सूरत में बुधवार को कोरोना से 35 नए मामले, दो की मौत!


सूरत
सूरत में कोरोना के मरीज़ों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को सूरत में कोरोना के 35 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही कोरोना के कुल पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या 1366 पर पहुँच गई। अभी तक इनमे से बड़ी संख्या में मरीज घर जा चुके हैं जबकि 64 मरीज़ों की मौत हो चुकी है।


सूरत के मनपा कमिश्नर मे बताया कि शहर के लिंबायत और कतारगाम क्षेत्र से अभी भी बड़ी संख्या में कोरोना पॉज़िटिव मामले आ रहे है। शहर में दर्ज 1366 मामलों में से 425 क़रीब के मामले लिंबायत ज़ोन से हैं इसके बाद कतारगाम, वराछा और उधना ज़ोन से भी बड़ी संख्या में मरीज आ रहे है।

सूरत में अभी तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 64 पर पहुँची है। सूरत में 1380 मामलों में से 960 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। सूरत में कोरोना मरीज से ठीक होने वालों का दर 70 प्रतिशत के पास है जो कि पुरे देश में बेहतर होने का दावा मनपा कमिश्नर ने किया।

गुजरात की बात करे तो गुजरात में कोरोना पीड़ित की संख्या 15025 पर पहुँची है। बीते 24 घंटे में 23 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य में आज 410 लोग डिस्चार्ज हुए। गुजरात में अब तक कुल 6547 लोग ठीक हो चुके है।

हाइड्रोक्लोरोक्विन को लेकर डबल्यूएचओ और भारत आमने सामने

कोरोना के रोग में उपयोग में ली जाने वाली दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन को लेकर भारत और वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन आमने-सामने हैं। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशनने 
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अस्थायी तौर पर रोकने का फैसला किया है। 


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि यह दवाई कोरोना के ईलाज में मरीजो के लिए सुरक्षित नही है। इसलिए इस पर रोक लगाया गया है।
बताया जा रहा है कि वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन की ओर से कोरोना के लिए जिन दवाओ पर ट्रायल चल रहा है उनमें से सिर्फ हाइड्रोक्लोरोक्विन पर प्रतिबंध लगाया गया है।


मी़डिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के इस फैसले के खिलाफ भारत ने उसके सभी सूचना को मानने से इनकार किया है। अभी तक वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन पर कोरोना की बिमारी और प्रसरण में कई प्रकार के आरोप लग चुके हैं। भारत मे कोरोना के मरीजो को हाइड्रोक्लोरोक्विन दवा दी जा रही है।

इसके अलावा भारत से कई देशों ने भी हाइड्रोक्लोरोक्विन दवा मंगाई है। भारत से बड़े पैमाने पर इन देशो को यह दवा भेजी जा रही है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन ने भारत की दवा के ट्रायल पर रोक लगाने के निर्णय को लेकर सोशल मीडिया पर वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के खिलाफ कई तरह की बातें चल रही है।

पीपीई किट के उत्पादन में भारत अग्रणी देशों मे शामिल!!


सूरत
मुसीबत को मौके में बदल लेने वाले भारत के उद्यमियों ने कोरोना के समय में भी मुसीबत को एक अवसर के रूप में बदल दिया है।भारत में कोरोना के बाद दो महीने में पीपीई किट का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगा है। दुनिया में पीपीई किट के उत्पादन में भारत अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार देश के कई कोनों में कोरोना के बाद कपड़ा उद्यमियों ने पीपीई किट और मास्क का उत्पादन शुरू कर दिया है। भले ही इन दिनों साड़ी ड्रेस मटेरियल और गारमेंट का उत्पादन बंद है। लेकिन कोरोना बढ़ने से दुनिया भर में पीपीई किट की मांग को देखते हुए कई कपड़ा उद्यमियों में पीपीई किट का उत्पादन करना शुरू कर दिया है।

देश में सूरत मुंबई दिल्ली सहित कई स्थानों पर पीपीई किट का उत्पादन होने लगा है। बताया जा रहा है कि देश में प्रतिदिन साढे चार लाख पीपीई किट का उत्पादन होने लगा है। भारत के उद्यमियों ने कोरोना के बाद पीपीई किट का उत्पादन शुरू किया और अब पीपीई किट और मास्क के उत्पादन में अग्रणी हो गए है। बीते दिनों केन्द्र सरकार ने पीपीई किट बनाने वाले तमाम उद्यमियों की जानकारी भी माँगी थी।

सूरत भी पीपीई और मास्क उत्पादन का बड़ा केन्द्र है। एक अंदाज के अनुसार यहाँ प्रतिदिन एक लाख पीपीई किट और और 200000 मास्क का उत्पादन होता है।पीपीई का उत्पादन करने के पहले संबंधित विभाग से सर्टिफिकेट लेना होता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी तक भारत से आगे सिर्फ चीन ही है।


कपड़ा उद्यमियों का मानना है कि आनेवाले दिनों में पीपीई किट की डिमांड और बढ़ेगी। भारत के उद्यमियों को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।बताया जा रहा है कि भारत में अब 600 से अधिक कंपनियों में प्रतिदिन साढ़े चार लाख किट का उत्पादन होता है।


उल्लेखनीय है कि सूरत में भी पाँच कंपनियों में पीपीई किट का उत्पादन शुरू हो गया है और कई कंपनियों में पीपीई किट उत्पादन के लिए प्रोसेस शुरू की है।
वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी में 18 मई को अपने ट्विटर पर बताया कि भारत में प्रतिदिन साढ़े चार लाख पीपीई किट का उत्पादन होने लगा है।

हीरा कारख़ाने खुलते ही बंद करा दिए गए!! जानिए क्यों?

सूरत

गुरुवार को पहले दिन ही लोग डाउन के बाद कारखाने खोलें लेकिन यहां एक कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद 300 कारखाने बंद करा दिए गए| मिली जानकारी के अनुसार 2 दिन पहले ही मनपा कमिश्नर ने व्यापार उद्योग के संगठनों के प्रमुख से हुई मीटिंग में कहा था कि नॉनक्लस्टर स्थानों पर पूरी सावधानियों के साथ व्यापार शुरू किया जा सकता है।

इसके चलते ही हीरा उद्यमियों में खुशी थी और गुरुवार सवेरे से ही हीरा उद्यमियों ने अपने कारखाने शुरू कर दिए थे। महिधरपुरा क्षेत्र की लगभग 300 ऑफिस खुल गए थे।हीरा श्रमिक कारखाने पर भी आए थे धीमे-धीमे काम शुरू हो रहा था कि, इस दौरान महिघरपुरा बाजार के निकट ही एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

इसके चलते ही कुछ ही घंटों में मधेपुरा क्षेत्र में ऑफिस बंद करवा दी गई चाहते हैं कि भले ही कुछ शर्ते रख दी जाए लेकिन हीरा बाजार खोलने की छूट दी जाए।

उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक वतन चले गए हैं। इस कारण भी हीरा कारखाने अभी अच्छी तरह से नहीं शुरू हो सकते। लेकिन जो थोड़े बहुत कारखाने शुरू हुए भी थे वह कल कोरोना पॉजिटिव मामलों के कारण बंद हो गए।

हीरा उद्यमियों का कहना है कि जब तक मुंबई का कारोबार नहीं खुलेगा तब तक सूरत में भी हीरा उद्योग खोलने पर सिर्फ 20% ही व्यापार रहेगा हालांकि व्यापार शुरू होने से लोगों में उम्मीद जरूर बढ़ जाएगी।

कम दर पर लोन के लिए 1 जून तक करना होगा इंतज़ार

गुजरात सरकार की ओर से 21 मई से आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना के लिए अलग-अलग कोऑपरेटिव बैंकों में फॉर्म का वितरण शुरू किया गया था।इसके अटपटे नियमों को लेकर दिन भर असमंजस बना रहा।बैंकों में संकलन नहीं होने से कुछ जगह फॉर्म वितरण का काम नहीं शुरू हो पाया। इस कारण कॉपरेटिव बैंक फेडरेशन ने सभी बैंकों को 1 जून तक फॉर्म वितरण का काम स्थगित करने को कहा है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के बाद शहर में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार उनकी मदद करना चाहती है। राज्य सरकार ने आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना नाम की एक स्कीम शुरू की है। इस योजना में राज्य सरकार लोगों को एक लाख कारण उपलब्ध करवा रही है। इसमें ग्राहकों को 2 फ़ीसदी ब्याज देना होगा और राज्य सरकार 6 फ़ीसदी ब्याज देगी।योजना के फॉर्म कोऑपरेटिव बैंकों में मिलने थे और वहीं से लोगों को ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।किंतु लोगों में अभी तक किसकी जानकारियां नहीं आ सकी है
।साथ ही इसके कुछ नियम बढ़ेगी अटपटे हैं जो कि ऋण लेने वालों को समझ नहीं आ रहे है। ऐसे में गुरुवार से फॉर्म वितरण का काम तो शुरू हो गया लेकिन कई बैंकों में फॉर्म नहीं पहुंचने के कारण कुछ बैंकों में ही फॉर्म बटे।अव्यवस्था के चलते को ऑपरेटिव बैंक फेडरेशन ने सभी कोऑपरेटिव बैंकों को 1 जून तक फॉर्म वितरण का काम रोक देने को कहा है। 1 जून के बाद फोन में दी गई जानकारियों के बारे में स्पष्टता होने के बाद और बैंकों की सुविधा को देखते हुए फिर से फॉर्म भरने का काम शुरू किया जाएगा।

टिकिट बुक करवा लो बाबु जी, खुल गए रेलवे आरक्षण काउंटर

डेस्क
रेल मंत्रालय एक के बाद एक ख़ुशख़बरी लोगों के लिए दे रहा है। पहले रेल मंत्रालय ने 1 जून से पैसेंजर ट्रेन शुरू कर लोगों को ख़ुश किया इसके बाद अब रिज़र्वेशन संबंधित समस्या भी समाप्त कर दी है। लॉकडाउन के कारण फ़स गए लोगों को रेलवे की इस ख़ुश खबरी के कारण राहत होगी।


देशभर के यात्रियों के लिए राहत की खबर है। भारतीय रेलवे रेलवे आरक्षण काउंटर शुक्रवार से खुलेगा। टिकटों के आरक्षण के लिए आरक्षण काउंटर और सामान्य सेवा केंद्र खुल जाने से देश भर के लोगों ने राहत की सास ली है। लॉकडाउन में रेल की सुविधा बंद हो जाने से आधे से लोग परेशा हो गए थे।


मिली जानकारी के अनुसार आरक्षण केंद्र 22 मई से खोले जाएंगे। यही नहीं, एजेंट के माध्यम से भी टिकट बुक किया जा सकता है।रेलवे ने कहा, वे ज़ोन काउंटरों के लिए स्टेशनों की पहचान कर रहे हैं ताकि सेवाओं को जल्दी से बहाल किया जा सके।


रेलवे ने 25 मार्च से यात्रा, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को रोक दिया था। इससे पहले, केंद्रीय रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि ट्रेनों की बुकिंग शुक्रवार से 1.7 लाख सामान्य सेवा केंद्रों से शुरू होगी।

1 जून से पैसेंजर ट्रेन शुरू
दो महीने से लॉकडाउन के कारण ट्रेन बंद हो जाने से कई लोगों को दिक़्क़त का सामना करना पड़ रहा है। रेलमंत्रालय ने उनकी गुहार सुन ली है।
भारत सरकार ने घोषणा की है कि 1 जून से प्रतिदिन चलने वाली 200 पैसेंजर ट्रेनों की ऑनलाइन बुकिंग कल सुबह 10 बजे से शुरू होगी।यह ट्रेन श्रमिक स्पेशल ट्रेन के अलावा हैं। कई कारणों से फ़िलहाल इन 200 ट्रेनों के लिए केवल ऑनलाइन बुकिंग हो सकेगी।

मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय भी धीरे धीरे सावधानी से साथ सेवाए शुरू कर रहा है। रेलवे ने टिकिट की बुकिंग गुरूवार सुबह १० बजे से होनी घोषणा के साथ रेलवे ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा 30 दिन पहले से आरक्षण हो सकेगा।ये ट्रेनें पूरी तरह से आरक्षित होंगी। एसी और नॉन-एसी के अलावा जनरल कोच होंगे लेकिन जनरल कोच आरक्षित टिकट के साथ होंगे। इसमें वेइटिंग के लिये व्यवस्था नही होगी।

देश में इन दिनों कोरोना कारण भय का माहौल है इसलिए संक्रमण से बचने के लिए यात्रियों को कुछ गाइडलाइन का पालन करना होगा
केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर पाएंगे।
यात्रा करते समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा।यात्रियों को स्टेशन पर एक-डेढ़ घंटे पहले पहुंचना होता है ताकि थर्मल स्क्रीनिंग हो सके।बिना लक्षणों वाले लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी।

अब तक रेलवे की ओर से दिवाली या गर्मी वेकेशन में प्रीमियम ट्रेन चलाई जाती थी । इसके अलावा ट्रेनों में तत्काल की सुविधा रहती थी लेकिनइन ट्रेनों में तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट बुकिंग की सुविधा नहीं होगी।

ट्रेन खुलने के चार घंटे पहले और ट्रेन खुलने के दो घंटे पहले यात्रियों की पहली सूची तैयार होगी। स्टेशन में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक यात्री की स्क्रीनिंग की जाएगी और बिना लक्षणों वाले यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश करने और ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी।


कोरोना के कारण ट्रेन मे अन्य कई इंतज़ाम भी किए गए है जैसे कि
ट्रेनों के एसी कोचों में यात्रियों को चादरें नहीं मिलेंगी। यदि पैंट्री कार ट्रेन में मौजूद है, तो खाद्य पदार्थों और पानी की आपूर्ति की जाएगी। यात्रियों को इसके लिए अलग से भुगतान करना होगा।

कोरोना ने दिखाया मानवता ज़िंदा है लोगों में! पढ़ें कैसे?

सूरत कोरोना ने भले ही लोगों का जीना दुस्वार कर दिया है। कोरोना के कारण लाखो लोग बेरोजगार हो गए हैं और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन करना पड़ रहा है। लेकिन कोरोना के कारण कहीं कहीं मानवता अभी भी जिंदा है इसका उदाहरण भी देखने को मिला। बीते 10 दिन में सूरत से यूपी और बिहार जाने वाली चार महिलाओं को चालू ट्रेन में ही प्रसव पीडा शुरू हो गई।

एक ओर चालू ट्रेन और दूसरी ओर कोई डॉक्टर या परीचित भी नहीं। ऐसे में इन चारो घटनाओं में पीडित के आसपास बैठने वाली महिलाएं ही उनके लिए तारणहार बनी और प्रसूति करवाई। चारो घटना में माता और बच्चे दोनो ही स्वस्थ्य है। ऐसे भले ही लोगो एक दूसरे की मुश्किल में मदद करना एक बार टाल दे।

लेकिन बीते दस दिनों में ट्रेन में अपरिचित होते हुए भी डिब्बे में बैठी महिलाओं ने प्रसूता की मदद की उससे मानवता जीवित है यह साबित होता है। लॉकाडाइन के कारण सूरत में रहने वाले लाखो श्रमिक आंखों में आंसू लेकर सूरत शहर को अलविदा कह रहे हैं।  पिछले दस दिनों में सूरत से यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेन में चार महिलाओं की डिलीवरी हुई है।

घटना -1
सीतामढ़ी जिले के असलम नामक का युवक की पत्नी मैनाज खातून सूरत और बिहार के दरभंगा के लिए एक विशेष ट्रेन में जा रहा था , उस दौरान बुधवार को सुबह 6 बजे उन्हें प्रसव पीड़ा हुई थी। उनके पति असलम ने पास की बोगियों से महिलाओं को बुलाया। वहां की महिलाएं  खातुन के लिए तारणहार बन गई। मेंनाज  ने एक बच्चे को जन्म दिया। ट्रेन से उतरने के बाद दोनों को प्राथमिक उपचार केंद्र भेजा गया।

घटना -2
बुधवार को सूरत से रायबरेली के हमीरपुर के दीपक निषाद अपनी गर्भवती पत्नी रजनी के साथ यूपी जा रहे थे।  उस दौरान उनकी पत्नी को दर्द होना शुरू किया। इसे देख रही महिलाओं नें डिलिवरी करवाई । दीपक सूरत स्थित एक कंपनी के लिए काम कर रहे थे, लेकिनलॉकडाउन में अपना व्यवसाय बंद होने के बाद उन्हें घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

घटना -3
यूपी के मूल निवासी आशीष मिश्रा अपनी गर्भवती पत्नी सोनी मिश्रा के साथ लॉकडाउन में काम बंद हो जाने से गाव जा रहे थे।उस दौरान  चालू गाडी में के पास दर्द  होने लगा। शूरू में वह दर्द रोकने का प्रयास कर रही थी लेकिन दर्द असहनीय हो गया। इसे देख रही आसपास की महिलाओं ने डिलीवरी कराई।

घटना-4
काम और व्यवसाय के लिए सूरत आए यूपी के रामेश्वर सिंह 9 मई को श्रमिक ट्रेन से गर्भवती पत्नी केतकी के साथ यूपी गांव जा रहे थे, अचानक उनकी पत्नी की तबियत ख़राब हो गई। पत्नी की हालत से घबराकर, रामेश्वर सिंह ने कुछ महिलाओं को मदद के लिए गुहार लगाई और महिलाओ ने बिना देरी किए मदद कर डिलीवरी करवाई।