कपडा उद्यमियों के लिए एक अच्छी खबर है। यदि सूरत की बात मान ली जाती है तो कपड़ा उद्यमियों को दक्षिण भारत में कपड़ों का पार्सल भेजने में और सरलता होगी। दरअसल बात ऐसी है कि शनिवार को डिविजनल रेलवे मैनेजर,मुंबई सेंट्रल डिविजन रेलवे की ओर से 4:00 बजे डेवलपमेंट विद इंडियन रेलवे विषय वेबिनार का आयोजन किया गया था।
इसमें चेंबर ऑफ कॉमर्स,सूरत तथा वापी और दादरा नगर हवेली के इंडस्ट्री के लोग शामिल हुए। वेबीनार के दौरान पश्चिम रेलवे के डिविजनल मैनेजर सत्यकुमार ने उद्यमियों को आवश्यकता के अनुसार सेवा देने का बात कही।
उन्होंने कहा कि रेलवे की ओर से पश्चिम भारत के करमबेली रेलवे स्टेशन से रो-रो फेरी शुरू की जा रही है। सूरत से कपड़े के पार्सल रोड मार्ग से करमबेली से सीधे ही रेलवे में दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों में सरलता से पहुंचाए जा सकेंगे।
चेंबर के प्रतिनिधि के तौर पर रेलवे कमेटी के चेयरमैन राजेश मोदी और को चेयरमैन वहाब बेलिम ने बताया कि प्रतिदिन हजारों कपड़े के पार्सल पंजाब,अमृतसर,लुधियाना,गोरखपुर उत्तर प्रदेश के लिए जाते हैं। इसलिए वहां पार्सल के लिए ट्रेन की जरूरत है। चलथान रेलवे स्टेशन से रो रो फेरी शुरू हो सकती है। सूरत से पार्सल भरे हुए सीधे रेलवे में दक्षिण भारत और उत्तर भारत के विविध जगह जा सकते हैं।
इससे कपड़ा उद्यमियों को बड़ा लाभ होगा। चेंबर की मांग को ध्यान में लेकर डिविजनल रेलवे मैनेजर ने सूरत से स्पेशल पार्सल ट्रेन शुरू करने पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि तुरंत के नजदीक उधना रेलवे स्टेशन को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाने का रेलवे का प्लान है। साथ ही चलथान रेलवे स्टेशन से रो रो फेरी सर्विस शुरू करने पर भी विचार किया जाएगा उद्यमियों की मान जाने के लिए जल्दी एक बार फिर से वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा।
सूरत के कपड़ा बाज़ार से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक पार्सल अन्य राज्यों के लिए जाते है। यदि रेलवे पार्सल ट्रेन की सुविधा शुरू की जाती है तो रेल्वे को बड़ा लाभ मिलेगा। साथ ही व्यापारियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। अन्य राज्यों में पार्सल जल्दी पहुँचने से व्यापारिक लाभ भी होगे
फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि रेल्वे की सुविधा का लाभ व्यापारियों से ज़्यादा ट्रांसपोर्टर को होगा। यदि कोई बड़ा ट्रांसपोर्टर रेल्वे से अपने पार्सल भेजता है तो उसके लिए यह सरल और सीधा रास्ता होगा। पार्सल गंतव्य तक पहुँचने के बाद टांसपोर्ट से जुड़े लोग छुड़ा लेंगे।
जबकि छोटे व्यापारियों को रेलवे की ओर से पार्सल सुविधा करने पर भी कम लाभ होगा, क्योंकि रेलवे की ओर से बड़े स्टेशन पर ही पार्सल डिस्पैच कर दिए जाते है। छोटे स्टेशन तक तो टांसपोर्टेर ही पहुँचाते है। इसके बाद कई बार चोरी या अन्य कोई शिकायत हो तो भी कहाँ शिकायत करे सोचना पड़ता है