सूरत शहर के अमरोली क्षेत्र से 8 मार्च को एक दुखद घटना सामने आ रही है। एक परिवार के तीन सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली होने की घटना बनी है। बताया जा रहा है कि हीरा उद्योग में मंदी के चलते यह परिवार परेशान था। संभवतः इसी कारण आत्महत्या भी की हो ऐसा माना जा रहा है। घर में से एक सुसाइड नोट भी मिली है जिसमें की लेनदार परेशान कर रहे होने की जानकारी लिखी गई है।पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज करके जांच शुरू की है।
मृतक में भारत भाई दिनेश भाई सशांगिया,वनिता बेन भारत भाई सशांगिया तथा हर्ष भारत भाई सशांगिया है। बताजा रहा है कि छापरा भाटा क्षेत्र में एंटीलिया ड्रीम रेजिडेंसी के दूसरे मंजिल पर रहने वाले इस परिवार ने शनिवार को रोज आत्महत्या कर ली। दिवाली के बाद पिता पुत्र का काम छूट जाने से वह परेशान थे। भारत भाई 2 महीने से वॉचमैन की नौकरी कर रहे थे लेकिन पुत्र हर्ष की नौकरी चली जाने के बाद वह लोन डिपार्टमेंट में नौकरी कर रहा था। दोनों मिलकर पहले जैसा आर्थिक उपार्जन नहीं कर पा रहे थे।इनके ऊपर घर के लोन का हफ्ता भी चल रहा था। जिसके चलते सभी परेशान थे। शनिवार को तीनों जन जहर पी हुई हालत में घर में मिले थे।
जानकारी मिलने के बाद आसपास के लोगों ने इन्हें अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां डॉक्टर ने ने मृत घोषित कर दिया।एक साथ तीन लोगों की सामूहिक आत्महत्या के चलते आसपास के लोगों में दुख का माहौल फैल गया है पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में दो लोगों का नाम लिखा गया है।
सेन रियल एस्टेट टाइम्स द्वारा आयोजित 8वीं अंतर्राष्ट्रीय रियल एस्टेट पुरस्कार और सम्मेलन 28 फरवरी 2025 से 5 मार्च 2025 तक बैंकॉक और पटाया, थाईलैंड में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में वर्ल्डवाइड प्रॉपर्टी शीर्षक प्रायोजक के रूप में और द एम्बेसी ग्रुप प्लैटिनम प्रायोजक के रूप में शामिल हुए। रियल एस्टेट उद्योग की जानी-मानी हस्तियों और विशेषज्ञों की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी प्रभावशाली बनाया।सम्मेलन के दौरान, प्रतिभागियों के लिए थाईलैंड में विभिन्न परियोजनाओं का स्थल दौरा आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय डेवलपर्स ने रियल एस्टेट बाजार, वर्तमान रुझानों, निवेश अवसरों और भविष्य की विकास योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इससे सदस्यों को थाईलैंड के रियल एस्टेट क्षेत्र का प्रत्यक्ष अनुभव मिला, जो वैश्विक निवेश और साझेदारी के नए अवसर प्रदान करता है।
सूरत स्थित अधिवक्ता प्रीति जोशी ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनी मामलों पर जानकारी प्रदान की, जो रियल एस्टेट निवेश और व्यावसायिक अनुबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं। सूरत के सी.ए. मयूर मेहता ने प्रतिभागियों को रियल एस्टेट के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय पहलुओं, कर नियोजन और निवेश अवसरों के बारे में जानकारी दी। इन व्याख्यानों ने प्रतिभागियों को वैश्विक रियल एस्टेट के कानूनी और वित्तीय पहलुओं की गहन समझ प्रदान की।विशेष अतिथियों को थाईलैंड के डेवलपर्स के हाथो से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इनमें थाईलैंड से एपिचार्ट गुलाटी (ग्रांडे कैरेबियन कोंडो रिज़ॉर्ट), अमेरिका से जवाहर डोडानी (भूमि गुरु), सूरत से अधिवक्ता प्रीति जोशी और सी.ए. मयूर मेहता, नवसारी से वास्तु शास्त्री विनोद राठौड़, मुंबई से जिग्नेश जोशी (निदेशक, जोशी इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स), कीर्ति अजमेरा (अध्यक्ष, रोटरी क्लब ऑफ मुंबई खार), प्रमोद पटोदिया (द बाइक हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड), अरविंद भानुसाहली (उपाध्यक्ष, द एस्टेट एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया), वडोदरा से ललित परमार (अध्यक्ष, वडोदरा प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन), पुणे से रवि शर्मा (अध्यक्ष, रियलटर्स एस्टेट एसोसिएशन पुणे) और छत्तीसगढ़ से महेश आर्य (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट एसोसिएशन) शामिल थे। इस प्रकार, पूरे भारत से रियल एस्टेट से जुड़े प्रतिनिधियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रिंगरोड स्थित शिवशक्ति मार्केट में आग लगने के बाद अब फायर डिपार्टमेंट सक्रिय हो गया है। शिव शक्ति मार्केट में आग बुझाने गए फायर ब्रिगेड की गाड़ी को मशक्कत का सामना करना पड़ा था। पहले तो ट्रैफिक के कारण डिपार्टमेंट की गाड़ी को जाने में दिक्कत हुई। इसके बाद भी शिवशक्ति मार्केट के में गेट पर ही अतिक्रमण होने के कारण हाइड्रोलिक मशीन भी अंदर नहीं घुस पा रही थी।
मार्केट के अंदर भी कपड़ों का पार्सल होने के साथ अंदर घुस सके ऐसी व्यवस्था के अभाव में फायर ब्रिगेड के जवानों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। यह आग बुझाने में 36 घंटे लग गए।एक घटना के बाद फायर विभाग अब सक्रिय हो गया है। कई बड़ी मार्केट में जिन्हें की एनओसी दिया जा चुका है। वहां भी फायर डिपार्टमेंट जांच करेगा साथ ही फायर डिपार्टमेंट के लिए व्यवस्थाएं है कि नहीं इसकी जांच करेगा, जैसे कि फायर डिपार्टमेंट की गाड़ी के अंदर जा सकती है या नहीं,वहां के स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है या नहीं।आपातकालीन स्थिति में आग बुझाने के साधन है या नहीं इन तमाम चीजों की जांच की जाएगी। इसके अलावा फायर डिपार्टमेंट ने मार्केट क्षेत्र में जिन मार्केट के पास एनओसी नहीं है। उनकी सूची बनाना तैयार कर दी है।आगामी दिनों में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि फरवरी महीने में ही फायर डिपार्टमेंट ने सभी क्षेत्र में गैर कानूनी निर्माण कार्य तथा अतिक्रमण हटाने के लिए जॉन ऑफिस को सूचना दी थी। क्योंकि आग लगने की घटना में फायर डिपार्टमेंट जब भी आग बुझाने पहुंचता है तब वहां पर अतिक्रमण या पत्र के सेट आदि के चलते दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
केंद्र सरकार की ओर से छोटे और मध्यम वर्गीय उद्यमियों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है लेकिन कई कारणो से छोटे उद्योगों को बैंक से लोन लेने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बैंक की ओर से कई कारणों से छोटे उद्यमियों को टाल दिया जाता है। इस बारे में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की अहमदाबाद में आयोजित मीटिंग में गुहार लगाई है।
नई गाइडलाइन रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकी रमन की अध्यक्षता में सोमवार को अहमदाबाद में स्टैंडिंग एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग हुई।इसमे एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारी, वित्त मंत्रालय के अधिकारी बैंकों के अध्यक्ष मैनेजिंग डायरेक्टर तथा सहित अलग-अलग औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस मीटिंग में चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। चेंबर के प्रतिनिधियों ने कहा कि बैंकों की ओर से छोटे उद्योगों को लोन देने के लिए प्रोविजनल बैलेन्सशिट सीए सर्टिफाइड कराने को कहा जाता है। परंतु सीए के पास ऐसी कोई अधिकार ही नहीं है।इसलिए इस तरह के डॉक्यूमेंट व्यापारी पेश नहीं कर पाते। इस समस्या को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया को नई गाइडलाइन जारी करना चाहिए।
कई बैंक के जीएसटी कंपोनेंट को भी फाइनेंस नहीं करती।इस बारे में भी नियम बनाने चाहिए। सूरत में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के कारण यहां माल खरीदने वाले को 25% मार्जिन और 18% जीएसटी इस तरह 43 प्रतिशत चुकाना पड़ता है। खरीदने वाले को यह लाभ भी नहीं मिलता। जीएसटी कंपोनेंट को भी फाइनेंस किया जाना चाहिए। छोटे उद्योगों को टैक्स क्रेडिट फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज के अंतर्गत लोन लेने जाते हैं तब बैंक लोन देने से इनकार कर देते हैं। प्राइवेट बैंक भी लोन नहीं देते। यह जानकारी भी चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से दी गई।यदि कोई उद्यमी प्राइवेट बैंक में से पीएसयू बैंक अथवा पीएसयू बैंक में से प्राइवेट बैंक में लोन टेकओवर किया जाता है तो गारंटी फॉरमैट के कारण काउंटर गारंटी देने में भी खूब विलंब किया जाता है। 6- 7 महीने तक गारंटी टेकओवर की प्रक्रिया चलते रहती है।इसलिए काउंटर गारंटी के लिए एक फॉर्मेट जारी करना चाहिए जो की सभी बैंकों को स्वीकार्य हो।
क्लस्टर की व्याख्या के अनुसार सूरत टेक्सटाइल क्लस्टर है। सूरत में टेक्सटाइल के अंदर पांच अलग-अलग सब क्लस्टर भी है। जिसमें की वीविंग,स्पिनिंग,डाईग और तथा प्रिंटिंग के साथ टेक्सचराइजिंग भी शामिल है। साथ ही सूरत में डायमंड और ज्वेलरी भी क्लस्टर भी है। यहां पर केमिकल का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। इसलिए केंद्र सरकार की क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम का लाभ टेक्सटाइल के अलावा अन्य क्षेत्रों को भी मिलना चाहिए। वर्तमान समय में मंदी का दौर है। लगातार 5-6 साल तक बैंकों का लोन देने के बाद भी बैंक 1 वर्ष के लिए भी हैंड होल्डिंग की व्यवस्था नहीं देते बल्कि बैंकों की ओर से नों कंप्लायंस की पेनल्टी भी लगाई जाती है जिससे कि मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारी का अकाउंट एनपीए में चल जाता है।इसलिए आरबीआई को पॉलिसी में परिवर्तन करना चाहिए इस साल बजट में मुद्रा योजना की सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है लेकिन बैंक इसे फॉलो नहीं कर रहे।इस बारे में भी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर का ध्यान दिलाया ।
रिंगरोड स्थित टेक्सटाइल मार्केट में शिवशक्ति मार्केट में लगी आग के लिए फायर डिपार्टमेंट ने फायर एनओसी देने वाली एजेंसी से पूछताछ शुरू की थी। जिस आधार पर फायर एनओअसी से दिया गया था वह डॉक्यूमेंट मांगे थे। मंगलवार को एजेंसी की ओर से डॉक्यूमेंट और फोटोग्राफ पेश किए गए जिसे देखकर फायर अधिकारी ने सब कुछ नियम के अनुसार किया गया है ऐसा बताया। अर्थात की फायर से एनओसी देने वाली एजेंसी को क्लीन चीट दे दी।
सूरत महानगर पालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत बुधवार शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में आग लगी थी।इस आग में करोड़ों रुपए का माल सामान जलकर खाक हो गया। फायर डिपार्टमेंट की गाड़ी जब आग बुझाने जा रही थी तब ट्रैफिक के कारण भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा। साथ ही मेन गेट के अंदर हाइड्रोलिक मशीन नहीं जाने से भी परेशानी हुई थी। मार्केट में पार्किंग के स्थान पर दुकान बना दी गई है इसलिए वहां पर जगह भी नहीं बची। साथ ही दुकानों की खिड़कियों पर लगी लोखंड की ग्रिल के कारण पानी का फोर्स तेजी से नहीं जा पा रहा था। इस तरह की कई असुविधाओं का सामना करना पड़ा।जिसे देखते हुए ऐसा कहा जा रहा था कि फायर एनओअसी किस तरह इस मार्केट को दे दी गई। इसलिए फायर डिपार्टमेंट ने भी एजेंसी को डॉक्यूमेंट के साथ बुलाया था।
मंगलवार को एजेंसी के संचालक निकुंज पडसालाउपस्थित हुए उन्होंने तारे डॉक्यूमेंट और मॉक ड्रिल के समय के फोटो आदि पेश किया। चीफ फायर ऑफिसर वसंत पारीक ने बताया कि सब कुछ नियम के अनुसार हुआ है। उल्लेखनीय है कि व्यापारियों के करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया मार्केट में लगी आग को बुझाने में भी 36 घंटे का समय लगा साथ-साथ ही कई असुविधाओं गांव का सामना करना पड़ा इसके बावजूद फायर डिपार्मेंट ने फायर सेफ्टी एजेंसी को क्लीन चिट दे दी। ऐसे में सवाल उठता है कि इस तारीख के लिए जिम्मेदार कौन है। क्या इसी तरह से आगकी घटनाओं के लिए कोई जिम्मेदार नहीं होगा। इस तरह के सवाल लोगों के मन में उठने लगे हैं।
सूरत सूरत महानगरपालिका की ओर से शहरीजनों के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु कुछ वर्षों पहले बाइसिकल शेयरिंग का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।। इस सिस्टम के अंतर्गत शहर के तमाम जोन में साइकिल स्टैंड बनाए गए थे।जहां से की लोग कम किराए दर से साइकिल राइडिंग के लिए ले सकते थे।शुरुआती दिनों में जोर-जोर से शहरी जनों ने इसमें उत्साह दिखाया और बाद में शहरीजनों का जोश कम हो गया।
कई साइकिल स्टैंड पर साइकिलों की हालत खस्ता हाल नजर आती है। वहीं साइकिल स्टैंड की हालत भी बुरी हो गई है। कई लोगों ने साइकिल स्टैंड पर पड़ी साइकिलों का उपयोग कपड़ा सुखाने के लिए शुरू कर दिया है तो कई स्थानों पर साइकिल स्टैंड के आगे अतिक्रमण हो गया है।कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जिस उद्देश्य से साइकिल का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।वह उद्देश्य सार्थक नहीं हो पा रहा। लाखों रुपए के खर्चे से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में एक और साइकिलों की हालत बिगड़ रही है वहीं दूसरी ओर साइकिल स्टैंड पर भी देखरेख का भाव नजर आ रहा है।
सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पालिका ने इस प्रोजेक्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया है। वर्ष 2024 में कुल 81084 लोगों ने साइकिल का उपयोग किया जो की 44,85,845 घंटे तक लोगों ने साइकिल की राईडिंग की। बताया जा रहा है कि कोरोना काल में लोगों में अचानक से स्वास्थ्य के प्रति उत्साह जगा था जो की अब पहले जैसा नहीं है इसके चलते लोगों ने साइकलिंग भी काम कर दी है। साइकिल का उपयोग कम होने के कारण कई स्टैंड पर तो साइकिल है ऐसे ही पड़ी है। बहुत कम संख्या में लोग इनका उपयोग कर रहे हैं। इसके चलते साइकिलों की भी दुर्दशा हो रही है।हालांकि पालिका की ओर से साइकिल के रखरखाव के लिए बारंबार एजेंसी को सूचना भी दी जाती है।साथ ही दंड भी दिया जाता है।
वर्तमान समय की बात करें तो तमाम साइकिल स्टैंड पर कुल 1267 साइकिल है रखी गई है। पालिका की ओर से करोड़ों रुपए के खर्चे से शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट धूल खा रहा है। क्योंकि बड़ी संख्या में साइकल मेंटेनेंस के अभाव में खराब हो रही है। सूरत महानगरपालिका ने 5 साल के लिए 8,91 करोड रुपए का खर्च तय किया है। लेकिन लोगों की उदासीनता के चलते इसके पीछे पैसे खर्च करना रुपए बर्बाद करना साबित होगा। सेंट्रल जोन में 152 वराछा ए जॉन में 95 वराछा बी जोन में 134 नॉर्थ जोन में 90लिंबायत जॉन में 85अठवां जोन में 343उधना ए और बी जोन में 102 रांदेर जोन में 139 10% स्पेर साइकिल 127
सूरत
सूरत महानगरपालिका ने सूरत शहर के बढ़ते औद्योगिक विकास के साथ शहर में रहने वाले लोगों की यातायात के सुविधा को देखते हुए सिटी बस और बीआरटीएस बस शुरू की है। बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ लेते हैं।प्रतिदिन ढाई लाख लोग सिटी बस और बीआरटीएस के माध्यम से आना-जाना करते हैं। लोगों के लिए बहुत उपयोगी होते हुए भी सिटी बस और बीआरटीएस बसो में सुविधा की खामी के चलते लोगों को कई बार परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
बीते 3 साल की बात करें तो सिटी बस और बीआरटीएस बस को लेकर मनपा को 94 हजार से अधिक शिकायतें मिली है।सूरत महानगर पालिका ने लोगों की सुविधा के लिए शिकायत हेतु अलग-अलग माध्यम बनाए हैं।अलग-अलग माध्यमों से लोगों ने सिटी बस और बीआरटीएस बसो की सेवा में होने वाली खामी पालिका तक पहुंचाई है।----
टिकट नहीं दिए जाने से लेकर कई प्रकार की शिकायत करते हैं यात्री शहरी जनों की ओर से मिलने वाली शिकायतों में कंडक्टर की ओर से टिकट नहीं दिया जाना, बस समय पर नहीं होना, कंडक्टर या ड्राइवर का व्यवहार अनुचित होना आदि शिकायतें रहती हैं।इसके अलावा भी लोग अन्य प्रकार की कई शिकायतें ऑनलाइन करते हैं।सूरत महानगरपालिका की ओर से शुरू की गई सिटी बस और बीआरटीएस बस की टिकीट का दर बहुत कम होने के बावजूद कई बार यात्री शिकायत टिकट नहीं लेते हैं। ऐसे में पकड़े जाने पर यात्री यदि 18 साल से अधिक हो तो उस टिकट की कीमत और ₹100 पेनल्टी ली जाती है और यदि 18 वर्ष से कम हो तो₹50 और टिकट का कीमत वसूल किया जाता है। साथ ही बस में फेयर कलेक्शन एजेंसी से सीटिंग कैपेसिटी×250 रुपए के हिसाब से दंड लिया जाता हैप्रत्येक बीआरटीएस बस स्टॉप पर टिकट चेकिंग के लिए सिक्योरिटी गार्ड और सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था की गई है।
-ऑनलाइन और हेल्पलाइन दोनों तरफ कर सकते हैं शिकायतबीआरटीएस या सिटी बस में यदि कोई शिकायत हो तो सूरत महानगरपालिका की और से शुरू की गई वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर,मोबाइल एप्लीकेशन तथा व्हाट्सएप पर शिकायत की जा सकती है। इसी तरह सिटी लिंक पोर्टल पर भी हेल्प डेस्क शुरू किया गया है। वहां भी शिकायत की जा सकती है। साथ ही पब्लिक वेबसाइट पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मनपा की वेबसाइट पर भी लोग शिकायत दर्ज करते हैं।
मनपा के पोर्टल पर की गई शिकायत
माध्यम-2022--2023-2024
वेबसाइट---260-----217---190
हेल्पलाइन--08----24----83
एप्लि-1258---1762---1345
व्हाट्सएप--323---450--348-
---सिटीलिंक पर की गई शिकायत
माध्यम-2022--2023-2024
हेल्पडेस्क-43451--24826-19619
वेबसाइट--66---344---154
सूरत के हीरा उद्योग के लिए लंबे समय के बाद राहत भरी खबर सामने आ रही है। छोटे और पतलीसाइज के हीरो की डिमांड के चलते बाजार में उनकी शॉर्टेज हो गई है। आगामी दिनों में कीमत में भी उछाल आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हीरा उद्योग बीते 3 साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है। हीरा उद्यमियों ने उत्पादन बहुत कम कर दिया है। इस बीच फैंसी कट वाले हीरो के लिए बीते एक महीने से अच्छी डिमांड निकली है।फैंसी कट साइज के हीरे बहुत कम बनाए जाते हैं। इनका उपयोग डायमंड ज्वेलरी में किया जाता है।
छोटी साइज के हीरे में अलग-अलग प्रकार की डिजाइन बनी रहती है।हीरा उद्यमी जब रफ डायमंड खरीदते हैं तो उनमें कई डायमंड की साइज गोल या अर्धचंद्राकार अथवा त्रिकोण इस तरह से होती है। इन हीरो का उपयोग फैंसी साइज के डायमंड बनाने में किया जाता है। पिछले दिनों मंदी के चलते हीरा व्यापारियों ने खरीदी पर रोक लगा दी थी।उसके बाद अचानक फिर से डिमांड निकालने के कारण फिलहाल हीरा उत्पादकों के पास फैंसी कट डायमंड वाले हीरो का स्टॉक समाप्त हो गया है।
सूरत डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख जगदीश खूंट ने बताया कि लंबे समय के बाद हीरा उद्योग में कुछ राहत दिख रही है। फैंसी साइज के रफ डायमंड में से बनने वाले छोटे पतले और फैंसी कट के कट पॉलिश्ड हीरो की मांग व्यापारी कर रहे हैं। बीते दिनों उत्पादन बंद रहने के कारण वर्तमान समय में इस तरह के हीरो की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
---रफ डायमंड की कीमत बढ़ाने के आसार
3 साल के मंदी के बुरे दौर से गुजरने के बाद हीरा उद्योग की स्थिति कुछ संभलते नजर आ रही है। इस बीच फरवरी महीने में 24 से 28 तारीख के बीच डायमंड ट्रेडिंग कंपनी की ओर से रफ हीरो की बिक्री के लिए नीलामी की गई। बताया जा रहा है कि हीरा उद्यमियों ने इसमें 25% से अधिक कीमत पर भी टेंडर भरे हैं।अर्थात की आने वाले दिनों में रो हीरो की कीमत बढ़ाने के आसार नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मंदी के चलते डीटीसी कंपनी की ओर से रफ हीरो की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। दिवाली के दिनों में जो व्यापारी रफ हीरा नहीं खरीदना चाहते उन्हें छूट भी दी गई थी।
देशभर में व्यापारिक संगठनों द्वारा सिविल सोसाइटी के साथ सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित “वन नेशन, वन इलेक्शन” (एक राष्ट्र, एक चुनाव) एक दूरदर्शी कदम है, जो देश में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक मजबूती और सुशासन को सुनिश्चित करेगा। इस ऐतिहासिक पहल के समर्थन में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने देश भर में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत देशभर में विभिन्न व्यापारिक संगठनों के माध्यम से सेमिनार, वर्कशॉप और संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चुनाव सुधारों, आर्थिक प्रभाव और समाज तथा व्यापार जगत पर सकारात्मक प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया का मानना है कि बार-बार चुनाव होने से देश की आर्थिक प्रगति बाधित होती है, सरकारी नीतियों का कार्यान्वयन धीमा हो जाता है और व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ता है। यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएँ, तो इससे व्यापार, उद्योग और अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी, साथ ही सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।
अभियान की मुख्य विशेषताएँ:
देशभर में जागरूकता अभियान: व्यापारिक संगठनों के माध्यम से “वन नेशन, वन इलेक्शन” की जानकारी आम जनता और व्यापारियों तक पहुँचाई जाएगी। सेमिनार और वर्कशॉप: विभिन्न राज्यों में व्यापार संगठनों द्वारा विशेषज्ञों के साथ परिचर्चाएँ आयोजित की जाएँगी। विशेषज्ञों की भागीदारी: चुनाव सुधार विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, कानूनी विशेषज्ञ और नीति निर्धारकों को आमंत्रित किया जाएगा।व्यापारियों की राय: इस अभियान के तहत देशभर के व्यापारियों से सुझाव और समर्थन जुटाए जाएँगे।
खंडेलवाल ने कहा की “वन नेशन, वन इलेक्शन से देश का लोकतांत्रिक ढांचा और मजबूत होगा, विकास कार्यों की रफ्तार तेज़ होगी और व्यापार जगत को स्थिरता मिलेगी। बार-बार चुनाव होने से सरकारी मशीनरी पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है और प्रशासन ठप हो जाता है। देश भर के व्यापारी कैट के झंडे तले इस ऐतिहासिक पहल का पूर्ण समर्थन करता है और इसे सफल बनाने के लिए देशभर में व्यापक जनजागरण अभियान चलाएगा।
कैट का यह अभियान व्यापारी वर्ग, सिविल सोसाइटी, नागरिक, समाज और नीति निर्धारकों को एक मंच पर लाकर “वन नेशन, वन इलेक्शन” की आवश्यकता पर सार्थक संवाद स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस दूरदर्शी कदम से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आर्थिक ढाँचा मजबूत होगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर एक नई शक्ति बनकर उभरेगा।इस अभियान से जुड़ने और समर्थन देने के लिए कैट ने देशभर के व्यापारियों और संगठनों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है।
प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान करने के बाद अयोध्या में श्री राम लल्ला के दर्शन के बाद सूरत लौट रहे दो परिवार के लोगों को मार्ग में अकस्मात होने के कारण चार जनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सूरत के विरानी और गोयानी परिवार के लोग महाकुंभ में स्नान के लिए गए थे!
महाकुंभ में स्नान के बाद वह अयोध्या में श्री राम लल्ला के दर्शन के लिए गए थे। वहां से लौटते समय झांसी के पास चित्रकूट से कुछ दूरी पर ओवर ब्रिज के समीप अकस्मात हुआ। वह कार से आगे जा रही ट्रक को ओवरटेक करने जा रहे थे। कोहरे के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। समय दुर्घटना हुई। दुर्घटना में तीन लोगों की वहीं पर मौत हो गई।बताया जा रहा है की घटना सवेरे के समय हुई।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के अधिकारी वहां पहुंच गए और घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया।हालांकि घटना के बारे में अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। इस घटना में 16 साल युवती बच गई होने की जानकारी सामने आ रही है। मृतकों के नाम जगदीश भाई,विपिन भाई, भावना बेन और कैलाश बेन बताया जा रहा है।