पॉलिएस्टर यार्न की कीमत में तीन रूपए का ईजाफा, विवर्स चिंतित

केंद्र सरकार की ओर से विदेश से आयातित पॉलिएस्टर पर एंटी डंपिंग ड्यूटी की समय सीमा 1 महीने बढ़ाकर दिसंबर कर दी गई है। जिससे कि वीवर चिंतित हैं। चर्चा है कि एंटी डंपिंग ड्यूटी को और 5 साल तक बढ़ाने के लिए भी डीजीटीआर ने सिफारिश की है। ऐसे में विवर्स पहले से ही चिंतित हैं।

सूरत के विवर्स पहले से यह आरोप लगा रहे हैं कि एंटी डंपिंग ड्यूटी होने के कारण यान उद्यमी अपनी मनमर्जी करते हैं। इस बीच बीते सप्ताह पॉलिएस्टर यार्न की कीमत में 2 बढ़ाने के बाद शनिवार को भी यार्न का उत्पादन करने वाली अग्रणी कंपनी ने पीओवाय की कीमत में 3 रूपए तथा 50-14डेनियर प्रोडक्ट्स में 7 रूपए तक दाम बढ़ा दिए। विवर्स का कहना है कि बीते 2 महीने में पॉलिस्टर यार्न की कीमतों में 50 रूपए तक की बढ़ोतरी हुई है।

जिसके चलते कपड़े महंगे हो गए हैं। महंगी कीमत पर माल नहीं बिकने के कारण विवर्स को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। कई वीवर को अपने लाभ में से ही कटौती कर माल बेचना पड़ रह है।

कपड़ा बाजार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत महीने की 30 तारीख को यार्न उत्पादक कंपनी ने 2 रूपए दाम बढ़ाए थे इसके बाद शनिवार को फिर से पीओवाय में 3 और 50-14 में 7 रूपए की बढ़ोतरी घोषित की है। नई कीमत रविवार से लागू हो जाएगी।

दूसरी ओर विवर का आरोप है कि बाजार में खरीदी का माहौल देखते हुए यार्न उद्यमी अपनी मनमानी से दाम बढ़ा रहे हैं। जबकि वास्तव में बाजार में विशेष तेजी नहीं है। दिवाली के बाद बाजार चलने की उम्मीद थी लेकिन गुजरात में सूरत सहित कई शहरों में रात्रि कर्फ्यू के कारण अन्य राज्यों के व्यापारियों को आने में डर लग रहा है। वह ज्यादा खरीदी करने से कतरा रहे हैं।

ऑनलाइन ऑर्डर देकर ही खरीदी कर ले रहे हैं। ऐसे में कपड़ों के उत्पादन कीमत तो बड़ी है लेकिन विक्रय कीमत में कोई विशेष बढ़ोतरी नहीं हुई है। वीवर मयूर गोल वाला ने बताया कि यार्न उत्पादक कंपनी मनमर्जी से दाम बढ़ा रहे हैं। बीते 2 महीने में 50 रूपए की बढ़ोतरी हुई है। इसलिए सभी विवर्स से अपील हैं कि वह सिर्फ आवश्यकतानुसार खरीदी करें। दूसरी ओर यार्न से जुडे लोग दाम बढने के पीछे कच्चे माल की बढती कीमत को जिम्मेदार बता रहे हैं।