कहते हैं हर चीज़ के दो पहलू होते हैं। किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग नुकशानदायक हो सकता है। कुछ ऐसा ही मोबाईल फ़ोन और लैपटाप का उपयोग करने वालों के लिए भी लागू होता है। फ़ोन और लैपटॉप ने परिवार में कलह डाल दिया है।
सूरत के सैयदपूरा क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम युवक शब्बीर की शादी हीना( बदले नाम) के साथ हुई थी। शादी के बाद यह कपल खुशहाली से जीवन बिता रहे थे। इस दौरान किसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। इससे हीना नाराज हो कर मायके चली गई शब्बीर उसे लेने नहीं गया। हीना ने कुछ दिनों में ही पति के खिलाफ दहेज और उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी।
शब्बीर के परिवार वालों को जमानत पर छुड़ाया गया। तब से इस परिवार के बीच समाधान के प्रयास चल रहे थे। पति ने कहा कि यदि मोबाइल का उपयोग करना बंद कर देगी तभी मैं इसको वापस ले जाऊंगा। इस पूरे विवाद के केंद्र में मोबाइल फोन था। हीना दिन भर अपने मायके वालों से बात करते रहती थी जो कि पति को नापसंद था।
हीना का फोन का लगाव इतना बढ़ गया था कि वह अपने पति को भी समय नहीं दे रही थी। पति की शिकायत से दोनों पक्ष के बुजुर्ग भी दंग हो गए और उन्होंने पति से कहा कि हीना की गलतियों को माफ करके एक बार उसे स्वीकार कर लो। कोर्ट के समक्ष समाधान में हीना ने ससुराल में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने का विश्वास दिलाया।
( फोटो- प्रतीकात्मक है)