सूरत: भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा मंदिर परिसर में निकली!

देशभर में आज कई शहरों में भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जा रही है।सूरत के जहांगीरपुरा इस्कॉन मंदिर में कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। कोरोना सहित अन्य कारणोसे आयोजकों ने रथयात्रा  मंदिर परिसर में आयोजित करने का निर्णय लिया।

श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस्कॉन मंदिर में पुलिस घेराबंदी की गई। मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथ के भक्तों ने रथ को खींचा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे” के नारे के साथ भक्त उत्साहपूर्वक मंदिर परिसर में भक्तो ने प्रभु को याद किया।


श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात  है। इस्कॉन 200 लोगों को एक बार में परिसर में आने की अनुमति  है। साथ ही 50 भक्तों को रथ में प्रवेश करने और खींचने की अनुमति है। भक्तों द्वारा लाए गए प्रसाद को मंदिर ट्रस्ट से स्वीकार किया जा रहा है।

भगवान जगन्नाथ नगराचार्य सूरत में इस्कॉन मंदिर की 17 किमी रथयात्रा का रास्ता पुलिस ने घटाकर 3 किमी, फिर 700 मीटर कर दिया। इससे चिंतित भक्तो ने 200 मीटर में ही प्रभु की रथयात्रा कराने का फैसला किया था। अब तक रथयात्रा शहर से कुल 5 स्थानों अर्थात् पांडेसरा, सचिन, अमरोली, जहांगीरपुरा और महिधरपुरा से निकलती थी।


इस्कॉन मंदिर द्वारा रात 8:45 बजे तक मंदिर परिसर में रथयात्रा आयोजित करने की योजना है ताकि सभी भक्त रथयात्रा को देख सकें और भीड़ न लगे। मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में करीब 150 किलो लपसी बनाई गई। इस्कॉन मंदिर के मीडिया प्रवक्ता सरोज प्रभु ने कहा, “हम मंदिर परिसर में आने वाले सभी भक्तों से सामाजिक दूरी और मास्क पहनने का लगातार आग्रह कर रहे हैं।” हमने भक्तों को रथ खींचने के लिए भी विशेष ध्यान रखा है लेकिन हम एक बार में मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। समय-समय पर 100 से 200 लोगों को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। कोरोना संक्रमण के चलते प्रसादी की व्यवस्था नहीं पुलिस ने मंदिर परिसर और उसके आसपास कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी व्यवस्था की है।

इच्छापोर तालाब में दिन दहाड़े दो युवक डूब गए!

शहर के इच्छापोर क्षेत्र में शनिवार को तालाब में डूब जाने से दो युवकों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को इच्छापोर गांव में तालाब में डूब जाने के कारण दो युवकों की मौत के मौत के बाद गाँव में मातम का माहौल है।हर्ष कोसंबिया (२१) गौरव टेलर(१९) दोनों की लाश को नदी में से निकाला जा चुका है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

जानकारी के अनुसार सूरत शहर के इच्छापोर गांव में एक तालाब आया है जिसमें के लोग नहाने जाते हैं। शनिवार को भी गांव के 2 लोग तालाब में नहाने के लिए कूदे थे। वह तलाक की गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाए और ज्यादा अंदर तक चले गए। देखते-देखते भर में वह लोग डूबने लगे। उन्होंने बचाने के लिए लोगों को आवाज भी दी लेकिन कोई उन्हें बचा नहीं पाया।

अंत में दोनों ही युवक डूब गए। घटना के बारे में गांव के लोगों ने जब फायर ब्रिगेड को जानकारी दी तो फायर ब्रिगेड की टीम आनन-फानन में इच्छापुर गांव पहुंची और ढूंढने का काम शुरू किया। कर्मचारियों ने थोड़ी देर के बाद दोनों युवक की लाश का पता लगा लिया।

इसके बाद वोट से दोनों युवक की लाश को बाहर निकाला गया। इस घटना के कारण पूरे गांव में मातम का माहौल है। लाश को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।


उल्लेखनीय है कि तालाब में नहाने जाने वालों को गांव के लोग बार-बार सतर्क रहने के लिए कहते हैं लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। इनमें एक नर्सिंग और एक आइटीआइ का स्टुडेन्ट है।

नायलॉन विवर्स डीजीटीआर के ख़िलाफ़ कर सकते हैं शिकायत!

नायलॉन यान पर एंटी डंपिंग लगने को लेकर 2 दिन पहले फेडरेशन ऑफ गुजरात विवर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रमुख अशोक जीरावाला ने जो वीडियो जारी किया था उसके विरोध में और आगामी रणनीति तय करने के लिए सोमवार को नायलॉन विवर एसोसिएशन और वार्प नीटर्स एसोसिएशन की मीटिंग हुई।


मीटिंग में उद्यमियों ने होगा के प्रमुख के बयान की निंदा की और नायलॉन यान पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने के मुद्दे में डायरेक्टरेट जनरल आफ ट्रेड लिमिटेड के जिन सदस्यों ने विवर्स की बात को दरकिनार करते हुए यार्न उत्पादकों के पक्ष में रिपोर्ट किया था उनके खिलाफ जांच करने और एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत फैसला किया है।

इसके अलावा नायलॉन विवर्स विमल बेका वाला की ओर से डीजीटीआर की फाइनल फाइंडिंग के खिलाफ विजिलेंस में जांच के लिए दो बार शिकायत की गई है इसके बारे में क्या सी जांच हुई यह भी पूछने की चर्चा हुई। विवर्स का कहना था कि जिन तीन स्पिनरों ने डीजीटीआर में पिटीशन दाखिल की है उनके खिलाफ anti-profiteering कमेटी में लिखित में शिकायत की जाएगी।

इसमें मांग की जाएगी कि जीएसटी का नियम आने के बाद यान पर 18% से जीएसटी घटाकर 12% कर दी गई तो बेजिक रेट के ऊपर कीमत बढ़ाकर उन्होंने यान की कीमत फिर से बढ़ा दी इसकी भी जांच होनी चाहिए। सूरत नायलॉन यार्न उपयोग में लेने वाले विवर सोशल मीडिया ट्विटर पर ज्ञान के बारे में सही जानकारी देकर लोगों में जागृति लाएंगें।

मीटिंग में विवर अग्रणी मयूर गोल वाला मयूर चेवली, सुरेश कडोदरिया, निलेश गामी, आशीष गुजराती, दिनेश सोलंकी सुमित गुप्ता, विशाल सोरठिया, परीक्षित गांधी, विकी काबरा वाला उपस्थित रहे उल्लेखनीय है कि का कहना था कि होगा के प्रमुख एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के सदस्यों के सहमति के बिना नायलोन यार्न के बारे मे कोई बयानबाजी नहीं करेंगे

आखिर राज्य सरकार नें मानी हीरा उद्यमियों की बात, लेकिन बढ़ते कोरोना का क्या?

हीरा उद्यमियों और हीरा श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने 10 तारीख से हीरा बाजार और 14 तारीख से हीरा के कारखाने चालू करने का फैसला किया है। इस फैसले के कारण हीरा उद्यमियों और हीरा श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।


मिली जानकारी के अनुसार हीरा बाजार में से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिलने के कारण मनपा प्रशासन ने हीरा के कारखाने और हीरा बाजार बंद करा दिए थे। इसके चलते लाखों हीरा श्रमिक बेरोजगार हो गए थे। बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक उत्तर गुजरात की ओर पलायन करने लगे थे।

हीरा उद्यमियों को लगा कि एक बार तो जैसे तैसे हीरा उद्योग खुला उसमें फिर से बाजार जाने के कारण अगर श्रमिक लौट जाए तो शायद हीरा कारखाने कब खुलेंगे इसको चलते प्रेमियों ने प्रशासन और राज्य सरकार से गुहार लगाई थी।


हीरा उद्यमियों की समस्या को समझते हुए राज्य सरकार ने हीरा उद्यमियों से बातचीत करना शुरू की । शनिवार के रोज राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी सूरत के दौरे पर थे। इसके बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्री कुमार कानाणी, मेयर, मनपा के अधिकारी, सूरत डायमंड एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित कई उद्यमियों के साथ मीटिंग की गई।

मीटिंग में हीरा उद्यमियों ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद सोमवार को राज्य सरकार ने हीरा उद्यमियों को बताया कि 10 जुलाई से हीरा बाजार खुले रह सकते हैं और 14 जुलाई से हीरा के कारखाने खुले रह सकते हैं। हालांकि इस दौरान नियमों का पालन करना पड़ेगा राज्य सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जल्दी ही भेजी जाएगी।

भले राज्य सरकार ने हीरा उद्यमियों की बात मान ली है लेकिन जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ रहे है उसे नकारा नहीं जा सकता। प्रशासन को इस पर ध्यान देना ही पड़ेगा।

हज़ीरा से भावनगर के बीच का रास्ता चार घंटे में तय! मिली मंज़ूरी इस सेवा को!

Posted by Business Patra on Sunday, 5 July 2020

सूरत: टैम्पोचालक बोले जितना कमाते नहीं उतना पुलिस दंड दे देती है!

सूरत में कपड़ा बाजार खुलने के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था की समस्या फिर से शुरू हो गई है। शनिवार को ग्रे-फिनिश्ड माल डिलीवरी करने वाले टेंपो चालकों ने शहर के पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन राहत देने की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस की ओर से उन्हें आरटीओ दंड के तौर पर बड़ी रकम की पेनल्टी दी जाती है। इस पर पुन: विचार किया जाए।


क्योंकि इन दिनों पहले से ही श्रमिक परेशान हैं और पुलिस की ओर से मिलने वाले ठंड के कारण उनकी हालत और पतली हो जाएगी। रिंग रोड पर कपड़ा मार्केट में ग्रे डिलीवरी करने वाले टेंपो एसोसिएशन का कहना है कि ग्रे और फिनिश्ड डिलीवरी करने वाले टैंपो चालक कडोदरा पांडेसरा और सचिन से माल लेकर टेंपो चालक गोडाउन ट्रांसपोर्ट के लिए निकलते हैं।


रास्ते में पुलिस उन्हें रोककर ₹500-1000 तक का पेनल्टी दे देती है। इसके अलावा कई बार तो आरटीओ मेमो भी पकड़ा दिया जाता है। जिसकी रकम बहुत ज्यादा होती है। लॉकडाउन के कारण मार्केट बंद होने के कारण टेंपो चालक और श्रमिक पहले से ही परेशान हैं। ऐसे में पुलिस की ओर से मिलने वाले पेनल्टी ने टेंपो चालकों के लिए जीना दुश्वार कर दिया है।

टेंपो चालक एसोसिएशन से जुड़े उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि पुलिस की ओर से दी जाने वाली रकम बहुत ज्यादा है। जोकि टेंपो चालक नहीं भर सकते। इसलिए पुलिस कमिश्नर से उन्होंने इस बारे में को गुहार लगाई है।

अन्य एक संगठन से जुड़े संजय पाटिल ने बताया कि टेंपो चालक दिन भर में जितना कमाते हैं। उससे ज्यादा तो पैनल्टी हो जाती है ऐसे में पुलिस प्रशासन को विनती मेरी विनती से मुक्त करना चाहिए।

कोरोना हुआ बेक़ाबू! शनिवार को 95 नए मामले, अब तक कुल 3113 संक्रमित!

Posted by Business Patra on Saturday, 20 June 2020

अनलॉक-1 में कपड़े की उत्पादन कीमत रातो रात कैसे बढ गई जानिए?


लॉकडाउनके कारण बंद व्यापार-उद्योग को सरकार ने अनलॉक-1 के दौरान कई शर्तो के साथ छूटछाट दी है। इन शर्तो में रात नौ बजे से सबेरे सात बजे तक कर्फ्यू रखा गया है। इस कारण श्रमिकों को सात बजे ही छोड़ देना पड़ता है। इस कारण उत्पादन पर बुरा असर पड़ने की बात कपड़ा उद्यमी कह रहे हैं।
कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि अनलॉक-1 के दौरान भले ही कारखाने खुल गए हैं लेकिन इन दिनों कपड़ा उद्यमिय को कोई लाभ नही मिल रहा। उद्यमियों का कहना है कि श्रमिकों की कमी के कारण अब जो श्रमिक आ रहे हैं उन्हें प्रतिदिन का फिक्स वेतन दिया जा रहा है। ज्यादातर श्रमिक गांव चले गए होने के कारण कई लूम्स कारखाने सिर्फ एक ही शिफ्ट में चल रहे हैं। इससे कपड़े की लागत कीमत बढी है।

फोगवा के अशोक जीरावाला ने मीडिया को बताया कि कारखाने सिर्फ एक ही शिफ्ट में चलने के कारण और श्रमिकों की संख्या कम होने से प्रतिमीटर कपड़े की लागत डेढ रुपए बढ गई है।

साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिसएश के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि बीते दिनों मे कलर-केमिकल, डाइ तथा लिग्नाइट की कीमत बढी है। इसके अलावा श्रमिको को प्रतिदिन वेतन देना पड़ रहा है। साथ ही सिर्फ एक शिफ्ट में काम चलने से लागत बढी है। प्रति मीटर ढाई रुपए की लागत बढी है।

कपड़ा उद्यमियों का कहना था कि एक तो कोरोना के भय के समय में कारखाने खोलने से ज्यादा लोग डर के मारे नहीं आ रहे। दूसरी ओर हमें भी कोई लाभ नहीं। परिस्थिति यही रही को कारखाने बंद करने की नौबत आ सकती है

सूरत: कपड़ा व्यापारियों 21 जून तक रखना होगा इन बातो का ख्याल

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कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार की ओर से रिंगरोड पर कपड़ा बाजार में व्यापारियों को दुकान खोलने के लिए आवश्यक कुछ दिशा-निर्देश किए गए हैं। व्यापारियों को 15 जून से 21 जून के दौरान इन नियमों का पालन करना होगा। फोस्टा ने इन नियमों की सूची बनाकर मार्केट एसोसिएशनो को भेज दी है।

मार्केट में बाहरी व्यापारी और श्रमिकों का आना जाना दिन ब दिन बढ़ेगा। अत: मार्केट में जारी सरकारी दिशा निर्देशों की पालना करे एवं एक ही दुकान पर सभी इकट्ठा होकर गपसप से बचे तथा सोश्यल डिस्टेन्सिंग की पालना करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा कुछ शर्ते और भी है।
मार्केट खोलने का समय सुबह 09:00 बजे से सांय 07:00 बजे तक रहेगा।
(1) मार्केट की सभी दुकाने खुलेगी, सोश्यल डीस्टेंसिंग की पालना अनिवार्य रूप से करावे।
(2) एम्ब्रोडरी/वेल्युएडिशन के माल का आना-जाना जारी रहेगा|
(3) ग्रे माल का मार्केट में आना-जाना बंद रहेगा। किसी का आवश्यक हो तो मिल में डायरेक्ट भिजवा सकता है।
(4) मिल से माल का आना-जाना बंद रहेगा,किसी व्यापरिभाई का आवश्यक माल लाना हो तो मार्केट अध्यक्ष/मंत्री से अनुमति लेकर लाया जा सकता है|
(5) मार्केट में सफाई और सेनेटाइजर की व्यवस्था रखनी होगीIसभी व्यापारिभाइयो को मास्क लगाना एवं सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है। बिना मास्क मार्केट में प्रवेश वर्जित रहेगा।
(6) कन्टेनमेंट जोन के व्यापारी/स्टाफ/श्रमिक को मार्केट में प्रवेश नहीं मिलेगा I
(7) थर्मल गन से व्यापारियों के टेम्परेचर चेक करे तथा नार्मल होने पर ही मार्केट में प्रवेश दिलावे तथा गेट पर सेनेटाइजर की व्यवस्था रखनी होगी,
(8) मार्केट में आने वाले व्यापारी/स्टाफ /कर्मचारी का डाटा रखना आवश्यक है।
(9) कपड़ा मार्केट में गुटखा,पान-मसाला खाना या बीड़ी-सिगरेट पीना वर्जित रहेगा। पकडे जाने पर दंड का प्रावधान रहेगा।जो सम्बंधित मार्केट द्वारा वसूल किया जायेगा।
(10) मार्केट में 10 वर्ष से कम एवं 65 वर्ष से अधिक व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा।
(11) मार्केट में केन्टीन एवम पानी की व्यवस्था शुरू करवा सकते है।

श्रमिकों की इन बातों की जानकारी ज़रूर रखें! नहीं तो हो सकती है पुलिस शिकायत!


जी हॉ! आप सच पढ रहे हैं कि शायद अनजाने में आप के यहाँ काम करने वाला श्रमिक आप के लिए पुलिस शिकायत का कारण बन सकता है। यदि आप के यहाँ काम करने वाला श्रमिक अन्य राज्य से आया है और उसने 14 दिन क्वारंटाइन का पालन नहीं किया। तो शायद वह आप के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। इससिए आप के यहाँ काम करने आने वाले श्रमिक से वह गांव से कब लौटा और क्ल्स्टर ज़ोन से तो नहीं आ रहा? यह सब बातें पूछकर ज़रूरी सावधानी बरतें।


सूरत मनपा कमिश्नर ने बताया कि अनलॉक- वन में काम धंधा शुरू होने के साथ ही अन्य राज्यों के श्रमिक सूरत आने लगे हैं। वह पहले जहां काम कर रहे थे उनके संचालकों ने नौकरी पर आने के लिए फोन करके सूरत आने को कह रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग धीरे-धीरे सूरत पहुंच रहे हैं।

ऐसे में कई कंपनी संचालक श्रमिकों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन रखे बिना ही काम धंधा पर बुला ले रहे हैं।कई श्रमिक तो खुद ही कुछ बताए बिना काम पर आने लगे है। कमिश्नर ने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि 14 दिनों तक बिना क्वारंटाइन रखें यदि श्रमिक को बुलाया और उसका कोरोनावायरस पॉज़िटिव आया तो उस क्षेत्र को क्ल्स्टर घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही बड़ी संख्या में कोरोना कोरोना पॉज़िटिव मिलने पर संचालक के खिलाफ एफ आई आर की जा सकती है।

मनपा कमिश्नर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 14 दिन तक रहने की गाइडलाइन स्पष्ट है। आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए छोड़ दी गई है। इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

बिहार विकास परिषद का जारी है मानवता कार्य !

बिहार विकास परिषद, सूरत द्वारा आज दिनाँक 06 जुन, 2020 दिन रविवार को कोरोनो वायरस महामारी से ग्रसित डांग जिले में वघई विस्तार के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विधायक मंगल गावित एवं परिषद के आयोजन समिति के संयोजक सुजीत शर्मा के नेतृत्व में बिहार विकास परिषद् सूरत द्वारा जरुरतमंद के बीच में राशन किट वितरण किया गया है।

बिहार विकास परिषद् इस क्षेत्र में हमेशा गरीब परिवार को मदद विभिन्न समाज और सामाजिक संस्थाओं की मदद लेकर कर रहा है। इस राशन किट वितरण के समय विधायक मंगल भाई गावित ने बताया कि मुझे राजनीति में खासकर भारतीय जनता पार्टी में सम्मलित होने की प्रेरणा बिहार विकास परिषद से ही मिली है।

उपरोक्त कार्यक्रम बिहार विकास परिषद के चेयरमैन के.के. शर्मा , संयोजक सुनील मिश्र के मार्गदर्शन से सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। परिषद के अध्यक्ष दिलीप शाह खास तौर पर स्वयं आदिवासीओ के बीच मे उपस्थित रहकर राशन किट वितरण में भाग लिया।

परिषद के उपाध्यक्ष धर्मेश सिंह , महामंत्री लोकेंद्र सिंह, संयुक्त उपाध्यक्ष अमलेश सिंह, सयुक्त महामंत्री रमेश तिवारी, सचिव मुरारी सर्राफ, कीर्ति भाई शाह पूर्व नगर सेवक (समाज सेवी), मनोज सिंह, अंकित सिंह एवं समाज के अन्य सदस्य के सहयोग से उपरोक्त कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।(प्रेसनोट)

चेंबर के चुनाव पर रोक 31 जुलाई तक रोक लगाने की मांग


शहर के व्यापारियों के संगठन चेंबर ऑफ कॉमर्स में आगामी दिनों में मैनेजिंग कमेटी के चुनाव होने हैं।ऐसे में मैनेजिंग कमेटी के सदस्य नितिन भरुचा ने कोरोना वायरस के भय को देखते हुए चेंबर ऑफ कमेटी कॉमर्स के प्रमुख और मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों से फिलहाल चुनाव 31 जुलाई तक टाल देने की मांग की है।

उन्होंने इस बारे में चैंबर को पत्र लिखा है।भरुचा ने लिखे पत्र में बताया है कि चैम्बर में मैनेजिंग कमेटी का चुनाव 21 जून को करने का एजेण्डा जारी किया है।!कोरोना के कारण इन दिनों शहर परिस्थिति ठीक नहीं है। शहर में बड़ी संख्यामें कोरोना के मरीज आ रहे है।

कोरोना के चलते वृद्धों को संक्रमण लगने का भय सबसे अधिक होता है। चेंबर की मैनेजिंग कमेटी के मतदाताओं में 40% मतदाता हैं। ऐसे में मतदान के समय कोरोना का भय बढ़ जाता है। इस परिस्थिति को देखते हुए चेंबर को मैनेजिंग कमेटी की का चुनाव फिलहाल 31 जुलाई तक टाल देना चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि राज्यसभा के चुनाव की बात करें तो वहाँ के चुनाव में सिर्फ गिनती के मतदाता होते हैं जबकि चेंबर ऑफ कॉमर्स कमेटी की मीटिंग में हजारों की संख्या में मतदाता आएंगे। इसलिए चैंबर इस मतदान को राज्यसभा के मतदान के साथ नहीं गिने। उन्होंने इस बारे में चेंबर के आर्बिट्रेशन कमेटी का भी ध्यान खींचा है। कमेटी ने 9 जून को उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया है।

चीन के खिलाफ 8 देशों ने बनाया संगठन
चीन की मुसीबत लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती जा रही है।कोरोना वायरस, साउथ चाइना और हांगकांग तथा भारत के साथ चल रहे विवाद को लेकर चीन चारों ओर से घिरता नजर आ रहा है।ऐसे हालात में अमेरिका सहित यूरोप के 8 देशों ने चीन को वैश्विक व्यापार सुरक्षा और मानव अधिकारों के लिए खतरा बताते हुए एक संगठन बनाया हैं।

यह संगठन अमेरिका, जर्मन, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन नॉर्वे, और यूरोप की संसद के सदस्यो का बना है।शुक्रवार को इस संगठन यानि आईपीएसी की घोषणा हुई।इस संगठन के अनुसार चीन से जुड़े हुए मुद्दों पर सक्रियता से रणनीति बनाकर एक दूसरे का साथ देकर उचित प्रतिक्रिया देने की योजना है।

अमरीका के रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मार्को रूबियो आईपीएसी के सहायक देशो में से एक हैं। रूबियों ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के राज में चीन वैश्विक चुनौती पेश कर रहा है। अलायंस का यह भी कहना था कि चीन के खिलाफ खड़े होने वाले देशों को अक्सर ऐसा अकेले रहना पड़ता है। और बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है।

कोरोनना वायरस के फैलने के बाद से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसका असर उद्योगों पर भी दिखने लगा है। दूसरी ओर चीन का कहना है कि वह अब 19 के दशक का चीन नहीं है वह अपने हितों की सुरक्षा करना जानता है।