सूरत कस्टम डिपार्टमेंट और डीआरआई यूनिट ने एक संयुक्त कार्रवाई में सचिन के स्पेशल इकोनोमिक जोन में एक हीरा यूनिट में से मिसडिक्लेरेशन कर नकली डायमंड के स्थान पर असली हीरो का एक्सपोर्ट किए जाने का करोड़ो रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया है। फिलहाल डिपार्टमेंट की जांच जारी है। इस मामले में विभाग को हवाले की आशंका के कारण इस मामले में एन्फोर्समेन्ट विंग की भी जल्दी एन्ट्री होने की संभावना है। विभाग का मानना है कि कंपनी संचालक असली हीरे नकली हीरे के नाम पर भेज रहे थे। वह असली हीरो के हवाला के अवेज में भेज रहे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई,सूरत और कस्टम के अधिकारियों ने तीन दिन पहले सचिन के स्पेश्यल इकोनोमिक जोन के हीरा यूनिट में गडबड़ चल रहे होने की आशंका से छापा मारा था। अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि कुछ लोगो विभाग को गुमराह कर लेबग्रोन डायमंड के नाम पर ओरिजिनल डायमंड एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
इस जानकारी पर कई दिनों तक पूरा काम करने के बाद कस्टम डिपार्टमेंट की डायमंड यूनिट पर कार्रवाई की। अधिकारियों को देखते ही कंपनी संचालक वहां से फरार हो गया लेकिन डिपार्टमेंट ने कंपनी ने एक्सपोर्ट के लिए भेजे दो हीरो के कन्साइन्मेन्ट पकड़ लिए। इन दोनों कन्साइन्टमेन्ट में बड़े पैमाने पर डायमंड हैं। जिनमें की ओरिजिनल और लेबग्रोन दोनों ही मिले हैं। जबकि यूनिट संचालक ने अपने डिक्लेरेशन में सिर्फ लेबग्रोन डायमंड एक्सपोर्ट कर रहे होने की जानकारी दी थी। बताया जा रहा है कि पकडे गए कन्साइन्मेन्ट में 4 से 10 कैरेट के हीरे भी थे, जिनकी कीमत बहुत ज्यादा है। यह हीरे होंगकोंग के लिए भेजे जा रहे थे।
डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए हीरो का वैल्यूएशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद हीरे सीज किए जाएंगे। संचालक ने पिछले दिनों कितने रुपए के हीरे विदेश में भेजे हैं इसकी भी जांच की जा रहा है। विभाग को शक है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा करने में कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। आगामी दिनों में डिपार्टमेंट इन सभी पर धीरे-धीरे कार्रवाई करेगा। डीआरआई और कस्टम डिपार्टमेंट की संयुक्त कार्रवाई के चलते फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया है। जांच के बाद बड़े हीरा उद्यमियों के नाम भी सामने आने की संभावना है।