लाचारी: लॉकडाउन में खमन का धंधा नहीं चलने से लाचार युवक बेचने लगा शराब

रांदेर पुलिस ने शराब बेचने वाले कुख्यात बूटलेगर कुणाल राजेंद्र पासवाला और खमन व्यापारी से शराब बेचनेवाला बने धर्मेश अरीवाला को रांदेर भक्तिधाम टाउनशिप के पास एक कार से 1 लाख से अधिक विदेशी शराब के साथ पकड़ा लिया।

वलसाड के पारडी से जीनु नाम के शराब विक्रेता ने कुणाल को शराब दी थी। इस दौरान नीलेश मोदी पुलिस से बचने के लिए पायलोटिंग कर रही था । डीसीबी ने धर्मेश के घर के बाहर से बूटलेगर क्रुणाल को 1 लाख रुपये से अधिक की शराब और कुल 7 लाख रुपये की एक कार के साथ पकड़ा।

पुलिस ने बताया कि धर्मेश सिंगनपुर में खमन की सारी चला रहा था। मिनी लॉकडाउन में धंधा नहीं चल रहा था। बूटलेगर क्रुणाल जब लॉरी में खमन खाने आया तो धर्मेश ने कहा कि खमन का धंधा नहीं चल रहा तब कृणाल ने उसे यह रास्ता बताया था।

उल्लेखनीय है कि कोरोना में लॉकडाउन के कारण नौकरी धंधा बंद होने से हज़ारों लोगों की नौकरी चली गई है। कई लोगों ने व्यवसाय बदल दिया है। कई लोग आर्थिक हालात बिगड़ने से लाचार हो गए है। लगातार लोगों की परिस्थिति बिगड़ते जा रही है।

कपड़ा, हीरा, रियल एस्टेट सहित तमाम होलसेल दुकानें दिन में चार घंटे खोलने की डीजीपी से माँग

डायमंड ट्रेडिंग, रियल एस्टेट और कपड़ा उद्योग सहित सभी थोक दुकानों को एक दिन में चार घंटे खोलने के लिए चैंबर ने राज्य के पुलिस महानिदेशक के समक्ष गुहार लगाई है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वावधान में गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के सभी पदाधिकारियों ने आज पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया के साथ वर्चुअल बैठक की। जिसमें द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने कई मुद्दों पर डीजीपी आशीष भाटिया से गुहार लगाई। दक्षिण गुजरात में हीरा उद्योग और कपड़ा उद्योग सहित सभी उद्योगों की थोक दुकानों को दिन के दौरान सुबह 10:00 बजे से अपराह्न 2:00 बजे तक खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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राज्य में सभी प्रकार की विनिर्माण गतिविधियाँ चल रही हैं, लेकिन व्यापारिक गतिविधियाँ बंद होने के साथ उत्पादन गतिविधियाँ भी बंद होने के कगार पर हैं। इसलिए18 मई, 2012 से  ट्रेडिंग गतिविधि की अनुमति दी जाए। कारीगर वर्तमान में घर जाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में यदि उत्पादन बंद हुआ तो वह कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं।

प्रतिकात्मक तस्वीर

कपड़ा मार्केट बंग होने से बुनाई और डाइंग प्रोसेसिंग इकाइयों द्वारा उत्पादन कम कर दिया गया है  ऐसी परिस्थितियों में, कपड़ा उद्योग के तमाम घटक चालू रखने की अनुमति दी जाए।निर्माण उद्योग में निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन रेती- सीमेंट और स्टील जैसी सहायक सेवा दुकानें बंद हैं। निर्माण उद्योग को जारी रखने के लिए सहायक सेवा की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

निर्यात – आयात गतिविधि में शामिल सभी इकाइयों को अपना काम बिना किसी अनुमति के काम करने की छूट मिला। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि निर्यात आदेश समय पर डिलिवर किए गए  तो इसका आर्थिक बोझ बहुत अधिक हो सकता है और वैश्विक बाजार में भारत की छवि को धूमिल कर सकता है।

इसलिए इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। राज्य में सभी प्रकार के रखरखाव और मरम्मत सेवाओं को तत्काल प्रभाव से जारी रखने का आदेश।गृह विभाग द्वारा नमक और मिठाई की दुकानों को खुला रखने के आदेश के बावजूद, कई स्थानों पर स्थानीय प्रणाली द्वारा इन दुकानों को बंद रखा गया है। इसे खोलने की सूचना दे। 

 राज्य के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने  राज्य में वाणिज्य के विभिन्न चेम्बर की मांग को ध्यान से सुना और कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित कोर समिति उद्योग और व्यापार को प्रभावित करने वाले उपरोक्त मुद्दों पर निर्णय लेती है। इसलिए वह मुख्यमंत्री द्वारा गठित कोर कमेटी के समक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा दिए गए अभ्यावेदन को प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में जो निर्णय लिया जाएगा, उसकी भी घोषणा की जाएगी।

लेनदारों की वसूली से त्रस्त होकर जान दी, लिखा सुसाइड नोट

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सूरत के पालनपुर पाटिया इलाके में एक युवक ने व्यापार में नुकसान के कारण कर्ज का भुगतान न कर पाने से लेनदारों की वसूली से परेशान हो कर आत्महत्या कर ली। उसने नोट में लिखा है कि, मरना नहीं है लेकिन कोई मुझे जीने नहीं देगा, मुझे आज पता चला कि पैसे से बड़ा कुछ नहीं है।


युवक कई दिनों से मानसिक तनाव में था।पालनपुर पाटिया राधाकृष्ण सोसाइटी के एक युवक अल्पेश पटेल ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक के इस कदम परिवारजन परेशान है। युवक ने कर्ज में डूबने के कारण यह अंतिम कदम उठाया ऐसा लोग बताते हैं। उसके पास से एक नोट मिला है जिसमें लिखा है कि इज्जत के बिना जीना बेकार है।पैसे जुटाने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।

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अल्पेश पटेल ऑनलाइन ड्रेस मार्केटिंग में काम कर रहा था।उसने कुछ लोगों से व्यापार करने के लिए पैसे लिए। वह व्यापार में नुकसान के कारण रुपये का भुगतान करने की स्थिति में नहीं था। सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि जिन लोगों से पैसे लिए गए थे, वे पैसे वापस पाने के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।


कुछ लोगों ने इज्जत खराब करने की धमकी दी थी। सुसाइड नोट में वसंतभाई वासु विकास फेनिल के साथ-साथ अन्य लोगों के नामों का भी उल्लेख किया। जो उसे लगातार उससे पैसे के लिए मजबूर कर रहे थे। लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे।

कोरोना: गुजरात के 36 शहरों में करफ्यू इस दिन तक बढा, अन्य राज्यो से आनेवालों का टेस्ट जरूरी

गुजरात में कोरोना के मामलो में लगातार बढोतरी के कारण चिंतित सरकार ने कर्फ़्यू को और भी बढ़ाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री विजय रूपानी की अध्यक्षता में बैठी कोर कमिटी की मीटिंग में 6 से लेकर 12 मई तक कर्फ़्यू को बढ़ाया गया है। हालाकि राज्य सरकार के समक्ष कई संगठनों ने कुछ शर्तो के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शुरू करने की मांग की थी राज्य सरकार ने लगातार बढते मामलों के चलते लॉकडाउन बढाने का फैसला किया।


इसके पूर्व 5 मई तक गुजरात के महानगरों सहित 29 शहरों में कर्फ़्यू था।अब इन 29 शहरों में 7 और शहर को जोड़ दिया गया है। डिसा, अंकलेश्वर, वापी, मोडासा, राधनपुर, कड़ी और विसनगर सहित 36 शहरो में रात के 8 बजे से सुबह के 6 बजे तक कर्फ़्यू रहेगा। इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएँ चालू रहेगी। इसके अलावा अनाज-करियाना की दुकान, सब्जी, फल-फलादी, मेडिकल स्टोर, मिल्क पार्लर, बेकरी तथा खाद्यपदार्थों की दुकान खुली रहेगी।

इसके अलावा सभी 36 शहरों में उद्योग, उत्पादन एकम, कारखाने और निर्माणकार्य चलेगें। निजी ऑफिस 50 प्रतिशत स्टाफ की मौजूदगी के खोल सकेंगे लेकिन इस दौरान मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करना जरूरी होगा। कोरोना से जुड़े किसी भी काम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े सभी सेवा शुरू रहेगे। मेडिकल, पेरामेडिकल तथा अन्य आनुषंगिक सेवा, ऑक्सीज़न उत्पादन और वितरण सेवा भी शुरू रहेगी।


सभी सरकारी, अर्ध सरकारी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बेंक, फायनान्स संबंधित सेवा, केश ट्रांजेकशन सेवा, स्टॉक ब्रोकर्स, इन्स्योरंस कंपनियाँ तथा निजी ऑफिसों में 50 प्रतिशत स्टाफ ही बुलाये जाये। इसके अलावा राज्य में उत्पादन प्रवृति और उद्योग शुरू रहे इसलिए उनके रो-मटिरियल उत्पादित करने वाली इकाइयां भी शुरू रहेगी और उनके स्टाफ की वाहनव्यवस्था जारी रखी जाएगी।

सूरत: लॉकडाउन का फर्जी लेटर वायरल करने वाला व्यापारी पकडाया


एक तो लोग पहले से ही कोरोना के कारण परेशान हैं, लोगों में भय है कि जिस तरह से परिस्थिति बदल रही है। इस कारण प्रशासन और कड़े कदम भी उठा सकता है। इस बीच लोगों में भय फैले ऐसा मैसेज दो दिन पहले ही वायरल किया गया था। गत 10 अप्रेल को किसी ने सोश्यल मीडिया पर एक फर्जी लेटर वायरल किया था। ॉ

इस मैसेज में राज्य के गृह मंत्रालय का नाम लिखा था और लिखा गया था कि गुजरात के छ महानगरो में कोरोना की विकट परिस्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आगामी 11 अप्रेल से 17 अप्रेल तक लॉकडाउन का फैसला किया है। यह लेटर राज्यभर में तेजी से वायरल होने के बाद लोगो में भय खड़ा हो गया था और भ्रम की परिस्थिति खडी हो गई थी।

बाद में प्रशासन ने लेटर फर्जी होने की पुष्टि की थी। साथ ही इस लेटर को वायरल करने वाले के खिलाफ जांच कार्रवाई के आदेश दिए थे। साइबर क्राइम ने इस बारे मे शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की थी और दो दिन में ही मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने इस बारे में सूरत के भेस्तान क्षेत्र में दिव्य ज्योति सोसायटी में रहने वाले आनंद गिरिजा शंकर शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया।

उससे पूछताछ शुरू की है। आनंद गिरिजा शंकर शुक्ला पेशे से व्यापारी है। उल्लेखनीय है कि साइबर क्राइम सेल की नजर ऐसे गलत मैसेज फोरवर्ड करन वालों पर है। कोरोना के नाम पर गलत जानकारी वाले मैसेज करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को लेकर वायरल हुआ पत्र, जानिए सच्चाई


सोशल मीडिया पर लॉकडाउन को लेकर एक फर्जी पत्र जारी हुआ है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम से जारी इस पत्र में लिखा है “राज्य में कोविड 19 के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसे देखते हुए सरकार ने जो रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया है, उससे कोई खास परिणाम नहीं मिले। इसलिए गृह विभाग द्वारा छह बड़े शहर अहमदाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, राजकोट, भावनगर और सूरत में 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन का सरकार ने फैसला किया है।

पत्र में कहा गया है कि केवल आपातकालीन सेवा ही जारी रहेंगी और शहर में प्रवेश और निषेध के लिए जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी लेनी होगी। लॉकडाउन के दौरान निर्दिष्ट शहरों में लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदरी संबंधित शहर के पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक की होगी। गृह विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि गृह विभाग की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है, इसलिए लोग ऐसी अफवाहों से दूर रहें। राज्य सरकार ने यह पत्र वायरल करने वाले के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह किसी तरह की अफवाह नहीं फैलाए और अफवाह पर विश्वास नहीं करे। पहले मामले की सच्चाई जानने के बाद ही किसी भी तरह का मैसेज फोरवर्ड करें। कोरोना के कारण पहले से ही लोग परेशान है। डरे हुए हैं ऐसे में यदि कोई गलत मैसेज फोरवर्ड करते पकड़ाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सूरत: पुलिस ने रोका तो किन्नर हो गए निर्वस्त्र और कर दी पीटाई


सरत में कोरोना के केस लगातार बढते जा रहे है। सूरत में चिंताजनक परिस्थिति के कारण पुलिस और पालिका ने लोगों को गाइडलाइन का पालन करने की सख्त चेतावनी दी है। इसके चलते लोगों और प्रशासन के बीच टकराव की कई जानकारियां सामने आ रही है। ऐसे में दो दिन पहले अमरोली जकातनाका के पास पुलिस और किन्नरो के बीच टकराव की जानकारी पचा चली है। जिसमें कि एक किन्नर ने निर्वस्त्र होकर लोकरक्षक के जवान की पीटाई कर दी।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कतारगाम पुलिस क्षेत्र में लोकरक्षक के तौर पर कार्यरत प्रदीप शंकर ने सोमवार की रात को जकातनाका चेक पोस्ट के पास एक रिक्शे को रोक कर चेक कर रहे थे। उस दौरान पीछे से आ रही दूसरी रिक्शा को एसआई रमेश भाई ने रोका था। इसमें से दो किन्नर और दो युवक उतरे थे और प्रदीप को कहा कि तुम हमको क्यों परेशान कर रहे हो? इसके बाद कपड़े उतार कर अशोभनीय वर्तन करने लगे।

इसके बाद डर गए प्रदीप ने अपनी सुरक्षा के लिए वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इससे किन्नर और नाराज हो गए। किन्नरों ने प्रदीप से मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया और उसका कॉलर पकड़कर शर्ट के बटन भी तोड़ दिए और प्रदीप के गाल पर एक तमाचा भी जड़ दिया। जिससे कि एएसआई रमेश भाई ने पुलिस स्टेशन में जानकारी दी।

पुलिस घटनास्थल पर दौड़ आई और लोक रक्षक प्रदीप की शिकायत के आधार पर हमला करने वाले किन्नर पलक कुंवर अशोक भाई कोष्टि, किन्नर चेतना कुंवर चंपक भाई राठौड़ तथा उनके साथ अन्य दो युवक अमित सुरेंद्र सोनी और वीरू राहुल भाई पटेल के खिलाफ शिकायत दर्ज कर लिया है। (फोटो काल्पनिक है)

सूरत: लोग हुए लाचार,रेल्वे स्टेशन से 10-15 किलोमीटर पैदल ही चले गए


राज्य सरकार की ओर से सूरत सहित राज्य के कई शहरो में रात्रि के नौ बजे से सबेरे 6 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। जिसके चलते रात 9 बजे के बाद सूरत स्टेशन पर ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी पैदल घर जाना पड़ रह है। रविवार सुबह करीब 10.30 बजे मुंबई और अहमदाबाद से सूरत रेलवे स्टेशन पहुंचे दोनों ट्रेनों के यात्रियों को ट्रेन या कार या बस से कोई व्यवस्था नहीं मिलने से परेशान हो गए।

घंटो तक वाहन का इंतजार करने के बाद भी नहीं मिलने पर लोग 10-15 किलोमीटर तक जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े। रेलवे स्टेशन के सामने रिक्शा और टैक्सी खड़ी होने के बावजूद ड्राइवर लोगों को ले जाने के लिए तैयार नहीं थे।

ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें यात्रियों को ले जाने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब वे यात्रियों को छोडने के बाद वापस लौटते हैं तो उन्हें पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है।

इन कारणो से वह किसी भी यात्री को लेने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशासन ने लोगों के लिए व्यवस्था नहीं करने से रात में ट्रेन या बस से आने वाले यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। लोगों को एक बार फिर लॉकडाउन का अनुभव होने लगा है। सूरत में रात के कर्फ्यू के पहले दिन, कई यात्रियों को पैदल घर जाने की बारी थी क्योंकि यात्रियों को हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से घर ले जाने के लिए कोई टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बसें नहीं थीं।

वी वर्क फोर वर्किंग एयरपोर्ट सूरत ग्रुप के संजय जैन ने म्यूनिसिपल कमिश्नर को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशन और सूरत एयरपोर्ट से स्पेशल बसें चलाने की मांग की हैं, ताकि एयरपोर्ट और सूरत रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को भेजा जा सके।  

यात्रियों को ले जाने के लिए कोई ऑटोरिक्शा या टैक्सी सेवा नहीं होने से रात के समय यात्री परेशान हो जाते हैं। कर्फ्यू के पहले दिन महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से पैदल जाना पड़ा। ग्रुप ने सिटीलिंक बस सेवा शुरू करने की भी मांग की है।

सूरत में रात्रि कर्फ्यू का अमल शुरू, लोग हुए परेशान, लोगों में चिंता और भय


सूरत में रात्रि कर्फ्यू का अमल शनिवार की रात से 9:00 बजे से शुरू हो गया। शनिवार को रात्रि कर्फ्यू का पहला दिन होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग जो कि व्यापार उद्योग, काम धंधा से घर की ओर जा रहे थे उन्हें रास्ते में रोक लिया गया। हालांकि आज पहला दिन होने के कारण प्रशासन ने सख्ती नहीं बरती और लोगों से बाहर निकलने का कारण पूछ कर उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन यह परिस्थिति शायद कल नहीं रहे।

शहर के बाहर से आने वाले लोगों को वाहन नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ा। कई लोगों को तो पुलिस ने अपनी वान में घर तक छोड़ दिया। बात ऐसी है कि दिवाली के दिनों में लोगों ने खुलकर खरीदी की। एक दूसरे से मिले और बाहर भी खूब निकले। इस दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना लोग भूल गए।

जिसके चलते गुजरात में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ने की आशंका बताई जा रही है। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में तो शुक्रवार से ही रात्रि के 9:00 बजे से कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी गई थी। इसके बाद शनिवार से सूरत,वडोदरा,राजकोट में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की गई। जिसका कि आज पहला दिन था।

पुलिस की पेट्रोलिंग वेन ने माइक से लोगों की कर्फ्यू में बाहर नहीं निकलने की अपील की। पहले दिन शहर के वराछा, कतारगाम,उधना,रिंग रोड पांडेसरा,लिंबायत रांदेर, अडाजन सिटीलाइट सभी क्षेत्रों में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त था। पुलिस बिनजरूरी बाहर निकलने वाले लोगों को पकड़कर सख्ती भी बरत रही थी। हालांकि आज पहला दिन होने से पुलिस ने ज्यादा सख्ती नहीं बरती। लेकिन लोगों को लॉकडाउन की याद आ गई।

खास करके जो लोग अन्य शहरों से सूरत आए थे। उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा। आपको बता दें कि प्रशासन ने कोरोनावायरस के लिए लोगों से गाइडलाइन का अमल करने की अपील की है। सूरत में हीरा बाजार और कपड़ा बाजार में भी प्रशासन ने सभी व्यापारियों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने के लिए निर्देश दे दिया है।

यदि कोई कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते नहीं करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कदम लेने की भी चेतावनी दी गई है। शनिवार को शहर के सभी क्षेत्रों में रात्रि कर्फ्यू के कारण लोगों का आना जाना बंद था हो गया और एक बार भी लॉकडाउन जैसे हालात बन गए थे। लोगों में चिंता है कि कहीं फिर से लॉकडाउन नहीं लग जाए।

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सूरत: कपड़ा मार्केट की दुकानें सबेरे 9से शाम 7बजे तक खुलेगी!

गुजरात के सूरत,अहमदाबाद,वड़ोदरा, राजकोट आदि शहरों में रात के 9 बजे से सबेरे छह बजे तक कर्फ्यू लगाने का फ़ैसला किया गया है। शनिवार से यह फ़ैसला सूरत में भी लागू हो जाएगा। इस परिस्थिति के कारण सूरत के कपड़ा बाज़ार में भी कुछ समीकरण बदलेंगे।

कपड़ा बाज़ार में अभी तक व्यापारी रात के 9 बजे तक दुकान खोल सकते थे लेकिन अब बदलते समीकरण के कारण व्यापारियों को 9 बजे 7 बजे तक ही दुकान खोलने की अपील साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से की गई है। इस बारे में शाम तक फोस्टा और अन्य संगठन फ़ैसला करेंगे।

एसजीटीटीए के सेक्रेटरी सुनील जैन ने बताया कि कपड़ा बाज़ार में नए नियमों के कारण व्यापारियों को 7 बजे के क़रीब दुकान बंद कर देना उचित होगा। क्योंकि यदि व्यापारी 7 बजे के क़रीब दुकान बंद करते हैं तो उनके श्रमिकों को और उन्हें ख़ुद भी 9 बजे तक घर पहुँचने में सरलता रहेगी। उन्होंने कपड़ा बाज़ार के व्यापारियों से अपील की कि कोरोना के माहौल में व्यापारियों को सावधानी बरतते हुए और गाइडलाइन का पालन करते हुए व्यापार करना चाहिए।

साथ ही मनपा की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है उसका भी ख्याल रखना चाहिए। जैन का कहना था कि कर्फ्य के कारण व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले लोगों में कोरोना को लेकर भय का माहौल हो गया था लेकिन अब लोग कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए साथ ही सोशल डिस्टैंस बनाकर ख़रीदी के लिए आने लगे हैं। आने वाले दिनों में भी लग्नसरा का अच्छा व्यापार रहेगा।

इसके पहले शुक्रवार को पुलिस कमिशनर के साथ कपड़ा व्यापारियों की मीटिंग में साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से एसोसिएशन के प्रमुख सावर प्रसाद बुधिया सेक्रेटरी सुनील जैन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।पुलिस कमिशनर की अपील के बाद एसजीटीटीए के पदाधिकारियों ने कपड़ा मार्केट में कोरोना का संक्रमण ना ही फैले। इसलिए किसी तरह की सावधानी बरती जाए इस पर एक प्लान बनाकर प्रशासन को देने की सहमति दिखाई ।

उल्लेखनीय है कि प्रशासन की ओर से रात के नौ बजे से सवेरे छः बजे तक कर्फ्यू लगने की घोषणा के बाद कपड़ा मार्केट में भी संगठनों ने दुकानों का समय बदलने की चर्चा शुरू की है। बताया जा रहा है कि शाम तक कपड़ा मार्केट की दुकानें सवेरे 9 बजे से शाम के 7 बजे तक खोलने के बारे में फ़ैसला आ जाएगा। फैडरेशन आफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से यह घोषणा की है।