कहते हैं कि एक बार गलती हो जाए तो जिंदगी भर के लिए पछताना पड़ता है। जवानी में की गलती बुढापे तक परेशान करती है। ऐसी ही एक घटना गुजरात के धोराजी से सामने आ रही है।धोराजी के सुपेडी गांव से 30 साल पहले किशोरी को भगा जाने के मामले में धीरुभाई पोला भाई सोवसिया नाम के शख्स के खिलाफ राजकोट पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने धीरुभाई को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी धीरू घर के खेत में मजदूरी करने वाले परिवार की लडकी भगा ले गए थे। धीरूभाई उनके घर के करीब रहता था। उस समय उनकी उम्र 40 साल की थी और और तीन बच्चों के पिता थे। लड़की की उम्र 17 साल की थी। लड़की को लेकर सूरत वह आए और उसे भी गर्भवती बना दिया। 2 बच्चों के जन्म के बाद महिला दूसरी जगह रहने चली गई। दूसरी ओर उसके परिवार वालों ने अपनी बेटी के गुम होने की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच कर रही थी। आरोपी इस दौरान हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सूरत आदि घूमकर नौकरी करता था।
इस दौरान इस मामले की जांच एन्टि ह्यूमन ट्रैफिक सेल के पीएसआई सी.एस बाछानी के पास आने पर उन्होंने एएसआई जगत तरैया को इस मामले की जांच दी थी। जांच में पता चला कि आरोपी धीरू इन दिनों कोटड़ासंगानी के बिलिश्वर मंदिर के पास झोपड़ी में रहता है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया अब 69 साल का हो चुका है। उसने बताया कि पांच साल बाद ही उसने किशोरी को कामरेज से सूरत की बस में बैठा दिया और दोनो लडके ले लिए थे। जिनकी बिमारी के कारण मौत हो गई। पुलिस ने मामले की सत्यता जांचने के लिए धीरू का रिमान्ड लिया है।
सूरत के कपड़ा उद्यमियों के लिए अच्छी ख़बर हैं। अपना उद्यमियों को अपना ग्रे बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने की ज़रूरत नहीं है। सरकार ने इसकी व्यवस्था भी कर दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए कपड़ा आयुक्त रूप राशी ने कहा कि वस्त्र मंत्रालय द्वारा विवर्स को अपने ग्रे को बेचने में मदद के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है।
इसके लिए विवर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और अपने माल का विवरण अपलोड करना होगा। जिसके जरिए वे अपने सामान के लिए भी आसानी से खरीदार ढूंढ पाएंगे। चैंबर के प्रतिनिधियों ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में सूरत में कपड़ा उद्यमियों के प्रोडक्ट की एक प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए उनके साथ चर्चा की।
टैक्सटाइल कमिश्नर ने कहा कि सूरत में कपड़ा क्लस्टर का निरीक्षण करने के लिए दो दिन का दौरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूरत भारत का एकमात्र कपड़ा क्लस्टर है जहां कि लॉकडाउन के दौरान अपने कारीगरों का अच्छा ख्याल रखा गया था। साथ ही चैंबर के प्रतिनिधियों के समक्ष सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों के प्रदर्शन की सराहना की।
कपड़ा आयुक्त ने वॉटरजेट इन्डस्ट्री के समक्ष
प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों के तहत आने वाली समस्या के बारे मे कहा कि विविंग उद्योगों में से निकलने वाले पानी को सरकार मान्य प्रयोगशाला में परीक्षण करने के बाद कपड़ा आयुक्त को एक रिपोर्ट भेंजे। उसके अध्ययन के बाद कपड़ा आयुक्त कार्यालय द्वारा गुजरात सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे।
चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने टफ सब्सिडी सहित कई मुद्दों को हल करने की मांग की
सेमी ओटोमेटिक मशीनों को पावर टैक्स योजना के तहत सब्सिडी वाली मशीनरी की सूची से बाहर कर दिया गया है। इसे फिर से शामिल कर दिया जाए।
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसियेशन तथा कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स सहित अन्य संस्थाओं के प्रयास से कपड़ा व्यापारियों के लिए थोड़ी सरलता हुई है।
फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि बीते दिनों केन्द्रीय मंत्रियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद जो लोग मैन्युफ़ैक्चरर ट्रेडर्स हैं उन्हें भी एमएसएमई में शामिल किया गया है। इसके चलते अब कपड़ा व्यापारी भी केन्द्र सरकार की योजना का लाभ पाएंगे और ECL के तहत लोन पा सकेंगे।
एमर्जेन्सी क्रेडिट लाइन (ECL) - टेक्सटाइल सेक्टर
1) ECL क्या है?
ECL एक स्पेशल लोन है जो मौजूदा लोन पे मिलता हैI जिसकी 100% गारंटी नेशनल क्रैडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी(NCGTC) देगी।ECL मे जो आपका कुल बकाया लोन था 29-02-2020 को , उसका अधिक्तम 20% तक लोन मिल सकता हैं।
2) ECL कौन कौन ले सकता हैं?
कोइ भी एमएसएमई(MSME) उधारकर्ता जिसका बकाया ऋण Rs.25 करोड़ से कम है 29.02.2020 को और जिसका वार्षिक टर्नओवर F.Y.2019-20 का Rs.100 करोड़ से कम है उनको इसका लाभ मिलेगा। किंतु जो भी एमएसएमई उधारकर्ता NPA हो गए हो 29.02.2020 को, उनको ये योजना का लाभ नही मिलेगा। और जो भी लोन इंडिविजुअल क्षमता में दिए गए होंगे उसके लोन पे ECL नही मिलेगा, प्रोप्राइटर में लिया होगा तो मिल जायेगा।
3) ECL में कितना लोन मिल सकता है?
जितना लोन बकाया था 29-02-2020 को, उसका अधिक्तम 20% मिल सकता है और25croreके ऊपर के लोन वालो को ECL नही मिलेगा, इसलिए अधिक्तम 5crore(20crore का 20%) का ऋण मिल सकता है ECL में।
4) इसका एप्लीकेशन कैसे करे?
हर बैंक की एप्लीकेशन फॉर्मेट अलग है। आप मैनेजर का संपर्क करे और उनको एप्लीकेशन लेटर के साथ एक लेटर में पेमेंट कीआवश्यकता बताएं।
5)ECL मेरे लोन में बढ़ जायेगा या एक नया लोन होगा?
ECL एक नए लोन के तौर पे इसका अकाउंट आपके लोन से अलग रहेगाI
6) इसका एप्लीकेशन कब तक कर सकते है?
इसका एप्लीकेशन आप 31.10.2020 तक कर सकते है, लेकिन NCGTC Rs.3,00,000/- crore की गॅरंटी देगा तो जैसे ही ये राशि रिलीज़ होजा ये गा तो ये स्कीम बंद हो जाएगी। इसलिए अगर आपको पैसे की आवश्यकता है तो एप्लीकेशन जल्द ही करे।
7) ये लोन कितने समय का रहेगा?
ECL लोन अधिकतम 4 साल का हो सकता है, और बैंक आपको एक साल तक का मोरेटोरयम दे सकता हेI यानी अगर आपकी बैंक ने एक साल का मोरेटोरयम दिया है तो आपको 3 साल (36 EMI) में लोन चुकाना होगा। लेकिन मोरेटोरयम के दौरान ब्याज भरनारहेगा।यदि आप लोन जल्दी बंद करना चाहे तो उसपे कोईप्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं लगेगी।
8) इसका ब्याज कितना होगा?
सब बैंक अपना रेट खुद तय करेंगी, स्कीम में रेट की उच्चतम लिमिट दी गयी है, जिसके मुताबिक बैंक 9.25% से ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता है और NBFC 14% से ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता है।
9) क्या इसके लिए मुझे कोई प्रॉपटी देनी है?
इस लोन के लिए आपको कोई प्रॉपटी नहीं देनी है और ना ही कोई गारंटी देनी है।
10) इसके लिए मुझे कोई एप्लीकेशन फी देनी रहेगी ?
इस लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग फी नही देनी है नाही कोई गारंटी फी देनीहै,लेकिन कुछ स्टाम्प पेपर और डॉक्यूमेंट एक्जिक्यूट करने के लिए थोड़ा चार्ज लगेगा।
11) मेरेपासउद्योगआधार (Udhyog Aadhar) नहीं है और नाही MSME मेंरेजिस्टर तो क्या मुझे इसका लाभ मिलेगा?
हाँ, इस योजना का लाभ लेने के आधार (UdhyogAadhar) होना जरुरी नहीं है। आप नीचे दिए शर्तों को पूरा करते होतो आप ECL लोन ले सकते है ।
1)आपका टोटल बकाया लोन 29-02-2020 को Rs. 25 करोड़ या उससे कम है।
2)आपका FY 2019-20 का टर्नओवर Rs. 100 Cr या उससे कम है।
3)आप GST में रेजिस्ट्रेशन है या तो आपको GST नंबर लेनेकी क़ानूनी आवश्यकता नहीं है।
12) मेरी बैंक ने मुझे सिर्फ 10% लोन दिया है जबकि ECL के अन्तर्गत 20% तक मिल सकता है?
बैंक को पूरा 20% देना अनिवार्य नही है। बैंक आपके 29-02-2020 के टोटल बकाया लोन का अधिकतम 20% तक दे सकती है।इसलिए आपको बैंक को समझाना रहेगा कि आपकी इमरजेंसी पेमेंट की जरूरत कितनी है।
13) एक छोटा रिटेल का व्यापारी हूं क्या मुझे ECL लोन में मिलेगा?
अगर आप ऊपर दिए गए बिंदु नंबर 11 की शर्तें पूरी करते है तो आपको यह लोन मिल सकता है भले ही आप रिटेल व्यापारी क्यों न हो।
14) मैंने लौकडाउन के पहले ही लोन लिया था, क्या मुझे ECL मिलेगा?
आपका जो टोटल बकाया लोन था 29-02-2020 को,उसपे ECL मिलेगा फिर भले आपने जनवरी में ही लोन क्यों न लिया हो।
15)मैंने बिजनेस लोन(Unsecured Business Loan)लिया था अपनी कंपनी के नाम पे, क्या मुझे ECL मिलेगा?
हाँ, जितना बिजनेस लोन बकाया था 29-02-2020 को, उसका अधिक्तम 20% लोन मिल सकता है।
16)मुझे MSME में रेजिस्ट्रेशन करना है, तो मुझे किस कोड में रेजिस्ट्रेशन लेना रहेगा?
रेडीमेड गारमेंट जैसे कि ड्रेस के लिए 14101 में लेना है और दूसरी टेक्स्टायल मैन्युफ़ैक्चरिंग जैसे किसाड़ी के लिए 13999 में लेना हैं।
सीए ध्रुव मरडिया ने बताया कि सूरत के कपड़ा व्यापारी वैल्यूएडिशन का काम करते है। इस अनुसार अब वह एमएसएमई की व्याख्या में है। उन्हें एमएसएमई का लाभ मिलेगा। सरकार 1 जुलाई से एमएसएमई के नए नियम जारी करेगी।
लॉकडाउन के बाद अनलॉक-१ में कपड़ा कारोबार फिर से धीरे-धीरे शुरू होने लगा है। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में लून्स कारखाने और डाइंग प्रोसेसिंग में काम शुरू होने लगे है लेकिन, उनको जॉबवर्क नहीं मिलने के कारण परेशान हो गए है। परिस्थिति नहीं सुधरी तो जो यूनिट शुरू हुए हैं उनमे से कुछ बंद होने की संभावना बताई जा रही है।
सूरत शहर में और जिले में कुल मिलाकर 350 डाइंग एंड प्रोसेसिंग यूनिट में से फ़िलहाल 70 यूनिट शुरू हुए थे। इनमें से 20 बंद हो चुके है। राज्यों में अभी रिटेल मार्केट नहीं शुरु होने के कारण कपड़ा व्यापारियों को बहुत कम आर्डर मिल रहे हैं। जिसके चलते प्रोसेसिंग यूनिट में जॉब वर्क का अभाव है।
प्रोसेसर का कहना है कि यदि अभी कारखाने चालू रखा जाए तो कम जॉबवर्क के कारण उत्पादन शुल्क ज्यादा लगेगा और प्रोसेससर को नुकसान भी होगा। इसलिए वह अभी उत्पादन नहीं करना चाहते।अनलॉक बंद के दौरान शुरू हुई 70 यूनिटों में से डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट फिर बंद हो गई है। और कई की हालत ख़राब है। इन सब की हालत देखकर जो यूनिट संचालक 1 जुलाई से यूनिट शुरू करना चाह रहे थे वह भी डर गए है।
साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि लॉकडाउन डाउन के बाद कारखाने शुरू हुए हैं लेकिन अभी भी परिस्थिति अच्छी नहीं है।
कारीगरों को ज्यादा पगार देना पड़ रहा है। कई यूनिटों में तो प्रतिदिन वेतन चुकाया जा रहा है। दूसरी तरफ अगर केमिकल कि व्यापारियों को तुरंत ही पेमेंट देना पड़ रहा है।
ऐसी परिस्थिति में यदि जल्दी परिवर्तन नहीं आया तो आने वाले दिनों में मुसीबत बढ़ सकती है। डीज़ल की बढ़ी क़ीमतों से सब कुछ महँगा हो जाएगा। फ़िलहाल 20 यूनिट बंद हो चुके है।
राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को एमएसएमई सेक्टर के लिए बहुत बड़ी राहत दी गई। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात में 13000 एमएसएमई के लिए 1370 करोड़ रूपए की सब्सिडी आवंटित की है। इसमें से 50 फ़ीसदी से ज्यादा एमएसएमई यूनिट सूरत में है। सूरत में 6615 एमएसएमई को 294 करोड रुपए की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी मिलने के कारण सूरत के उद्योगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
सब्सिडी का सबसे अधिक लाभ टेक्सटाइल सेक्टर को मिलेगा। चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी गत रोज आयोजित सब्सिडी के कार्यक्रम में उपस्थित रहे। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शुक्रवार को 13000 एमएसएमई के लिए जो सब्सिडी दी है उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ दक्षिण गुजरात के यूनिटों को मिलेगा। सूरत में 6615 एमएसएमई इकाइयों को ब्याज एवं कैपिटल सब्सिडी मिलाकर ₹294 का फंड मिलेगा।
सूरत में चेंबर ऑफ कॉमर्स फेडरेशन ऑफ गुजरात विवर्स वेलफेयर एसोसिएशन, साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने सरकार से कैपिटल सब्सिडी एवं इंटरेस्ट सब्सिडी की रकम देने की मांग की थी। जिसके चलते सरकार ने उनकी बातें मानते हुए यह सब्सिडी रिलीज कर दी।
माना जा रहा है कि सब्सिडी रिलीज होने के कारण लॉकडाउन के दौरान व्यापार उद्योग बंद रहने से परेशान उद्यमियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। कई उद्यमी जो कि कार्यशील पूंजी के अभाव में परेशान हो गए हैं। उन्हें कार्यशील पूंजी के लिए भी अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतू मखारिया ने बताया कि लॉक डाउन के बाद अभी तक व्यापार उद्योग अच्छे से शुरू नहीं हो पाया है।
व्यापारियों के पास से पेमेंट नहीं मिलने के कारण प्रोसेसर के पास जॉब कार्यशील पूंजी की कमी आ गई है।ऐसे में सरकार की ओर से मिली हुई राहत बहुत बड़ी मदद साबित होगी।
उल्लेखनीय है कि 294 करोड रुपए सूरत और दक्षिण गुजरात के उद्यमियों को मिलने के बाद बाजार में या लिक्विडिटी जब आएगी तो उद्यमियों का आर्थिक संकट को खत्म होगा साथ ही बाजार में भी थोड़ी तरलता पड़ेगी सूरत का कपड़ा उद्योग भले शुरू हो गया है लेकिन अभी अन्य राज्यों से आर्डर नहीं मिलने के कारण और अन्य राज्यों के व्यापारी अभी सूरत नहीं आ पा रहे हैं।
ऐसे में व्यापार शुरू होने के बाद भी जितना होना चाहिए उतना लाभ नहीं हो पा रहा है। ऐसे में व्यापारी और कपड़ा से जुड़े सभी घटक परेशान हो गए हैं कमियों का कहना है कि अभी व्यापार शुरू होने में कम से कम चार 5 महीने और लग जाएंगे। ऐसे में उन्हें राज्य सरकार और केंद्र सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। हालांकि राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही मदद कर रही हैं आने वाले दिनों में भी कपड़ा उद्यमियों को सरकार से इसी प्रकार की मदद की उम्मीद है।
सूरत के कपड़ा उद्यमी ने बनाया यह कपड़ा यदि अपने दावे पर सच साबित हुआ तो आगामी दिनों में कोरोना से बचने में सरलता होगी। क्योंकि हमेशा कुछ नया करने वाले सूरत के एक कपड़ा उद्यमी ने एंटीवायरस और एंटीबैक्टीरियल कपड़ा बनाया है। जिसे कि पुरुष पैंट, शर्ट और महिलाएं कुर्ती और साड़ियों के जरिए विविध तरह से डिजाइन बनाकर पहन सकती हैं।
यह कपड़ा सूरत के गोकुल फैब्रिक ने बनाया है। गोकुल फैब्रिक के मालिक सुभाष धवन ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जहां दुनिया कोरोना की महामारी से जूझ रही है। अभी तक इसकी दवा नहीं बन सकी है। कोरोना के कारण लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं। बड़ी संख्या में लोग मर चुके हैं। ऐसे में उन्होंने जो फैब्रिक बनाया है। वह लोगों को वायरस से बचा सकता है।
यह कपड़ा एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरस होने के कारण लोगों को संक्रमण का खतरा भी बहुत कम रहेगा। यह कपड़ा गोकुल फैब्रिक में ही स्पिनिंग प्रिंटिंग और प्रोसेसिंग किया गया है। इस कपड़े की कीमत भी सामान्य कपड़ों की अपेक्षा बहुत ज्यादा नहीं है। धवन ने बताया कि इस कपड़े को उन्होंने लोगों की जरूरत को समझते हुए तैयार किया है।सरकार की प्रमाणित लेबर बैटरी में इसे एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरस के तौर पर प्रमाणित किया गया है।
इस कपड़े की बुनाई स्पिनिंग, प्रोसेसिंग, सहित तमाम प्रक्रियाएं गोकुल फैब्रिक में ही हुई हैं इसे गारमेंट के तौर पर महिलाएं साड़ी और ड्रेस में इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा पुरुष पैंट, शर्ट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस कपड़े को 50 बार तक भी तैयार किया इस्तेमाल किया जाए तो भी कपड़ा अपना काम करेगा। इस कपड़े को बनाने में विशेष केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। इसमें कुछ नैनोटेक्नोलॉजी के प्रोडक्ट भी हैं सर्फेस, कोटिंग, स्प्रे कोटिंग पेड एप्लीकेशन या एग्जिट का प्रयोग भी किया गया है।
सूरत
केन्द्र सरकार के इस फ़ैसले के कारण कोरोना के कारण लॉकडाउन में जीएसटी रिटर्न की चिंता करने वाले व्यापारियों को निश्चित तौर पर राहत होगी। सूरत में अंदाज़न 45 हज़ार व्यापारियों को सरकार के इस फ़ैसले से राहत होगी।
केंद्र सरकार ने निल जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाले छोटे कारोबारियों के लिए नई सुविधा शुरू की है. मोबाइल मैसेज के जरिये GST रिटर्न भरने की सुविधा शुरू की है। इस सुविधा से सूरत में 45 हज़ार व्यापारी सहित देशभर में 20 लाख से अधिक छोटे और सीजनेबल कारोबारियों को फायदा होगा।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स करदाता अपने फोन से सिर्फ एसएमएस भेजकर जीएसटी रिटर्न फाइल कर सकेंगे. सरकार ने निल जीएसटी भरने वाले कारोबारियों के लिए ये सुविधा शुरू की है. इस सुविधा के जरिये रिटर्न दाखिल करने के लिए कारोबारियों को 14409 पर मैसेज भेजना होगा. इस सुविधा के शुरू होने से देश के 22 लाख कारोबारियों को फायदा होगा।
सीए राजेश भाऊवाला ने बताया कि यह सरकार की अच्छी पहल है। कई कारोबारी जिनका व्यापार सीजनेबल है उन्हें इसका ज़्यादा लाभ मिलेग।बीते दिनों सूरत में कोरोना होने से लॉकडाउन के कारण 90% कपड़ा और हीरा कारोबारियों का व्यापार बंद था। इस हिसाब से अंदाज़न 45 हज़ार व्यापारी नए ढंग से रिटर्न फ़ाइल कर सकेंगे।
गुजरात बोर्ड के दसवीं के परिणाम घोषित
गुजरात बोर्ड के दसवीं के परिणाम मंगलवार को घोषित हुए।इस बार दसवीं कक्षा के छात्रों का पास होने का दर 60.64 रहा जो कि, पिछले साल की अपेक्षा 6.33% प्रतिशत कम है। इस 1671 छात्रों ने 90% अंक हासिल किए हैं।
नियम के अनुसार बच्चों को पास होने के लिए कम से कम डी-ग्रेड पाना होगा।यदि वह किसी में सी -ग्रेड पाते हैं तो उन्हें फिर से सप्लीमेन्ट्री परीक्षा देनी पड़ेगी।
सप्लीमेंट्री एग्जाम का टाइम टेबल बाद में घोषित किया जाएगा। गुजरात सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड की ओर से कुछ दिनों पहले ही बारहवीं साइंस का परिणाम घोषित किया गया था। उल्लेखनीय है कि इस बार देशभर में कोरोना के चलते दसवीं बोर्ड की कुछ परीक्षाएं बाकी रह गई थी जिसे लेकर छात्र और अभिभावक दोनों असमंजस में थे।
हालाकि बाक़ी की परीक्षाएं नियत समय पर ही ले ली गई थी। बीते साल की अपेक्षा इस साल दसवीं का परिणाम कम आना शिक्षकों और बोर्ड दोनों के लिए चिंताजनक है। दसवीं कक्षा के विद्यार्थी अपना परिणाम डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट जीएसईबी डॉट ओआरजी पर देख सकते हैं। बारहवीं कक्षा के कॉमर्स और आर्ट्स के परिणाम भी इसी सप्ताह में जारी कर दिए जाएंगे।
देखनी है कि इस साल एवं ग्रेड पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1671 है जो कि पिछले साल 4974 थी a2 ग्रेड पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 23754 है जोकि बीते साल 32375 थी इसी तरह बीते साल नियमित विद्यार्थियों के पास होने का अवसर 66.97% था। जोकि साल घटकर 60.64 प्रतिशत हो गया। शून्य प्रतिशत बच्चे यानि की कोई पास नहीं हो ऐसी स्कूलों की संख्या 63 से बढ़कर 174 पर पहुंच गई।
100% परिणाम लाने वाले स्कूलों की संख्या 366 से घटकर 291 पर पहुंच गई। सूरत जिला का परिणाम सबसे अधिक 74.66 प्रतिशत है, जो कि बीते साल 79 पॉइंट 63% था। बच्चे अपना परिणाम http://www.gseb.org पर देख सकेंगे।
गुजरात सरकार की ओर से कोरोना के दौरान बुरे दौर से गुजर रहे गुजरात के लोगों, किसानों, टेक्सटाइल और एमएसएमई सेक्टर के लिए राज्य सरकार ने 14000 करोड का आत्मनिर्भर पैकेज घोषित किया है। इस पैकेज में कई कई उद्योगों के साथ सूरत के टेक्सटाइल उद्योग के लिए भी छूट दी गई है ।सूरत के टैक्सटाइल इंडस्ट्री ने इसकी सराहना की है।
साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू खारिया ने बताया कि गुजरात सरकार के इस कदम से उद्योगों को बूस्ट मिलेगा। औद्योगिक गतिविधियों को तेज करने के लिए 768 करोड रुपए की कैपिटल और ब्याज सब्सिडी चुकाने को कहा गया है।
गुजरात सरकार की ओर से सूरत और अहमदाबाद टैक्सटाइल इंडस्ट्री को 450 करोड रूपए की सब्सिडी जुलाई तक दी जाएगी। इससे इंडस्ट्री को पुनः खड़े होने में मदद मिलेगी। इसके उपरांत छोटे छोटे उद्यमी को वाजपेयी बैंकेबल योजना से 190 करोड़ की सब्सिडी देने की बात कही गई है।
उद्यमी मयूर गोल वाला ने बताया कि पेंडिंग सब्सिडी रिलीज करने की घोषणा अच्छी है। सरकार की ओर से यह कदम उठाने के कारण विभिन्न को बहुत लाभ होगा इसके अलावा बिजली के एलटी बिजली कनेक्शन वालों कोएलटी बिजली कनेक्शन वालों को और मई महीने में फिक्सड चार्ज में से मुक्ति दी गई है।
नोटिफाइड जीआईडीसी के विलंबित टेक्स्ट के ब्याज पर 50% की सब्सिडी दी गई है। इसके लिए सरकार ने ₹95 करोड़ की घोषणा की है जोकि इंडस्ट्री को राहत देगी।
सूरत
शहर का आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र रिंगरोड पर कपड़ा बाज़ार में मनपा की ओर से गई सूची के अनुसार कई मार्केट सोमवार से खुल जाएँगे। सेन्ट्ल ज़ोन के कई मार्केट को लेकर अभी इंतज़ार किया जा रहा है।सेन्ट्रल ज़ोन की मार्केट के सिलसिले में शनिवार दोपहर फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल महानगरपालिका आयुक्त से भी मिला।
फोस्टा प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को लिंबायत जोन में मनपाअधिकारी के साथ मिला। मीटिंग में लिंबायत जोन में शामिल 61 कपड़ा बाजार के टैक्सटाइल मार्केट सशर्त खोलने की अनुमति गई। जबकि सेन्ट्रल ज़ोन की मार्केट पर फ़ैसला नहीं हुआ है। इस कारण फोस्टा के पदाधिकारी शनिवार को मनपा के अधिकारियों से मिले और सेन्ट्ल ज़ोन की मार्केट के लिए गुहार लगाई।
साथ ही शुक्रवार को लिंबायत जोन द्वारा दी गई सूची में जो टैक्सटाइल मार्केट शामिल नहीं है, उनके आसपास लोगों के घर है। इसलिए फिलहाल उन्हें खोलने की इजाजत नहीं है। इस पर प्रतिनिधिमंडल की ऐसे मार्केट परिसर में पड़े तैयार माल के पार्सल ट्रांसपोर्ट में भेजने की बात मनपा आयुक्त ने मान ली।
शनिवार दोपहर मनपा आयुक्त से मुलाकात के बाद फोस्टा अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि सोमवार से रिंगरोड़ कपड़ा बाजार का आधा हिस्सा सुबह 9 से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा और कोविड-19 के नियमों के तहत ऑड-ईवन आधारित होगा।
कई मार्केट ने की सेनेटाइजेशन की व्यवस्था
कोरोना के चलते मनपा ने जारी की गाइडलाइन के अनुसार ज़्यादातर मार्केट ने सेनेटाइजेशन करवा लिया है। रविवार को भी कई मार्केट में सेनेटाइजेशन का काम जारी है।
गुडलक टैक्सटाइल मार्केट एसोसिएशन ने सोमवार से खुल रहे कपड़ा बाजार में व्यापारियों व अन्य लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य सेनेटाइज केबिन समेत अन्य व्यवस्थाएं की है। मार्केट परिसर में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्ति पहले थर्मल गन से स्केनिंग होंगे और बाद में ऑटोमेटिक हैंडवॉशर मशीन से हाथ धोएंगे। इसके बाद उन्हें अनिवार्य रूप से सेनेटाइज केबिन से होकर गुजरना पड़ेगा
बंद मार्केटो को खोलने के लिए लगाई गुहार
सूरत महानगर पालिका के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को फोस्टा की मीटिंग में लिंबायत जॉन ने 61 मार्केट को खोलने के लिए कई शर्तों के साथ इजाजत दी गई थी।
देर शाम को इन मार्केट की सूची भी जारी कर दी गई थी। जबकि सेंट्रल जोन की ओर से कोई सूची नहीं जारी करने के कारण उस क्षेत्र के व्यापारियों में चिंता का माहौल था। इस सिलसिले में फेडरेशन ऑफ शनिवार को से मिले और रिंग रोड के बेगम बाड़ी बेगम बाड़ी क्षेत्रों की मार्केट खोलने के लिए गुहार लगाई।
फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि बेगम बाड़ी मोटी बेगम बाड़ी में जो दुकाने हैं उसे खोलने के लिए मनपा कमिश्नर को आग्रह किया गया। मनपा कमिश्नर ने आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। इसलिए सभी मार्केट एसोसिएशन अपनी मार्केट में साफ-सफाई एवं सैनिटाइजेशन कर सरकारी गाइडलाइन का पालन करने की व्यवस्था करें।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के मार्केट बंद हो जाने से कोर्ट व्यापारियों को बड़ी निराशा मिली थी। उनका कहना था कि कई मार्केट ऐसी हैं जिनका की मेन गेट रिंग रोड पर खुलता है। और उस क्षेत्र में कोई निवासी भी नहीं है। इसलिए उनकी मार्केट को खोल देना चाहिए। मार्केट खोलने के लिए कई आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं
बोथरा ने बताया कि मार्केट खोलने का समय सुबह 9:00 बजे से दोपहर 4:00 बजे तक होगा मार्केट की दुकानें ऑड- ईवन के नियम से खुलेंगे। कंटेनमेंट ज़ोन से आनेवाले श्रमिकों और व्यापारियों से आधार कार्ड की कॉपी लेना अनिवार्य होगा।
फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि हमने आश्वासन दिलाया की व्यापारी मनपा की से दिए निर्देश मानेंगे। जो मार्केट नॉन कंटेनमेंट ज़ोन में है और निवासी क्षेत्र में है उनका कंटेनमेंट ज़ोन वाला गेट नहीं खोलेगें। व्यापारी दूसरे गेट से आएँगें।इन बातों पर हमें मनपा की ओर से आश्वासन मिला है।
सूरत
कपड़ा बाजार में व्यापारियों के लिए अच्छे संकेत मिलने लगे हैं। एक ओर जहां कपड़ा मार्केट खुलने की उम्मीद नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के व्यापारियों की ओर से सूरत की व्यापारियों को फ़ोन पर ऑर्डर भी मिलना शुरू हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत कपड़ा बाजार में लॉकडाउन के कारण बीते दो महीने से कारोबार ठप हो गया था।लॉकडाउन और में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने व्यापार उद्योग शुरू करने की कुछ छोड़ छाड़ दी है।ऐसे में सूरत का कपड़ा बाजार भी जल्दी खुलने की संभावना है। दूसरे राज्यों में कहीं-कहीं कपड़ा बाजार खुल गया है। कुछ-कुछ मंडिया खुल जाने से वहां के व्यापारियों ने कारोबार शुरू कर दिया है। इसके चलते अब वह गर्मी और आगामी सीजने के कपड़े की डिमांड कर रहे हैं।
कई राज्यों से ठंडी के कपड़ों के लिए अभी से आर्डर सूरत के व्यापारियों को मिलने शुरू हो गए हैं। जैसे कि जम्मू-कश्मीर के व्यापारी ठंडी के सीजन के कपड़ों के आर्डर अभी ही दे देते हैं जो कि उनको 2 महीने के बाद तैयार होकर सूरत से डिलीवरी किए जाते हैं। फिलहाल सूरत का कपड़ा बाजार बंद है। लेकिन यहां पर कपड़ा बाजार शुरू करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई।
इसके चलते अन्य राज्यों के व्यापारियों ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में कोरोना के चलते परिस्थिति खराब है, लेकिन कई शहरों में कोरोना की परिस्थिति नियंत्रण में होने से वहां छोटी-छोटी मंडियां शुरू करने की इजाजत दी गई है। वहां के व्यापारियों ने कुछ डिस्काउंट के साथ कारोबार खोल दिए हैं। फिलहाल तो वह बीते दिनों बेचने गए माल की बिक्री कर रहे हैं लेकिन, उन्हें आगामी दिनों के लिए ठंडी के कपड़े तथा दिवाली के कपड़ों की जरूरत है वह उसके लिए तैयारी में जुट गया हैं।
फोस्टा के राजेश अग्रवाल ने बताया कि जम्मू कश्मीर और दिल्ली के व्यापारियों से फोन पर ऑर्डर मिलना शुरू हो गए हैं। फ़िलहाल कॉटन कपड़ों की माँग हो रही है! साथ ही जम्मू कश्मीर में ठंडी के सीजन में पश्मिना आदि कपड़ों की डिमांड रहती है इसके चलते व्यापारियों ने ऑर्डर बुक करा दिए हैं। यदि आर्डर कंपलीट हो जाते हैं तो आने वाले दिनों में फिर से नए ऑर्डर बुक होंगे। उल्लेखनीय है कि सूरत में सचिन, पांडेसरा, अंजनी इंडस्ट्रियल स्टेट सहित कई क्षेत्रों में कारखाने शुरू हो गए हैं।
इसी तरह डाइंग यूनिट भी शुरू हो चुके हैं। जो कि 1 तारीख तक संपूर्ण रूप से खुलने की उम्मीद है। धीरे-धीरे कपड़ा व्यापार खोलने की कगार पर है ऐसे में अब कोरोना के कारण व्यापारियों को ज्यादातर डिजिटल व्यापार को ही सहारा बनाना पड़ेगा।