गुजरात सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज मे कपड़ा उद्यमियों को दी राहत!

गुजरात सरकार की ओर से कोरोना के दौरान बुरे दौर से गुजर रहे गुजरात के लोगों, किसानों, टेक्सटाइल और एमएसएमई सेक्टर के लिए राज्य सरकार ने 14000 करोड का आत्मनिर्भर पैकेज घोषित किया है। इस पैकेज में कई कई उद्योगों के साथ सूरत के टेक्सटाइल उद्योग के लिए भी छूट दी गई है ।सूरत के टैक्सटाइल इंडस्ट्री ने इसकी सराहना की है।

साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू खारिया ने बताया कि गुजरात सरकार के इस कदम से उद्योगों को बूस्ट मिलेगा। औद्योगिक गतिविधियों को तेज करने के लिए 768 करोड रुपए की कैपिटल और ब्याज सब्सिडी चुकाने को कहा गया है।

गुजरात सरकार की ओर से सूरत और अहमदाबाद टैक्सटाइल इंडस्ट्री को 450 करोड रूपए की सब्सिडी जुलाई तक दी जाएगी। इससे इंडस्ट्री को पुनः खड़े होने में मदद मिलेगी। इसके उपरांत छोटे छोटे उद्यमी को वाजपेयी बैंकेबल योजना से 190 करोड़ की सब्सिडी देने की बात कही गई है।


उद्यमी मयूर गोल वाला ने बताया कि पेंडिंग सब्सिडी रिलीज करने की घोषणा अच्छी है। सरकार की ओर से यह कदम उठाने के कारण विभिन्न को बहुत लाभ होगा इसके अलावा बिजली के एलटी बिजली कनेक्शन वालों कोएलटी बिजली कनेक्शन वालों को और मई महीने में फिक्सड चार्ज में से मुक्ति दी गई है।

नोटिफाइड जीआईडीसी के विलंबित टेक्स्ट के ब्याज पर 50% की सब्सिडी दी गई है। इसके लिए सरकार ने ₹95 करोड़ की घोषणा की है जोकि इंडस्ट्री को राहत देगी।

सचिन के वीवर बोले “नहीं चुकाएँगे 60 दिन का ब्याज ”


सूरत
लॉकडाउन के बाद व्यापार धंधा खुलते ही पेमेन्ट की रामायण शुरू हो गई। रविवार को सूरत कलर- केमिकल मर्चन्टएसोसिशन के सदस्यों की मीटिंग में पेमेन्ट संबधित कई महत्वूपूर्ण फैसले लिए गए। इसके बाद सोमवार को सचिन जीआइडीसी के कपड़ा उधमियों की मीटिंग हुई। इसमें बिते 60 दिनों तक लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप्प होने के कारण इन दिनों का ब्याज नहीं चुकाने का फैसला किया है।


सचिन जीआइडीसी वीवर्स एसोसिएशन के प्रमुख महेन्द्र रामोलिया ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अभी तक कारोबार अच्छे से नहीं शुरू हो सका है और यार्न वाले, जरी वाले सहित तमाम उधमी पेमेन्ट की ड़िमांड कर रहे है। रामोलिया ने बताया कि अन्य राज्यों में काम करने वाले ज्याअभी तक सचिन जीआइडीसी में 2250 यूनिटों में से सिर्फ 350 शुरू हो चुके हैं और अभी पता नहीं कितने दिन लगेंगे।

ऐसे में सोमवार को सचिन जीआइडीसी के वीवर्स ने एक जुट होकर जरी और यार्न के 60 दिनों के बकाया पेमेन्ट का ब्याज नहीं देंने का फ़ैसला किया है। उल्लेखनीय है कि रविवार को सूरत कलर कैमिकल मर्चेंट एसोसिसएशन की मीटिंग हुई थी जिसमें की बाकी पेमेंट के मुद्दे पर चर्चा की गई।फिलहाल यह फैसला लिया गया है कि जो प्रोसेसिंग यूनिट 15 जून तक नहीं करेंगे उन्हें केमिकल देना बंद कर दिया जाएगा।

इसके अलावा व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा 60 दिन का क्रेडिट दिया जाएगा।इससे ज्यादा क्रेडिट नहीं जाएगा। जिन मिलों का पुराने पेमेंट का चेक रिटर्न हो चुका है वह 15 जून तक में पेमेंट पूरा कर दें।जो लोग कई दिनों से पेमेंट नहीं कर रहे है। उनसे एडवांस चेक लिया जाएगा। 60 दिन के लिए क्रेडिट के नए व्यापार नियम से माल की सप्लाई की जाएगी।

सोमवार को दुकान खोलने से पहले सारे नियम पढ लो भाई जी, कहीं..


सूरत
रिंगरोड के ज्यादातर कपड़ा मार्केट सोमवार से खुल जाएंगे। दो महीने से ज्यादा समय के बाद कपड़ा मार्केट खुलने के कारण व्यापारियों के साथ कपडा व्यापार से जुड़े तमाम लोगों में उत्साह है। हालाकि इसके साथ ही व्यापारियों को कोरोना का संक्रमण नहीं फैले इसकी सावधानी खुद ही उठानी पड़ेगी।

good क्योंकि भले ही व्यापार शुरू हो रहा है, लेकिन कोरोना समाप्त नहीं हुआ है। अर्थतंत्र चलाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से कई छूटछाट जरूर दी जा रही है, लेकिन अब व्यापारियों को सावधान रहना होगा। यदि नियम का उल्लंघन होने पर मनपा और पुलिस प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।


फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि सोमवार से लिंबायत और सेन्ट्रल जोन के ज्यादातर माक्रेट खुल जाएंगे। हालाकि कोरोना का प्रसार नहीं फैले इसलिए हम सब को जिम्मेदारी उठानी होगी और मनपा की ओर से सुझाए गए तमाम नियमों का पालन करना होगा। 

फोस्टा ने व्सापारियों को सुझाए नियम
मार्केट खोलने का समय सुबह 09:00 बजे से दोपहर04:00 बजे तक रहेगा।
-मार्केट की दुकाने ODD/EVEN नियम से ही खोलना है।
-मार्केट से पार्सल ट्रांसपोर्ट में भिजवा सकते है| किसी भी तरफ के ग्रे एवं मिल से माल का आना-जाना बंद रहेगा |
-मार्केट में सफाई और सेनेटाइजर की व्यवस्था रखनी होगी। 
कन्टेनमेंट जोन के व्यापारी या कर्मचारी को मार्केट में प्रवेश नहीं मिलेगा ।
-सभी व्यापारिभाइयो को मास्क लगाना एवं सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है। बिना मास्क मार्केट में प्रवेश वर्जित रहेगा।

-थर्मल गन से व्यापारियों के टेम्परेचर चेक करे तथा नार्मल होने पर ही मार्केट में प्रवेश दिलावे|
-मार्केट में आने वाले व्यापारी/स्टाफ /कर्मचारी का डेटा रखना आवश्यक है।
-मार्केट में एक सप्ताह के लिए केन्टीन नहीं खुलेंगी, बाहरी खाध्य पदार्थो का निषेध करे ।
-सभी कपड़ा मार्केट में गेट पर सेनेटाइजर की व्यवस्था रखनी होगी, साथ ही मार्केट परिसर एवं दुकान में २ मीटर  सामाजिक दुरी का सख्ती का पालन करना आवश्यक है।
कपड़ा मार्केट में गुटखा,पान-मसाला खाना या बीड़ी-सिगरेट पीना वर्जित रहेगा।  पकडे जाने पर दंड का प्रावधान रहेगा।  जो सम्बंधित मार्केट द्वारा वसूल किया जायेगा।
-मार्केट में 10 वर्ष से कम एवं 65 वर्ष से अधिक व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा।

विशेष:-
-उपरोक्त सभी नियम दिनांक 01-06-2020 से 08-06-2020 तक लागु रहेंगे|
-दिनांक 01-06-2020 से 08-06-2020 तक के पालना की सूरत महानगरपालिका कमिश्नरश्री द्वारा समीक्षा कर आगे की सुचना दी जायेगी|
-यदि कोई मार्केट इन नियमो की पालना की अवेलना करता है और उसका मार्केट बंद होता है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं मार्केट प्रबधक की रहेगी |

कपडा मार्कट खोलने के बारे में क्या कहा मनपा कमिश्नर ने!


सूरत
शहर के कपड़ा मार्केट और डायमंड मार्केट को खोलने को लेकर बुधवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स में मनपा कमिश्नर के साथ आयोजित मीटिंग में मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने कहा कि टेक्सटाइल मार्केट और डायमंड मार्केट सूरत के सेंट्रल और लिंबायत जोन में है लिंबायत जॉन कोरोना के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील है।


वहां पर कोरोना का संक्रमण लगने की संभावना सबसे अधिक है। भविष्य में प्रशासन को वहां पर ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। इसलिए पॉजिटिव केस वाले क्षेत्रों की फिर से विजिट कर वहां पर एक्यूट रेस्पिरेक्टरी इंफेक्शन के केस नहीं मिल रहे हो तो कंटेनमेंट एरिया के लिए विचार किया जाएगा।

फिलहाल पालिका मीटिंग कर कंटेंटमेंट एरिया को भविष्य में किस किस तरह खोला जाएगा इस पर प्लानिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि चेंबर अथवा अन्य संस्थाएं वाहन की व्यवस्था करेंगे तो महानगरपालिका उन्हें खोलने के लिए निशुल्क सोडियम हाइपोक्लोराइड देगा। उन्होंने कहा कि सूरत में 80% लोग बिना लक्षण के हैं महापालिका, पोलिस, डॉक्टर और कलेक्टर ऑफिस के कर्मचारी भी संक्रमित हुए हैं।

सूरत में सिविल हॉस्पिटल के अलावा अन्य कोई व्यवस्था नहीं है। निजी अस्पतालों को अभी नहीं शामिल किया गया है। भविष्य में परिस्थिति देखकर निर्णय लिया जाएगा। कमिश्नर ने कहा कि फिलहाल रिवर्स माइग्रेशन भी शुरू हुआ है। राजस्थान और सौराष्ट्र के लोग सूरत में वापस आ रहे हैं। सूरत की इकोनामी शुरू होगी। इससे पहले प्रोटोकॉल तय किए जाएंगे।

लोगों को संक्रमण नही लगे इसलिए वर्कप्लेस पर क्या ख्याल रखना है। इसलिए महानगरपालिका ने निर्देश जारी किए हैं। कमिश्नर ने कहा कि चीन,साउथ अफ्रीका,सिंगापुर जैसे कई देशों ने लॉकडाउन में राहत देने के बाद फिर से लोग डाउन लागू किया है। कोरोना की भले कोई दवाई अभी तक नहीं उपलब्ध है। लेकिन इंडस्ट्री शुरू करने के बाद आर्थिक दिक्कत जरूर दूर की जा सकती है। लोगों को भोजन मिले इसलिए इंडस्ट्री शुरू करना पड़ेगा।इंडस्ट्री शुरू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही हैं।

राज्य सरकार ने इंडस्ट्री शुरू करने के लिए छूट दी है लेकिन, हमें कई सावधानियां बरतनी होगी। मास्क पहनना होगा ,सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा इत्यादि कई चीजें ध्यान में रखनी होगी। चेंबर के प्रमुख केतन देसाई ने कहा कि शहर में 2500000 श्रमिक हैं। पिछले 2 महीने से व्यापार उद्योग बंद होने के कारण वह लाचार हो गए हैं।

इसलिए कपड़ा मार्केट और हीरा मार्केट के अलावा रिटेल ज्वेलरी शो रूम शुरू करने के लिए मनपा कमिश्नर से आग्रह किया।इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने तथा इंडस्ट्री को सैनिटाइजेशन के लिए मदद करने के लिए भी आग्रह किया।

कुर्ती, ड्रेस और साडी के मैचिंग का मॉस्क बनाने लगे उद्यमी


सूरत
किसी भी समस्या को अवसर में बदल लेने की क्षमता वाले सूरत के कपड़ा उधमियों ने कोरोना की मुसीबत में भी व्यापार की संभावना ढूंढ निकाली है। सूरत के कपड़ा उधमी अब साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स के मैचिंग का मास्क बना रहे है।

कपड़ा बाजार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के कारण सूरत का कपड़ा उधोग दो महीने से बंद है। व्यापार उधोग बिल्कुल बंद होने से सूरत के कपड़ा उधमियों ने करोड़ो का नुकसान उठाया।

हमेंशा से कपड़े की दुनिया में क्रिएशन करने वाले सूरत के कपड़ा उधमियों ने अब कोरोना की चुनौती भी अवसर में बदल दिया है। एक ओर जहां सूरत के कपड़ा उधमियों ने पीपीई किट का उत्पादन शुरू कर दिया है वहीं अब वह साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स की मैचिंग का मास्क बना रहे है।


कपड़ा उधमियों का कहना है कि जिस तरह से कोरोना फैल रहा है वह आने वाले दिनों में भी नजदीकी भविष्य में हमारे बीच से जाए ऐसा नहीं लगता। इसलिए मास्क जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। ऐसे में महिलाओं के लिए यदि साड़ी, ड्रेस के मैचिंग का मास्क बनाया जाए तो फैशन भी बना रहेगा और जरूरत भी पूरी होगी। यह सोचकर उत्पादन करने की दिशा में कदम रखा है।

कपड़ा उद्यमी विकास पचेरीवाल ने बताया कि वालों ने बताया कि उन्होंने कुर्ती और ड्रेस तथा साड़ी के मैचिंग के अनुसार मास्क का उत्पादन शुरू किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के ख़िलाफ़ हमें लड़ाई जारी रखनी होगी। कोरोना हमारे बीच आ चुका हैँ इसलिए अपनी जरुरूतें पूरी करने के साथ इससे बचते रहना भी आवश्यक है।

कोरोना हमारे बीच इस तरह जुड़ गया है कि यह कब जाएगा कोई नहीं बता पा रहा। ऐसे में लोगों को इसके साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी परिस्थिति को देखते हुए हमने आप कुर्ती, ड्रेस, साड़ी के मैचिंग के अनुसार ही मांस भी बनाना शुरू किया है।


यह मास्क कॉटन कपड़ों के बने हैं इसके अलावा पहनने में भी कंफर्टेबल है, धोने योग्य है, चमड़ी को नुक़सान नहीं करे ऐसा है, श्वास लेने मे भी सुलभ है। इसमें सभी लोगों को कंफर्टेबल हो इसका इसका ख्याल रखा गया है। आने वाले दिनों में मैचिंग वाले मांस कुर्ती तथा ड्रेस शादी की अच्छी डिमांड रहने की उम्मीद है उन्होंने कहा कि उनके प्रोडक्ट पर उपलब्ध है। उनकी प्रोडक्टWWW.RAISINGLOBAL.COM पर उपलब्ध है।

सूरत में अलग-अलग क्षेत्रों में शूरू हो गई 7000 लूम्स मशीनें !!!


सूरत
लॉकडाउन के कारण दो महीने से बंद शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के लूम्स खाने शुरू होने लगे हैं। अब तक सूरत के कुल क्षेत्रों में मिलाकर 7000 से अधिक लूम्स मशीनें शुरू हो जाने की जानकारी सामने आ रही है।


मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन-4 में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने लूम्स कारखानों में 50% श्रमिको के साथ तथा साथ क्वॉरेंटाइन क्षेत्र से दूरी के क्षेत्रों में लांच कारखाने शुरू करने की छूट दी है। इसके बाद शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में लूम संचालकों ने कलेक्टर से मंजूरी लेने के बाद कारखाना शुरू कर दिए हैं। सबसे पहले सचिन जीआईडीसी में लूम्स कारखाना शुरू हुए थे। इसके बाद अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में कपड़ा उद्यमियों ने लूम्स कारखाने शुरू किए। धीरे-धीरे कई क्षेत्रों में लूम्स यूनिट शुरू हो रहे है।

सचिन और अंजनि इंडस्ट्रियल एस्टेट के बाद डायमंड नगर, भेस्तान सहित अन्य कुछ क्षेत्रों में कारखाने शुरू होने की जानकारी सामने आ रही है।हालांकि श्रमिकों के पलायन हो जाने के कारण कारखानों में मात्र 50% ही श्रमिक आ रहे हैं।कई कारखानों में सिर्फ कुछ घंटों तक ही काम चल रहा हैं।

अभी सुबह 8: 00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे तक कारखाने चलाए जा रहे हैं।अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट के विजय मांगूकिया ने कहा कि अंजनी इंडस्ट्रियल स्टेट में फिलहाल 60 यूनिट शुरू किए गए हैं। इसमें 7000 से अधिक मशीनें हैं।

कारखाना शुरू हो गए है लेकिन श्रमिक वतन चले जाने से से कारख़ानों में श्रमिकों की भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।हालांकि धीरे-धीरे कारखाना शुरू होने के बाद आ जाएंगे और यह समस्या समाप्त हो जाएगी ऐसी उम्मीद उन्होंने व्यक्त की।