सूरत के उनपटिया इलाके की एक महिला के पास पति की मौत के बाद लाश को अपने वतन ले जाने के लिए रूपए न हीं होने से वह 17 घंटे तक लाश के पास बैठी थी और मदद के लिए गुहार लगाती रही। मंगलवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल लाया गया था। यहां पीड़िता की दुर्दशा सुनकर हैरान रह गए।
मनीषा ठाकोर (मृतक रंजीत अतसिंह ठाकोर की पत्नी) ने कहा कि वह महबूब नगर, उन पाटिया में रहती हैं। 13 वर्षीय पहले उसकी शादी हुई थी। इस दौरान दो बच्चे हैं। मूल रूप से झांसी के रहने वाले हैं। रंजीत लूम्स में काम करता था और शराब का आदी था। कल (मंगलवार) शराब पीकर उसने दोपहर का भोजन किया और सो गया।
उन्होंने आगे कहा कि एक घंटे बाद उसके दोस्त ने रंजीत को जगाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठा. तो तुरंत एक एम्बुलेंस को कॉल किया, जब वह आए तो पता चला कि पति की मृत्यु हो गई है। इस बारे में मनीषा ने तत्काल परिजनों को फोन से जानकारी दी और 108 की मदद से रंजीत को सिविल लाया गया।
पुलिस ने कहा कि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है और उसका पोस्टमार्टम करना होगा। मनीषा के पास रुपए नहीं होने से उसने डॉक्टर्स से कहा कि मृतदेह को झांसी ले जाने के लिए बहुत पैसों की जरूरत है और मैं आर्थिक रूप से लाचार हूं, मेरे पति के जीवन में महंगाई में घर और बच्चों की रोजी-रोटी मुश्किल से चल रही थी, अब उनकी गैरमौजूदगी में इतना पैसा कहां से लाएं।