सूरत
हीरा उद्योग में वर्तमान मंदी की स्थिति के कारण हीरा श्रमिकों की हालत लाचार हो गई है। बड़ी संख्यामें हीरा श्रमिकों की नौकरी चली गई है तो कई हीरा श्रमिकों ने रोटी के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है। लाचार हो चुके हीरा श्रमिकों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार से संगठनों की ओर से गुहार लगाई जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने हीरा श्रमिकों की स्थिति की सुध ली है और मंगलवार को राज्य भर में से कई हीरा संगठनों की अग्रणियों से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आगामी दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा यह आश्वासन भी दिया।
हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत कट और पॉलिश्ड हीरो का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। 90% डायमंड सूरत में बने होते हैं। इसके अलावा सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात और अहमदाबाद आदि शहर में भी कट और पॉलिश्ड हीरो का काम बड़े पैमाने पर होता है लेकिन बीते 50 साल के इतिहास में देखा जाए तो इन दोनों सबसे अधिक मंदी का दौर है। ढाई वर्ष से विकराल मंदी के कारण हीरा श्रमिकों की आर्थिक स्थिति लचर हो गई है। इसके चलते कई हीरा श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है तो कई हीरा श्रमिकों ने गुजरात चलाने के लिए छोटा-मोटा रोजगार का नया रास्ता ढूंढ़ निकाला है। दिवाली के बाद से सूरत के कई हीरा कारखाने अभी भी पूर्ण रूप से नहीं शुरू हो सके हैं। वेकेशन पर गांव गए कई हीरा श्रमिक अभी तक नहीं लौट कर आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए हीरा उद्योग से जुड़े कई संगठनों ने राज्य सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई थी।
इस दौरान मंगलवार को राज्य के शिक्षण मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया तथा विसनगर डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख इश्वर प्रजापति सहित हीरा उद्योग के कई अग्रणियों ने राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की हीरा उद्योग के अग्रणियों ने हीरा उद्योग की स्थिति के बारे में मंत्री से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें इस बारे में तुरंत ही कदम उठाने का आश्वासन दिया। इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हीरा उद्यमियों के साथ मीटिंग में सकारात्मक प्रतिशत दिया है। उन्होंने कहा की हीरा श्रमिकों को मदद देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। आगामी दो दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया जाएगा।
सेन रियल एस्टेट टाइम्स द्वारा आयोजित 8वीं अंतर्राष्ट्रीय रियल एस्टेट पुरस्कार और सम्मेलन 28 फरवरी 2025 से 5 मार्च 2025 तक बैंकॉक और पटाया, थाईलैंड में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में वर्ल्डवाइड प्रॉपर्टी शीर्षक प्रायोजक के रूप में और द एम्बेसी ग्रुप प्लैटिनम प्रायोजक के रूप में शामिल हुए। रियल एस्टेट उद्योग की जानी-मानी हस्तियों और विशेषज्ञों की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी प्रभावशाली बनाया।सम्मेलन के दौरान, प्रतिभागियों के लिए थाईलैंड में विभिन्न परियोजनाओं का स्थल दौरा आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय डेवलपर्स ने रियल एस्टेट बाजार, वर्तमान रुझानों, निवेश अवसरों और भविष्य की विकास योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इससे सदस्यों को थाईलैंड के रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रत्यक्ष अनुभव मिला, जो वैश्विक निवेश और साझेदारी के नए अवसर प्रदान करता है।
सूरत स्थित अधिवक्ता प्रीति जोशी ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनी मामलों पर जानकारी प्रदान की, जो रियल एस्टेट निवेश और व्यावसायिक अनुबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं। सूरत के सी.ए. मयूर मेहता ने प्रतिभागियों को रियल एस्टेट के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पहलुओं, कर नियोजन और निवेश अवसरों के बारे में जानकारी दी। इन व्याख्यानों ने प्रतिभागियों को वैश्विक रियल एस्टेट के कानूनी और वित्तीय पहलुओं की गहन समझ प्रदान की।विशेष अतिथियों को थाईलैंड के डेवलपर्स के हाथो से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इनमें थाईलैंड से एपिचार्ट गुलाटी (ग्रांडे कैरेबियन कोंडो रिज़ॉर्ट), अमेरिका से जवाहर डोडानी (भूमि गुरु), सूरत से अधिवक्ता प्रीति जोशी और सी.ए. मयूर मेहता, नवसारी से वास्तु शास्त्री विनोद राठौड़, मुंबई से जिग्नेश जोशी (निदेशक, जोशी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स), कीर्ति अजमेरा (अध्यक्ष, रोटरी क्लब ऑफ मुंबई खार), प्रमोद पटोदिया (द बाइक हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड), अरविंद भानुसाहली (उपाध्यक्ष, द एस्टेट एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया), वडोदरा से ललित परमार (अध्यक्ष, वडोदरा प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन), पुणे से रवि शर्मा (अध्यक्ष, रियलटर्स एस्टेट एसोसिएशन पुणे) और छत्तीसगढ़ से महेश आर्य (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट एसोसिएशन) शामिल थे। इस प्रकार, पूरे भारत से रियल एस्टेट से जुड़े प्रतिनिधियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
केंद्र सरकार की ओर से छोटे और मध्यम वर्गीय उद्यमियों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है लेकिन कई कारणो से छोटे उद्योगों को बैंक से लोन लेने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बैंक की ओर से कई कारणों से छोटे उद्यमियों को टाल दिया जाता है। इस बारे में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की अहमदाबाद में आयोजित मीटिंग में गुहार लगाई है।
नई गाइडलाइन रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकी रमन की अध्यक्षता में सोमवार को अहमदाबाद में स्टैंडिंग एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग हुई।इसमे एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारी, वित्त मंत्रालय के अधिकारी बैंकों के अध्यक्ष मैनेजिंग डायरेक्टर तथा सहित अलग-अलग औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस मीटिंग में चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। चेंबर के प्रतिनिधियों ने कहा कि बैंकों की ओर से छोटे उद्योगों को लोन देने के लिए प्रोविजनल बैलेन्सशिट सीए सर्टिफाइड कराने को कहा जाता है। परंतु सीए के पास ऐसी कोई अधिकार ही नहीं है।इसलिए इस तरह के डॉक्यूमेंट व्यापारी पेश नहीं कर पाते। इस समस्या को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया को नई गाइडलाइन जारी करना चाहिए।
कई बैंक के जीएसटी कंपोनेंट को भी फाइनेंस नहीं करती।इस बारे में भी नियम बनाने चाहिए। सूरत में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के कारण यहां माल खरीदने वाले को 25% मार्जिन और 18% जीएसटी इस तरह 43 प्रतिशत चुकाना पड़ता है। खरीदने वाले को यह लाभ भी नहीं मिलता। जीएसटी कंपोनेंट को भी फाइनेंस किया जाना चाहिए। छोटे उद्योगों को टैक्स क्रेडिट फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज के अंतर्गत लोन लेने जाते हैं तब बैंक लोन देने से इनकार कर देते हैं। प्राइवेट बैंक भी लोन नहीं देते। यह जानकारी भी चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से दी गई।यदि कोई उद्यमी प्राइवेट बैंक में से पीएसयू बैंक अथवा पीएसयू बैंक में से प्राइवेट बैंक में लोन टेकओवर किया जाता है तो गारंटी फॉरमैट के कारण काउंटर गारंटी देने में भी खूब विलंब किया जाता है। 6- 7 महीने तक गारंटी टेकओवर की प्रक्रिया चलते रहती है।इसलिए काउंटर गारंटी के लिए एक फॉर्मेट जारी करना चाहिए जो की सभी बैंकों को स्वीकार्य हो।
क्लस्टर की व्याख्या के अनुसार सूरत टेक्सटाइल क्लस्टर है। सूरत में टेक्सटाइल के अंदर पांच अलग-अलग सब क्लस्टर भी है। जिसमें की वीविंग,स्पिनिंग,डाईग और तथा प्रिंटिंग के साथ टेक्सचराइजिंग भी शामिल है। साथ ही सूरत में डायमंड और ज्वेलरी भी क्लस्टर भी है। यहां पर केमिकल का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। इसलिए केंद्र सरकार की क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम का लाभ टेक्सटाइल के अलावा अन्य क्षेत्रों को भी मिलना चाहिए। वर्तमान समय में मंदी का दौर है। लगातार 5-6 साल तक बैंकों का लोन देने के बाद भी बैंक 1 वर्ष के लिए भी हैंड होल्डिंग की व्यवस्था नहीं देते बल्कि बैंकों की ओर से नों कंप्लायंस की पेनल्टी भी लगाई जाती है जिससे कि मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारी का अकाउंट एनपीए में चल जाता है।इसलिए आरबीआई को पॉलिसी में परिवर्तन करना चाहिए इस साल बजट में मुद्रा योजना की सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है लेकिन बैंक इसे फॉलो नहीं कर रहे।इस बारे में भी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर का ध्यान दिलाया ।
सूरत के हीरा उद्योग के लिए लंबे समय के बाद राहत भरी खबर सामने आ रही है। छोटे और पतलीसाइज के हीरो की डिमांड के चलते बाजार में उनकी शॉर्टेज हो गई है। आगामी दिनों में कीमत में भी उछाल आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हीरा उद्योग बीते 3 साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है। हीरा उद्यमियों ने उत्पादन बहुत कम कर दिया है। इस बीच फैंसी कट वाले हीरो के लिए बीते एक महीने से अच्छी डिमांड निकली है।फैंसी कट साइज के हीरे बहुत कम बनाए जाते हैं। इनका उपयोग डायमंड ज्वेलरी में किया जाता है।
छोटी साइज के हीरे में अलग-अलग प्रकार की डिजाइन बनी रहती है।हीरा उद्यमी जब रफ डायमंड खरीदते हैं तो उनमें कई डायमंड की साइज गोल या अर्धचंद्राकार अथवा त्रिकोण इस तरह से होती है। इन हीरो का उपयोग फैंसी साइज के डायमंड बनाने में किया जाता है। पिछले दिनों मंदी के चलते हीरा व्यापारियों ने खरीदी पर रोक लगा दी थी।उसके बाद अचानक फिर से डिमांड निकालने के कारण फिलहाल हीरा उत्पादकों के पास फैंसी कट डायमंड वाले हीरो का स्टॉक समाप्त हो गया है।
सूरत डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख जगदीश खूंट ने बताया कि लंबे समय के बाद हीरा उद्योग में कुछ राहत दिख रही है। फैंसी साइज के रफ डायमंड में से बनने वाले छोटे पतले और फैंसी कट के कट पॉलिश्ड हीरो की मांग व्यापारी कर रहे हैं। बीते दिनों उत्पादन बंद रहने के कारण वर्तमान समय में इस तरह के हीरो की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
---रफ डायमंड की कीमत बढ़ाने के आसार
3 साल के मंदी के बुरे दौर से गुजरने के बाद हीरा उद्योग की स्थिति कुछ संभलते नजर आ रही है। इस बीच फरवरी महीने में 24 से 28 तारीख के बीच डायमंड ट्रेडिंग कंपनी की ओर से रफ हीरो की बिक्री के लिए नीलामी की गई। बताया जा रहा है कि हीरा उद्यमियों ने इसमें 25% से अधिक कीमत पर भी टेंडर भरे हैं।अर्थात की आने वाले दिनों में रो हीरो की कीमत बढ़ाने के आसार नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मंदी के चलते डीटीसी कंपनी की ओर से रफ हीरो की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। दिवाली के दिनों में जो व्यापारी रफ हीरा नहीं खरीदना चाहते उन्हें छूट भी दी गई थी।
साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) की कोर कमेटी की बैठक गुरुवार को कोहिनूर हाउस कार्यालय में की गई । बैठक में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शहर के रिंग रोड स्थित शिव शक्ति मार्केट में लगी भीषण आग से हुए नुकसान को लेकर गहरा दुख प्रकट किया। पदाधिकारियों ने कहा कि संकट की इस घड़ी में एसोसिएशन पूरी तरह से शिव शक्ति मार्केट के व्यापारियों के साथ खड़ा है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में एसोसिएशन शिव शक्ति मार्केट के व्यापारियों को हर संभव मदद करेगा। संगठन के डायरेक्टर्स ने यह भी कहा इन घटनाओं को देखते हुए मार्केट के व्यापारी अपनी दुकान, स्टॉक, फर्नीचर और प्रॉपर्टी का जरूर बीमा कराये। शिवशक्ति मार्केट के व्यापारियों के इश्योरेंस क्लेम संबंधित यदि किसी भी व्यापारी को सहयोग की आवश्यकता हो तो एसजीटीटीए सहयोग के लिए तैयार है l एसजीटीटीए शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट से व्यापार करने वाले सभी एजेंट, आढ़तियों एवं बाहर के सभी व्यापारियों से विनम्र अपील करती है कि शिवशक्ति मार्केट के सप्लायर्स का जो भी पेमेंट बाकी है वो शीघ्र अति शीघ्र भेज कर सहायता करने की कृपा करें l
एसोसिएशन सदस्यों ने यह भी अपील की कि इस मुश्किल की घड़ी में किसी तरह की अफवाह या आरोप प्रत्यारोप से बचते हुए शिव शक्ति मार्केट के व्यापारियों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास करे, ताकि संकट के इस दौड़ से वे यथाशीघ्र बाहर निकल सके। बैठक में महामंत्री सचिन अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील मित्तल, कोषाध्यक्ष संतोष मखारिया, संयुक्त सचिव मोहन कुमार अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।
सूरत
सूरत महानगरपालिका ने शहर की बढ़ती हुई जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यातायात की सुविधा के लिए शुरू की सिटीबस और बीआरटीएस सेवा लोगों के लिए आशीर्वाद सामान साबित हो रही है। लेकिन एक्सीडेंट जैसे कई कारणोसर पालिका की इस सुविधा को लोगों के टिप्पणी का सामना करना पड़ रहा है। बीते 9 साल की बात करें तो बीआरटीएस से एक्सीडेंट के चलते 109 लोगों की जान जा चुकी है और 116 गंभीर ढंग से घायल हो गए है। हालांकि पालिका की और से सावधानी के तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।इसके बावजूद एक्सीडेंट जैसी घटनाएं हो रही है।
सूरत महानगर पालिका की ओर से मिली जानकारी के अनुसार शहर में वर्ष 2014 से बीआरटीअएस की सेवा शुरू की गई है।शहर की दूरी के क्षेत्र के बीच पालिका ने बीआरटीएस बसो के लिए डेडीकेटेड रूट बनाया है। इनमें सिर्फ बीआरटीएस बसें ही दौड़ती हैं सूरत का बीआरटीएस रोड सबसे लंबा ग्रीन कॉरिडोर माना जाता है।
बीआरटीएस ग्रुप में दौड़ने वाली सभी बसें लगभग इलेक्ट्रिक बसे हैं। सूरत महानगरपालिका बीआरटीएस के मामले में तमाम सावधानियां बरती जाती है और इसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाता है। बीते 9 साल में बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर 67 और कॉरिडोर के बाहर 42 जैसी एक्सीडेंट की घटना में 109 लोगों की जान जा चुकी है। वही दूसरी ओर 116 को गंभीर चोट भी पहुंची है। इसमें से 84 बीआरटीएस रूट के अंदर और 38 बीआरटीएस रोड के बाहर एक्सीडेंट हुए हैं।
सूरत महानगरपालिका की ओर से एक्सीडेंट जैसी घटनाओं में बस एजेंसी को दंड भी किया जाता है ।साथ ही ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।बीते 3 साल की बात करें तो कार्यवाही करते हुए मनपा ने लगभग 20 लाख रुपए की पेनल्टी वसूल की है। कुछ वर्षों पहले पालिका ने बीआरटीएस रुट में घुस जाने वाले वाहनों को रोकने के लिए स्वींग गेट भी लगाए थे लेकिन समय के साथ कई गेट बंद हो गए और कई को रिप्लेस करने की जरूरत है लेकिन अभी तक पालिका इस बारे में उदासीन है। इसके चलते बीआरटीएस रुट में अन्य वाहन भीआते-जाते रहते हैं।इस कारण भी घटनाएं हो रही हैं।
--बस एजेंसियों से वसूल की गई पेनल्टी की रकम
वर्ष -- पेनल्टी की रकम
2022----5,65,000
2023----8,02,500
2024---6,57,000
रघुकुल टेक्सटाइल मार्केट के समीप खाड़ी से गरनाला की ओर जाने वाला मार्ग बंद होने के कारण व्यापारिक गतिविधियों और आमजन के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इस कारण क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या बनी हुई थी, जिससे व्यापारीयो को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था।इस समस्या के समाधान हेतु माननीय ए.सी.पी. श्री वी.पी. गामित साहब के मार्गदर्शन में फोस्टा ट्रैफिक कमिटी के चेयरमैन श्री नीरज अग्रवाल एवं रघुकुल मार्केट प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ एक विशेष स्थल निरीक्षण किया गया।
इस निरीक्षण के दौरान ट्रैफिक की मौजूदा स्थिति का आकलन किया गया तथा संभावित समाधानों पर चर्चा की गई।निरीक्षण के दौरान माननीय ए.सी.पी. साहब ने आश्वस्त किया कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए आवश्यक ट्रैफिक बल तैनात किया जाएगा। साथ ही, सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयुक्त सुरक्षाबल की व्यवस्था करने पर जोर दिया गया, जिससे यातायात सुगम रहे और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो और व्यापारिक गतिविधियों में किसी भी प्रकार का विलम्ब और रूकावट न हो|
मार्केट क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली किसी भी व्यापारिक विवाद, टेक्सटाइल मार्केट या अन्य कपड़ा व्यापार से जुड़ी समस्या, ट्रैफिक इत्यादि समस्या के समाधान हेतु फोस्टा निरंतर कार्यरत है। मार्केट एरिया में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान हेतु हम सभी को सकारात्मक रूप से एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है, और इसी दिशा में फोस्टा पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रयासरत है।
सूरत के हीरा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण कहे जाने वाले सूरत डायमंड बूर्स में शुक्रवार को 152 डायमंड ट्रेडिंग केबिन का उद्घाटन शहर के मेयर दक्षेश मावाणी ने किया। हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के खजोद क्षेत्र स्थित सूरत डायमंड बूर्स में धीरे-धीरे हीरो का कारोबार शुरू हो रहा है। कारोबारी अपना कार्यालय यहां शिफ्ट कर रहे हैं। ऐसे में छोटे व्यापारियों को भी अपना कारोबार करने का मौका मिल सके इसलिए यहां पर डेढ़ सौ से अधिक ट्रेडिंग केबिन बनाई गई है। इसका उद्घाटन शहर के मेयर दक्षेश मावाणी के हाथों किया गया।
मेयर ने कहा कि डायमंड बूर्स में उपलब्ध विश्व स्तरीय सुविधाओं के कारण यहां पर जल्दी से व्यापार आगे बढ़ेगा। सूरत महानगरपालिका डायमंड बुर्ज के विकास के लिए आवश्यक तमाम मदद करेगा। साथ ही हाल में बस और आगामी दिनों में मेट्रो की कनेक्टिविटी भी डायमंड बूर्स को उपलब्ध की जाएगी। सूरत डायमंड बूर्स के अध्यक्ष गोविंद ढोलकिया ने इस अवसर पर डायमंड ट्रेडिंग केबिन लेने वाले तमाम व्यापारियों को शुभकामनाएं दी और उनका व्यापार खूब तेजी से बड़े ऐसा कहा।
इस अवसर पर वाइस चेयरमैन लालजी पटेल ने ट्रेनिंग केबिन लेने वाले व्यापारियों को 1 साल के किराए में 33% माफी देने की बात कही थी। उन्हें 8 महीने का किराया देना पड़ेगा।
शुक्रवार को ट्रेडिंग केबिन लेने वाले 90 में से 70 व्यापारियों ने कारोबार शुरू किया। हालांकि की मंदी की स्थिति को देखते हुए सूरत डायमंड बूर्स के मैनेजमेंट ने इन लोगों से 4 महीने तक किराया नहीं लेने का फैसला किया है।
सूरत जिले के देलाड गांव के पास एक यार्न की फैक्ट्री में आग लग गई। फैक्ट्री में कल शाम लगी आग पूरी रात जलती रही। पूरी घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। सूरत शहर और जिले से कुल 12 अग्निशमन विभाग की गाड़ियां तैनात की गईं। काफी मशक्कत के बाद दोपहर तीन बजे आग पर काबू पाया जा सका।40 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गयासूरत जिले के महक इंडस्ट्री में आग लगने की घटना सामने आई है। आग ने देखते ही देखते धागा बनाने वाली पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। चूंकि धागा उत्पादन के लिए पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग किया जाता है।इसलिए आग पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
आग लगने के समय लगभग 40 मजदूर काम कर रहे थे। आग लगते ही सभी कर्मचारी फैक्ट्री से बाहर निकल गए, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।प्रारंभिक अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी।बारडोली फायर स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि कल शाम पांच बजे एक धागा निर्माण फैक्ट्री में आग लग गई। आग बहुत भयंकर थी. बताया जा रहा है कि आग इस भूतल एवं तीन मंजिला फैक्ट्री की दूसरी मंजिल पर लगी थी।
प्रारंभिक अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। लगभग 15 घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। सूरत शहर अग्निशमन विभाग, बारडोली स्कीम, पलसाना और मांडवी के वाहनों के साथ-साथ निजी कंपनी के वाहनों की मदद से आग पर काबू पाया गया। पूरी घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। पूरा कारखाना जलकर खाक हो गया है।
सूरत महानगरपालिका का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट मनपा कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने पेश किया। इस बजट में किसी प्रकार के कर के दर की बढ़ती नहीं की गई है दूसरी ओर लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए गए हैं। 70 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 50 अस्पताल की बेड में ब्लड टेस्ट आदि निशुल्क कर दिया गया है।वहीं दूसरी ओर शहर में अन्य कई नए प्रोजेक्ट पर भी जोड़ दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत महानगरपालिका कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2025-26 का बजट 9603करोड़ का रहेगा। इस साल कैपिटल कार्यों के लिए पालिका 4562 रुपए खर्च करेगी।वही रेवेन्यू आई के तौर पर पालिका को 5510 करोड रुपए की इनकम होनी है।जबकि कैपिटल इनकम के तौर पर 3676 करोड रुपए की आय होनी है। इसके अलावा अन्य बातें करें तो सूरत में वर्ष 2020 में शामिल हुए नए गांव में इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था खड़ी करने के लिए 650 करोड रुपए से अधिक का प्रावधान बजट में किया गया है।वहीं शहर में 6 रास्तों को आईकॉनिक रोड के तौर पर डेवलप किया जाएगा। चार नए पुल बनेंगे।
बताया जा रहा है कि आगामी वर्ष में चुनाव होने के कारण पालिका ने इस वर्ष बजट में किसी प्रकार के कर में बढ़ौती नहीं की है।शहर के डिंडोली क्षेत्र में स्थित छठ गार्डन के तालाब में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाया जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र में 6 नए 50 बेड की अस्पताल में भी बनाई जाएगी। चार आरोग्य केंद्र शुरू किए जाएंगे।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए भी कमिश्नर ने कई नई चीजें बजट में रखी है जैसे की स्लज में से खाद बनाने के लिए 25 लाख का प्रावधान किया गया है।सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक बोतल रिवर्स वेंडिंग मशीन रखे जाएंगे। मार्केट क्षेत्र में कपड़े की थैलियां मिल सके ऐसे वेंडिंग मशीन रखे जाएंगे।इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल बैट्री रीसाइकलिंग के लिए भी पॉलिसी तैयार की जाएगी।