कोयले की बढती कीमतों के कारण प्रोसेसर्स व्यापारियों से कुल बिल पर 10 प्रतिशत यूटिलिटी चार्ज लेगें


सूरत
लॉकडाउन खुलने के बाद से कोयले और केमिकल आदि की कीमत लगातार बढने के कारण प्रोसेसर्स के लिए अब कम कीमत पर जॉबचार्ज कर पाना मुश्किल होते जा रहा है। परिस्थिति को समझते हुए साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने 16 जुलाई से बिल पर 10 प्रतिशत युटिलिटी चार्ज के तौर पर वूसल करने का फैसला किया है।

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साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दो महीने में कोयले की कीमत बड़ी तेजी से बढी है। कुछ महीनो में ही कोयले की कीमत 4500 रूपए प्रति टन से बढकर 9500 रूपए पर पहुंच गई है। साथ ही बारिश के मौसम में लिग्नाइट की खान बंद होने से लिग्नाइट मिलना मुश्किल हो गया है। इसी बीच डीजल की कीमत 100 रूपए के करीब पहुंच गई है। ऐसे में पिछली कीमतो में अब जॉबचार्ज कर पाना प्रोसेसर्स के लिए मुश्किल हो गया है।

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इस सिलसिले में चर्चा करने के लिए साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई। मीटिंग में एसजीटीपीए के प्रमुख जीतू वखारिया, पांडेसरा एसोसिएशन के कमल विजय तुलस्यान, कडोदरा एसोसिएशन के रविन्द्र आर्य,सचिन से विनय अग्रवाल तथा पलसाणा से दुष्यंत त्रिवेदी उपस्थित रहे।

प्रोसेसर कमलविजय तुलस्यान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कारणो से केमिकल की कीमत 25से 30 प्रतिशत बढी है। कोयले की कीमत में दो गुना से ज्यादा बढोतरी हुई है। इस परिस्थिति में प्रोसेसर्स के लिए टिक पाना मुश्किल हो गया है। यदि 10 प्रतिशत बढाया जाए तो भी कोई लाभ नहीं बचेगा। इन सबको देखते हुए 16 जुलाई से प्रोसेसर्स डिस्पैच पर 10 प्रतिशत युटिलिटी चार्ज लेंगे। साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि फिलहाल प्रोसेसिंग यूनिटो में जॉबचार्ज 40 प्रतिशत है लेकिन इसके बावजूद कोयले की कीमत तेजी से बढ़ रही है। इसलिए युटिलिटि चार्ज की आवश्यकता पड़ी।

कपड़ा व्यापारी की जवान बेटी को फुसलाकर अपहरण, 6 लाख माँगे

बंगाल के कपड़ा व्यापारी की 21 वर्षीय बेटी को नेपाली युवक ने सोशल मीडिया पर फुसलाकर उसे मिलने के बहाने अपहरण कर सूरत ले आया और 6 लाख रुपये की मांग की और नही देने पर उसे बेचने की धमकी दी। इसलिए लड़की के परिवार ने बंगाल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बंगाल पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी।

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पुलिस ने युवक के मोबाइल नंबर के आधार पर जांच पड़ताल शुरू की था। जिसमें पता चला कि नेपाली युवक सूरत में था। जिसके आधार पर एसओजी के एएसआई जालू मगन और पी.सी. अशोक लाभु ने मिली सूचना के आधार पर अपहरणकर्ता  रूपेश उर्फ आर.के. लल्लन पांडे (22) (नेपाल) को सचिन ने से पकड़ लिया। सचिन में लड़की और एक दोस्त के साथ नेपाली युवक रहता था।

इसके अलावा नेपाली आरोपी पुणे के द ग्रे रूम होटल में बार मैनेजर है। आरोपी ने सोशल मीडिया के जरिए लड़की को लालच दिया था। इसके बाद जब लडकी उसके पास आ गई तो आरोपी ने लड़की की मां को फोन कर धमकाया, ”मुझे 6 लाख रुपये दो, नहीं दोगी तो मैं तुम्हारी बेटी को बेच दूंगा.” इसलिए परिवार ने बंगाल में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

अब वीवर्स ने कहा कि नहीं बदलने देंगे कपड़ा उद्योग पर जीएसटी की दर

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हाल ही में स्पिनर्स एसोसिएशन और बड़े यार्न निर्माताओं ने जीएसटी दर को संशोधित करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री और केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी से गुहार लगाई थी। इसके बाद, फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FOGWA) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को एक आवेदन भेजकर जीएसटी दर को अपरिवर्तित रखने की मांग की है।

वीवर्स का कहना है कि जीएसटी दरों में असमानता होने पर बुनकरों का 650 करोड़ रुपये का आईटीसी जाम हो गया था। वह राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। फिलहाल फैब्रिक पर पांच फीसदी, यार्न पर 12 फीसदी और यार्न कच्चे माल पर 18 फीसदी का जीएसटी स्लैब उपयुक्त है। स्पिनरों की एक समान जीएसटी दर की मांग गलत है। फोगवा को डर है कि अगर मौजूदा रेट में बदलाव किया गया तो पॉलिएस्टर टेक्सटाइल इंडस्ट्री को नुकसान होगा। बुनकरों को बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।


फोगवा के अध्यक्ष अशोक जीरावाला के मुताबिक कपड़ा उद्योग के लिए जीएसटी की दर में बदलाव की मांग पूरी तरह गलत है। बुनकर इस मांग का पुरजोर विरोध करते हैं। बुनकरों ने मौजूदा कर दरों को अपना लिया है। कोरोना के मुश्किल दिनों में बुनकरों को हिम्मत तभी मिलेगी जब सरकार रिफंड की प्रक्रिया को तेज करे और रुके हुए रिफंड को समय से जारी करे।इसे पहले SRTEPC द्वारा केंद्र के समक्ष GST दरों में एकरूपता लाने के लिए पेश किया गया था। अब फोगवा यार्न की दर समान रखने की माँग कर रहा है।

चार बजे तक कपड़ा मार्केट खुली रखने के कारण इस मार्केट में पुलिस ने की कार्रवाई ! बड़े व्यापारी भी पकड़ाए

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राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण बढने के कारण गत 28 अप्रेल से कपड़ा मार्केट बंद करा दिया था। लेकिन बंद के कारण व्यापार को बड़ा नुकशान हो रहा था साथ ही कई लोगों की रोजरोटी पर संकट आ गया था। यह समझते हुए राज्य सरकार ने बीते शुक्रवार से कपड़ा मार्केट सबेरे 9 से दोपहर तीन बजे तक खोलने की छूट दी है। लेकिन इसके साथ कई शर्तो का पालन करने को भी कहा है लेकिन कुछ व्यापारी नियम का उल्लंघन कर रहे है।


सोमवार को कपड़ा बाजार में कमेला दरवाजा क्षेत्र में कोहिनूर टैक्सटाइल मार्केट में पुलिस ने जाँच कर दंड वसूल किए थे। इसके बाद शनिवार को रीजन्ट और आसपास की मार्केट में दोपहर के तीन बजे के बाद पुलिस ने जांच की। जांच में कई दुकाने खुली नजर आई जिनमें कि बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे। कोरोना की गाइडलाइन के उल्लंघन के बदले में पुलिस ने सबको पकड़ लिया और दंड वसूला गया। श्रमिक और व्यापारी मिलाकर 52 लोगों से दंड वसूला गया। इनमें कई बड़े व्यापारी भी थे। बताया जा रहा है कि प्रति व्यक्ति के अनुसार 1000 रूपए दंड लिया गया!


मार्केट एसोसिएशन की ओर से बार-बार व्यापारियों को समय पर दुकान बंद करने की अपील की जा रही थी, लेकिन कुछ व्यापारियों ने बंद करने में देरी की! पुलिस ने सब से कोरोना की गाइडलाइन उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए पैनल्टी वसूल की।

उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बीते दिनों बड़ी संख्या में कोरोना के केस दर्ज हो रहे थे, हालाकि अभी इस पर थोड़ा नियंत्रण जरूर लगा है, लेकिन लोगों को इस परिस्थिति को समझते हए प्रशासन का साथ देना चाहिए। बीते दिनो बंद के दौरान भी कई मार्केट की दुकाने खुली होने पर दंडात्मक कार्रवाई की गई थी।

कपड़ा बाज़ार में मंदी: किसी ने शुरू किया शराब बेचना तो किसी ने एम डी ड्रग्स: वेसू का कपड़ा व्यवसायी पकडाया!

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कोरोना में व्यापार घटने के कारण कपड़ा व्यवसायी ग़लत धंधे में पड़ रहे है।तीन दिन पहले ही डीसीबी ने एक एमडी ड्रग्स बेचनेवाले को पकड़ा था जिसने बताया कि वह कपड़ा बाज़ार में दलाली का काम करता था। अब अन्य एक दलाल को भी शराब बेचते पकड़ा!सूरत क्राइम ब्रांच ने मंगलवार शाम सूरत को पॉश इलाके में वेसु के स्वास्तिक रेजीडेंसी की पार्किंग में एक कार में कपड़ा व्यापारी पर छापा मारकर फ्लैट और कार से 46 बोतल स्कॉच, वाइन और 72,000 रुपये की वोडका जब्त की।

कपड़ा व्यापार में दलाली का काम करने वाले व्यापारी ने लॉकडाउन में व्यापार धीमा होने से महंगी शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी थी।क्राइम ब्रांच के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम को वेसु गोयनका इंटरनेशनल के पास बिल्डिंग नंबर ए/3 के पार्किंग लॉट में एक्सयूवी कार (जीजे-05-जेबी-7076) से स्कॉच के साथ बीती शाम 7 बजे स्कूल उर्फ ​​विक्की सुभाष को गिरफ़्तार कर लिया और पूछताछ के आधार पर उसके फ्लैट ए/3/1304 पर छापा मारा।

क्राइम ब्रांच को फ्लैट और बिल्डिंग की पार्किंग में एक एक्सयूवी कार से कुल 46 बोतल वाइन, वोदका और 72,350 रुपये की स्कॉच मिली। अरोड़ा से पूछताछ में पता चला कि वह कपड़ा कारोबार में दलाल का काम करता था। लेकिन कोरोना की वजह से कपड़ा बाजार में आई मंदी के बाद पिछली दिवाली में शराब का कारोबार शुरू किया था।

विक्की ने स्कॉच, वोडका और वाइन जैसी महंगी शराब का ऑर्डर दिया और शराब को चुनिंदा ग्राहकों और कुछ लोगों को पहुँचाता था। यह शराब हरियाणा के रोहतक के सपला गांव के बंटी जगदीश नकड़ा शराब को ट्रेन में टुकड़ों में लेकर आया था।, क्राइम ब्रांच ने उसे वांछित घोषित कर दिया था। अरावली पुलिस ने भी पिछले महीने विक्की की 2.83 लाख रुपये की शराब एक कार में से जब्त की थी।आगे की जांच पीएसआई कीर्तिपाल एच. पुवार कर रहा है।

श्रमिक कर रहे पलायन,व्यापार हो रहा बर्बाद, फोस्टा ने लगाई मार्कट खोलने की गुहार!

फेडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को पत्र भेजकर कपड़ा मार्केट शुरू करने की गुहार लगाई है। फोस्टा की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि वर्तमान समय में सूरत में कोरोना की संख्या नियंत्रण में है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में भी गिरावट आ रही है लेकिन कपड़ा बाजार बंद होने के कारण सूरत के कपड़ा बाजार में काम करने वाले श्रमिक बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं।

इसके अलावा कपड़ा बाजार से जुड़े घटक दल जैसे की लूम्स कारखाने और प्रोसेसिंग मिल भी बंद हो जाने के कारण वहां से भी श्रमिक पलायन कर रहे हैं। बंद के कारण कपड़ा व्यापारियों को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जबकि सूरत में कोरोना की परिस्थिति नियंत्रण में है तब 12 मई के बाद कोरोना की गाइडलाइन का पालन के साथ कपड़ा बाजार खोलने की छूट दी जाए।

उल्लेखनीय है कि सूरत का कपड़ा बाजार 28 अप्रैल के रोज ही बंद है जिससे कि सूरत के कपड़ा बाजार में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। कपड़ा बाजार बंद होने के कारण लूम्स कारखाने और डांइंग मिल तथा एंब्रॉयडरी मिल भी बंद है।

जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों के पास रोजगारी नहीं है। और वह अपने गांव की ओर पलायन कर गए हैं। यदि एक बार श्रमिक गांव की ओर पलायन कर गए तो दोबारा लौटने में उन्हें महीनों का समय लगेगा। ऐसे में व्यापार उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

2.50 लाख एम्ब्रॉयडरी मशीनें 15 मई तक बंद करने का संगठन का फ़ैसला!

सूरत में कपडा बाज़ार के बाद,लूम्स कारख़ाने बंद होने की घोषणा के एक दिन बाद अब टैक्सटाइल एम्ब्रोडरी जॉबवर्क एसोसिएशन ऑफ सूरत (तेजस)ने भी 15 मई तक शहर के सभी क्षेत्रों के एम्ब्रोडरी कारखानों की मशीनें बंद रखने का मन बनाया है। कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के प्रशासनिक प्रयासों में अब सूरत कपड़ा मंडी के विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने खुद ही बंद का प्रस्ताव रखा हैं।

राज्य सरकार ने गत दिनों गाइडलाइन जारी कर कई व्यवसायी स्थानो को पांच मई तक बंद रखे जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद कई व्यापारिक संगठन स्वैच्छिक बंद के लिए आगे आ रहे हैं। कपड़ा बाज़ार 5 मई तक बंद कराए जाने के बाद शुक्रवार को फैडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स एसोसिएशन ने शहर व आसपास के सभी क्षेत्रों के वीवर्स संगठनों से बातचीत कर पावरलूम्स मशीनें 15 मई तक बंद रखने का फैसला किया था।

कपड़ा बाज़ार और लूम्स कारख़ाना बंद होने के बाद शनिवार को टैक्सटाइल एम्ब्रोडरी जॉबवर्क एसोसिएशन ऑफ सूरत ने कोरोना महामारी से पैदा मौजूदा हालात को देखते हुए 15 मई तक बंद का फ़ैसला किया है। तेजस के प्रमुख हितेश भिकडिय़ा ने बताया कि कोरोना महामारी से पनपे मौजूदा दौर में हजारों कारीगर घर-गांव चले गए हैं और टैक्सटाइल मार्केट भी बंद है।

ऐसी स्थिति में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित एम्ब्रोडरी कारखाने आगामी 15 मई तक बंद रखे जाने का निर्णय टैक्सटाइल एम्ब्रोडरी जॉबवर्क एसोसिएशन ऑफ सूरत ने किया है। इस निर्णय से हजारों एम्ब्रोडरी कारखानों की ढाई लाख से ज्यादा एम्ब्रोडरी मशीनें बंद रहेगी। डवैसे भी कपड़ा बाज़ार बंद होने के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक गाँव पलायन कर जाने से श्रमिकों की भी कमी इन दिनों उद्योगों को खल रही है

पांडेसरा जीआईडीसी में कोरोना वैक्सिने़शन शुरू!

शहर में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था की जा रही है। सूरत महानगर पालिका और पांडेसरा इंडस्ट्रियल कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की ओर से जीआईडीसी में स्थित ईएसआइसी होस्पिटल में वैक्सीनेशन का प्रोग्राम शुरू किया गया है जिसमें की 60 से अधिक उम्र के तथा 45 से 59 साल की उम्र वाले को मोर्बिड व्यक्तियों को निशुल्क कोरोना की वैक्सिन जाएगी।

लोगों में भरोसा हो इसलिए संस्था के प्रमुख कमल विजय तुलस्यान तथा उप प्रमुख जितेंद्र वखारिया ने ने शुक्रवार को कोरोनावायरस का वैक्सिन लिया। दूसरी ओर टैक्सटाइल स्टाइल मार्केट में भी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू किया गया है।

रिंग रोड पर कपड़ा मार्केट में जगह-जगह कोविड-19 के लिए कैंप लगाए गए हैं जिसमें कि व्यापारी मार्केट स्टाफ तथा अन्य लोग कोरोना की जांच करा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद से कोरोना के बढ़ते केसों के कारण प्रशासन फिर से चिंतित है। प्रशासन ने कपड़ा बाज़ार में भी तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना के मामले को लेकर चिंता व्यक्त की है।

सूरत: कोरोना फिर से बढा, कपड़ा उद्यमियों की मनपा के साथ मीटिंग


कोरोनावायरस संक्रमण कुछ दिनों तक नियंत्रण में रहने के बाद एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगा है। जिसके चलते मनपा प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। परिस्थिति को बिगड़ने से पहले ही नियंत्रण में रखन के लिए मनपा ने कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।

मनपा प्रशासन ने व्यापार उद्योग खुले रहें और कोरोनावायरस नियंत्रण में रहे इसलिए नई s.o.p. बनाई है। इसकी जानकारी देने के लिए मंगलवार को शहर के तमाम कपड़ा संगठनों की मीटिंग बुलाई है। जिसमें की कारखाने और दुकानों में काम करने वाले श्रमिकों को गाइड लाइन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

बीते दिनों मनपा का चुनाव, शादी ब्याह का सीजन आदि के चलते कोरोना की गाइडलाइन का लोगों ने बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है।जिसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। कुछ दिनों से शहर में 25 से 23 केस दर्ज हो रहे थे लेकिन बीते चार-पांच दिन से 40-45केस दर्ज होने लगे हैं। जिसने कि मनपा की नींद उड़ा दी है।

परिस्थिति और नहीं बिगड़े इसलिए मनपा प्रशासन ने आनन-फानन में व्यापार उद्योगों के लिए कुछ दिशानिर्देश बनाए हैं। कपड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर श्रमिक आते हैं और इनमें अन्य राज्यों से भी श्रमिकों का आना जाना लगा रहता है।

अन्य राज्यों में कोरोना के केस बढ़ रहे है जिसके चलते प्रशासन ने अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को यदि सर्दी खांसी हो तो तुरंत ही स्वस्थ विभाग को जानकारी देने को कहा है। इसके अलावा कारखाने में मास्क, सेनीटाइजर एवं सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने के लिए कहा है। मंगलवार को तमाम जीआईडीसी के संगठन तथा कपड़ा व्यापारी के संगठनों को बुलाया गया है जिसमें कि उन्हें आगामी दिशा निर्देश दिए जाएंगे।

बजेट सुनकर सूरत के टैक्सटाइल उद्यिमयों में आ गया जोश


सोमवार को पेश किया गया बजट सूरत के कपड़ा उद्यमी अच्छा बता रहे हैं। कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि बजट ने कोरोना वायरस के कारण मंद पड़े कपड़ा उद्योग को राहत दी है। सूरत के उद्यमियों को भय था कि सरकार कोरोना के कारण इस बार कोई सरचार्ज लगा सकती है या नया टैक्स लगा सकती है। यह नहीं करने से व्यापारी खुश है।

इसके अलावा सूरत के कपड़ा उद्यमी टेक्स्टाइल मेगा पार्क की मांग कर रहे थे। बजट में देश भर में 7 टेक्सटाइल मेगा पार्क बनाने की घोषणा की गई है।सूरत के उद्यियों का कहना है कि इसमें सूरत के लिए भी संभावनाएं बन सकती हैं। कई उद्यमियों ने तो अभी से इस पार्क को सूरत में लाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और सूरत से सटे क्षेत्रों में टेक्सटाइल पार्क के लिए जगह ढूंढने की कवायद शुरू कर दी है।

दूसरी ओर बताया जा रहा है कि नायलॉन कपड़े की चैन को मेनमेइड यार्न के समांतर बनाने के लिए बजट में नायलॉन यान के कच्चे माल कैप्ट्रोलेक्टम, चिप्स और यार्न पर साढे प्रतिशत से कस्टम ड्यूटी घटा कर 5% कर दी गई है। जिसका लाभ कपड़ा उद्योग को जरूर मिलेगा। हालाकि स्पीनर यार्न पर ड्यूटी बढाने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा ऑडिट वाले केसो की सीमा बढाकर 10 करोड़ तक कर दी गई है। जिसका लाभ सूरत के कपड़ा व्यापारियों को बड़े पैमाने पर मिलेगा।लगभग 70 प्रतिशत व्यापारी इस झंझट से मुक्त हो जाएंगे।

सूरत के कपड़ा उद्यमी कोरोना के कारण परेशान थे। व्यापारियों को टैक्स में बढोतरी की आशंका थी, ऐसे में आज जारी किया गया बजट कपड़ा उद्यमियों को राहत देगा। हीरा उद्योग की बात करें तो हीरा उद्योग के लिए भी बजट उम्मीदजनक रहा। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के चेयरमैन कोलिन शाह ने बताया कि बजट में सोना, चांदी जैसी कीमती धातुओं पर 12.5 प्रतिशते से ड्यूटी घटाकर 7.5 प्रतिशत कर देने के कारण ज्वैलरी सेक्टर को बडा लाभ होगा।

पहले ड्यूटी ज्यादा होने के कारण भारत के उद्यमियों को अंतराष्ट्रीय बाजार में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता था। इसका असर लोगों के रोजगार पर भी पड़ रहा था। इसके अलावा वित्तमंत्री ने गोल्ड एक्सचेंज के लिए नए सेबी(सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इन्डिया) की बात कहीं है। इससे उद्यमियों को सोने की बिक्री में जरूर लाभ होगा।

सूरत या आसपास मेगा पार्क की उम्मीद
बजट में मेगापार्क की घोषणा की गई है। यदि यह सूरत या आसपार में बने तो इससे सूरत का कपड़ा उद्योग आगे बढेगा। यहां पर रोजगारी का सर्जन होगा। वॉटरजेट, रेपियर जैसी अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी वाली मशीने भी लगाई जा सकेंगी। नायलोन यार्न और कच्चे माल पर ड्यूटी घटाने से उद्यमियों को लाभ होगा।

भरत गांधी, प्रमुख, फिआस्वी

बजट अच्छा, कोई सरचार्ज नहीं
वित्त मंत्री ने घोषित किया बजट सूरत के उद्यमियों के लिए लाभदाई रहेगा। कोरोना के समय में सरकार ने नया कोई सरचार्ज नहीं लगाया। यह सराहनीय है। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा खर्च करने की बात है। इससे रोजगार बढेगा। विकास होगा। एमएसएमई सेक्टर को लाभ मिलेगा। बजट मे कपड़ा उद्योग की कई मांगें मान ली गई है।
दिनेश नावडिया, प्रमुख, चेम्बर ऑफ कॉमर्स

सूरत को मिल सकता है मेगा टैक्सटाइल पार्क
चेंबर ऑफ कॉमर्स के उप प्रमुख आशीष गुजराती ने बताया कि चेंबर की ओर से बार-बार की टैक्सटाइल मेगा पार्क की मांग की जा रही थी सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है। साथ ही यह टेक्सटाइल मेगापार्क 3 साल में बन जाएगा। ऐसा भी बताया जा रहा है। पार्क बनने से कपड़ा उद्योग को बड़ा मिलेगा। सूरत में कपड़ा उद्यमी जगह ढूंढने में लग गए हैं।

आशिष गुजराती, उपप्रमुख, चैम्बर ऑफ कॉमर्स

नायलॉन यार्न के कच्चे माल पर ड्यूटी घटी
यार्न कारोबार से जु़डे़ विनय अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय बजट से कपड़ा उद्यमियों को राहत मिलेगी। नायलॉन यार्न को पॉलिएस्टर की तरह समांतर बनाने के लिए यार्न के कच्चे माल कैप्रोलेक्टम, चिप्स और यार्न पर साढे सात प्रतिशत से ड्यूटी घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है। यह जरूर कपड़ा उद्योग को गति देगा।
विनय अग्रवाल, यार्न कारोबारी

बढेगी रोजगारी की संभावना
केन्द्रीय वित्तमंत्री ने आज घोषित किए बजट में कपड़ा पॉलिएस्टर, नायलोन और कॉटन कप़ड़ा उद्यमियों के लिए अच्छा है। बजट में नायलॉन यार्न और के कच्चे माल पर ड्यूटी घटा दी गई है। उन्होंने बताया कि देश भर में 7 मेगा टैक्सटाइल पार्क को मंजूरी मिलने के कारण रोजगारी बढ़ेगी और कपड़ों का उत्पादन भी बढ़ेगा। इसके चलते कपड़ा उद्योग में विकास की संभावनाएं बनेंगी।
नारायण अग्रवाल, पूर्व चेयरमैन, एसआरटीईपीसी

नायलॉन यार्न का आयात बढेगा
यार्न उद्यमी राकेश बंसल ने बताया कि कोरोनावायरस के कारण कारोबार की हालत सही नहीं हैं। ऐसे में सरकार ने कोई नए चार्ज नहीं लगाकर और जीएसटी के दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया। ऐसे में बजट अच्छा है। सरकार के कई फैसलों के चलते व्यापार उद्योग को गति मिलेगी। नायलॉन यार्न की की ड्यूटी घटने के कारण नायलॉन यार्न का आयात बढ़ने की उम्मीद है।

राकेश कंसल, यार्न कारोबारी

नए टैक्स नहीं डाले,यह भी राहत के समान
कपड़ा व्यापारियों ने कई मांगे की थी जो कि अभी बाकी है। हालाकि बजट में कोई नैए टैक्स नहीं डाले गए यह अच्छी बात है। इसके अलावा सूरत में टेक्सटाइल मेगा पार्क मिलने की उम्मीद जगी है यदि यह पार्क मिलता है तो सूरत का कपड़ा उद्योग और तेजी गति से आगे बढ़ेगा। व्यापार को और नई दिशाएं मिलेंगी।
रंगनाथ शारड़ा, प्रवक्ता, फोस्टा