आज के समय में मोबाईल का उपयोग लोगों के जीवन का एक हिस्सा बन गया है। काम के बाद थोड़ी सी फ़ुरसत मिलते ही आदमी का हाथ मोबाइल पर जाता है। कई बार लोग राह चलते भी मोबाईल का उपयोग करते है। कई मामलों में रेल्वे ट्रेक पर ईयर फ़ोन डालकर चलने के कारण ट्रेन से कट मौत हो गई। लोग मोबाईल के उपयोग के कारण काम पर भी ध्यान नहीं दे पाते।
सूरत में बढ़ते ट्रैफिक को सुचारू ढंग से निपटाने के लिए और ट्रैफ़िक ब्रिगेड की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए पुलिस कमिश्नर ने बड़ा फ़ैसला किया है। सूरत शहर में कई क्षेत्रों में ट्रैफिक समस्या रोज की हो गई है। सबेरे शाम पीक समय पर कई जगह ट्रैफिक जाम नजर आता है। साथ ही हाल में दोपहर तीन बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। जिससे सूरत शहर में यातायात की समस्या उत्पन्न हो गई। इसके अलावा टीआरबी जवान और एल.आर. मोबाइल में व्यस्त रहने की शिकायत मिली थी।
पुलिस कमिश्नर ने सूचना दी है कि ट्रैफिक प्वॉइंट पर ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपना मोबाइल अपने पास नहीं रख पाएगा। ड्यूटी पर कार्यरत जवान अपना मोबाइल इंचार्ज को देना होगा। एसीपी ट्रैफिक अशोक चौहान ने बताया कि सूरत के पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने यह निर्देश दिया है।
सभी बिंदु प्रभारियों को अपने प्वाइंट पर सभी पुलिसकर्मियों और टीआरबी जवानों के मोबाइल अपने पास रखना होगा। ड्यूटी की शुरुआत में ही मोबाइल जमा किया जाना है। ड्यूटी अवधि समाप्त होने पर मोबाइल वापस कर दिया जाएगा। यदि किसी के पास मोबाइल है और जमा नहीं किया गया है तो उसका मोबाइल सीपी कार्यालय में रखा जाएगा।
सूरत में फिलहाल कोरोना पर सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। लेकिन शाम को एक साथ हीरा कारखाने और दफ्तर बंद होने पर लोग एक साथ सड़कों पर उतर आते हैं, जिससे कई जगह ट्रैफिक की समस्या हो रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ जगहों पर यातायात नियमन ठीक से नहीं किए जाने की भी शिकायतें मिलीं। जिससे पुलिस कमिश्नर ने आखिरकार इस मामले में यह फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि शहर पुलिस के इस फ़ैसले के कारण कई ट्रैफिक ब्रिगेड के जवानों में निराशा है।