तापी नदी के कैचमेंट क्षेत्र में तेज बारिश के कारण ऊकाई डैम से पानी छोड़े जाने से कुकरमुंडा तहसील के बालदाऔर सतोला गांव के बीच कॉज -वे पर पानी भर जाने से गांव के लोगों का आना जाना दुस्वार हो गया है। परिस्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि 2 महिलाओं को प्रसव पीड़ा शुरू हो जाने पर उन्हें कंधे पर बिठाकर कॉज-वे पार कर आना पड़ा।
19 तारीख सबेरे ममता बहन को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। लेकिन तापी नदी में पानी छोड़े जाने के कारण पानी का बहाव इतना तेज था कि वहां से कोई साधन नहीं जा रहे थे। इसलिए परिवार जनों ने महिला को कंधे पर उठाकर कॉज वे पार किया और बाद में 108 की मदद से हॉस्पिटल ले जाया गया। इसके पश्चात दोपहर के समय गांव की रमाबेन भील को भी इसी तरह प्रसव पीड़ा शुरू हो जाने के कारण कोई व्यवस्था नहीं होने से कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ा।
बताया जा रहा है कि तापी जिला के अंतिम गांव में कुकरमुंडा तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सुविधा का अभाव अभी तक है। जिसके चलते कई बार लोगों ने शिकायत भी की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। गत रोज भी इसी तरह तेज बारिश के कारण गांव का संपर्क टूट गया था।
सभी रास्ते पर पानी भर जाने के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए थे। कॉज वे का सिर्फ एक ही रास्ता था जिस पर भी पानी भरा होने से साधन नहीं जाने के कारण लोगों को पैदल ही जान के जोखिम से आना जाना पड़ रहा था। गांव के लोगों का कहना है कि पानी इतना तेज था कि इसमें से गुजरते समय जान का जोखिम हो सकता था।
लेकिन दोनों पतियों ने हिम्मत दिखाकर अपनी पत्नी को पानी के विपरीत दिशा के प्रवाह में कंधे पर उठाकर रिस्क लेकर को कॉज वे से बाहर निकाला। उल्लेखनीय है कि गुजरात के सीमा के कुकुरमुंडा तहसील के कुछ गांव में तापी नदी का पानी कई गांव के कॉज वे पर आ जाता है। जिसके चलते वाहनों का आवागमन भी बंद हो जाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।