नही मानी सरकार! कपड़ा उद्यमी बोले कहाँ से लाए इतने रूपए?


सूरत
फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीवर एसोसिएशन ने राज्य सरकार को दो दिन पहले ज्ञापन देकर बिजली बिल के मिनिमम चार्ज को दिसंबर महीने तक नहीं वसूल करने की मांग की थी। इसके बावजूद दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी ने उद्यमियों को मई महीने को बिल में फिक्सड चार्ज के साथ बिल पकड़ाया है। कारख़ाने बंद होने के बाद भी हज़ारों रूपए का बिल आने से उद्यमी परेशान हो गए है।


मिली जानकारी के अनुसार फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क विविग इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल को पत्र लिखकर मांग की थी कि ऊर्जा पेट्रोलियम विभाग की ओर से 11 मई को छोटे और मध्यम उद्योगों को राहत देने के लिए अप्रैल महीने के बिजली बिल में एल टी कनेक्शन धारकों को फिकस्ड देने से छूट दी गई थी।

उन्हें सिर्फ जितना बिजली यूज़ की हो उसकी रकम देनी थी। उसी तरह एचटी बिजली कनेक्शन वाले ग्राहकों को अप्रैल महीने में लोग डाउन के पहले के 3 महीने में इस्तेमाल की गई यदि औसतन 50% से कम हो तो मिनिमम चार्ज की भरपाई करने से छूट दी गई थी। उधिमयों ने इसे बढ़ाने की माँग की थी।


उद्यमियों का कहना था कि, लॉकडाउन डाउन बढ़ा दिया गया है। जबकि दूसरी ओर व्यापार धंधे बंद है । अन्य राज्यों के श्रमिक वतन पलायन कर जाने के कारण उत्पादन नहीं हो रहा है। व्यापार धंधे में नुकसान हो रहा है। कपड़ा उद्यमियों की हालत पतली हो गई है। इसलिए एसटी और एचटी बिजली कनेक्शन वाले ग्राहकों को 31 दिसंबर तक बिजली के न्यूनतम चार्ज से छूट दे दी जाए।


कपड़ा उद्यमियों ने बड़ी उम्मीद क साथ मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी लेकिन दो दिन से दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी की ओर से बिल मिल रहा है। इसमें फिक्सड चार्ज भी जोड़ा गया है। कपड़ा उद्यमी मयूर गोलवाला ने बताया कि हमने सरकार से मार्च, अप्रेल, मई का बिल 31 जुलाई तक भरने की छूट माँगी है! साथ ही सरकार से यह भी कहा है कि दिसंबर तक फिक्सड चार्ज नहीं लिया जाए।

जानिेए कितने कपड़ा मार्केट बंद और कितने खुलेंगे?


सूरत
राज्य सरकार से बड़े पैमाने पर छूटछाट मिलने के कारण कपड़ा व्यापारियों को एक आस थी कि कपड़ा मार्केट भी खोलने के लिए कुछ शर्तो के आधिन छूट मिल सकती है लेकिन, कोरोना के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
राज्य सरकार की ओर से लोक डाउन 4 में छूट छाट दिए जाने के बाद कई स्थानों पर व्यापार शुरू हो गया है। इसलिए पचास दिन से अधिक दिनों से धंधा बंद होने के कारण व्यापारी चाह रहे थे कि कोरोना से बचने की शर्तो के साथ मार्केट खिलने की छूट मिले। हालाँकि जिस तरह से कोरोना मार्केट क्षेत्रों के आसपास बढ रहा है उससे कपड़ा व्यापारियों को रिंग रोड स्थित कपड़ा बाजार और सरोली का कपड़ा बाजार खुलेगा कि नहीं यह असमंजस थी। कपडा व्यापारी संगठन और मनपा कमिश्नर तथा कलेक्टर के साथ मंगलवार की दोपहर को हुई मीटिंग के बाद स्पष्ट हो गया।

फेडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल एसोसिएशन की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि आज दोपहर 12:00 बजे मीटिंग हुई जिसमें की कलेक्टर धवल पटेल और पालिका कमिश्नर बंछानिधि पानी ने नई गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी। इसमें बताया गया है कि कपड़ा मार्केट के आसपास का 85% एरिया कंटेनमेंट जोन में है।इसलिए 31 मई तक कपड़ा मार्केट नहीं खोल सकते तथा बाकी जो नॉन कंटेंटमेंट एरिया के मार्केट हैं उनकी सूची कल सूरत महानगर पालिका उपलब्ध करा देगी। मीटिंग में फोस्टा की ओर से प्रमुख मनोज अग्रवाल, राजेश अग्रवाल और रंगनाथ शारडा उपस्थित रहे।

इसके लिए कुछ शर्तें इस प्रकार हैं
नॉन कंटेंटमेंट जोन में मार्केट को संक्रमण रोकने के सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा। कलक्टर धवल पटेल ने बताया कि

1 नॉन कंटेंटमेंट एरिया के मार्केट खोलने पर फॉर्म भर कर देना होगा। साथ ही एरिया के व्यापारी अपने मजदूर और काम करने वालों का रिकॉर्ड रखना पडेगा।

2 किसी भी मार्केट में किसी भी प्रकार का संक्रमण पाए जाने पर दुकान के मालिक और अन्य स्टाफ को 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रहना होगा। मार्केट के अध्यक्ष और मंत्री की जवाबदारी इसमें नहीं होगी।

3 नॉन कंटेंटमेंट जॉन के कपड़ा मार्केट को सेनीटाइज कर और उनके यहां काम करने वाले साथियों को संक्रमण से बचाने की गाइडलाइन का पालन करना होगा।

4 मनपा कमिश्नर ने बताया कि अभी मनपा का स्टाफ कोरोना में बिजी होने के कारण उनके पास अधिक स्टाफ नहीं है।इसलिए मार्केट सैनिटाइज करने की व्यवस्था नहीं हो पाएगी।

फिलहाल कपड़ा मार्केट के सभी मार्केट पदाधिकारियों से मीटिंग की जाएगी और उसके बाद फैसला किया जाएगा तब तक मार्केट बंद रहेंगे।