सूरत शहर कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष नैषध देसाई, सूरत जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष आनंदभाई चौधरी, भारत सरकार के पुर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. तुषारभाई चौधरी और सूरत जिला काग्रेस समिति के पुर्व अध्यक्ष एवं किसान अग्रणी दर्शन नायक ने सुमुल डेरी द्वारा की गई दुध की भाववृध्दि वापस लेने और पशु पालकों को दुध के फेट के योग्य भाव देने के लिए विभिन्न संगठनों से साथ सहयोग मांगा है।
चेम्बर ऑफ कोमर्स, सूरत बार एसोसिएशन, सूरत डायमंड एसोसिएशन, फोगवा, फोस्टा, सूरत डॉक्टर एसोसिएशन, अखिल हिन्द महिला परिषद और सिनियर सिटीजन काउन्सील को कांग्रेस समिति ने पत्र लिखकर सहयोग की मांग की है। सुमुल डेरी का दुध सूरत और तापी से भी सस्ता महाराष्ट्र मे बेचा जा रहा है। गुजरात सहित समग्र देश मे सबसे महंगा अमुल ब्रान्ड का दुध दक्षिण गुजरात में बेचा जा रहा है।
सूरत शहर जिला कांग्रेस समिति द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि सुमुल डेरी ग्राहकों ने मनमाने तरीके से दुध की क़ीमत वसूल रही है। कोरोना के दौरान लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे उसमे सुमुल डेरी द्वारा अमुल दुध का अवैध रूप से सूरत और तापी जिले के ग्राहको पर ही भाववृध्दि थोपी है। अमुल डेरी के नाम से सुमुल डेरी अमुल के विभिन्न ब्रान्डों का दुध बेचती है। सूरत की सुमुल डेरी से पेकिंग हुआ दुध सूरत और तापी जिले से भी सस्ता महाराष्ट्र मे बेचा जा रहा है।
सूरत से महाराष्ट्र तक दुध का ट्रान्सपोर्टेन खर्च अधिक लगता है फिर भी महाराष्ट्र में अमुल का दुध 56 रूपेय लीटर बीक रहा है वही दुध सूरत और तापी जिले में 60 रुपये लीटर बीक रहा है। इतना ही नही अमुल का दुध गुजरात सहित देश के अन्य राज्यों मे सबसे अधिक महंगा सूरत में बेचा जा रहा है। अगर कच्चामाल, पशुखाध और पेट्रोल डीज़ल के भाव बढे है तो उसकी असर राज्य और देश की अन्य डेरीओं मे भी लागु होने चाहिए। मगर सुमुल डेरी के संचालक ग्राहकों से अधिक भाववसुल रहे और राजनीतिक पार्टी को फंड दे रहे है। उल्लेखनीय पहले है कि तीन दिन पहले से इस मामले को लेकर विवाद चल रहा है।