दो दिन पहले नोटबंदी के दिनो में सूरत में कुछ ज्वैलर्स,बिल्डर्स और सीए तथा आयकर अधिकारियों ने पुराने नोट में सौदे कर सरकार के नोटबंदी के उद्देश्श्य को फलॉप कर दिया। ऐसे लोगों के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच होनी चाहिए। ऐसी पोस्ट ट्वीटर पर पोस्ट करने वाले आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी के यहां बुधवार देर रात दस बजे के करीब से सूरत आयकर विभाग की डीआई विंग ने छापा मारा।
डीआई विंग के पचास से अधिक अधिकारियों ने पीवीएस शर्मा के संबंध में सुरत में 10 मुंबई में दो तथा थाणे में एक स्थान सहित कुल 13 स्थानों छापा मारा। छापे की कार्रवाई देर गुरूवार को भी जारी रही। जांच कार्रवाई में बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए। इस दौरान पीवीएस शर्मा का उनका मोबाईल ले लिए जाने के कारण घर के नीचे ही धरना पर बैठ गए थे।
आयकर विभाग के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों ने देर रात पीवीएस शर्मा के यहां सर्च कार्रवाई के दौरान उमरा स्थित फॉर चाइस एपार्टमेन्ट के फ्लेट, साकेत मीडिया,भरत शाह के यहां छापा मारा। इसके अलावा पीवीएस शर्मा के यहां जांच के दौरान वह कुसुम सिलिकॉन नाम की कंपनी में काम करते थे जहां से उन्हें प्रतिमाह डेढ लाख रुपए का वेतन मिलता है। यहाँ से वेतन और कमिशन के तौर पर 90 लाख रुपए ले चुके है।
यह खुलासा होने पर विभाग ने कंपनी के संचालक कौशल खंडेलिया के यहां सूरत के निवास स्थान तथा कंपनी के मुंबई और थाना स्थित कार्यालयो पर भी छापा मारा। छापे मारी के दौरान कौशल खंडेलिया के यहा से एक किलो बुलियन तथा 25 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। चर्चा है कि यहाँ से 35 लाख रूपये की एफ़डी भी मिली। इसके अलावा डिपार्टमेन्ट ने पीवीएस शर्मा से कारोबार में जु़डे़ उनके सीए अडु़किया के यहां भी कार्रवाई की। पीवीएस शर्मा की जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी बैलेन्शशीट में साढे छह करोड़ की लोन दिखा रखी है।
आयकर विभाग को उनके पास पाच से सात बेनामी प्रोपर्टी होने की आशंका है। पीवीएस शर्मा के यहां जांच के दौरान 10 बैंक अकाउंट और तीन लॉकर तथा साढे तीन लाख रुपएआयकर विभाग ने जब्त किए है। आयकर विभाग की कार्रवाई देर रात तक जारी रही। जांच के बाद बड़ी रकम की करचोरी का खुलासा होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि बीते तीन दिन से पीवीएस शर्मा का मुद्दा चर्चा में है। दो दिन पहले उन्होंने नोटबंदी के दिनों किस तरह ज्वैलर्स ने गोलमाल किया यह पोस्ट किया था। इसके बाद यह कार्रवाई हुई। लेकिन बात यह है कि आयकर विभाग ने पीवीएस शर्मा के खिलाफ बड़े पैमाने पर संपत्ति होने की शिकायत के चलते डीआई विंग ने 1 एक अक्टूबर को समन देकर बुलाया था।
नोटबंदी के दिनों में कुछ ज्वेलर्स और बिल्डर ने सीए और आयकर अधिकारियों के साथ मिलकर गोलमाल किए होने तथा उनकी इडी और सीबीआई की जांच होनी चाहिए। ट्वीटर पर यह पोस्ट रखने वाले आयकर के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा के सूरत के निवास स्थान सहित मुंबई में उनसे जुड़े एक औद्योगिक ग्रुप के 10 ठिकानों सहित कुल 13 स्थानों पर बुधवार की देर रात 10:00 बजे आयकर विभाग ने कार्रवाई की।
आयकर विभाग की कार्रवाई को लोग जवाबी कार्यवाही के तौर पर देख रहे हैं। आपको बता दें कि नोटबंदी के दिनों में कुछ ज्वेलर्स ने पुराने नोट लेकर बड़े पैमाने पर सौदे किए थे और सौदों की तारीख भी गलत बताई थी ऐसी चर्चा उन दिनों भी बहुत चली थी लेकिन, आयकर के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा ने गत रोज ट्विटर पर भी इसी तरह की पोस्ट रखी थी। जिसमें कि उन्होने बताया था कि केंद्र सरकार की नोटबंदी की योजना को ज्वेलर्स और बिल्डर ने फ्लोप कर दिया तथा आयकर अधिकारियों के साथ मिलकर सारे मामले की लीपापोती कर दी।
उन्होंने इस पर सवाल भी खड़े किए तथा इसकी ईडी और सीबीआई की जांच होनी चाहिए ऐसी मांग करता हुआ एक ट्विटर पोस्ट किया था। इसके बाद से मामला गरमा गया और बुधवार की देर रात उमरा क्षेत्र में स्थित उनके फोर चोईस अपार्टमेंट में तथा अन्य दो स्थानों पर और मुंबई में उनके साथ जुड़े एक ग्रुप के 10 स्थानों पर जांच की कार्यवाही शुरू की गई। बताया जा रहा है कि शर्मा के खिलाफ आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों की जांच कर रहा है।
देर रात तक आयकर कार्यवाही में विभाग को बड़े पैमाने पर दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा मुंबई में भी आयकर विभाग की जांच कार्यवाही 10 स्थानों पर जारी रही। आपको बता दें कि आयकर विभाग की इस कार्रवाई के चलते लोगों में तरह-तरह की चर्चा है। आयकर विभाग अपनी कार्रवाई तब कर रहा है जबकि उसी दिन शर्मा ने कुछ ज्वैलर, सीए और आयकर विभाग के अधिकारियों के बारे में ईडी और सीबीआई की जांच होनी चाहिए ऐसी पोस्ट की थी।
फ़िलहाल आयकर विभाग की कार्रवाई सभी जगह जारी है! हालाँकि आयकर विभाग से इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी।
आयकर विभाग ने गत रोज वलसाड, वापी, उमरगांव, सिलवासा तथा दादरा नहर हवेली में 13 कंपनियों पर की सर्वे की कार्रवाई कई स्थानों पर पूरी हो गई और कुछ स्थानों पर जारी है। अभी तक विभाग ने सभी स्थानों से बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री तथा बैंक बैलेन्स आदि की जानकारी एकत्रित की है।
विभाग को कुछ कंपनियों के बोगस बिलिंग मामले में भी लिप्त होने की आशंका लग रही है। इसलिए संभवत: आगामी दिनों में कुछ कंपनियों में जीएसटी भी जांच करेगी।
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने बुधवार दोपहर सवा तीन बजे से वलसाड, वापी, उमरगांव, सिलवासा तथा दादरा नहर हवेली में प्लास्टिक, मेटल, स्क्रेप तथा वुड के कारोबारियों के यहां छापा मारा था। इनमें से कई कारोबारियों ने वहां के बड़े कारोबारियों से भी खरीद फरोख्त की थी। जांच में विभाग ने इनसे माल खरीदने वाले और माल बेचने वालों के भी पूछताछ की थी।
प्राथमिक जांच में विभाग को तमाम स्थानों से खरीद- बिक्री और स्टोक के आंकड़ों में बड़ा अंतर नजर आ रहा है। विभाग का कहना है कि कुछ पार्टियों ने तो कई आर्थिक सौदों की एन्ट्री ही नहीं बताई है। कुछ मामलों में बोगस बिलिंग के भी सबूत आयकर विभाग को मिले है। बिना किसी खरीद बिल के ही अकाउंट में खर्च दिखाने के लिए बोगस बिल खरीदे गए होने की जानकारी आयकर अधिकारियों को सर्वे के दौरान लगी है।
कुछ मामलों में तो डायरेक्ट ही सौदे हुए होने की भी जानकारी सामने आई है जैसे कि माल खरीदने वाले को बेचने के बजाय पार्टियों ने सीधे ही उपभोक्ता तक पहुंचा दिया। इस तरह से कई प्रकार की अनियमितताए आयकर विभाग के हाथ लगी है। आयकर विभाग ने सभी स्थानों से लैपटॉप, हिसाबी बुक, मोबाईल फोन आदि जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू की है।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग सूरत ने कोरोना के लॉकडाउन के आठ महीने के बाद यह पहली कार्रवाई की है। नए नियमों के अनुसार अब जांच करने की जवाबदारी डीआई विंग को दी गई है। इसके तहत यह केस भी विंग के अधिकारियों ने किया है।
एक साल से अधिक अंतर के बाद सूरत आयकर विभाग ने बुधवार को दक्षिण गुजरात में एक साथ 13 स्थानों पर छापे मारी की। बड़े पैमाने पर इस कार्यवाही के कारण कर चोरों में भय पैदा हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की डी आई विंग ने वापी,वलसाड, सेलवास और दादरा नगर हवेली में 13उद्यमियों के यहां एक साथ छापे की कार्यवाही शुरू की है। यह सब व्यापारी लोहा,मेटल, प्लास्टिक और भंगार आदि का व्यापार करते हैं।आयकर विभाग को शक है कि यह लोग किताबों में गोलमाल करके बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर रहे हैं। बुक में नकद से खरीदी ट्रांजैक्शन नहीं बता रहे साथ ही खरीदी बिक्री के पूरे आंकड़े भी किताबों में नहीं बताते।
इस शंका के आधार पर आयकर विभाग की टीम ने बुधवार दोपहर 3:15 बजे से शिव शक्ति फार्म एंड कांति प्लास्टिक वलसाड,मितेश प्लास्टिक इंडस्ट्री उमरगांव, इस्लामुद्दीन निज़ामुद्दीन खान(कोहिनूर एंटरप्राइज सिलवास), जुलियन अमीनभाई मासाणी (जोहा एंटरप्राइज) धर्मेश भरत ठक्कर(बालाजी स्क्रेप), उस्मान अली शेख( अदनान स्क्रैप ट्रेडर्स) जयसवाल स्क्रेप ट्रेडर्स, आबिद अली अब्दुल मंसुरी(वियूस इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन), मुकर्रम खान (सेलवासा ट्रेडर), इमरान खान(सेलवासा पेपर एजेंसी) यूनिक ट्रेडर तथा मिर्जा ट्रेडर पर सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी।छापे की कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग में तमाम स्थानों पर से बड़े पैमाने पर दस्तावेज जप्त किए हैं।
इनमें से कई प्लास्टिक उत्पादकों ने बड़े कॉरपोरेट के साथ भी सौदे किए थे।डिपार्टमेंट की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि भंगार की खरीदी बिक्री के सौदे नकद में ही किए गए हैं। आयकर विभाग को शक है कि इनमें से कुछ लोगों ने माल तो खुद बेचे हैं लेकिन उसके बिल दूसरी पार्टियों के नाम से भी बनाए हैं। आयकर विभाग ने तमाम स्थानों पर से बड़े पैमाने पर खरीदी बिक्री के दस्तावेज लिए हैं। कई स्थानों पर खरीद में तो कुछ स्थानों पर बिक्री के आंकड़े में आयकर विभाग को असंतोष नजर आ रहा है। जांच के बाद बड़ी रकम की कचोरी पकड़ आने की संभावना है।
कोरोना के कारण पूरे देश में व्यापार उद्योग की हालत खराब है। लाखों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में सरकारी विभागों की आवक पर भी बुरा असर पड़ा है। जहां एक और जीएसटी की आय में कमी आई है।
वहीं दूसरी और आयकर विभाग की आय भी बहुत घट गई है। सूरत आयकर कमिश्नर रेट की बात करें तो सूरत में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने 4510 करोड़ रूपए का टारगेट दिया है। जिसके मुकाबले 6 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक सिर्फ 291 करोड रुपए की वसूली हो सकी है। बीते वित्तीय वर्ष में सूरत आयकर कमिश्नरेट को 4357 करोड रुपए का टारगेट दिया गया था।
इसके मुकाबले सूरत कमिश्नर ने 6 महीने में 1300 करोड़ रूपए की वसूली की थी। बताया जा रहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोरोना के कारण 3 महीने तक लोग व्यापार उद्योग नहीं चले। इसके बाद भी डर के कारण करदाता आयकर विभाग नहीं आ रहे हैं और ना ही आयकर विभाग भी उन्हें नोटिस देकर बुला रहा है। ऐसे में के के के के रिकवरी केस सभी लंबित पड़े हैं।
आयकर विभाग की आय पर भी इसका बुरा असर पड़ा है। जिसके चलते आय में कमी आई है। दूसरी ओर आयकर विभाग ने रिफंड भी समय-समय पर दिया है। जिसके चलते भी कलेक्शन कम हुआ है सूरत में सीआईडी-1 में 1831 करोड रुपए के टारगेट के सामने 259 करोड रुपए सीआईटी-2 में 757 करोड रुपए के मुकाबले 218 करोड रुपए की वसूली हुई थी। जिसमें कि 264 करोड रुपए तो रिफंड के तौर पर दे दिए गए इसी तरह सीआईडी-3 में 394 करोड रुपए के टारगेट के सामने 106 करोड रुपए की हुई थी और 117 करोड रुपए का रिफंड दे दिया गया।
सीआईटीवलसाड में 1528 करोड रुपए का टारगेट दिया गया था। जिसके मुकाबले के विभाग में 390 करोड रुपए वसूल किए और 161 करोड रुपए का रिफंड दे दिया। बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में आयकर विभाग टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए पुराने मामलों में रिकवरी में थे तेजी ला सकता है।
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्स ने 13 अगस्त को एक परिपत्र जारी कर सर्वे के लिए नियमों में कई परिवर्तन किए हैं। अब से किसी भी जगह सर्वे के लिए आयकर अधिकारियों को इन्वेस्टिगेशन विंग के शीर्ष अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।
अब तक रैंज के एडीशनल कमिश्नर सर्वे की कार्रवाई प्रिन्सिपिल कमिश्नर की मंजूरी से भी कर सकते थे। नए परिपत्र के अनुसार सीबीडीटी अनाधिकृत आयकर सर्वेक्षण और छापे पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब एक आदेश लेकर आई है कि केवल आयकर महानिदेशक (जांच) और आयकर आयुक्त (टीडीएस) आयकर छापे को मंजूरी देंगे।
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स की ओर से जारी परिपत्र में बताया गया है कि अब से आयकर अधिकारी, रैंज कमिश्नर, ज्वाइन्ट कमिश्नर, और प्रिन्सिपल कमिश्नर की सत्ता वापिस ले ली गई है। इसके अलावा रिकवरी अधिकारियों की सत्ता भी वापिस ले ली गई है। नए नियमों के अनुसार यदि कोई सर्वे की कार्रवाई करनी हो तो इसके लिए इन्वेस्टिगेशन विंग से मंजूरी लेनी होगी।
टीडीएस कमिश्नर को टीडीएस के सर्वे की सत्ता दी गई है। बताया जा रहा है कि कई बार करदाताओं की ओर से आयकर विभाग की ओर से बिन जरूरी सर्वे की कार्रवाई करने के बारे मे सीबीडीटी को शिकायत मिलती थी। इसे देखते हुए सीबीडीटी ने बिन जरूरी सर्वे पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
इसके अलावा अब से स्क्रूटनी के केसो के लिए भी करदाताओं को आयकर विभाग तक जाना नहीं होगा। देशभर मे फेसलेस स्कीम शुरू हो जाने के कारण करदाताओं को मेल के माध्यम से ही अपने सवालों का जवाब दे देना होगा