कोरोना संक्रमण में जब कि लोगों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए तब भी लोग मौके का लाभ उठाने से नहीं चूक रहे। वडोदरा के बाद सूरत के ओलपाड में नकली इंजेक्शन बनाने का कारखाना पकड़ाया है।  सूरत के ओलपाड इलाके में पिंजरत गांव के फार्म हाउस में डुप्लीकेट इंजेक्शन बनाए जा रहे थे।

इनमें से पांच हजार इंजेक्शन बेच दिए गए थे। छापे के दौरान सात लोगों को 60,000 डुप्लिकेट इंजेक्शन के स्टॉक के मार्केट में भेजे गए होने की चर्चा है। कंपनी से गिरफ्तार किए गए लोगों में महाराष्ट्र और बिहार के लोग शामिल हैं।फार्म हाउस के बाहर के इलाके में पुलिस ने घेरा बंदी कर दी है।

 फिलहाल नकली इंजेक्शन के स्टोक को पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने पूर्व सूचना के आधार पर ओलपाड के पिंजरत गांव के रॉयल विला फार्म हाउस में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन की एक पूरी फैक्ट्री पर आज छापा मारा।

यह लोग ग्लूकोज और नमक मिलाकर इंजेक्शन का द्रव्य बनाते थे। नकली रेमे़डेसिवीर का स्टिकर मुम्बई में छपा था। जांच में यह पता चला है कि अब तक 5000 डुप्लिकेट इंजेक्शन बेचे जा चुके हैं। जिसमें अहमदाबाद, वडोदरा और मोरबी का नेटवर्क उजागर हुआ है।

मोरबी में कुछ दिन पहले और दो दिन पहले वडोदरा में नकली इंजेक्शन पकड़े गए थे। मोरबी से शुरू हुए ऑपरेशन के तार सूरत के ओलपाड तक पहुंच गए हैं। दो दिन पहले मोरबी में वहां की पुलिस ने छापा मारकर दो लोगों को इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। जांच के दौरान उन्होंने बताया कि इंजेक्शन अहमबाद से मिले थे। जब मोरबी पुलिस ने वहां छापा मारा पकड़े आरोपी ने बताया कि वह सूरत से इंजेक्शन मंगाता है इस तरह से सूरत कनेकशन सामने आया था।