई है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार हजीरा पट्टी पर आर्सेलर मित्तल निप्पोन स्टील कंपनी के ग्राउंड में चार दिन पहले पहली बार सीसीटीवी कैमरे में एक तेंदुआ घूमते नजर आया। इस बारे में गांव के लोगों ने वन विभाग को जानकारी दी। इसके बाद से वन विभाग उसे पकड़ने के लिए सक्रिय हो गया है। वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए ग्राउंड में कई जगह पिजरें लगाए हैं और 10 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं।
इसके बावजूद तेंदुआ अभी तक सबकी पकड़ से दूर है। इस दौरान शनिवार की रात को तेंदुआ कैमरे में दिखा। 4 दिनों से कैमरा तेंदुआ जिस तरह से ग्राउंड में खुलेआम घूम रहा है इसे लेकर लोगों में भय का माहौल है। वन विभाग के अधिकारी निकुंज पटेल के अनुसार तेंदुआ एक बार फिर से शनिवार की रात को सीसीटीवी में तेंदुआ दिखने के बाद उसे पकड़ने के लिए इसलिए नाइट विजन वाले कैमरों की संख्या बढ़ा दी गई है।
वनविभाग की ओर से तेंदुआ की हर गतिविधि पर नजर रखने का प्रयास किया जा रहा है। वनविभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुआ जिस जगह दिखा उसके इर्द-गिर्द घना जंगल होने से उसे पकड़ पाना मुश्किल हो रहा है। वन विभाग ने इस तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरो में मारकर तीन मुर्गे रखे हैं। पिंजरे के थोड़ी थोड़ी दूरी पर जानवरों का मांस फेंका गया है। इसके अलावा मछली के पानी का छिड़काव भी किया गया है।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ इसे खाने के लिए आएगा। आशंका है कि शायद तेंदुआ पहली बार यहां पर आया है। तेंदुए को पकड़ाने पर उसमें रखे चीप्स से पता चलेगा कि इसके पहले वह कहां-कहां घूम रख उसके अंदर चीप लगा दी जाएगी। फिलहाल तेंदुआ नहीं पकड़ाने के कारण भय का माहौल बना है। आसपास के लोगों को भी सावधानी बरतने को कहा है। ( दोनों फ़ोटो प्रतिकात्मक है)
अब तक दक्षिण गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई देने वाले तेंदुए ने अब सूरत शहर के हजीरा क्षेत्र में दस्तक दी है। गुरुवार की रात को हजीरा के एस्सार कंपनी के परिसर में स्थित CCTV कैमरे में एक तेंदुआ क़ैद हो गया। इसके बाद से हजीरा ग्रामवासियों में चिंता का माहौल है।
वन विभाग ने भी तेंदूए को ढूंढने के लिए एस्सार के परिसर में १० जगह पर नाइट विज़न वाले कैमरे लगा दिए है। इसके अलावा एस्सार कंपनी के कैमरे भी मौजूदा है। वन विभाग ने कई जगह पिंजरे कई स्थानों पर रख दिया है। लेकिन इसके बावजूद तेंदूए का अभी तक पता नहीं चल सका है। जिसके चलते हैं वन विभाग और स्थानीय क्षेत्र में चिंता का माहौल है। वन विभाग अभी से नए ढंग से खोजने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए वन विभाग ने कई सामाजिक शैक्षिक संगठनों की भी मदद ली है।
वनविभाग ने तेंदुए के मल-मूत्र, पांव के निशानों के आधार पर ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया है। शनिवार को कई स्थानों पर तेंदुए के मल-मूत्र तथा पांव के पंजे के निशान मिले थे। अब इसी दिशा में वन विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू की है। जंगल में कई स्थानों पर वन विभाग ने नाइट विजन वाले कैमरे भी लगाए हैं। इसके साथ ही एस्सार कंपनी के कोई कैमरे भी ग्राउण्ड में मौजूद हैं लेकिन किसी कैमरे में तेंदुआ आते जाते या आराम करते नहीं दिखा।
इसलिए वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ ग्राउन्ड में ही घूम रहा है। वन विभाग ने इस तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल में कई अहम स्थानों पर जानवरों के पिंजरे भी रखे हैं। इतना ही नहीं 15 से अधिक स्थानों पर सीसीटीवी भी लगा दिए गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि एस्सार कंपनी के परिसर में जो तेंदुआ घुसा है वह एस्सार कंपनी के पीछे की तरफ की बाउंड्री वॉल से कूदकर आया होगा। क्योंकि उस तरफ की दीवाल छोटी है।
इसलिए वह सरलता से आ सकता है। तेंदुए को ढूंढ रहे वन विभाग के अधिकारियों को एस्सार हॉस्टल की तरफ तेंदुए के पांव के निशान मिले हैं। हालांकि इस तरह के सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ नहीं दिखा है लेकिन, पांव के निशान मिलने के कारण प्रशासन ने इस तरफ भी प्रयास शुरू किया है। तेंदुआ ढूंढने के लिए वन विभाग ने कोसंबा और सूरत के स्वंयसेवी संगठनो की भी मदद ली है।
उन्होने भी वनविभाग के साथ मिलकर तेंदुए को ढूंढने के लिए प्रयास शुरू किया है।उल्लेखनीय है कि तेंदुए की जानकारी मिलते ही ग्राम जन भी अपनी ओर से सतर्कता बरतने लगे हैं। अब तक दक्षिण गुजरात के गांवों में तेंदुए दिखते थे लेकिन हजीरा में भी तेंदुए के आगमन ने लोगों को चिंतित कर दिया है।
शहर के हज़ीरा क्षेत्र में आज शाम छह बजे के क़रीब आसमान बिल्कुल लाल हो गया। मानो ऐसा लग रहा था कि आग लग गई हो। यह दृश्य हज़ीरा आसपास के लोगों को डराने के लिए काफ़ी है।
बताया जा रहा है कि हज़ीरा का यह धुंधले बादल और लाल आसमान का दृश्य सचिन, पाल, डुम्मस, ओलपाड,अमरोली से दिख रहा था, लोगों को ऐसा लगा कि हज़ीरा की किसी कंपनी में आग लगी है। हज़ीरा के आसपास के गाँव के लोगों का कहना था कि शाम छ बजे के करीब से ही चिमनी मे से निकल रहे धुएँ के कारण गर्मी बढ गई है।
सूत्रों का कहना है कि हज़ीरा में स्थित एक कंपनी के क्रेकर प्लान्ट को आज बंद किया गया।
इस कारण प्लान्ट के अतिरिक्त गैस को जलाने के कारण ऐसा वातावरण बना है। गाँव के लोगों ने गर्मी बढ़ने और बेचैनी की शिकायत जीपीसीबी और मनपा के फ़ायर विभाग को की ।इस बारे में देर रात कलक्टर को भी शिकायत की जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आठ घंटे तक ऐसा दृश्य बना रह सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस घटना के कारण हज़ीरा से दूर के क्षेत्रों मे भी भय फैल गया और जहां जहां यह दृश्य दिख रहा था लोग घरों के बाहर निकल कर यह दृश्य देख रहे थे। देर रात तक लोगों का कौतूहल बना रहा।
ज्वैलरी शो आईआईजेएस के शो को कोरोना का ग्रहण
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल की ओर से घरेलू ज्वैलर्स और हीरा उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के आशय से आयोजित किए जाने वाला इन्डियन इन्टरनेशनल ज्वैलरी शॉ को स्थगित कर दिया गया है। यह शो अगस्त महीने में होने वाला था जो कि अब जनवरी-21 में करने पर विचार किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार भारत सहित दुनियाभर मे कोरोना ने महामारा फैला रखी है। संक्रमण से फैलने वाली इस बिमारी से बचने के लिए बारबार सरकार की ओर से सोशल डिस्टैंस का पालन करने, मास्क पहनने तथा बार बार हाथ धोने की अपील की जा रही है। कोरोना की गंभीरता को समझते हुए जीजेईपीसी ने आईआईजेएस के शो को स्थगित करने का फैसला किया है।
जीजेइपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने बताया कि हम आने वाले दिनों में सबकी सुरक्षा के साथ शो का आयोजन करेंगे। हम कोरोना के कारण किसी की सुरक्षा के समझौता नहीं करना चाहते।
जीजेइपीसी के वाइस चेयरमैन ने बताया कि 2021 में बड़े पैमाने पर शादी-ब्याह हैं। जो इस साल स्थगित हुए हैं वह भी होंगे। इसलिए ज्वैलरी की अच्छी डिमांड रहने की उम्मीद है।